हिमाचल कांग्रेस को पैरालाइज्ड बता चुके मंत्री:फिर भी संगठन नहीं बना पा रहा हाईकमान; गुटबाजी भारी, रजनी पाटिल का दावा निकला झूठा

हिमाचल कांग्रेस को पैरालाइज्ड बता चुके मंत्री:फिर भी संगठन नहीं बना पा रहा हाईकमान; गुटबाजी भारी, रजनी पाटिल का दावा निकला झूठा

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संगठन को इनके अपने ही मंत्री चंद्र कुमार पैरालाइज्ड तक बोल चुके हैं। पार्टी वर्कर मायूस है। कांग्रेस दफ्तर में करीब छह महीने से सन्नाटा परसा है। धरातल पर पार्टी की एक्टिविटी बंद पड़ी है। फिर भी सत्तारूढ़ दल का हाईकमान संगठन नहीं बना रहा। दिल्ली से आने वाले नेता बार बार झूठे दावे करके हिमाचल से लौट जाते हैं। अब कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल इंचार्ज बनने के बाद दूसरी बार शिमला पहुंची हैं। इससे कांग्रेस नेताओं में हलचल जरूर बढ़ी है। मगर पूरा संगठन बनने की अभी भी संभावना नजर नहीं लग रही। इसकी वजह कांग्रेस की गुटबाजी मानी जा रही है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि कुछ जिला अध्यक्षों का ऐलान जरूर हो सकता है। मगर इससे पहले रजनी पाटिल आज कांग्रेस के सीनियर लीडर से मुलाकात कर सकती है। इस दौरान संगठन में पदाधिकारियों को लेकर सहमति बनाने का प्रयास करेगी। इस वजह से नहीं बन पा रहा संगठन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने खेमे के नेताओं की संगठन में ताजपोशी चाहते हैं, जबकि हॉली लॉज खेमा अपने गुट के नेताओं को बड़े पदों पर बिठाना चाहता है। इसी तरह डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, कौल सिंह ठाकुर, आशा कुमारी, कुलदीप राठौर इत्यादि भी अपने अपने समर्थकों की ताजपोशी चाह रहे हैं। इस वजह से कांग्रेस का संगठन 6 महीने से नहीं बना पा रहा। बीते साल 6 नवंबर को भंग की गई सभी कार्यकारिणी बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते साल 6 नवंबर को हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला, ब्लाक कार्यकारिणी के साथ साथ महिला कांग्रेस कमेटी को भी भंग कर दिया था। तब से लेकर कांग्रेस बिना संगठन के चल रही है। इसके बाद प्रदेश में इकलौती पदाधिकारी प्रतिभा सिंह बची है। कई नेता हिमाचल भेजे, पर संगठन नहीं बना पाएं इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने नया संगठन बनाने के लिए कई ऑब्जर्वर बनाकर हिमाचल भेजे। ऑब्जर्वर ने पूरे प्रदेश का दौरा किया और दिल्ली लौटने के बाद हाईकमान को रिपोर्ट दी। मगर संगठन नहीं बना पाए। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल के अलावा सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन चौहान भी कई बार संगठन बनाने के मकसद से हिमाचल आ चुके हैं। रजनी पाटिल का दावा निकला झूठा इससे पहले रजनी पाटिल बीते 27 फरवरी को शिमला पहुंची थीं और यहां से लौटते वक्त उन्होंने 15 दिन के भीतर संगठन बनाने का दावा किया था। हकीकत में दो महीने से अधिक समय बनने के बाद कांग्रेस हाईकमान संगठन नहीं बना पाया। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संगठन को इनके अपने ही मंत्री चंद्र कुमार पैरालाइज्ड तक बोल चुके हैं। पार्टी वर्कर मायूस है। कांग्रेस दफ्तर में करीब छह महीने से सन्नाटा परसा है। धरातल पर पार्टी की एक्टिविटी बंद पड़ी है। फिर भी सत्तारूढ़ दल का हाईकमान संगठन नहीं बना रहा। दिल्ली से आने वाले नेता बार बार झूठे दावे करके हिमाचल से लौट जाते हैं। अब कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल इंचार्ज बनने के बाद दूसरी बार शिमला पहुंची हैं। इससे कांग्रेस नेताओं में हलचल जरूर बढ़ी है। मगर पूरा संगठन बनने की अभी भी संभावना नजर नहीं लग रही। इसकी वजह कांग्रेस की गुटबाजी मानी जा रही है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि कुछ जिला अध्यक्षों का ऐलान जरूर हो सकता है। मगर इससे पहले रजनी पाटिल आज कांग्रेस के सीनियर लीडर से मुलाकात कर सकती है। इस दौरान संगठन में पदाधिकारियों को लेकर सहमति बनाने का प्रयास करेगी। इस वजह से नहीं बन पा रहा संगठन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने खेमे के नेताओं की संगठन में ताजपोशी चाहते हैं, जबकि हॉली लॉज खेमा अपने गुट के नेताओं को बड़े पदों पर बिठाना चाहता है। इसी तरह डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, कौल सिंह ठाकुर, आशा कुमारी, कुलदीप राठौर इत्यादि भी अपने अपने समर्थकों की ताजपोशी चाह रहे हैं। इस वजह से कांग्रेस का संगठन 6 महीने से नहीं बना पा रहा। बीते साल 6 नवंबर को भंग की गई सभी कार्यकारिणी बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते साल 6 नवंबर को हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला, ब्लाक कार्यकारिणी के साथ साथ महिला कांग्रेस कमेटी को भी भंग कर दिया था। तब से लेकर कांग्रेस बिना संगठन के चल रही है। इसके बाद प्रदेश में इकलौती पदाधिकारी प्रतिभा सिंह बची है। कई नेता हिमाचल भेजे, पर संगठन नहीं बना पाएं इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने नया संगठन बनाने के लिए कई ऑब्जर्वर बनाकर हिमाचल भेजे। ऑब्जर्वर ने पूरे प्रदेश का दौरा किया और दिल्ली लौटने के बाद हाईकमान को रिपोर्ट दी। मगर संगठन नहीं बना पाए। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल के अलावा सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन चौहान भी कई बार संगठन बनाने के मकसद से हिमाचल आ चुके हैं। रजनी पाटिल का दावा निकला झूठा इससे पहले रजनी पाटिल बीते 27 फरवरी को शिमला पहुंची थीं और यहां से लौटते वक्त उन्होंने 15 दिन के भीतर संगठन बनाने का दावा किया था। हकीकत में दो महीने से अधिक समय बनने के बाद कांग्रेस हाईकमान संगठन नहीं बना पाया।   हिमाचल | दैनिक भास्कर