हिमाचल की भट्टाकुफर फल मंडी में रॉयल सेब की एंट्री हो गई है। शनिवार को चुराग घाटी से करीब 175 पेटी रॉयल सेब भट्टाकुफर मंडी में लाए गए। यूनिवर्सल कार्टन में पैक रॉयल सेब की 10 पेटियां 2800 रुपये प्रति पेटी के हिसाब से बिकीं। यानी बागवानों को 140 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दाम मिले। सीजन की शुरुआत में ही अच्छे दाम मिलने से बागवान खुश हैं। भट्टाकुफर मंडी में 56 पेटी सेब 2100 रुपये प्रति पेटी और 109 पेटियां 2200 रुपये के हिसाब से बिकीं। उम्मीद है कि इस बार पूरे सीजन में अच्छे दाम मिलेंगे, क्योंकि इस बार प्रदेश में सेब की फसल कम है। सेबों का राजा ‘रॉयल’ सेब रॉयल को सेब का राजा कहा जाता है। अभी रॉयल सेब चुराग वैली में ही तैयार हुआ है। डेढ़ से दो सप्ताह बाद कोटगढ़, कुमारसैन, जुब्बल और ठियोग के निचले इलाकों में भी रॉयल सेब तैयार हो जाएगा। वहीं स्पर किस्म का सेब दो हफ्ते से मंडी में आ रहा है। 55 हजार पेटी सेब प्रदेश से बाहर भेजा चुका अब तक लगभग 55 हजार पेटी सेब प्रदेश से बाहर दूसरे राज्यों की मंडियों को भेजा जा चुका है। सेब सीजन धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है। अभी समुद्र तल से 5000 फीट तक की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही सेब तैयार हुआ है। अगले 15 दिनों के दौरान 5500 फीट तक की ऊंचाई वाले इलाकों से सेब मंडियों में आएगा। 5500 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों का सेब 15 अगस्त के बाद मंडियों में आना शुरू होगा। हिमाचल की भट्टाकुफर फल मंडी में रॉयल सेब की एंट्री हो गई है। शनिवार को चुराग घाटी से करीब 175 पेटी रॉयल सेब भट्टाकुफर मंडी में लाए गए। यूनिवर्सल कार्टन में पैक रॉयल सेब की 10 पेटियां 2800 रुपये प्रति पेटी के हिसाब से बिकीं। यानी बागवानों को 140 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दाम मिले। सीजन की शुरुआत में ही अच्छे दाम मिलने से बागवान खुश हैं। भट्टाकुफर मंडी में 56 पेटी सेब 2100 रुपये प्रति पेटी और 109 पेटियां 2200 रुपये के हिसाब से बिकीं। उम्मीद है कि इस बार पूरे सीजन में अच्छे दाम मिलेंगे, क्योंकि इस बार प्रदेश में सेब की फसल कम है। सेबों का राजा ‘रॉयल’ सेब रॉयल को सेब का राजा कहा जाता है। अभी रॉयल सेब चुराग वैली में ही तैयार हुआ है। डेढ़ से दो सप्ताह बाद कोटगढ़, कुमारसैन, जुब्बल और ठियोग के निचले इलाकों में भी रॉयल सेब तैयार हो जाएगा। वहीं स्पर किस्म का सेब दो हफ्ते से मंडी में आ रहा है। 55 हजार पेटी सेब प्रदेश से बाहर भेजा चुका अब तक लगभग 55 हजार पेटी सेब प्रदेश से बाहर दूसरे राज्यों की मंडियों को भेजा जा चुका है। सेब सीजन धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है। अभी समुद्र तल से 5000 फीट तक की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही सेब तैयार हुआ है। अगले 15 दिनों के दौरान 5500 फीट तक की ऊंचाई वाले इलाकों से सेब मंडियों में आएगा। 5500 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों का सेब 15 अगस्त के बाद मंडियों में आना शुरू होगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मोदी कैबिनेट में आज हो सकती है नड्डा की ताजपोशी:पहले चरण में कम नेताओं को मिलेगा मंत्री पद, दिल्ली में डटे चारों सांसद हिमाचल प्रदेश में भाजपा के दो बड़े चेहरे को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और हमीरपुर से लगातार 5वीं बार के सांसद अनुराग ठाकुर शामिल बताए जा रहे हैं। जेपी नड्डा का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। मगर सबकी नजरे इस बात पर टिकी है कि प्रधानमंत्री मोदी आज कितने मंत्री को शपथ दिलाएंगे। सूत्र बताते हैं कि आज बीजेपी के चार से छह दिग्गजों को ही मंत्री बनाया जा सकता है। इतने ही नेता अलाइंस पार्टनर दल में से मंत्री बनाए जा सकते हैं। BJP के दूसरे बड़े नेताओं को मंत्री पद के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसे में पहले चरण में आज हिमाचल को एक ही मंत्री पद मिलने की संभावना है। हिमाचल को आज ही मंत्री पद मिला तो जेपी नड्डा की ताजपोशी पहले संभावित है। अनुराग को संगठन में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी सूत्र बताते हैं कि अनुराग ठाकुर को संगठन की बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री भी बनाया जा सकता है। मगर यह अभी अटकले ही है। आधिकारिक तौर पर कुछ फाइनल नहीं है। अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री मोदी को अलाइंस पार्टनर के साथ मिलकर लेना है। इस बार प्रधानमंत्री मोदी को गठबंधन के सहयोगियों का भी ध्यान रखना होगा। इसलिए पहले चरण में भाजपा के कम नेताओं की ताजपोशी होगी। एक तीर से दो निशाने साधना चाह रही भाजपा सूत्र बताते हैं कि नड्डा को मंत्री बनाकर पार्टी एक तीर से दो निशाने साधना चाह रही है। जेपी नड्डा अभी गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं। मूल रूप से वह हिमाचल के रहने वाले हैं। इसलिए नड्डा को मंत्री बनाकर मोदी दो राज्यों को साधने की कोशिश कर सकते हैं। हिमाचल से इसलिए एक मंत्री बनने की ज्यादा संभावना हिमाचल छोटा राज्य है। यहां पर लोकसभा की केवल 4 सीटें हैं। इस वजह से हिमाचल को दो मंत्री पद मिलने की कम संभावना है। मगर इस संभवना भी नहीं नकारा जा सकता कि नड्डा गुजरात कोटे से मंत्री बनाए जा सकते हैं और अनुराग ठाकुर को हिमाचल कोटे से। ऐसा हुआ तो देवभूमि हिमाचल के दो नेता मोदी कैबिनेट में मंत्री होंगे। मगर ऐसा आज नहीं होगा। दूसरे चरण के कैबिनेट विस्तार में ऐसा हो सकता है। सेहत मंत्री रह चुके नड्डा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जेपी नड्डा स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। दूसरे कार्यकाल में अनुराग ठाकुर को महत्वपूर्ण केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ खेल विभाग दिया गया। अब तीसरे कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश से किसे मंत्री बनाया जाता है और क्या मंत्रालय मिलता है, यह आज तय हो सकता है। दिल्ली में डटे चारों सांसद फिलहाल हिमाचल के चारों सांसद दिल्ली में डटे हैं। हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, शिमला से सुरेश कश्यप, मंडी से कंगना रनोट और कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज को जनता ने चुनकर भेजा है। इनके कंधों पर अगले 5 साल तक हिमाचल के मुद्दे लोकसभा में उठाने का जिम्मा रहेगा। अनुराग ठाकुर 1,82,357 वोट के मार्जिन से चुनाव जीते हैं, जबकि सुरेश कश्यप 91,451 वोट, डॉ. राजीव भारद्वाज 2,51,895 वोट और कंगना रनोट 74,755 मतों के अंतर से चुनाव जीती हैं। नड्डा का बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष इसी महीने कार्यकाल खत्म जेपी नड्डा का बतौर BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। पार्टी ने 30 जून 2024 तक एक्सटेंशन दे रखी है और नड्डा को प्रधानमंत्री मोदी सरकार में अहम जिम्मा सौंपा सकते हैं। इसे देखते हुए भाजपा संगठन में भी फेरबदल होगा। शिव राज सिंह चौहान राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं। हिमाचल में शाह ने दिए थे अनुराग को मंत्री बनाने के संकेत हिमाचल में चुनावी जनसभा के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अनुराग को फिर से मंत्री बनाने के संकेत दिए थे। बीती 26 मई को ऊना के अंब में जनसभा में शाह ने कहा कि जहां भी वह चुनावी जनसभा में जाते हैं, लोग कहते हैं कि उनके सांसद को मंत्री बना देना। मगर प्रधानमंत्री मोदी ने हमीरपुर वालों को बना बनाया मंत्री उम्मीदवार दिया है।
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हिमाचल में कांग्रेस के निष्कासित विधायकों की पेंशन पर संकट:मानसून सत्र में संशोधन विधेयक लाने की तैयारी; 2 पहली बार MLA बने थे हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों की पेंशन पर संकट मंडरा गया है। राज्य सरकार मंगलवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में हिमाचल विधानसभा सदस्य, पूर्व MLA पेंशन संशोधन विधेयक लाने जा रही है। इसमें 14वीं विधानसभा के लिए दिसंबर 2022 में चुन कर आए 6 विधायकों के एक साल के कार्यकाल को अवैध घोषित करने की तैयारी है। इससे पूर्व विधायकों की इस टर्म की पेंशन खत्म हो जाएगी। सूत्र बताते हैं कि इस बारे में कल हुई कैबिनेट मीटिंग में भी चर्चा हुई है। अब विधानसभा में संशोधन विधेयक लाकर सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। ऐसा हुआ तो गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ के पूर्व MLA देवेंद्र कुमार भुट्टो को सबसे बड़ा झटका होगा, क्योंकि दोनों पहली बार चुन कर विधानसभा पहुंचे थे। इससे दोनों की पूरे जीवन भर के लिए 90 हजार रुपए से ज्यादा की पेंशन लग गई थी। वहीं धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से पूर्व विधायक रवि ठाकुर और बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल की इस टर्म की पेंशन रुक जाएगी। सुधीर शर्मा को उनके 4 टर्म, लखनपाल को 3 टर्म और राजेंद्र राणा को 2 टर्म की पेंशन मिलती रहेगी। संशोधन विधेयक पास कराने में नहीं होगी कठिनाई विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी। पार्टी व्हिप के उलंघन पर किया था निष्कासित बता दें कि प्रदेश में इसी साल 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हुआ। उसमें कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोट किया। पार्टी ने 2 बार पार्टी व्हिप का उलंघन किया। इसके बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें निष्कासित किया। अब इनकी सीटों पर दोबारा विधानसभा चुनाव हो गए है। 6 में 4 पूर्व विधायक बीजेपी के टिकट पर चुनाव हार गए। धर्मशाला से सुधीर शर्मा और बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल बीजेपी टिकट पर दोबारा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
हिमाचल में अक्टूबर में 97% कम बारिश:6 जिलों में एक बूंद भी नहीं बरसी, अगले 6 भी बारिश के आसार नहीं
हिमाचल में अक्टूबर में 97% कम बारिश:6 जिलों में एक बूंद भी नहीं बरसी, अगले 6 भी बारिश के आसार नहीं हिमाचल प्रदेश में 4 साल बाद अक्टूबर में कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 2020 में सामान्य से 98 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। इस बार नॉर्मल से 97 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। इससे पहले 2017 में भी अक्टूबर सूखा गया था और तब सामान्य से 99 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। कमोबेश यही स्थिति इस बार भी पनप रही है। प्रदेश में लंबे ड्राइ स्पेल की वजह से इस बार सूखे जैसे हालात पनपने लगे है। प्रदेश में 1 से 31 अक्टूबर तक नॉर्मल बारिश 25.1 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार मात्र 0.7 मिलीमीटर बारिश हुई हैं। 6 जिलों में पानी की बूंद तक नहीं गिरी 6 जिले चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो पानी की एक बूंद भी नहीं गिरी। ऊना में सबसे ज्यादा 8.6 मिलीमीटर बारिश जरूर हुई है, लेकिन यह भी सामान्य की तुलना में 54 प्रतिशत कम है। कांगड़ा में पूरे महीने में मात्र 1.5 मिलीमीटर, लाहौल स्पीति में 0.1 मिलीमीटर और मंडी में 3.4 मिलीमीटर बारिश हुई। मानसून में भी नॉर्मल से कम बारिश प्रदेश में इस बार मानसून सीजन में नॉर्मल से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। पोस्ट मानसून सीजन में भी पहाड़ों पर बादल नहीं बरस रहे है। अगले एक सप्ताह तक भी बारिश के आसार नहीं है। राज्य की खेतीबाड़ी और बागवानी के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है। इससे जल स्रोतों में पानी का लेवल भी कम होना शुरू हो गया है। सूखे की वजह से किसान गेंहू की बुआई नहीं कर पा रहा। अगले 6 दिन साफ रहेगा मौसम मौसम विभाग की माने तो 7 नवंबर तक मौसम साफ बना रहेगा। बारिश-बर्फबारी नहीं होने से तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहा है। इससे नवंबर महीना शुरू होने पर भी सर्दी का एहसास नहीं हो पा रहा। आलम यह है कि कई जगह तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री अधिक चल रहा है। दिन में छूट रहे पसीने न्यूनतम तापमान भी नॉर्मल से ज्यादा है। इससे दिन के साथ साथ रातें भी गर्म है। दिन में तो लोगों के पसीने छूट रहे हैं। खासकर मैदानी इलाकों में दिन के वक्त तापमान काफी ज्यादा बना हुआ है।