हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर निवासी एवं अग्निवीर निखिल डडवाल की डेड बॉडी आज दोपहर 2:00 बजे तक उनके पैतृक घर लाहलड़ी में पहुंचने की उम्मीद है। अखनूर से डेड बॉडी लेकर एक वाहन सुबह 7:00 बजे हमीरपुर के लिए रवाना हो गया है। परिजनों के अनुसार, पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद आज ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। निखिल डडवाल की बुधवार शाम के वक्त अखनूर के टांडा में मौत हो गई थी। इस मौत पर अभी सवाल हैं, क्योंकि परिजन यह मानने को तैयार नहीं है कि उसने खुद को गोली मारी है। पीड़ित परिवार से मिलने अभी तक जिला प्रशासन के कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। निखिल के पिता दिलेर को इस बात का मलाल है। जम्मू कश्मीर के अखनूर से परिजनों को जो सूचना बुधवार शाम को दी गई थी उसके मुताबिक निखिल ने खुद को गोली मारी थी। निखिल को बेहोशी की हालत हालत में जब अस्पताल लाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। 23 वर्षीय निखिल अविवाहित था। निखिल के पिता दिलेर का कहना है कि उनका बेटा खुद को गोली नहीं मार सकता। निखिल की मौत की खबर से घर पर मातम छाया हुआ है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिजन इस घटना के बाद बेहोशी की हालत में है। पहले बैच का अग्नि वीर निखिल पौने दो साल पहले अग्निवीर बना था और उसकी पहली तैनाती बीकानेर में हुई थी। तकरीबन 3 महीने निखिल को अखनूर में तैनात किया गया। अग्निवीर योजना के तहत वह पहले बैच का अग्निवीर था। निखिल के नजदीकी रिश्तेदार देवीदास शहंशाह का कहना है कि दोपहर 2:00 बजे के आसपास डेड बॉडी पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन प्रशासन से कोई भी अधिकारी संवेदना जताने घर नहीं पहुंचा और न ही जानकारी इस बारे कोई प्रशासन से मिली है, यह विषय भी गंभीर है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर निवासी एवं अग्निवीर निखिल डडवाल की डेड बॉडी आज दोपहर 2:00 बजे तक उनके पैतृक घर लाहलड़ी में पहुंचने की उम्मीद है। अखनूर से डेड बॉडी लेकर एक वाहन सुबह 7:00 बजे हमीरपुर के लिए रवाना हो गया है। परिजनों के अनुसार, पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद आज ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। निखिल डडवाल की बुधवार शाम के वक्त अखनूर के टांडा में मौत हो गई थी। इस मौत पर अभी सवाल हैं, क्योंकि परिजन यह मानने को तैयार नहीं है कि उसने खुद को गोली मारी है। पीड़ित परिवार से मिलने अभी तक जिला प्रशासन के कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। निखिल के पिता दिलेर को इस बात का मलाल है। जम्मू कश्मीर के अखनूर से परिजनों को जो सूचना बुधवार शाम को दी गई थी उसके मुताबिक निखिल ने खुद को गोली मारी थी। निखिल को बेहोशी की हालत हालत में जब अस्पताल लाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। 23 वर्षीय निखिल अविवाहित था। निखिल के पिता दिलेर का कहना है कि उनका बेटा खुद को गोली नहीं मार सकता। निखिल की मौत की खबर से घर पर मातम छाया हुआ है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिजन इस घटना के बाद बेहोशी की हालत में है। पहले बैच का अग्नि वीर निखिल पौने दो साल पहले अग्निवीर बना था और उसकी पहली तैनाती बीकानेर में हुई थी। तकरीबन 3 महीने निखिल को अखनूर में तैनात किया गया। अग्निवीर योजना के तहत वह पहले बैच का अग्निवीर था। निखिल के नजदीकी रिश्तेदार देवीदास शहंशाह का कहना है कि दोपहर 2:00 बजे के आसपास डेड बॉडी पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन प्रशासन से कोई भी अधिकारी संवेदना जताने घर नहीं पहुंचा और न ही जानकारी इस बारे कोई प्रशासन से मिली है, यह विषय भी गंभीर है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हरण लोकनाट्य हिमाचल के सर्वाधिक क्षेत्र में प्रदर्शित होता है। चम्बा में हरणेतर, किन्नौर में होरिंगफो, कुल्लू में हॉर्न भी कहते हैं। कुल्लू दशहरा में हिरण स्वांग नृत्य लंका दहन के दिन होता है। इसमें दो पक्षों का नृत्य और स्वांग होता है। नृत्य में तीन पात्र हरण, बूढ़ी और कान्हा चित्रा पट्टू डालकर हिरण बनते हैं और दाएं-बाएं चलकर नृत्य करते हैं। यह नृत्य 15 पौष, कुछ स्थानों पर माघी त्योहार, कई स्थानों पर होली तक रातभर आयोजित किया जाता है। हिरण खलियानों के बीच में धीरे-धीरे नाचती है। ढोल नगारा, काहल, रणसिंगा, शहनाई, बांसुरी और भाणा वाद्य यंत्रों के संगीत पर हरण, बूढ़ी और कान्हा बारह प्रकार के वशिष्ठ नृत्य करते हैं। यह नृत्य घर-घर जाकर खोली में भी किया जाता है। लोग उनको अनाज और पैसे भी भेंट करते हैं।