हिमाचल प्रदेश में भयंकर सूखे वाली स्थिति बनती जा रही है। पोस्ट-मानसून सीजन में सामान्य से 98% कम बारिश हुई है। इसकी सबसे ज्यादा मार गेंहू उत्पादक किसानों पर पड़ रही है। प्रदेश के अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गेंहू की बुवाई का उपयुक्त समय निकल चुका है। अब मैदानी इलाकों में ही बुवाई के लिए एक सप्ताह शेष बचा है। मगर अभी तक 10 प्रतिशत क्षेत्र में ही किसान गेंहू की बुवाई कर पाए हैं। 90 प्रतिशत जमीन पर किसान गेंहू की बुवाई के लिए बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। 3.26 लाख हैक्टेयर में होती है गेंहू की फसल कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में गेंहू की फसल 3 लाख 26 हजार हैक्टेयर में होती है। बीते साल 6.20 लाख मीट्रिक टन गेंहू की पैदावार हुई थी, लेकिन इस बार गेंहू की बुवाई मुश्किल से 30 हजार हैक्टेयर में हो पाई है। इससे हिमाचल का किसान चिंता में है। गेंहू के साथ साथ दूसरी नगदी फसलों फूलगोभी, मटर, शिमला मिर्च इत्यादि पर भी सूखे की मार पड़नी शुरू हो गई है। मानसून में 19% कम, पोस्ट मानसून सीजन में 98% कम बारिश हिमाचल में इस बार मानसून सीजन में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बादल बरसे है। मानसून बीतने यानी पोस्ट-मानसून सीजन में भी सामान्य से (1 अक्टूबर से 8 नवंबर तक) 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 123 सालों में ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब पोस्ट-मानसून सीजन में इतनी कम बारिश हुई है। 6 जिलों में 38 दिन से एक बूंद भी नहीं बरसी प्रदेश में छह जिले चंबा, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो बीते 38 दिनों से पानी की बूंद तक नहीं गिरी। अन्य जिलों में भी नाममात्र बारिश व बूंदाबांदी हुई है। इससे हिमाचल में सूखे के कारण गंभीर हालात बन रहे है। गेंहू की बात करें तो कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, सिरमौर, ऊना और चंबा जिला में ज्यादा पैदावार ज्यादा होती है। इन जिलों के किसान ज्यादा परेशान है। 11-12 को बारिश-बर्फबारी मौसम विभाग की माने तो अगले 72 घंटे तक बारिश के आसार नहीं है। मगर 11 और 12 नवंबर को अधिक ऊंचाई वाले व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। मैदानी इलाकों में बारिश-बर्फबारी की संभावना नहीं है, जबकि प्रदेश में गेंहू की ज्यादा फसल मैदानी इलाकों में ही होती है। गेंहू की बुवाई का उपयुक्त समय कृषि विभाग के अनुसार, ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक गेंहू की बुवाई की जा सकती है, जबकि मैदानी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में 25 अक्टूबर से 15 नवंबर तक गेंहू की फसल की बुवाई का सकती है। हिमाचल प्रदेश में भयंकर सूखे वाली स्थिति बनती जा रही है। पोस्ट-मानसून सीजन में सामान्य से 98% कम बारिश हुई है। इसकी सबसे ज्यादा मार गेंहू उत्पादक किसानों पर पड़ रही है। प्रदेश के अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गेंहू की बुवाई का उपयुक्त समय निकल चुका है। अब मैदानी इलाकों में ही बुवाई के लिए एक सप्ताह शेष बचा है। मगर अभी तक 10 प्रतिशत क्षेत्र में ही किसान गेंहू की बुवाई कर पाए हैं। 90 प्रतिशत जमीन पर किसान गेंहू की बुवाई के लिए बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। 3.26 लाख हैक्टेयर में होती है गेंहू की फसल कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में गेंहू की फसल 3 लाख 26 हजार हैक्टेयर में होती है। बीते साल 6.20 लाख मीट्रिक टन गेंहू की पैदावार हुई थी, लेकिन इस बार गेंहू की बुवाई मुश्किल से 30 हजार हैक्टेयर में हो पाई है। इससे हिमाचल का किसान चिंता में है। गेंहू के साथ साथ दूसरी नगदी फसलों फूलगोभी, मटर, शिमला मिर्च इत्यादि पर भी सूखे की मार पड़नी शुरू हो गई है। मानसून में 19% कम, पोस्ट मानसून सीजन में 98% कम बारिश हिमाचल में इस बार मानसून सीजन में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बादल बरसे है। मानसून बीतने यानी पोस्ट-मानसून सीजन में भी सामान्य से (1 अक्टूबर से 8 नवंबर तक) 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 123 सालों में ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब पोस्ट-मानसून सीजन में इतनी कम बारिश हुई है। 6 जिलों में 38 दिन से एक बूंद भी नहीं बरसी प्रदेश में छह जिले चंबा, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो बीते 38 दिनों से पानी की बूंद तक नहीं गिरी। अन्य जिलों में भी नाममात्र बारिश व बूंदाबांदी हुई है। इससे हिमाचल में सूखे के कारण गंभीर हालात बन रहे है। गेंहू की बात करें तो कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, सिरमौर, ऊना और चंबा जिला में ज्यादा पैदावार ज्यादा होती है। इन जिलों के किसान ज्यादा परेशान है। 11-12 को बारिश-बर्फबारी मौसम विभाग की माने तो अगले 72 घंटे तक बारिश के आसार नहीं है। मगर 11 और 12 नवंबर को अधिक ऊंचाई वाले व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। मैदानी इलाकों में बारिश-बर्फबारी की संभावना नहीं है, जबकि प्रदेश में गेंहू की ज्यादा फसल मैदानी इलाकों में ही होती है। गेंहू की बुवाई का उपयुक्त समय कृषि विभाग के अनुसार, ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक गेंहू की बुवाई की जा सकती है, जबकि मैदानी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में 25 अक्टूबर से 15 नवंबर तक गेंहू की फसल की बुवाई का सकती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल के 2 उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई:सिंबोइसिस फॉर्मा को 42 लाख की पैनल्टी; साई-टेक की बिजली काटने के निर्देश
हिमाचल के 2 उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई:सिंबोइसिस फॉर्मा को 42 लाख की पैनल्टी; साई-टेक की बिजली काटने के निर्देश प्रदेश के इंडस्ट्रियल एरिया काला अंब में हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HPPCB) ने दो उद्योगों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। HPPCB ने सिंबोइसिस फॉर्मा पर 42 लाख रुपए की पैनल्टी लगाई है, जबकि साई टेक दवा उद्योग की बिजली काटने के निर्देश दिए गए हैं। HPPCB के एन्वायर्नमेंट इंजीनियर अतुल परमार ने बताया कि सिंबोइसिस फॉर्मा के ढाई-तीन साल से लगातार सैंपल फेल हो रहे थे। इसे देखते हुए फैक्ट्री प्रबंधन को बार बार नोटिस दिए गए। मगर उद्योग प्रबंधन ने एक बार भी जवाब नहीं दिया। एक्सपाइरी दवाईयों का ट्रैक्टर नदी में डालते हुए पकड़ा अतुल परमार ने बताया कि सिंबोइसिस फॉर्मा को HPPCB के सहायक अभियंता ने एक्सपायरी डेट की दवाइयों का ट्रैक्टर नदी में डालते हुए पकड़ा थी। SDO की रिपोर्ट के आधार पर और नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों के हिसाब से 42 लाख की पैनल्टी लगाई गई है। बोर्ड की कार्रवाई से उद्योग प्रबंधन में हड़कंप अतुल परमार ने बताया कि साई टेक कंपनी के भी तीन सैंपल फेल हुए है। इसे देखते हुए बिजली बोर्ड को साई टेक की बिजली काटने के निर्देश दिए गए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की इस कार्रवाई से उद्योग प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। दोनों दवा उद्योग एक ही व्यक्ति के बताए जा रहे हैं। NGT के आदेशों पर कार्रवाई बता दें कि औद्योगिक क्षेत्रों की नदियों व खड्डों के सैंपल बार बार फेल हो रहे हैं। इससे कई नदियों का पानी पीने लायक तो दूर खेतीबाड़ी में प्रयोग करने लायक भी नहीं बचा। इसे लेकर NGT कई बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी फटकार लगा चुका है। NGT के आदेशों पर प्रदेश की सभी नदियों व खड्डों में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए HPPCB ने एक्शन प्लान बना रखे है और इस पर कार्रवाई जारी है। दवा उद्योगों पर की गई कार्रवाई भी इसी का हिस्सा है।
शिमला पुलिस ने 6 चिट्टा तस्कर दबोचे:सभी राधे-गैंग के सदस्य; पंजाब से लाते थे सप्लाई, 1 माह में 3 गैंग के 49 तस्कर गिरफ्तार
शिमला पुलिस ने 6 चिट्टा तस्कर दबोचे:सभी राधे-गैंग के सदस्य; पंजाब से लाते थे सप्लाई, 1 माह में 3 गैंग के 49 तस्कर गिरफ्तार शिमला पुलिस ने चिट्टा तस्कर गिरोह ‘राधे गैंग’ के 6 आरोपियों को बीती शाम को रामपुर से एक साथ गिरफ्तार किया। इस गैंग के 2 आरोपी बीते 17 अक्टूबर को लगभग 47 ग्राम चिट्टा के साथ दबोचे जा चुके हैं। इनसे पूछताछ के बाद 6 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है। पुलिस को आशंका है कि अभी और भी सदस्य इस गैंग में शामिल हो सकते हैं। पकड़े गए 6 आरोपियों को आज पुलिस रिमांड के लिए अदालत में पेश किया जाएगा। अब तक राधे गैंग के 8 तस्कर पकड़े जा चुके हैं। पुलिस के अनुसार, राधे गैंग पंजाब से चिट्टा लाती थी और शिमला जिला के रामपुर में सप्लाई करती थी। पुलिस ने इस गैंग का भंडाफोड़ करके बड़ी कामयाबी हासिल की है। 2 आरोपी कुल्लू जिला और 4 अन्य शिमला जिला से संबंध रखने वाले है। ये आरोपी किए गए गिरफ्तार पुलिस ने चिट्टा तस्कर राजेश खन्ना (43) रामपुर, धर्म सैन (35) निरमंड कुल्लू, उज्ज्वल पंडित (29) रामपुर, ललित कुमार (36) रामपुर, अमित कुमार आनी कुल्लू और ध्रुव देष्टा रामपुर शिमला को गिरफ्तार किया है। इनसे पुलिस पूछताछ कर रही है और गैंग के दूसरे सदस्यों का पता लगाया जा रहा है। एसपी बोले- सख्त कार्रवाई करेंगे SP शिमला संजीव गांधी ने बताया कि पुलिस ने 6 चिट्टा तरस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच जारी है। उन्हें आशंका है कि इस गैंग में और भी कई लोग शामिल हो सकते है। नशे का सौदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राधे गैंग से जुड़े थे यह सभी तरस्कर..? पुलिस ने बीते 17 अक्टूबर को 47 ग्राम चिट्टे के साथ एक तस्कर को कुमारसैन से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो पुलिस को पता चला कि यह एक अंतरराज्यीय चिट्टा तस्कर गिरोह है। इसके बाद पुलिस ने सोलन के बद्दी से गिरोह के सरगना को दबोचा। पुलिस ने दलीप कुमार उर्फ राधे जो मूल रूप से शिमला के कुमारसैन का रहने वाला है, उसे गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है गिरोह का सरगना राधे रामपुर क्षेत्र में कई सालों से चिट्टा सप्लाई कर रहा था। शिमला पुलिस ने 3 गैंग के 49 तस्कर दबोचे शिमला पुलिस ने बीते एक महीने में 3 चिट्टा तस्कर गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसमें शाही महात्मा गैंग ( रोहड़ू क्षेत्र) के करीब 30 लोग, राधे गैंग (रामपुर क्षेत्र) 8 लोग व रंजन गैंग (कोटखाई क्षेत्र) के 11 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। नशे के खिलाफ शिमला पुलिस की यह बड़ी कार्रवाई है।
हमीरपुर में 16 दिन से JOA अभ्यर्थी अनशन पर:रिजल्ट में देरी से नाराज, बोले- तारीख पर तारीख मिल रही; कल हाईकोर्ट में पेशी
हमीरपुर में 16 दिन से JOA अभ्यर्थी अनशन पर:रिजल्ट में देरी से नाराज, बोले- तारीख पर तारीख मिल रही; कल हाईकोर्ट में पेशी हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में राज्य चयन आयोग के रिजल्ट में देरी को लेकर नाराज जेओए पोस्टकार्ड 817 के अभ्यर्थियों का क्रमिक अनशन 16वें दिन बाद भी जारी है। वे खराब मौसम के बीच कार्यालय के गेट के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन आयोग के सूत्रों के मुताबिक हाई कोर्ट में 5 अगस्त को पोस्टकार्ड 556 की सुनवाई होनी है, उसी के बाद तय होगा के रिजल्ट कब घोषित किया जाएगज्ञ। छात्रों से बार-बार कहा जा रहा है कि दो-चार दिन में रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। 16 दिन पहले आयोग के मुख्य प्रशासक ने एक सप्ताह के भीतर रिजल्ट घोषित करने को कहा था, मगर अब दो सप्ताह से ज्यादा समय हो गया है। धरना-प्रदर्शन कर रहे कई अभ्यर्थी बीमार भी हो चुके हैं। एक का मोटरसाइकिल भी चोरी हो चुका है। अब बारिश भी उन्हें तंग कर रही है। उनके परिजन भी इसमें शामिल हो चुके हैं। लेकिन रिजल्ट घोषित हुए बिना यहां से वे लौटने वाले नहीं हैं। प्रदेश भर से अभ्यर्थी चयन आयोग पहुंच कर नई उम्मीदों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन उनकी बात भीतर से कोई सुनने वाला कोई भी दिख नहीं रहा। एक मामले की हाईकोर्ट में 5 अगस्त को पेशी एक अन्य पोस्टकार्ड 556 मामले में हाईकोर्ट में 5 अगस्त को फिर पेशी है, लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि जिस कोड के रिजल्ट को घोषित करने की अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं, उससे उसका कोई लेना देना नहीं है। इसीलिए अभ्यर्थी बेचैनी में हैं। इसी को लेकर अभ्यर्थी भड़के हुए थे। अभ्यर्थियों का कहना है कि हर बार परिणाम घोषित करने को लेकर नई तिथि बता दी जाती है। लेकिन रिजल्ट घोषित नहीं किया जा रहा है। आयोग की तरफ से परिणाम घोषित करने की तिथि 17 जुलाई 2024 बताई गई थी। निर्धारित समय अवधि में परिणाम घोषित न करने को लेकर अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन पर उतर आए हैं। हाई कोर्ट के फैसले के बाद आएगा रिजल्ट इधर आयोग के सहायक प्रशासक जितेंद्र सांजटा ने बताया कि हाई कोर्ट में एक अन्य मामले में अब 5 तारीख को पेशी है। उसी के बाद फैसला होगा। जिस पोस्ट कोड 817 के तहत रिजल्ट घोषित करने को कहा गया है, उसका नतीजा इस फैसले के बाद ही घोषित होगा। रिजल्ट ओके है। केवल हाई कोर्ट के फैसले की इंतजार है।