हिमाचल हाईकोर्ट में दो महीने के अंतराल के बाद रेगुलर चीफ जस्टिस की तैनाती के आदेश हुए है। केंद्रीय लॉ एंड जस्टिस मिनिस्टरी ने जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया को हिमाचल उच्च न्यायालय का चीफ जस्टिस बनाया है। इसे लेकर देर शाम आदेश जारी किए गए। जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया अभी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सेवाएं दे रहे हैं। राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ के बाद संधावालिया पदभार ग्रहण करेंगे। जस्टिस संधावालिया 4 फरवरी 2024 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस का कार्यभार देख चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को उनके नाम की सिफारिश की थी। अभी त्रिलोक चौहान हिमाचल के एक्टिंग चीफ जस्टिस पूर्व चीफ जस्टिस राजीव शकधर के बीते 18 अक्टूबर को रिटायर होने के बाद से अभी त्रिलोक चौहान एक्टिंग चीफ जस्टिस की भूमिका निभा रहे हैं। पूर्व में एक्टिंग चीफ जस्टिस सबीना के रिटायर होने पर भी जस्टिस तरलोक चौहान यह जिम्मा संभाल चुके हैं। चंडीगढ़ के DAV कालेज से BA की 1 नवंबर, 1965 को जन्मे जस्टिस गुरमीत संधावालिया ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से बीए (ऑनर्स) और 1989 में चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से LLB की पढ़ाई की। पिता पटना और पंजाब-हरियाणा के चीफ जस्टिस रहे वह कानूनी परिवार से संबंध रखते हैं। इनके पिता 1978 से 1983 तक पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और 1983 से 1987 तक पटना हाईकोर्ट में भी चीफ जस्टिस रहे।ेेेेेेेेेेेेेेेेे हिमाचल हाईकोर्ट में दो महीने के अंतराल के बाद रेगुलर चीफ जस्टिस की तैनाती के आदेश हुए है। केंद्रीय लॉ एंड जस्टिस मिनिस्टरी ने जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया को हिमाचल उच्च न्यायालय का चीफ जस्टिस बनाया है। इसे लेकर देर शाम आदेश जारी किए गए। जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया अभी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सेवाएं दे रहे हैं। राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ के बाद संधावालिया पदभार ग्रहण करेंगे। जस्टिस संधावालिया 4 फरवरी 2024 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस का कार्यभार देख चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को उनके नाम की सिफारिश की थी। अभी त्रिलोक चौहान हिमाचल के एक्टिंग चीफ जस्टिस पूर्व चीफ जस्टिस राजीव शकधर के बीते 18 अक्टूबर को रिटायर होने के बाद से अभी त्रिलोक चौहान एक्टिंग चीफ जस्टिस की भूमिका निभा रहे हैं। पूर्व में एक्टिंग चीफ जस्टिस सबीना के रिटायर होने पर भी जस्टिस तरलोक चौहान यह जिम्मा संभाल चुके हैं। चंडीगढ़ के DAV कालेज से BA की 1 नवंबर, 1965 को जन्मे जस्टिस गुरमीत संधावालिया ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से बीए (ऑनर्स) और 1989 में चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से LLB की पढ़ाई की। पिता पटना और पंजाब-हरियाणा के चीफ जस्टिस रहे वह कानूनी परिवार से संबंध रखते हैं। इनके पिता 1978 से 1983 तक पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और 1983 से 1987 तक पटना हाईकोर्ट में भी चीफ जस्टिस रहे।ेेेेेेेेेेेेेेेेे हिमाचल | दैनिक भास्कर
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धर्मशाला में कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी भाजपा:झूठी गारंटियों, महंगाई व बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरेगी; जोरावर स्टेडियम में जन आक्रोश आंदोलन
धर्मशाला में कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी भाजपा:झूठी गारंटियों, महंगाई व बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरेगी; जोरावर स्टेडियम में जन आक्रोश आंदोलन धर्मशाला के तपोवन में भारतीय जनता पार्टी आज प्रदर्शन करने जा रही है। तपोवन के जोरावर स्टेडियम में कांगड़ा जिले से बीजेपी नेता प्रदर्शन में शामिल होने तपोवन पहुंचने शुरू हो गए हैं। बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के दो साल के कार्यकाल को विरोध दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी कड़ी में विधानसभा के शीत सत्र के दौरान पार्टी धर्मशाला में जन आक्रोश आंदोलन का फैसला लिया है। इसकी गूंज विधानसभा के शीत सत्र में भी सुनाई देगी। जन आक्रोश आंदोलन के प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने कहा, कांग्रेस ने 10 झूठी गारंटियां देकर सत्ता हासिल की। अब कोई भी वादा पूरा नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा, जब से कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में आई है, तब से जनता पर सिर्फ महंगाई का बोझ डालने का कार्य कर रही है। डीजल पर वेट लगाया और डिपो में दाल भी महंगी कर दी। त्रिलोक कपूर ने कहा, कांग्रेस ने गारंटियां देकर जनता से धोखा किया। बेरोजगार युवाओं को हर साल एक लाख सरकारी नौकरियां, 22 लाख बहनों को 1500 रुपए महीना देने का वादा किया गया। किसानों और बेरोजगारों को भी झूठे वादे करके ठगा गया। उन्होंने कहा, कांग्रेस सरकार के दो वर्ष पूरी तरह से नाकामियों और विफलताओं से भरे रहे हैं। इन दो सालों में कांग्रेस की सारी गारंटियां फेल हुई है और सरकार ने दो साल का जश्न मनाकर करोड़ों रुपए की फिजूलखर्ची की। इसलिए भाजपा ने आज विरोध दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। 2 सालों में 27 हजार 465 करोड़ का लिया कर्ज त्रिलोक कपूर ने कहा, कांग्रेस सरकार 2 साल के कार्यकाल में ही 27 हजार 465 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज ले लिया है। फिर भी सरकार के पास राज्य में विकास कार्य कराने के लिए बजट नहीं है। हिमाचल में बनने वाले सीमेंट की पिछले 2 सालों में में चार बार कीमतें बढ़ाई गई। इन 2 सालों में 100 रुपए के लगभग कीमत बढ़ी, जिसके चलते 445 रुपए से कम सीमेंट की बोरी नहीं मिल रही है। टीसीपी में नक्शे पास करवाने की फीस पहले तीन हज़ार रुपए थी, जिसे बढ़ा कर अब 16 हज़ार रुपए कर दिया है। प्रदेश की जनता पर बढ़ाया टैक्स का बोझ भाजपा महामंत्री ने कहा, पिछली भाजपा सरकार द्वारा दी जाने वाली बिजली सब्सिडी बंद कर दी गई है। ग्रामीण आबादी पर पानी के शुल्क का बोझ डाला गया। फिर कांग्रेस ने किस बात का जश्न मनाया। धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में आज कांगड़ा जिला के सभी विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ता जुटेंगे और कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। बीजेपी विधायकों को रैली में भीड़ जुटाने को कहा गया है। इस प्रदर्शन को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल संबोधित करेंगे।
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हिमाचल के तीन जिलों में फ्लैश-फ्लड का अलर्ट:जुलाई में नॉर्मल से 66% ज्यादा बादल बरसे; शिमला में सुबह दो घंटे तक तेज बारिश हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में सुबह से तेज बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) ने आज तीन जिलों में फ्लैश-फ्लड का अलर्ट दे रखा है। यह चेतावनी कांगड़ा, शिमला और चंबा जिला को दी गई है। इसे देखते हुए लोगों को नदी नालों के आसपास नहीं जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि भारी बारिश के कारण अचानक नदी नालों का जल स्तर बढ़ सकता है। IMD के अनुसार, प्रदेश के मैदानी और कम ऊंचे क्षेत्रों में सोमवार को बारिश का पूर्वानुमान है। कल यानी 9 जुलाई को मानसून कमजोर रहेगा। मगर 10 जुलाई से फिर एक्टिव होगा। इससे कुछेक स्थानों पर अगले दो दिन तक भारी बारिश हो सकती है। यहां देखे एक से सात जुलाई तक किस जिला में कितनी बारिश हुई.. बीते एक सप्ताह के दौरान प्रदेश में नॉर्मल से 66 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस अवधि में प्रदेश में 43.4 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार 72.1 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। मंडी जिला में नॉर्मल से 187 प्रतिशत, कांगड़ा में 145 प्रतिशत और शिमला में 112 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। चार जिलों में मानसून पड़ा धीमा वहीं सिरमौर, किन्नौर, ऊना और लाहौल स्पीति चार जिले में मानसून अभी रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। इन जिलों में नॉर्मल से कम बारिश हुई है। प्रदेश में इस बार की बरसात में राहत भरी बात यह है कि एक-दो घंटे बारिश होती है। इसके बाद काफी समय तक बारिश थम जाती है। इससे बीते साल की तरह नुकसान नहीं हो रहा। बारिश के बाद 60 सड़कें बंद वहीं प्रदेश में बीते दिनों और आज सुबह हुई बारिश के बाद 60 से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी है। इनमें 45 सड़कें ऐसी है जो एक सप्ताह से बंद पड़ी है। लोक निर्माण विभाग इन सड़कों की बहाली में जुटा हुआ है।
कुल्लू में शिवलिंग का मोहरा स्थापित:12 गांव के किसानों के कार्य पर पाबंदी; पांच दिन तक लोहा से नहीं छुएंगे जमीन
कुल्लू में शिवलिंग का मोहरा स्थापित:12 गांव के किसानों के कार्य पर पाबंदी; पांच दिन तक लोहा से नहीं छुएंगे जमीन कुल्लू जिले के कुलान्तक पीठ खराहल घाटी की न्योली पंचायत के गांव न्योली मुआफ़ीदार जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को शिवलिंग पर सतयुगी मोहरा मुकुट देव परम्परा अनुसार स्थापित किया। जिसे स्थानीय बोली में बीठ निकलना कहते हैं। शिवलिंग पर मोहर स्थापित होते ही आसपास के 12 गांव के हारियानों अनुयायियों के लिये कृषि कार्य पर पाबन्दी लग जाती है। यह पाबन्दी पांच दिन तक रहेगी। जानकारी अनुसार न्योली, जुआणी, जगोट, ओड़ीदार,ग्राहण, थरमाण, थरमाण सेरी, लुगडभट्ठी, जुआणी रोपा, जोकरपोधा, देवधार आदि गांव के लोग कृषि कार्य ही नहीं, बल्कि धरती पर या खेतों में लोहा से छुएंगे भी नहीं। अनुश्रुति अनुसार जब स्थानीय महिला खेत मे गुड़ाई कर रही थी तो कुदाली लगने से मोहरा जमीन से निकला था। किसी को नहीं मोहरा देखने की इजाज़त शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार निकलता है। बैसाखी व सावन में भादो माह लगते से पूर्व देव भंडार से निकालकर शिवलिंग में स्थापित किया जाता है। इस मोहरें को किसी को भी देखने की इजाजत नहीं है। वाद्य यंत्रों सहित मशालों की रोशनी में निकाला मोहरा न्योली में जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को वाद्य यंत्रों की थाप पर मशालों की रोशनी में मोहरा लाया गया। मोहरा मंदिर पहुँचते ही विधिवत शिवलिंग में स्थापित किया गया। शिवलिंग का श्रृंगार किया। महादेव के रथ का श्रृंगार मोहरा स्थापित करने के पश्चात वाद्य यंत्रों की विशेष धुन पर महादेव के रथ के श्रृंगार की प्रक्रिया एक घण्टे तक चली। महादेव के अन्य 16 मोहरों को स्थापित किया गया इनमें से कुल्लू के राजा मान सिंह ने 1717 ईस्वी में जुआणी महादेव को दिया वो मोहरा भी शामिल है। क्या कहते है देवता के कारदार देव प्रशासन में मुख्य अधिकारी कारदार होता है महादेव के कारदार ओम प्रकाश महन्त से बात की तो उन्होंने ने कहा कि शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार देवता के भंडार से निकाला जाता है। मोहरा निकलने के बाद स्थानीय वासियों के लिए कृषि कार्य पर पाबन्दी लगती है।