हिमाचल में कुदरत की मार झेल रहे सेब बागवानों को कांग्रेस सरकार ने बड़ा झटका दिया है। आर्थिक सुधारों में जुटी सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना (MIS) के तहत सेब की खरीद के लिए कई शर्तें लगाई है। MIS के तहत सेब खरीद को उद्यान कार्ड अनिवार्य किया गया है। इसी तरह पक्षी का खाया हुआ, दागी सेब, स्कैब ग्रस्त, इथरल स्प्रे किया हुआ सेब और 51 मिलीमीटर से कम डाया वाला सेब भी सरकार ने नहीं खरीदने का निर्णय लिया है। बता दें कि राज्य सरकार हर साल MIS योजना के तहत सरकारी उपक्रम हॉर्टिकल्चर प्रोसेसिंग मार्केटिंग कमेटी (HPMC) और हिमफेड के माध्यम से निम्न क्वालिटी का सेब खरीदती है। सरकार द्वारा लगाई शर्तें बागवानों से धोखा, करेंगे आंदोलन: सोहन सरकार ने इस बार MIS के लिए 12 रुपए प्रति किलो रेट निर्धारित किया है। मगर सरकार ने बीच सीजन में ऐसी शर्तें लगाई है, जिससे बागवान भड़क उठे हैं। हिमाचल सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने बताया कि MIS योजना निम्न क्वालिटी के सेब की खरीद के लिए शुरू की गई थी। अब सरकार ने जिस तरह की शर्तें थोपी वो बागवानों से धोखा है। इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिस तरह का सेब सरकार खरीदना चाह रही है, उसका रेट कम से कम 25 रुपए होना चाहिए। एक तरफ सरकार ने MIS का रेट पिछले साल वाला ही रखा है, दूसरी तरफ MIS योजना पर नई नई शर्तें लगाई जा रही है। बागवान अब उद्यान कार्ड बनाए, या सेब तोड़ेंगे: बिष्ट प्रोग्रेसिव ग्रोअर एसोसिएशन (PGA) के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट ने बताया कि सरकार ने बीच सीजन में उद्यान कार्ड बनाने की शर्त लगाई है। इसे बनाने में कई दिन लग जाते है। अब बागवान उद्यान कार्ड बनाएगा या फिर सेब तोड़ेगा। उन्होंने कहा, यदि ये शर्त लगानी है तो अगले सीजन के लिए अनिवार्य किया जाए। उन्होंने बताया कि MIS के तहत ओलों से दागी सेब और छोटे साइज का फ्रूट नहीं लेने का फैसला बागवानों से धोखा है। सरकार ने पहले MIS के तहत रेट कम रखा है। अब नई नई शर्तें थोपी जा रही है। प्रदेश में इस बार किसानों की 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल खराब हो चुकी है। इससे बागवानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। 2022 मे 72 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा हिमाचल सरकार ने 2023 में MIS के तहत लगभग 52 हजार मीट्रिक टन और 2022 में रिकॉर्ड 72 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा था। इस योजना के तहत खरीदे गए सेब से सरकारी उपक्रम HPMC जूस तैयार करता है। यह योजना निम्न क्वालिटी सेब खरीदने के लिए ही शुरू की गई थी। हिमाचल में कुदरत की मार झेल रहे सेब बागवानों को कांग्रेस सरकार ने बड़ा झटका दिया है। आर्थिक सुधारों में जुटी सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना (MIS) के तहत सेब की खरीद के लिए कई शर्तें लगाई है। MIS के तहत सेब खरीद को उद्यान कार्ड अनिवार्य किया गया है। इसी तरह पक्षी का खाया हुआ, दागी सेब, स्कैब ग्रस्त, इथरल स्प्रे किया हुआ सेब और 51 मिलीमीटर से कम डाया वाला सेब भी सरकार ने नहीं खरीदने का निर्णय लिया है। बता दें कि राज्य सरकार हर साल MIS योजना के तहत सरकारी उपक्रम हॉर्टिकल्चर प्रोसेसिंग मार्केटिंग कमेटी (HPMC) और हिमफेड के माध्यम से निम्न क्वालिटी का सेब खरीदती है। सरकार द्वारा लगाई शर्तें बागवानों से धोखा, करेंगे आंदोलन: सोहन सरकार ने इस बार MIS के लिए 12 रुपए प्रति किलो रेट निर्धारित किया है। मगर सरकार ने बीच सीजन में ऐसी शर्तें लगाई है, जिससे बागवान भड़क उठे हैं। हिमाचल सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने बताया कि MIS योजना निम्न क्वालिटी के सेब की खरीद के लिए शुरू की गई थी। अब सरकार ने जिस तरह की शर्तें थोपी वो बागवानों से धोखा है। इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिस तरह का सेब सरकार खरीदना चाह रही है, उसका रेट कम से कम 25 रुपए होना चाहिए। एक तरफ सरकार ने MIS का रेट पिछले साल वाला ही रखा है, दूसरी तरफ MIS योजना पर नई नई शर्तें लगाई जा रही है। बागवान अब उद्यान कार्ड बनाए, या सेब तोड़ेंगे: बिष्ट प्रोग्रेसिव ग्रोअर एसोसिएशन (PGA) के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट ने बताया कि सरकार ने बीच सीजन में उद्यान कार्ड बनाने की शर्त लगाई है। इसे बनाने में कई दिन लग जाते है। अब बागवान उद्यान कार्ड बनाएगा या फिर सेब तोड़ेगा। उन्होंने कहा, यदि ये शर्त लगानी है तो अगले सीजन के लिए अनिवार्य किया जाए। उन्होंने बताया कि MIS के तहत ओलों से दागी सेब और छोटे साइज का फ्रूट नहीं लेने का फैसला बागवानों से धोखा है। सरकार ने पहले MIS के तहत रेट कम रखा है। अब नई नई शर्तें थोपी जा रही है। प्रदेश में इस बार किसानों की 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल खराब हो चुकी है। इससे बागवानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। 2022 मे 72 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा हिमाचल सरकार ने 2023 में MIS के तहत लगभग 52 हजार मीट्रिक टन और 2022 में रिकॉर्ड 72 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा था। इस योजना के तहत खरीदे गए सेब से सरकारी उपक्रम HPMC जूस तैयार करता है। यह योजना निम्न क्वालिटी सेब खरीदने के लिए ही शुरू की गई थी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में निर्दलीय पूर्व विधायकों को टिकट देगी भाजपा:शिमला में कोर ग्रुप की बैठक जारी, पार्टी हाईकमान लेगा अंतिम फैसला
हिमाचल में निर्दलीय पूर्व विधायकों को टिकट देगी भाजपा:शिमला में कोर ग्रुप की बैठक जारी, पार्टी हाईकमान लेगा अंतिम फैसला हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तैयारियां तेज कर दी हैं। शिमला में भाजपा कोर कमेटी की बैठक में तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के टिकटों को लेकर चर्चा चल रही है। कोर कमेटी में चर्चा के बाद तीनों सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि तीनों सीटों पर निर्दलीय और पूर्व विधायकों को टिकट देने का प्रस्ताव कोर कमेटी में पारित कर हाईकमान को भेजा जाएगा, क्योंकि भाजपा ने पार्टी में शामिल होने के समय ही नालागढ़ से निर्दलीय और पूर्व विधायक केएल ठाकुर, हमीरपुर से आशीष शर्मा और देहरा से होशियार सिंह को टिकट देने का आश्वासन दिया है। इन तीनों निर्दलीय विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट दिया था, जबकि सुक्खू सरकार के 15 महीने के कार्यकाल के दौरान ये विधायक कांग्रेस के एसोसिएट MLA के तौर पर काम करते रहे। राज्यसभा चुनाव में इन्होंने कांग्रेस के छह बागी विधायकों के साथ दिया और राज्यसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को वोट के बाद निर्दलीय विधायक भी एक महीने तक प्रदेश से बाहर रहे। 23 मार्च को बीजेपी जॉइन की 22 मार्च को इन्होंने हिमाचल विधानसभा पहुंचकर अपने पदों से इस्तीफा दिया और 23 मार्च को इन्होंने दिल्ली में बीजेपी जॉइन की। बीते तीन जून को स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इनका इस्तीफा स्वीकार किया। बीते 9 जून को केंद्रीय चुनाव आयोग ने तीनों सीटों पर उप चुनाव का ऐलान कर दिया। कोर कमेटी में ये नेता मौजूद भाजपा कोर कमेटी मीटिंग में प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सह प्रभारी संजय टंडन, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सत्तपाल सत्ती, सुरेश कश्यप, महामंत्री बिहारी लाल, त्रिलोक कपूर, त्रिलोक जम्वाल मौजूद है। 10 जुलाई को होगा उप चुनाव हिमाचल प्रदेश में आगामी 10 जुलाई को नालागढ़, हमीरपुर और देहरा विधानसभा सीट पर उप चुनाव होना है। इसके लिए परसो से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है। लिहाजा पार्टी को अगले दो चार दिन के भीतर टिकट तय करने होंगे।
चंबा में बिजली चोरी के 5 आरोपी पकड़े गए:विभाग ने 42 हजार का जुर्माना लगाया, कनेक्शन भी काटे
चंबा में बिजली चोरी के 5 आरोपी पकड़े गए:विभाग ने 42 हजार का जुर्माना लगाया, कनेक्शन भी काटे चंबा के चुराह विधानसभा में एलटी लाइन में कुंडी लगाकर बिजली की चोरी करने वाले 5 आरोपी पकड़े गए हैं। बिहाली पंचायत के सिरी और झझाकोठी में विद्युत बोर्ड प्रबंधन की टीम ने सहायक अभियंता की अगुआई में औचक निरीक्षण कर पकड़ा और आरोपियों के बिजली कनेक्शन काट दिए। साथ ही 42,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। आरोपियों ने जीरो बिल के लिए बिजली चोरी की थी। बिजली बोर्ड को जानकारी मिली थी कि चुराह विधानसभा क्षेत्र के अधीन आने वाले दुर्गम क्षेत्रों में 125 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत करने से बचने के लिए कुछ उपभोक्ता तारों पर कुंडी लगाकर बिजली चोरी कर रहे थे। इसके बाद विद्युत बोर्ड प्रबंधन की ओर से एक स्पेशल टीम का गठन किया गया है। टीम ने क्षेत्र के दुर्गम क्षेत्रों में विद्युत उपभोक्ताओं के घरों और दुकानों में जाकर औचक निरीक्षण करना शुरू किया। औचक निरीक्षण के दौरान बोर्ड की टीम ने बिहाली पंचायत के सिरी और झझाकोठी में कार्रवाई को अंजाम दिया। चुराह के बिहाली और झझाकोठी में कुंडी लगाकर 5 लोगों को मौके पर पकड़ा। बिजली कनेक्शन काटने के साथ उन पर 42,000 रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना भरने पर ही उनके बिजली कनेक्शन फिर सुचारू हो सकेंगे।
ऊना में श्रावण अष्टमी मेला शुरू:24 घंटे होंगे मां चिंतपूर्णी के दर्शन, पर्ची के बिना नहीं मिलेगा प्रवेश, जगह-जगह लगाए लंगर
ऊना में श्रावण अष्टमी मेला शुरू:24 घंटे होंगे मां चिंतपूर्णी के दर्शन, पर्ची के बिना नहीं मिलेगा प्रवेश, जगह-जगह लगाए लंगर ऊना जिले की शक्तिपीठ माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में सोमवार को श्रावण अष्टमी मेला शुरू हो गया। मंदिर न्यास ने मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे खोल दिए गए। अब रोजाना मेला समाप्त होने तक मंदिर में 24 घंटे श्रद्धालु माता रानी के दर्शन मिल सकेंगे। श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए पर्ची की अनिवार्यता मंदिर न्यास ने की है। दर्शन पर्ची तीन स्थानों पर दी जा रही है। इसके अलावा सुगम दर्शन प्रणाली पास के माध्यम से भी श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जा रही है। चिंतपूर्णी मंदिर परिसर क्षेत्र फूलों से सजाया गया है। जो की आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मंदिर की सजावट का काम एक पंजाब के श्रद्धालु ने कराया है। जानकारी के मुताबिक दोपहर तक 8 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने माता रानी के दरबार में दर्शन करने के लिए दर्शन पर्ची ली। मंदिर न्यास श्रद्धालुओं को करतार में ही दर्शन करा रहा है। इसके अलावा पंजाब की लंगर संस्थाओं ने जगह-जगह पर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था की है। जहां श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। वहीं देर शाम तक 15 से 20 हजार श्रद्धालुओं के दर्शन करने की उम्मीद है।