महाराष्ट्र के अमरावती में चल रही U-14 आयु वर्ग के 68वें राष्ट्रीय स्कूल गेम्स ( NSG) विवादों में आ गए है। इसमें निर्णायक मंडल पर हिमाचल प्रदेश के साथ पक्षपात करने आरोप लगे है। आरोप है कि NSG के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में निर्णायक मंडल ने गलत तरीके आयोजक स्टेट महाराष्ट्र को 15 से 20 पॉइंट्स दिए हैं जिसका विरोध जताने पर हिमाचल प्रदेश की टीम को नियमों को ताक पर रख कर प्रतियोगिता से बाहर कर दिया है। हिमाचल प्रदेश के टीम प्रबंधन ने इसको लेकर स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ( SGFI) को शिकायत दे दी है और मामले में हस्तक्षेप कर जांच करने की मांग की है। निर्णायक मंडल पर हेरा-फेरी का आरोप
हिमाचल प्रदेश कबड्डी टीम के हेड कोच सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि पूरी प्रतियोगिता में हिमाचल प्रदेश की टीम का प्रदर्शन अद्भुत था। हिमाचल प्रदेश ने प्रतियोगिता के शुरुआती मुकाबले एक तरफा जीते थे। जिसके बाद बुधवार को देर शाम हिमाचल प्रदेश का क्वार्टर फाइनल मुकाबला आयोजक राज्य महाराष्ट्र के साथ हुआ। इस मुकाबले में पूरा निर्णायक मंडल आयोजक स्टेट महाराष्ट्र से ही सबंध रखता था। हिमाचल प्रदेश की टीम शुरू से ही महाराष्ट्र की टीम पर हावी चल रही थी कि तभी निर्णायक मंडल ने हेरा-फेरी करनी शुरू कर दी। खिलाड़ियों पर बनाया बेवजह दबाव
शर्मा ने बताया कि निर्णायक मंडल ने मैच के दौरान पक्षपात करते हुए महाराष्ट्र की टीम को बोनस पॉइंट दिए। जबकि हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को बोनस के पॉइंट नहीं दिए गए। हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को सीन कार्ड बिना किसी गलती के दिखा दिए और बार बार हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों पर अनावश्यक रूप से दवाब बनाया गया। उन्होंने कहा कि निर्णायक मंडल ने खेल की सारी हद्दे उस समय पार कर दी जब पक्षपात के बावजूद भी हिमाचल को जीतता देख बिना किसी गलती के हिमाचल प्रदेश की कप्तान को येल्लो कार्ड दिखा दिया और उसे गेम से बाहर करने का प्रयास किया गया। सुरेंद्र शर्मा ने आगे बताया कि हिमाचल प्रदेश टीम के प्रबंधन के विरोध के बाद मैच दोबारा शुरू हुआ । लेकिन खेल के अंतिम 3 मिनट से पहले निर्णायक मंडल से नियमों की सारी सीमाएं लांघ दी। जिसके बाद बाद हिमाचल प्रदेश की टीम निर्णयों के खिलाफ कोर्ट में विरोध करने बैठ गई। इसी दौरान कोर्ट की लाइट बन्द कर दी गयी और उन्हें जबरदस्ती बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा कि निर्णायक मंडल ने टीम के मैनेजर के साथ भी दुर्व्यवहार किया और उन्हें धमकियां भी दी। SGFI महासचिव को भी लिखा पत्र
हिमाचल प्रदेश टीम कौच ने बताया कि उन्होंने इस सबंध में SGPI को शिकायत दी है । जिसमे उन्होंने बताया कि मैच के लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध है । शिकायत में उन्होंने मांग की है कि इसकी जांच की जाएं और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएं। खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नही होंगे देंगे
सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दुर्गम क्षेत्रों में संसाधनों के अभाव के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत ने खेल के क्षेत्र में भविष्य देखते है। लेकिन यदि उनके साथ इस तरह से अन्याय होगा उन्हें खेलने से रोका जाएगा तो वह उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे । इसके लिए वह हर तरह की लड़ाई लड़ने को तैयार है। 9 से 12 दिसंबर तक हुई प्रतियोगिता
बता दें कि महाराष्ट्र के अमरावती में 9 से 12 दिसंबर तक कबड्डी में अंडर- 14 आयु वर्ग में गर्ल्स एंड बॉयज दोनों वर्ग की राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता का 13 दिसंबर को समापन होना है लेकिन अब यह विवादों में आ गयी है। महाराष्ट्र के अमरावती में चल रही U-14 आयु वर्ग के 68वें राष्ट्रीय स्कूल गेम्स ( NSG) विवादों में आ गए है। इसमें निर्णायक मंडल पर हिमाचल प्रदेश के साथ पक्षपात करने आरोप लगे है। आरोप है कि NSG के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में निर्णायक मंडल ने गलत तरीके आयोजक स्टेट महाराष्ट्र को 15 से 20 पॉइंट्स दिए हैं जिसका विरोध जताने पर हिमाचल प्रदेश की टीम को नियमों को ताक पर रख कर प्रतियोगिता से बाहर कर दिया है। हिमाचल प्रदेश के टीम प्रबंधन ने इसको लेकर स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ( SGFI) को शिकायत दे दी है और मामले में हस्तक्षेप कर जांच करने की मांग की है। निर्णायक मंडल पर हेरा-फेरी का आरोप
हिमाचल प्रदेश कबड्डी टीम के हेड कोच सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि पूरी प्रतियोगिता में हिमाचल प्रदेश की टीम का प्रदर्शन अद्भुत था। हिमाचल प्रदेश ने प्रतियोगिता के शुरुआती मुकाबले एक तरफा जीते थे। जिसके बाद बुधवार को देर शाम हिमाचल प्रदेश का क्वार्टर फाइनल मुकाबला आयोजक राज्य महाराष्ट्र के साथ हुआ। इस मुकाबले में पूरा निर्णायक मंडल आयोजक स्टेट महाराष्ट्र से ही सबंध रखता था। हिमाचल प्रदेश की टीम शुरू से ही महाराष्ट्र की टीम पर हावी चल रही थी कि तभी निर्णायक मंडल ने हेरा-फेरी करनी शुरू कर दी। खिलाड़ियों पर बनाया बेवजह दबाव
शर्मा ने बताया कि निर्णायक मंडल ने मैच के दौरान पक्षपात करते हुए महाराष्ट्र की टीम को बोनस पॉइंट दिए। जबकि हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को बोनस के पॉइंट नहीं दिए गए। हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को सीन कार्ड बिना किसी गलती के दिखा दिए और बार बार हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों पर अनावश्यक रूप से दवाब बनाया गया। उन्होंने कहा कि निर्णायक मंडल ने खेल की सारी हद्दे उस समय पार कर दी जब पक्षपात के बावजूद भी हिमाचल को जीतता देख बिना किसी गलती के हिमाचल प्रदेश की कप्तान को येल्लो कार्ड दिखा दिया और उसे गेम से बाहर करने का प्रयास किया गया। सुरेंद्र शर्मा ने आगे बताया कि हिमाचल प्रदेश टीम के प्रबंधन के विरोध के बाद मैच दोबारा शुरू हुआ । लेकिन खेल के अंतिम 3 मिनट से पहले निर्णायक मंडल से नियमों की सारी सीमाएं लांघ दी। जिसके बाद बाद हिमाचल प्रदेश की टीम निर्णयों के खिलाफ कोर्ट में विरोध करने बैठ गई। इसी दौरान कोर्ट की लाइट बन्द कर दी गयी और उन्हें जबरदस्ती बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा कि निर्णायक मंडल ने टीम के मैनेजर के साथ भी दुर्व्यवहार किया और उन्हें धमकियां भी दी। SGFI महासचिव को भी लिखा पत्र
हिमाचल प्रदेश टीम कौच ने बताया कि उन्होंने इस सबंध में SGPI को शिकायत दी है । जिसमे उन्होंने बताया कि मैच के लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध है । शिकायत में उन्होंने मांग की है कि इसकी जांच की जाएं और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएं। खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नही होंगे देंगे
सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दुर्गम क्षेत्रों में संसाधनों के अभाव के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत ने खेल के क्षेत्र में भविष्य देखते है। लेकिन यदि उनके साथ इस तरह से अन्याय होगा उन्हें खेलने से रोका जाएगा तो वह उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे । इसके लिए वह हर तरह की लड़ाई लड़ने को तैयार है। 9 से 12 दिसंबर तक हुई प्रतियोगिता
बता दें कि महाराष्ट्र के अमरावती में 9 से 12 दिसंबर तक कबड्डी में अंडर- 14 आयु वर्ग में गर्ल्स एंड बॉयज दोनों वर्ग की राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता का 13 दिसंबर को समापन होना है लेकिन अब यह विवादों में आ गयी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर