हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के दूरदराज क्षेत्र भरमौर में मणिमहेश के रास्ते पर भारी लैंडस्लाइड हुआ है। गनीमत रही कि जान व माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। भूस्खलन का डरावना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। भरमौर पुलिस के अनुसार, मणिमहेश के रास्ते पर दुनाली और गोई के बीच पहाड़ी से लैंडस्लाइड हुआ है। राहत की बात यह है कि मणिमहेश की धार्मिक यात्रा अभी शुरू नहीं हुई। इस यात्रा के दौरान हजारों शिव भक्त मणिमहेश पहुंचते हैं। बताया जा रहा है कि जिस जगह पर ताजा लैंडस्लाइड हुआ है, वहां पिछले साल भी बाढ़ में भारी लैंडस्लाइड हुआ था। इस कारण मणिमहेश जाने वाला रास्ता पूरी तरह बंद हो गया था। बाद में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने नया रास्ता तैयार किया। तब जाकर यात्रा करवाई गई। अब यात्रा शुरू होने से करीब डेढ़ महीने पहले यहां फिर लैंडस्लाइड हुआ है। इस बार 26 अगस्त से मणिमहेश यात्रा उत्तर भारत की पवित्र एवं पावन मणिमहेश यात्रा 26 अगस्त से 13 सितंबर तक चलेगी। इसके लिए पूरे देशभर से शिव भक्त यहां पहुंचते हैं। मणिमहेश की यात्रा खतरनाक पड़ाव से होकर पूरी करनी पड़ती है। प्रशासन ने अभी मणिमहेश यात्रा पर रोक लगा रखी है। फिर भी कुछ शिव भक्त मणिमहेश पहुंच रहे हैं। आपको बता दें कि हर साल यह यात्रा कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाअष्टमी तक चलती है। इस यात्रा के दौरान मणिमहेश पहुंचने वाले देशी-विदेशी श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश डल झील में शाही स्नान करते हैं। स्थानीय प्रशासन ने शिव भक्तों से अपील की है कि जब आधिकारिक तौर पर यात्रा शुरू होगी, उस दौरान ही मणिमहेश के लिए आए। अभी बर्फ पिघलने और लैंडस्लाइड के कारण जोखिम बना हुआ है। यात्रा के दौरान कई बार ऑक्सीजन की होती है कमी हिमाचल में मानसून अभी कमजोर पड़ा हुआ है। मगर मानसून की बारिश मणिमेश के रास्ते में कई बार व्यवधान पैदा करती है। खतरनाक रास्तों पर कई बार स्लाइड होता है तो कई बार यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की गिरने से भी मौत होती है। इस यात्रा के दौरान कई बार ऑक्सीजन की भी कमी हो जाती है। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के दूरदराज क्षेत्र भरमौर में मणिमहेश के रास्ते पर भारी लैंडस्लाइड हुआ है। गनीमत रही कि जान व माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। भूस्खलन का डरावना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। भरमौर पुलिस के अनुसार, मणिमहेश के रास्ते पर दुनाली और गोई के बीच पहाड़ी से लैंडस्लाइड हुआ है। राहत की बात यह है कि मणिमहेश की धार्मिक यात्रा अभी शुरू नहीं हुई। इस यात्रा के दौरान हजारों शिव भक्त मणिमहेश पहुंचते हैं। बताया जा रहा है कि जिस जगह पर ताजा लैंडस्लाइड हुआ है, वहां पिछले साल भी बाढ़ में भारी लैंडस्लाइड हुआ था। इस कारण मणिमहेश जाने वाला रास्ता पूरी तरह बंद हो गया था। बाद में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने नया रास्ता तैयार किया। तब जाकर यात्रा करवाई गई। अब यात्रा शुरू होने से करीब डेढ़ महीने पहले यहां फिर लैंडस्लाइड हुआ है। इस बार 26 अगस्त से मणिमहेश यात्रा उत्तर भारत की पवित्र एवं पावन मणिमहेश यात्रा 26 अगस्त से 13 सितंबर तक चलेगी। इसके लिए पूरे देशभर से शिव भक्त यहां पहुंचते हैं। मणिमहेश की यात्रा खतरनाक पड़ाव से होकर पूरी करनी पड़ती है। प्रशासन ने अभी मणिमहेश यात्रा पर रोक लगा रखी है। फिर भी कुछ शिव भक्त मणिमहेश पहुंच रहे हैं। आपको बता दें कि हर साल यह यात्रा कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाअष्टमी तक चलती है। इस यात्रा के दौरान मणिमहेश पहुंचने वाले देशी-विदेशी श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश डल झील में शाही स्नान करते हैं। स्थानीय प्रशासन ने शिव भक्तों से अपील की है कि जब आधिकारिक तौर पर यात्रा शुरू होगी, उस दौरान ही मणिमहेश के लिए आए। अभी बर्फ पिघलने और लैंडस्लाइड के कारण जोखिम बना हुआ है। यात्रा के दौरान कई बार ऑक्सीजन की होती है कमी हिमाचल में मानसून अभी कमजोर पड़ा हुआ है। मगर मानसून की बारिश मणिमेश के रास्ते में कई बार व्यवधान पैदा करती है। खतरनाक रास्तों पर कई बार स्लाइड होता है तो कई बार यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की गिरने से भी मौत होती है। इस यात्रा के दौरान कई बार ऑक्सीजन की भी कमी हो जाती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में दुग्ध उत्पादकों का प्रदर्शन:दत्तनगर के मिल्क प्लांट बाहर जुटे; सरकार द्वारा तय रेट के हिसाब से दाम नहीं मिलने से नाराज हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रामपुर में बड़ी संख्या में लोगों ने सोमवार को दत्तनगर के मिल्क प्लांट के बाहर प्रदर्शन किया। इसमें निरमंड, रामपुर, ननखड़ी, आनी और नारकंडा के पशुपालक शामिल हुए। दत्तनगर मिल्क प्लांट के बाहर पशुपालकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा। हिमाचल दुग्ध उत्पादक संघ के राज्य संयोजक प्रेम चौहान और राज्य सह संयोजक रणजीत ठाकुर ने कहा कि दुग्ध उत्पादक दूध के उचित दाम नहीं मिलने से परेशान है। सरकार द्वारा तय रेट के हिसाब से 3.3 प्रतिशत फैट व 7.3 प्रतिशत एसएनएफ दूध का मूल्य 30.57 रुपए है, जबकि 5.5 प्रतिशत फैट व 8.5 प्रतिशत एसएनएफ वाले दूध का रेट 47.93 रुपए तय हैं। मगर सरकार द्वारा तय इन रेट के हिसाब से दुग्ध उत्पादकों को दाम नहीं मिल रहे। प्रदर्शन के दौरान पशुपालकों ने सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने, सभी दुग्ध सोसाइटियों में दूध की गुणवत्ता को मापने के टेस्टिंग मशीन देने, दूध की पेमेंट हर माह 10 तारीख से पहले देने, सभी सोसाइटियों में फीड उपलब्ध करवाने और दत्त नगर मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का कार्य शीघ्र पूरा करने की मांग उठाई है। हाशिए पर पशुपालक: प्रेम चौहान प्रेम चौहान ने कहा कि प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांव में रहती है। कृषि और बागवानी यहां का मुख्य व्यवसाय है। साथ साथ पशु पालन भी ग्रामीणों की आजीविका का साधन है। बावजूद इसके पशुपालन हाशिए पर है। उनकी सुनवाई नहीं हो रही। जो किसान-पशुपालन से जुड़े हैं और अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूध बेचते हैं, उन्हें दूध का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है।
सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे बेरोजगार:20 सितंबर को करेंगे सचिवालय मार्च; सीएम को देंगे ज्ञापन, प्रियंका का वादा याद दिलाया
सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे बेरोजगार:20 सितंबर को करेंगे सचिवालय मार्च; सीएम को देंगे ज्ञापन, प्रियंका का वादा याद दिलाया हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के नारे वाली सुक्खू सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। कर्मचारी , पेंशनरों के बाद अब प्रदेश के बेरोजगार युवाओं ने भी कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। बुधवार को राजधानी शिमला में हिमाचल प्रदेश बेरोजगार युवा संघ ने आगामी 20 सितंबर को सचिवालय कूच करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि 20 सितम्बर को प्रदेश का बेरोजगार युवा शांतिपूर्ण तरीके से सचिवालय मार्च करेगा और सीएम सुक्खू को अपना मांग पत्र सौंपेगा। बेरोजगार युवा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ऑउटसोर्स का विरोध करती थी। आउटसोर्स के आधार पर भर्तियां ना करने की बात करती थी। लेकिन अब सत्ता में होने के बाद प्रदेश सरकार स्थायी नौकरियों को भी आउटसोर्स करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि बीते लगभग दो वर्षों में सरकार 28 से 30 हजार रोजगार देने के दावा कर रही है। लेकिन सरकार ने किसको और कैसे रोजगार दिया है। इसके बारे में सरकार को आंकड़े सार्वजनिक करने चाहिये । उन्होंने कहा कि उन्हें RTI व अन्य सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने दो सालों में कमीशन के माध्यम से मात्र 1400 के करीब पद व 10 हजार के करीब आउटसोर्स आधार पर भरे हैं। इसके अलावा वन मित्र एमटीएस वोटर कार्ड गेस्ट टीचर एंटी जैसे पदों को सरकार द्वारा आउटसोर्स या अन्य अस्थाई तरीकों से भरने का प्रयास कर रही है। जो प्रदेश के युवाओं के साथ धोखा है। बेरोजगार युवाओं ने सुक्खू सरकार याद दिलाया प्रियंका गांधी का वादा युवाओं ने हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान सोलन में किया वादा भी सरकार को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रियंका गया गया गांधी ने सोलन में एक साल में एक लाख रोजगार देने का वादा किया था और कांग्रेस ने 5 साल में 5 लाख रोजगार मुहैया करवाने की गारंटी युवाओं को दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने वादों को पूरा करना चाहिये । दो सालों में लम्बित पड़ी भर्ती प्रक्रियाओं को शुरू करना चाइये। उन्होंने कहा कि युवाओं को कई परीक्षाओं के फॉर्म भरे डेढ़ डेढ़ साल हो गए है लेकिन अभी तक परीक्षा नही हुई है। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत सभी पदों को जल्द भरे सरकार युवाओं ने कहा कि दो वर्ष में भरे तथा परीक्षा दो वर्षों में हिमाचल प्रदेश सरकार ने लगभग 6500 पदों को स्वीकृत किया गया है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इसकी भर्ती प्रक्रिया अभी शुरू नही हो पाई है। कैबिनेट ने नायब तहसीलदार 19 पद ,टीजीटी 1200 , जेबीटी 1150 , पटवारी 874 , पुलिस कांस्टेबल 1226, सचिवालय क्लर्क 50 , वन रक्षक 100 , जेओए लाइब्रेरियन 767 , कार्य निरीक्षक पीडब्ल्यूडी तथा कार्य निरीक्षक जल शक्ति विभाग 135 पद, कनिष्ठ अभियंता पीडब्ल्यूडी 40 पद, कनिष्ठ अभियंता आईपीएच 50 पद, शारीरिक शिक्षा शिक्षक 700 पद, तहसील कल्याण अधिकारी आदि के पदों को मंजूरी दी है लेकिन प्रक्रिया शुरू नही कर पाई है। युवाओं ने कहा कि स्वीकृत पदों की भर्ती प्रक्रिया सरकार को जल्द शुरू करनी चाइये। उन्होंने कहा कि यूपीएससी और एसएससी की तरह परीक्षा का एक वर्षीय कैलेंडर जारी किया जाए, ताकि अभ्यर्थी इन कैलेंडर के अनुसार तैयारी कर सकें। परीक्षा में देरी के लिए दीपक सानन कमेटी की बड़ी भूमिका युवाओं ने कहा कि प्रदेश में परीक्षाओं में हो रही देरी में दीपक सानन कमेटी की बड़ी भूमिका है उन्होंने कहा कि सानन कमेटी द्वारा की गई प्रतियोगी परीक्षाओं को ऑनलाइन करने जैसी सिफारिशों की वजह से परीक्षाओं में देरी हो रही है। जिसकी वजह से राज्य चयन आयोग अभी भी सुचारु रूप से नही चल पा रहा है क्योंकि आयोग के पास सानन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए बुनियादी ढांचा नही है। RTI में मिली जानकारी प्रदेश में 60 हजार पद खाली युवाओं ने कहा कि प्रदेश उन्हें RTI व अन्य सोर्स से जानकारी मिली कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों में लगभग 60000 पद रिक्त हैं जिसमें सचिवालय क्लर्क 50 पद बिजली बोर्ड 9000 पंचायत सचिव 500 और जेओए-आईटी 5000 ,शिक्षक जेबीटी , 4457 पद , टीजीटी 2500, पीजीटी 500 , भाषा शिक्षक 238 पद, एपीआर ओ 300 पद , रेंज वन अधिकारी 76 पद कई पद खाली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खाली चल रहे पदों को तुंरत भरें । 20 सितंबर को सीएम से करेंगे मुलाकात संघ के अध्यक्ष बाल कृष्ण ने बताया कि आगामी 20 सितंबर को बेरोजगार युवा केबिनेट से स्वीकृत पदों को भरने की मांग , नई भर्तियां निकलाने व ऑउट सौर्स को बंद करने इत्यादि मांगों को लेकर सचिवालय कूच करेंगे और सीएम सुक्खू को एक ज्ञापन देंगे। दरअसल आपको बता दें हमीरपुर चयन आयोग में परीक्षाओं में धांधलियों के मामले आने पर प्रदेश सरकार ने चयन आयोग को भंग कर करके भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए सेवा निवृत्त आई एस अधिकारी दीपक सानन कि अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जिसने ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करने जैसी कई सिफारिशें की थी। सरकार ने हमीरपुर चयन आयोग का नाम बदल कर राज्य चयन आयोग कर दिया लेकिन भर्ती प्रक्रिया नही शुरू कर पाई है। जिसके कारण युवाओं में आक्रोश है।
हिमाचल में PWD के फील्ड कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द:मानसून खत्म होने तक आपात स्थिति में ही मिलेगी; हर वक्त सड़कें बहाल रखने के निर्देश
हिमाचल में PWD के फील्ड कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द:मानसून खत्म होने तक आपात स्थिति में ही मिलेगी; हर वक्त सड़कें बहाल रखने के निर्देश हिमाचल प्रदेश में मानसून के दस्तक देते ही लोक निर्माण विभाग ने फील्ड स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। फील्ड स्टाफ को बरसात खत्म होने तक छुट्टियां नहीं मिलेंगी। पीडब्ल्यूडी कर्मियों को अगले ढाई महीने तक सिर्फ आपातकालीन स्थितियों में ही छुट्टियां मिलेंगी। इन आदेशों के बाद पीडब्ल्यूडी के कनिष्ठ अभियंता, सुपरवाइजर, पोकलेन, डोजर, रोबोट, जेसीबी ऑपरेटर, बेलदार आदि को हर समय सड़क पर तैनात रहना होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह की समीक्षा बैठक के बाद विभाग ने सभी मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं और अधिशासी अभियंताओं को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग ने दफ्तरों में सेवाएं दे रहे बेलदारों को फील्ड में भेजने को कहा है, क्योंकि ज्यादातर डिवीजनों और सब-डिवीजनों में बड़ी संख्या में बेलदार दफ्तरों में सेवाएं दे रहे हैं। कुछ बेलदारों को अधिकारियों ने अपने घरों पर भी तैनात किया हुआ है। ऐसे में बेलदारों समेत फील्ड स्टाफ को अब हर समय सड़कों की बहाली के काम में ही लगा रहना होगा। बरसात में कई दिनों तक सम्पर्क कटा रहता है बता दें कि प्रदेश में हर साल बारिश के कारण सड़कों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। सड़कें बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और प्रदेश के दर्जनों गांवों का कई दिनों तक जिला और राज्य मुख्यालय से सम्पर्क टूट जाता है। इसे देखते हुए विभाग ने सड़कों को हर समय खुला रखने के आदेश जारी किए हैं। सरकार बारिश से निपटने के लिए तैयार: सीएम पीडब्ल्यूडी के फील्ड स्टाफ को इसके लिए हर समय तैयार रहने को कहा गया है। इतना ही नहीं, विभाग को हर दिन बंद और बहाल सड़कों की रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, सरकार ने बारिश से निपटने के लिए तैयारी कर ली है। इसके लिए सभी विभाग तैयार हैं।