हिमाचल के मंत्री बोले-वक्फ बोर्ड में ट्रांसपेरैंसी को बदलाव जरूरी:जमीन-अकाउंट का ऑडिट जरूरी; पारदर्शिता आएगी, सभी धार्मिक बॉडी में बदलाव समय की जरूरत

हिमाचल के मंत्री बोले-वक्फ बोर्ड में ट्रांसपेरैंसी को बदलाव जरूरी:जमीन-अकाउंट का ऑडिट जरूरी; पारदर्शिता आएगी, सभी धार्मिक बॉडी में बदलाव समय की जरूरत

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद के बीच वक्फ बोर्ड खत्म करने की मांग को लेकर आवाजें उठने लगी है। इस पर बीते रोज सोशल मीडिया में पोस्ट करके प्रतिक्रिया देने वाले PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज मीडिया से बातचीत में कहा, हर संगठन और धार्मिक संस्थाओं में भी समय के हिसाब से बदलाव होना चाहिए। वक्फ बोर्ड में भी बदलाव जरूरी है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि रामपुर के सराहन में मां भीमाकाली मंदिर उनकी निजी संपत्ति थी। मगर उनके पिता वीरभद्र सिंह जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने भीमाकाली मंदिर ट्रस्ट को सरकार के अधीन लाया। इससे नियमित तौर पर सरकारी जमीन और अकाउंट का ऑडिट हो रहा है। पारदर्शिता के बदलाव जरूरी पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है। वक्फ बोर्ड में भी ऐसे बदलाव होना चाहिए। इसी मंशा के साथ उन्होंने वक्फ बोर्ड में तब्दीली व सुधारीकरण की बात कही है। प्रदेश में बीते एक सप्ताह के दौरान मस्जिद विवाद के बाद लोग जगह जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक 27 शहरों में प्रदर्शन हो गए है। हिंदू संगठन कर रहे वक्फ बोर्ड खत्म करने की मांग इस दौरान हिंदू संगठन खुलकर वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग करने लगे हैं। कुछ लोग वक्फ बोर्ड को भू-माफिया तक कह रहे है। इस पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा, प्रदेश में इन दिनों जिस ढंग का माहौल बना हुआ है, हम चाहते हैं कि सब शांति के साथ और आपसी भाईचारा बनाकर रहे। प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना हम सबका दायित्व बनता है। वक्फ बोर्ड कैसे काम करता है? जब कोई व्यक्ति अल्लाह या इस्लाम के नाम कोई संपत्ति या पैसा दान देता है तो उसकी देखरेख वक्फ बोर्ड करता है। वक्फ बोर्ड इस संपत्ति को शरिया के नियम के मुताबिक इन्वेस्ट करता है। इन्वेस्टमेंट से मिलने वाले रिटर्न को शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा, गरीब कल्याण जैसे जनहित के कामों में खर्च किया जाता है। शिमला के संजौली से सुलगी चिंगारी दरअसल, हिमाचल में बीते 31 अगस्त से मस्जिद मामले में बवाल मचा हुआ है। दो गुटों में लड़ाई के बाद मामला हिंदू-मुस्लिम का हो गया है। प्रदेश में अवैध तौर पर बनी मस्जिदों को तोड़ने के लिए लोग सड़कों पर उतर रहे है। शिमला के संजौली मस्जिद से उठा विवाद पूरे प्रदेश में फैल गया है। इसी मामले में देवभूमि संघर्ष समिति ने 27 अक्टूबर को प्रदेशभर में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। शुरुआत में यह प्रदर्शन मस्जिद गिराने की मांग तक सीमित था, लेकिन बीते चार-पांच दिनों के दौरान वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग तेज होने लगी है। इस बीच पीडब्ल्यूडी मंत्री ने भी इसमें सुधार का सुझाव दिया है। हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद के बीच वक्फ बोर्ड खत्म करने की मांग को लेकर आवाजें उठने लगी है। इस पर बीते रोज सोशल मीडिया में पोस्ट करके प्रतिक्रिया देने वाले PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज मीडिया से बातचीत में कहा, हर संगठन और धार्मिक संस्थाओं में भी समय के हिसाब से बदलाव होना चाहिए। वक्फ बोर्ड में भी बदलाव जरूरी है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि रामपुर के सराहन में मां भीमाकाली मंदिर उनकी निजी संपत्ति थी। मगर उनके पिता वीरभद्र सिंह जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने भीमाकाली मंदिर ट्रस्ट को सरकार के अधीन लाया। इससे नियमित तौर पर सरकारी जमीन और अकाउंट का ऑडिट हो रहा है। पारदर्शिता के बदलाव जरूरी पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है। वक्फ बोर्ड में भी ऐसे बदलाव होना चाहिए। इसी मंशा के साथ उन्होंने वक्फ बोर्ड में तब्दीली व सुधारीकरण की बात कही है। प्रदेश में बीते एक सप्ताह के दौरान मस्जिद विवाद के बाद लोग जगह जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक 27 शहरों में प्रदर्शन हो गए है। हिंदू संगठन कर रहे वक्फ बोर्ड खत्म करने की मांग इस दौरान हिंदू संगठन खुलकर वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग करने लगे हैं। कुछ लोग वक्फ बोर्ड को भू-माफिया तक कह रहे है। इस पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा, प्रदेश में इन दिनों जिस ढंग का माहौल बना हुआ है, हम चाहते हैं कि सब शांति के साथ और आपसी भाईचारा बनाकर रहे। प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना हम सबका दायित्व बनता है। वक्फ बोर्ड कैसे काम करता है? जब कोई व्यक्ति अल्लाह या इस्लाम के नाम कोई संपत्ति या पैसा दान देता है तो उसकी देखरेख वक्फ बोर्ड करता है। वक्फ बोर्ड इस संपत्ति को शरिया के नियम के मुताबिक इन्वेस्ट करता है। इन्वेस्टमेंट से मिलने वाले रिटर्न को शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा, गरीब कल्याण जैसे जनहित के कामों में खर्च किया जाता है। शिमला के संजौली से सुलगी चिंगारी दरअसल, हिमाचल में बीते 31 अगस्त से मस्जिद मामले में बवाल मचा हुआ है। दो गुटों में लड़ाई के बाद मामला हिंदू-मुस्लिम का हो गया है। प्रदेश में अवैध तौर पर बनी मस्जिदों को तोड़ने के लिए लोग सड़कों पर उतर रहे है। शिमला के संजौली मस्जिद से उठा विवाद पूरे प्रदेश में फैल गया है। इसी मामले में देवभूमि संघर्ष समिति ने 27 अक्टूबर को प्रदेशभर में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। शुरुआत में यह प्रदर्शन मस्जिद गिराने की मांग तक सीमित था, लेकिन बीते चार-पांच दिनों के दौरान वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग तेज होने लगी है। इस बीच पीडब्ल्यूडी मंत्री ने भी इसमें सुधार का सुझाव दिया है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर