हिमाचल प्रदेश के रामपुर के समेज हादसे के 21 दिन बाद भी 23 लापता लोगों का सुराग नहीं लग पाया है। समेज के सैलाब में बहे 36 लोगों में से अब तक 13 लोगों के शवों ही पहचान हो पाई है। अब समेज खड्ड में सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया है। यह निर्णय स्थानीय लोगों से मीटिंग के बाद लिया गया। समेज खड्ड से लेकर सुन्नी के कौल डैम में अब तक 19 शव या अंग मिले हैं। ज्यादातर शव क्षत-विक्षत हालत में मिले हैं। इससे इनकी पहचान मुश्किल हो गई है और डीएनए सैंपल से शिनाख्त करनी पड़ रही है। समेज में सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड जवानों ने 18 दिन तक सर्च ऑपरेशन चलाए रखा। मशीनों से 20-20 फीट गहरी खुदाई की गई। मगर यहां ज्यादा कामयाबी नहीं मिली। अब तक ज्यादातर शव सतलुज नदी किनारे और सुन्नी स्थित कौल डैम में बरामद हुए हैं। इसे देखते हुए अब लापता लोगों की तलाश समेज से आगे के 85 किलोमीटर क्षेत्र में सतलुज नदी किनारे सुन्नी तक की जा रही है। SDM बोले- यहां रोका सर्च ऑपरेशन SDM रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि स्थानीय लोगों के कहने पर समेज में सर्च ऑपरेशन रोका गया है। समेज में कई बार जमीन की मशीनों से खुदाई कर दी गई है। उन्होंने बताया, बेशक समेज में सर्च ऑपरेशन रोका गया है, लेकिन सतलुज किनारे सर्च ऑपरेशन जारी है। जिन लोगों के शव व अंग मिलने हैं, उनकी पहचान के लिए डीएएन सैंपल एफएसएल लैब को भेज दिए गए है। 31 जुलाई की रात आया सैलाब बता दें कि बीती 31 जुलाई की रात श्रीखंड में बादल फटने के बाद समेज खड्ड में सैलाब आया। इसकी चपेट में पूरा गांव बह गया और 36 लोग लापता हो गए। तब से समेज में सर्च ऑपरेशन जारी है। इस मानसून ने प्रदेश को कभी न भुला पाने वाले जख्म दिए है। लापता लोगों के परिजनों को अपने के शव भी नसीब नहीं हो पा रहे। जो शव मिले हैं, उनमे ज्यादातर क्षत-विक्षत हालत में मिले है। हिमाचल प्रदेश के रामपुर के समेज हादसे के 21 दिन बाद भी 23 लापता लोगों का सुराग नहीं लग पाया है। समेज के सैलाब में बहे 36 लोगों में से अब तक 13 लोगों के शवों ही पहचान हो पाई है। अब समेज खड्ड में सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया है। यह निर्णय स्थानीय लोगों से मीटिंग के बाद लिया गया। समेज खड्ड से लेकर सुन्नी के कौल डैम में अब तक 19 शव या अंग मिले हैं। ज्यादातर शव क्षत-विक्षत हालत में मिले हैं। इससे इनकी पहचान मुश्किल हो गई है और डीएनए सैंपल से शिनाख्त करनी पड़ रही है। समेज में सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड जवानों ने 18 दिन तक सर्च ऑपरेशन चलाए रखा। मशीनों से 20-20 फीट गहरी खुदाई की गई। मगर यहां ज्यादा कामयाबी नहीं मिली। अब तक ज्यादातर शव सतलुज नदी किनारे और सुन्नी स्थित कौल डैम में बरामद हुए हैं। इसे देखते हुए अब लापता लोगों की तलाश समेज से आगे के 85 किलोमीटर क्षेत्र में सतलुज नदी किनारे सुन्नी तक की जा रही है। SDM बोले- यहां रोका सर्च ऑपरेशन SDM रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि स्थानीय लोगों के कहने पर समेज में सर्च ऑपरेशन रोका गया है। समेज में कई बार जमीन की मशीनों से खुदाई कर दी गई है। उन्होंने बताया, बेशक समेज में सर्च ऑपरेशन रोका गया है, लेकिन सतलुज किनारे सर्च ऑपरेशन जारी है। जिन लोगों के शव व अंग मिलने हैं, उनकी पहचान के लिए डीएएन सैंपल एफएसएल लैब को भेज दिए गए है। 31 जुलाई की रात आया सैलाब बता दें कि बीती 31 जुलाई की रात श्रीखंड में बादल फटने के बाद समेज खड्ड में सैलाब आया। इसकी चपेट में पूरा गांव बह गया और 36 लोग लापता हो गए। तब से समेज में सर्च ऑपरेशन जारी है। इस मानसून ने प्रदेश को कभी न भुला पाने वाले जख्म दिए है। लापता लोगों के परिजनों को अपने के शव भी नसीब नहीं हो पा रहे। जो शव मिले हैं, उनमे ज्यादातर क्षत-विक्षत हालत में मिले है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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पूर्व CM जयराम ने हिमाचल सरकार पर बोला हमला:सरकार के फैसले में अपरिपक्वता, हवा को छोड़ हर जगह लगा दिया टैक्स
पूर्व CM जयराम ने हिमाचल सरकार पर बोला हमला:सरकार के फैसले में अपरिपक्वता, हवा को छोड़ हर जगह लगा दिया टैक्स हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सोमवार को शिमला में प्रदेश की सुक्खू सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हवा को छोड़कर हर चीज पर टैक्स लगा दिया है।
जयराम ठाकुर ने शिमला में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश में सत्ता हासिल करने के लिए चुनाव से पहले प्रदेश वासियों को झूठी गारंटियां दी। आज मुख्यमंत्री ने उन गारंटियों से मुंह मोड़ लिया है। सत्ता में आने के बाद सरकार ने सिर्फ काम बंद करने की स्कीम चलाई हुई है। इसके अलावा जहां टैक्स लगा सकते हैं, वहां टैक्स लगा रहे हैं। टॉयलेट पर भी लगाया टैक्स
हवा को छोड़कर कर हर चीज पर टैक्स लगा दिया है और टॉयलेट पर टैक्स लगाकर देश भर में हिमाचल प्रदेश की जग हँसाई हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे मुद्दों को लेकर हिमाचल प्रदेश की चर्चा हुई है। देश भर में मुद्दा बनने के बाद बैक डेट की चिट्ठी निकालकर सफाई देनी पड़ी कि सरकार इसको नहीं लेगी। लेकिन फैसले से सरकार की मंशा जग जाहिर होती है। वहीं जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार ने कोई टॉयलेट टैक्स नही लगाया था। सरकार ने सिर्फ शिमला में परिपेक्ष्य में वाटर चार्ज को 10% बढ़ाने के लिए अनुमति दी थी लेकिन उसमें भी अंतिम फैसला नगर निगम को करना था उसका भी सरकार के स्तर पर कोई फैसला नही हुआ । कैंसर केयर सेंटर को केंद्र ने दिए 28.45 करोड़
वहीं उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार उन्हीं योजनाओं का शिलान्यास या उद्घाटन कर रही है जो पूर्व सरकार सरकार में शुरू हुई है। सुक्खू सरकार 2 साल में स्कूल का एक कमरा तक नही बना पाई है। ऐसी कोई योजना नही जो कांग्रेस की सत्ता में आने के बाद शुरू हुई हो। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू ने आज IGMC में कैंसर केयर सेंटर का शुभारंभ किया है उसके लिए भी केंद्र से ही 28 करोड़ 45 लाख रु दिए थे। लेकिन सीएम सुक्खू ने आज केंद्र के धन्यवाद के लिए एक भी शब्द नही बोला। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिए हुआ गलत जगह का चयन
जयराम ठाकुर ने कहा कि वो इस बात को मानते है कि शिमला के चमियाना में बने सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिए गलत जगह का चयन हुआ। जल्द बाजी में उस स्थान का चयन हुआ। आवश्यकता अनुसार उस जगह का चयन ठीक नही हुआ था। लेकिन तत्कालीन सरकार द्वारा मंजूरी के बाद वहां भवन बना दिया । उसे फंक्शनल करने के बाद रोकना पड़ा । परंतु वर्तमान सरकार वहां के लिए दो सालों में दो से ढाई किलोमीटर तक सड़क नही बना पाई है । उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 500 डॉक्टरों के पदों को मंजूरी दी जिनमें से 300 पदों पर भर्ती की लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य की सुविधा मिल सकें ।लेकिन वर्तमान सरकार दो सालों में एक भी पद नही भर पाई है । 2 साल बाद भी सरकार के फैसले में अपरिपक्वता
जयराम ठाकुर ने कहा कि 2 साल का कार्यकाल बहुत लंबा होता है। लेकिन दो साल बाद भी सरकार के हर फैसले में अपरिपक्वता का परिचय देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि क्या प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर ऐसे फैसले ले रही है या सीएम सुक्खू अकेले ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिसकी जानकारी मंत्रियों विधायकों को नही है, प्रदेश में सरकार चलाने का यह नया अनुभव है।
कुल्लू भूतनाथ पुल 6 साल में पूरी तरह बहाल नहीं:2018 में दरार पड़ने से किया बंद; 2023 में सिर्फ छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू
कुल्लू भूतनाथ पुल 6 साल में पूरी तरह बहाल नहीं:2018 में दरार पड़ने से किया बंद; 2023 में सिर्फ छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू कुल्लू में बहुचर्चित भूतनाथ पुल खराहल घाटी को जोड़ता है। कुल्लू बस अड्डा से जोड़ने के लिए इस पुल का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया और धूमल सरकार ने निर्माण पूरा कराया। जय राम सरकार के दौरान दिसंबर 2018 में पुल पर दरार पड़ने से असुरक्षित घोषित कर दिया। वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई। इसके बाद मिशन चंद्रमा भी पूर्ण हो गया। लेकिन इस पुल की मरम्मत नहीं हो सकी। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने पुल के मुद्दे को जनता के बीच जमकर भुनाया। सत्ता में आने पर पुल के पास गेट भी बनाया और मरम्मत भी 2023 में पूर्ण की। लेकिन अब तक छोटे वाहन ही इस पुल से गुजरते हैं। बड़े वाहनों के लिए यह पुल 6 सालों से बहाल नहीं हो सका। 10 करोड़ की लागत से हुआ पुल का निर्माण कुल्लू जिले में ब्यास नदी पर 10 करोड़ रुपए की लागत से पुल का निर्माण किया है। पुल के झुके स्थान पर पिलर लगाकर मरम्मत का कार्य किया गया। इससे पहले पुल के साथ पुराना पुल खराहल को जोड़ता था। 96 मीटर लंबा डबल लेन नया भूतनाथ पुल बीच में झुक गया था। झुकी हुई जगह पर पिलर देकर ही इसकी मरम्मत की। फ्रांस की फ्रेशनेट मिनाट कंपनी ने यह हल निकाला था। 2.68 करोड़ रुपए से हुई मरम्मत डबल लेन भूतनाथ पुल की 2.68 करोड़ रुपए से मरम्मत कार्य फ्रांस की फ्रेशनेट मिनाट इंडिया इंटरनेशनल कंपनी ने की। मरम्मत के बाद इस पुल पर छोटे वाहन ही चल सके। बड़े वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। बाहर से वॉल्वो बसें गुजरने से यात्रियों को परेशानी पुल पर बड़े वाहनों की आवाजाही बन्द होने और आखाड़ा बाज़ार सड़क वन वे करने से मनाली चलने बाली वॉल्वो बसें लेफ्ट बैंक सड़क मार्ग से गुजरती हैं। यात्रियों को शनि मंदिर के पास अंधेरे में इंतजार करने से परेशानी झेलनी पड़ती है।
हमीरपुर में करंट लगने से बच्चे की मौत:घर में कपड़ों पर कर रहा था प्रेस, अचानक आया करंट, 8वीं का था छात्र
हमीरपुर में करंट लगने से बच्चे की मौत:घर में कपड़ों पर कर रहा था प्रेस, अचानक आया करंट, 8वीं का था छात्र हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक नाबालिग युवक की करंट लगने से मौत हो गई है। हादसा सुजानपुर की पंचायत जोल पलाही में हुआ है। जानकारी के मुताबिक करंट लगने पर बच्चे को सिविल हॉस्पिटल सुजानपुर लगाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। बच्चा घर में विद्युत प्रेस कर रहा था। पुलिस के मुताबिक ऋतिक निवासी जोल पलाही की उम्र 14 वर्ष थी। वह आठ वीं कक्षा में पढ़ाई करता था। कपड़ों को प्रेस कर रहा था बच्चा नाबालिग ने पिता महिन्द्र कुमार ने बताया कि उसका छोटा बेटा ऋतिक बुधवार को घर पर कमरे में विद्युत प्रेस लगाकर कपड़ों को प्रेस कर रहा था। इसी दौरान करंट आ गया। ऋतिक को तुरंत सुजानपुर अस्पताल पहुंचाया गया जहां पर उसने दम तोड़ दिया। ऋतिक के पिता महेंद्र कुमार मिस्त्री का कार्य करता है। घटना के समय पर मृतक का पिता घर के बाहर काम कर रहा था। जबकि माता और बड़ी बहन घर में काम कर रही थी। महेंद्र सिंह के दो बच्चे है जिसमें ऋतिक छोटा था।