हिमाचल प्रदेश के 2 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को आज सैलरी मिलेगी। 1.50 लाख पेंशनर को पेंशन के लिए 10 तारीख का इंतजार करना होगा। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कर्मचारियों और पेंशनर को पहली तारीख को सैलरी-पेंशन नहीं मिल पाई। राज्य सरकार ने आर्थिक संकट के कारण देरी से सैलरी-पेंशन देने का निर्णय लिया है। इससे सरकार की किरकिरी हुई है। मगर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा, यह निर्णय अनावश्यक ऋण पर खर्च होने वाले ब्याज से बचने के लिए लिया गया है। इससे सालाना 36 करोड़ रुपए की बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, भारत सरकार से हमे 6 तारीख को रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) में 520 करोड़ रुपए और 10 तारीख को केंद्र से सेंट्रल शेयर टैक्स में 740 करोड़ रुपए मिलते है। इससे हमें 5 दिन के लिए ऋण लेना पड़ता है। इसका ब्याज चुकाने पर हर महीने 3 करोड़ रुपए खर्च हो रहे है। आर्थिक सुधार को सख्त फैसले जरूरी: CM इसकी बचत के लिए सरकार ने क्रमशः 5 व 10 सितंबर को सैलरी-वेतन देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार को कुछ कड़े फैसले लेने पड़ रहे है। इसमें जनता का सहयोग जरूरी है। फाइनेंशियल डिसिप्लेन के लिए इस तरह के निर्णय जरूरी है। हर महीने 2000 करोड़ सैलरी-पेंशन का खर्च प्रदेश में कर्मचारियों की सैलरी पर हर महीने 1200 करोड़ रुपए और पेंशन पर 800 करोड़ खर्च होता है। कुल मिलाकर 2000 करोड़ रुपए कर्मचारी-पेंशनर को हर महीने दिए जाते है। प्रदेश सरकार पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की कर्मचारियों की देनदारी बकाया है। वहीं केंद्र से मिलने वाली रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट में कटौती हो रही है। केंद्र ने राज्य की कर्ज लेने की सीमा भी घटा दी है। जीएसटी कंपनसेशन भी बंद हो गया है। इससे सरकार मुश्किल में है। हिमाचल प्रदेश के 2 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को आज सैलरी मिलेगी। 1.50 लाख पेंशनर को पेंशन के लिए 10 तारीख का इंतजार करना होगा। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कर्मचारियों और पेंशनर को पहली तारीख को सैलरी-पेंशन नहीं मिल पाई। राज्य सरकार ने आर्थिक संकट के कारण देरी से सैलरी-पेंशन देने का निर्णय लिया है। इससे सरकार की किरकिरी हुई है। मगर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा, यह निर्णय अनावश्यक ऋण पर खर्च होने वाले ब्याज से बचने के लिए लिया गया है। इससे सालाना 36 करोड़ रुपए की बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, भारत सरकार से हमे 6 तारीख को रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) में 520 करोड़ रुपए और 10 तारीख को केंद्र से सेंट्रल शेयर टैक्स में 740 करोड़ रुपए मिलते है। इससे हमें 5 दिन के लिए ऋण लेना पड़ता है। इसका ब्याज चुकाने पर हर महीने 3 करोड़ रुपए खर्च हो रहे है। आर्थिक सुधार को सख्त फैसले जरूरी: CM इसकी बचत के लिए सरकार ने क्रमशः 5 व 10 सितंबर को सैलरी-वेतन देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार को कुछ कड़े फैसले लेने पड़ रहे है। इसमें जनता का सहयोग जरूरी है। फाइनेंशियल डिसिप्लेन के लिए इस तरह के निर्णय जरूरी है। हर महीने 2000 करोड़ सैलरी-पेंशन का खर्च प्रदेश में कर्मचारियों की सैलरी पर हर महीने 1200 करोड़ रुपए और पेंशन पर 800 करोड़ खर्च होता है। कुल मिलाकर 2000 करोड़ रुपए कर्मचारी-पेंशनर को हर महीने दिए जाते है। प्रदेश सरकार पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की कर्मचारियों की देनदारी बकाया है। वहीं केंद्र से मिलने वाली रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट में कटौती हो रही है। केंद्र ने राज्य की कर्ज लेने की सीमा भी घटा दी है। जीएसटी कंपनसेशन भी बंद हो गया है। इससे सरकार मुश्किल में है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में भारी बारिश से 126 करोड़ की संपत्ति नष्ट:270 लोगों की मौत; आज-कल खिलेगी धूप, परसो से 48 घंटे फिर बारिश की चेतावनी हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन में 126 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति नष्ट हो चुकी है। अकेले लोक निर्माण विभाग की 58 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान हो चुका है। भारी बारिश के कारण 175 मकान जमींदोज हुए है, जबकि 475 मकान को आंशिक क्षति हुई है। इस मानसून सीजन में 270 लोगों की जान चुकी है। इनमें ज्यादातर की मौत सड़क हादसों में हुई है। 6 लोगों की जान लैंडस्लाइड, 8 की मौत बाढ़, 23 की बादल फटने, 26 की पानी में डूबने, 1 की आसमानी बिजली, 24 की सांप के काटने, 15 की करंट लगने, 38 की पेड़ व ढांक से गिरने तथा 9 की अन्य कारणों से मौत हुई है। 120 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। 2 दिन कमजोर रहेगा मानसून प्रदेश में आज और कल 2 दिन तक मानसून कमजोर रहेगा। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, प्रदेश के ज्यादातर भागों में आज धूप खिलेगी। मगर परसो यानी 2 अगस्त को मानसून 48 घंटे के लिए फिर से एक्टिव होगा। इससे पहाड़ों पर 2 दिन तक बारिश के आसार है। मानसून सीजन में 23% कम बारिश प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान 1 जून से 30 अगस्त तक सामान्य से 23 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 608.7 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 467.9 मिलीमीटर बादल बरसे है। प्रदेश के 12 जिलों में इकलौते शिमला जिला में ही सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। अन्य सभी जिलों में सामान्य से काफी कम बरसात हुई है। लाहौल स्पीति जिला में औसत से 76 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। अगस्त महीने में बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिला में जरूर अच्छी बारिश हुई है।
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी को मिलेगा VC:राज्यपाल ने गठित की कमेटी, 2 साल 7 महीनों से बिना स्थायी उपकुलपति के चल रहा HPU
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी को मिलेगा VC:राज्यपाल ने गठित की कमेटी, 2 साल 7 महीनों से बिना स्थायी उपकुलपति के चल रहा HPU हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने शनिवार देर शाम एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) में उप कुलपति (VC) की नियुक्ति के लिए एक पैनल की सिफारिश करेगी। सीएम सूक्खु के प्रधान सलाहकार सेवानिवृत्त IAS राम सुभाग सिंह सिंह इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे। राज्यपाल ने इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी है। राज्यपाल व HPU के कुलाधिपति कार्यालय से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, सीएम सूक्खु के प्रधान सलाहकार पूर्व IAS राम सुभाग सिंह इसके अध्यक्ष व राज्यपाल के सचिव चन्द्र प्रकाश शर्मा इसके सचिव होंगे। इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह व प्रो. सुरेंद्र कुमार दुबे जो पूर्व में उप कुलपति रह चुके है वो इसमें कमेटी के सदस्य होंगे । 22 अक्टूबर को होगी कमेटी की पहली बैठक राज्यपाल द्वारा गठित कमेटी की पहली बैठक 22 अक्टूबर को सुबह 10 बजे चंडीगढ़ स्थित हिमाचल भवन में होगी। कमेटी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के लिए वीसी के लिए आए आवेदनों में से एक पैनल की सिफारिश राज्यपाल व प्रदेश सरकार को करेगी। मार्च 2022 से बिना स्थायी वीसी के चल रहा HPU बता दें कि, पूर्व वीसी सिकंदर कुमार द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय बिना वीसी के ही चल रहा है। करीब दो साल 7 महीनों से HPU के पास स्थायी वीसी नहीं है। CU के वीसी प्रोफेसर बंसल HPU का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे हैं। पूर्व में HPU के वीसी रहे डॉ. सिंकदर कुमार वर्तमान समय राज्यसभा सांसद हैं। HPU में VC बनने के लिए आए थे 90 आवेदन बता दें कि, HPU में VC की नियुक्ति को लेकर पहले भी सर्च कमेटी बनाई गई थी। जिसने 31 दिसंबर 2023 तक वीसी की नियुक्ति को लेकर गठित आवेदन आमंत्रित किए थे। जिसमें उनके पास करीब 90 आवेदन आए थे, जिनमें से सर्च कमेटी ने 22 नाम शार्टलिस्ट किए गए। लेकिन उसके बाद बात आगे नहीं बढ़ पाई। राज्यपाल ने एक बार फिर कमेटी गठित की है जो HPU में वीसी की नियुक्ति के लिए एक पैनल की सिफारिश करेगी। वीसी की नियुक्ति पर अंतिम फैसला विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होने के नाते राज्यपाल करेंगे, लेकिन कमेटी के गठन व उसकी बैठक को समयबद्ध सूचित करने से एक बार फिर उम्मीद जगी है कि आखिरकार पौने तीन साल बाद हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय को स्थायी कुलपति मिल जाएगा। सरकार की सलाह से हो वीसी की नियुक्ति बता दें कि HPU के अलावा कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और बागवानी विवि में वीसी की नियुक्ति को लेकर राजभवन व सरकार में गतिरोध देखने को मिल रहा है। सरकार ने बीते 5 सितंबर को मानसून सत्र में कृषि विवि पालमपुर और बागवानी विवि नौणी में कुलपति की नियुक्ति सरकार की सलाह और सहायता से ही करने का विधेयक विधानसभा के मानसून सत्र में पारित किया गया। इस विषय मे जब राज्यपाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी उनके पास विधेयक उनके पास नहीं आया है, जब आएगा तो देखा जाएगा।
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