हिमाचल प्रदेश के तीन नवनिर्वाचित विधायक आज शपथ लेंगे। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया इन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। शपथ लेने वालों में कांगड़ा जिले की देहरा विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर, नालागढ़ से बावा हरदीप सिंह और हमीरपुर से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक आशीष शर्मा शामिल है। इनकी शपथ के बाद हिमाचल विधानसभा में आज विधायकों की संख्या लगभग साढ़े चार महीने बाद 68 हो जाएगी। राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के छह विधायकों के अयोग्य घोषित ठहराए जाने के बाद इनकी संख्या 62 रह गई थी। छह सीटों पर बीते एक जून को वोटिंग हुई और तीन जून को इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय का रिजाइन स्पीकर ने स्वीकार किया। इससे विधायकों की संख्या 59 रह गई। मगर 4 जून को छह सीटों पर उप चुनाव के नतीजे आ गए। तब विधायकों की संख्या 65 हो गई। आज की तीन नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ के बाद 68 हो जाएगी। इनके शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहेंगे। 9399 मतों से जीती कमलेश ठाकुर कमलेश ठाकुर ने 9399 मतों के अंतर से चुनाव जीता, जबकि हरदीप बावा 8990 और आशीष शर्मा 1571 मतों से जीते। अब 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 हो जाएगी और भाजपा के 28 विधायक हो जाएंगे। इनमें आशीष कुमार दूसरी बार विधायक चुने गए है, जबकि कमलेश ठाकुर और बावा हरदीप पहली बार चुनाव जीते हैं। हिमाचल प्रदेश के तीन नवनिर्वाचित विधायक आज शपथ लेंगे। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया इन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। शपथ लेने वालों में कांगड़ा जिले की देहरा विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर, नालागढ़ से बावा हरदीप सिंह और हमीरपुर से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक आशीष शर्मा शामिल है। इनकी शपथ के बाद हिमाचल विधानसभा में आज विधायकों की संख्या लगभग साढ़े चार महीने बाद 68 हो जाएगी। राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के छह विधायकों के अयोग्य घोषित ठहराए जाने के बाद इनकी संख्या 62 रह गई थी। छह सीटों पर बीते एक जून को वोटिंग हुई और तीन जून को इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय का रिजाइन स्पीकर ने स्वीकार किया। इससे विधायकों की संख्या 59 रह गई। मगर 4 जून को छह सीटों पर उप चुनाव के नतीजे आ गए। तब विधायकों की संख्या 65 हो गई। आज की तीन नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ के बाद 68 हो जाएगी। इनके शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहेंगे। 9399 मतों से जीती कमलेश ठाकुर कमलेश ठाकुर ने 9399 मतों के अंतर से चुनाव जीता, जबकि हरदीप बावा 8990 और आशीष शर्मा 1571 मतों से जीते। अब 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 हो जाएगी और भाजपा के 28 विधायक हो जाएंगे। इनमें आशीष कुमार दूसरी बार विधायक चुने गए है, जबकि कमलेश ठाकुर और बावा हरदीप पहली बार चुनाव जीते हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस राजीव शकधर होंगे:सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने की सिफारिश; न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव झारखंड के मुख्य न्यायाधीश बने
हिमाचल हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस राजीव शकधर होंगे:सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने की सिफारिश; न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव झारखंड के मुख्य न्यायाधीश बने दिल्ली हाईकोर्ट से वरिष्ठ जज जस्टिस राजीव शकधर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस होंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने राजीव शकधर को हिमाचल का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है। वह, न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव की जगह लेंगे। जस्टिस रामचंद्र राव को हिमाचल से झारखंड हाईकोर्ट ट्रांसफर किया गया है। मई 2023 में हिमाचल के चीफ जस्टिस बने एमएस रामचंद्र राव अब झारखंड हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हिमाचल सहित 7 हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की सिफारिश की है। 2008 में अतिरिक्त न्यायाधीश बने राजीव शकधर को 11 अप्रैल, 2008 को दिल्ली हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था। 17 अक्टूबर, 2011 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में उनकी पुष्टि की गई। उन्हें 2016 में मद्रास हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया, जहां उन्होंने 11 अप्रैल, 2016 से सेवा की, उसके बाद 15 जनवरी, 2018 को उन्हें वापस अपने दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित किया गया। अब जानते हैं कौन है जस्टिस शकधर… जस्टिस राजीव शकधर ने बीकॉम (ऑनर्स), सीए, एलएलबी की पढ़ाई कर रखी है। उन्होंने दिल्ली के सेंट कोलंबा स्कूल से शिक्षा पूरी की। 1984 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बी-कॉम (ऑनर्स) में स्नातक किया। 1987 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। 19 नवंबर, 1987 को वकील के रूप में नामित हुए। 1987 में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से चार्टर्ड अकाउंटेंसी पूरी की। अप्रत्यक्ष करों के साथ-साथ विदेशी मुद्रा और सेवा कानून के विशेषज्ञ 29 जनवरी, 1988 को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के एसोसिएट सदस्य के रूप में भर्ती हुए। 1994 में यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस लीगल स्टडीज से लॉ का एडवांस कोर्स किया। उन्होंने वकील के तौर पर सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और देश के अन्य हाईकोर्ट में प्रेक्टिस की। वह अप्रत्यक्ष करों के साथ-साथ विदेशी मुद्रा और सेवा कानून जैसे संबद्ध विषयों के विशेषज्ञ हैं। अब वह हिमाचल हाईकोर्ट में सेवाएं देंगे।
हिमाचल में वोकेश्नल-टीचर को नौकरी से निकालने की धमकियां:आज वार्ता को नहीं बुलाया तो जारी रहेगी हड़ताल, सचिवालय के लिए कूच की तैयारी
हिमाचल में वोकेश्नल-टीचर को नौकरी से निकालने की धमकियां:आज वार्ता को नहीं बुलाया तो जारी रहेगी हड़ताल, सचिवालय के लिए कूच की तैयारी हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वोकेश्नल सब्जेक्ट पढ़ा रहे टीचरों को नौकरी से निकालने की धमकियां मिल रही है। वोकेश्नल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने बताया कि सेवा प्रदाता कंपनियां टीचरों पर दबाव डाल रही है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं का जाती तो वोकेश्नल टीचर अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। बता दें कि 1100 से ज्यादा सरकारी स्कूलों के 2174 वोकेश्नल टीचर शिमला के चौड़ा मैदान में 2 दिन से हड़ताल पर बैठे हैं। वोकेश्नल टीचर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर करने, हरियाणा की तर्ज पर शिक्षा विभाग के अधीन करने और समय पर सैलरी देने की मांग कर रहे है। इसी तरह वोकेश्नल टीचर दिवाली पर बढ़े हुए वेतन का एरियर नहीं मिलने से भी नाखुश है। इससे नाराज होकर वोकेश्नल टीचरों ने शिमला में हड़ताल पर बैठे हैं। वार्ता को नहीं बुलाया तो जारी रहेगा आंदोलन: अश्वनी अश्वनी कुमार ने बताया कि यदि राज्य सरकार आज उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाती है तो शिक्षक हड़ताल पर डटे रहेंगे। उन्होंने बताया कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वोकेश्नल टीचर चौड़ा मैदान से सचिवालय के लिए भी कूच कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वोकेश्नल टीचर हरियाणा की तर्ज पर उन्हें शिक्षा विभाग के अधीन लाने की मांग कर रहे हैं। अभी उनकी सेवाएं कंपनियों के माध्यम से ली जा रही है, जो कि मोटी रकम कमीशन के तौर पर लेती है। टीचरों का आरोप है कि कंपनियां उनका शोषण कर रही है। शिक्षा विभाग के आदेशों के बावजूद एरियर नहीं दिया अध्यक्ष अश्वनी ने बताया कि अधिकांश कंपनियों ने दिवाली पर भी उनका एरियर नहीं दिया, जबकि शिक्षा निदेशक ने 5 अक्टूबर को एक ऑर्डर जारी किए थे। जिसमें कहा गया कि 20 अक्टूबर तक सभी वोकेश्नल टीचर को सैलरी का एरियर एकमुश्त दिया जाए। उन्होंने बताया कि कुछ कंपनियों ने एक-दो महीने का एरियर दिया है, जबकि शिक्षा निदेशक के ऑर्डर के मुताबिक 6 माह के एरियर का भुगतान एकमुश्त होना था। सैलरी भी 28 अक्टूबर को नहीं दी गई राज्य सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को दिवाली को देखते हुए 28 अक्टूबर को सैलरी का भुगतान किया है। मगर वोकेश्नल टीचर को अब तक अक्टूबर की सैलरी नहीं मिल पाई। 1100 स्कूलों में वोकेश्नल सब्जेक्ट प्रदेश के सरकारी हाई और सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेश्नल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों में 80 हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक-दो नहीं बल्कि पूरी 17 कंपनियां पंजीकृत कर रखी है। दक्ष कामगार तैयार करने को वोकेश्नल पाठयक्रम सरकारी स्कूलों में वोकेश्नल टीचर केंद्र सरकार की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत रखे गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है। सरकार ने इस साल इनका मानदेय अप्रैल माह में बढ़ा दिया था। इसका भुगतान अब तक नहीं हो पाया था। इसे देखते हुए शिक्षा निदेशक ने 20 अक्टूबर तक कंपनियों को बढ़े हुए वेतन का एरियर देने के आदेश जारी किए थे। कई सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने विभाग के आदेशों की भी परवाह नहीं की और टीचरों को दिवाली पर भी एरियर नहीं दिया गया।
कोलकाता रेप केस के विरोध में डॉक्टर हड़ताल पर:रामपुर के खनेरी अस्पताल में ओपीडी बंद; 4 जिलों के मरीज परेशान
कोलकाता रेप केस के विरोध में डॉक्टर हड़ताल पर:रामपुर के खनेरी अस्पताल में ओपीडी बंद; 4 जिलों के मरीज परेशान रामपुर के खनेरी अस्पताल में डॉक्टरों की कोलकाता केस के विरोध में हड़ताल जारी है। हड़ताल से अस्पताल में स्वस्थ सुविधा चरमरा गई। यहां रोज 4 जिलों के मरीज पहुंचते है। अस्पताल की ओपीडी बंद होने के कारण मरीजों को डॉक्टर न मिलने से मायूसी हाथ लग रही हैं। मरीज इमरजेंसी सेवाओं में अपनी जांच करवा रहे हैं, लेकिन यहां भी लंबी कतारें लगी हुई हैं, जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर हिमाचल प्रदेश के डॉक्टर भी ओपीडी का बहिष्कार कर रहे हैं। प्रदेश के किन्नौर, शिमला, कुल्लू और मंडी के हजारों लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले महात्मा गांधी खनेरी अस्पताल में भी डॉक्टर बीते शनिवार से ओपीडी में नहीं बैठ रहे और हड़ताल कर रुख अपनाए हुए हैं। रोजाना करीब 1100 की ओपीडी वाले इस अस्पताल में दुर्गम क्षेत्रों से बेहतर उपचार की आस लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल के कारण उनकी सही तरीके से जांच नहीं हो पा रही। खनेरी अस्पताल के डॉक्टर एसोसिएशन की अध्यक्ष सुचिता पालमो ने बताया कि ऑल इंडिया डॉक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर यह हड़ताल की जा रही है।