शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:हरियाणा सरकार ने पक्ष रखने के लिए मांगा समय; 24 तक सुनवाई टली

शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:हरियाणा सरकार ने पक्ष रखने के लिए मांगा समय; 24 तक सुनवाई टली

हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के शंभू बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में सरकार ने अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा है। इसके बाद अदालत ने 24 तारीख तक सुनवाई स्थगित कर दी है। 10 जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के भीतर बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने को कहा था, ताकि लोगों को आने-जाने में कोई परेशानी न हो। हाईकोर्ट ने यह आदेश एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया था। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को हरियाणा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा कि हरियाणा सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए था, क्योंकि शंभू बॉर्डर बंद होने से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बॉर्डर बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट लगा चुकी फटकार
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उजाल भुइयां की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी बॉर्डर बंद करने पर हरियाणा सरकार को फटकार लगा चुका है। वासु रंजन ने कहा कि बहस के दौरान वह राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने वालों के खिलाफ सख्त दिशा-निर्देशों की भी मांग करेंगे। कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार द्वारा चुनौती दिए गए हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगाएगा और शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश देगा। फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से संघर्ष पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। किसान आंदोलन का अब तक का घटनाक्रम हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के शंभू बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में सरकार ने अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा है। इसके बाद अदालत ने 24 तारीख तक सुनवाई स्थगित कर दी है। 10 जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के भीतर बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने को कहा था, ताकि लोगों को आने-जाने में कोई परेशानी न हो। हाईकोर्ट ने यह आदेश एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया था। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को हरियाणा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा कि हरियाणा सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए था, क्योंकि शंभू बॉर्डर बंद होने से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बॉर्डर बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट लगा चुकी फटकार
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उजाल भुइयां की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी बॉर्डर बंद करने पर हरियाणा सरकार को फटकार लगा चुका है। वासु रंजन ने कहा कि बहस के दौरान वह राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने वालों के खिलाफ सख्त दिशा-निर्देशों की भी मांग करेंगे। कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार द्वारा चुनौती दिए गए हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगाएगा और शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश देगा। फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से संघर्ष पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। किसान आंदोलन का अब तक का घटनाक्रम   हरियाणा | दैनिक भास्कर