सिरमौर के पांवटा साहिब में स्थित सैनिक विश्राम गृह को बंद करने पर पूर्व सैनिकों ने विरोध किया। इस मामले को लेकर भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा और शिलाई ने रविवार को बैठक की। सैनिक कल्याण बोर्ड नाहन ने सैनिक विश्राम गृह पांवटा में अचानक शनिवार को बिना कोई कारण बताए ताले लगाने का विरोध किया। भूतपूर्व सैनिक के संगठन के अध्यक्ष सूबेदार मेजर करनैल सिंह और पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हम सैनिक कल्याण बोर्ड के इस फैसले का विरोध करते हैं। सरकार के समक्ष अपनी मांग रखना चाहते हैं कि इस सैनिक विश्रामगृह को फिर से चलाया जाए। क्योंकि यह एक सैनिक के वेलफेयर के लिए हैं। आज भूतपूर्व सैनिक संगठन से और शहीदों से और सैनिकों से सैनिक विश्राम के नाम से उनके सर से छत भी उठा ली गई है। अगर प्रशासन और सरकार विश्राम गृह को नहीं खोला तो मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। इस बैठक में एसपी खेड़ा भूतपूर्व सैनिक संगठन संरक्षक सूबेदार मेजर करनैल सिंह, अध्यक्ष उपाध्यक्ष नरेंद्र टुंडू, कोषाध्यक्ष तरुण, पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष स्वरंजित सिंह सैनिकों ने भाग लिया। सिरमौर के पांवटा साहिब में स्थित सैनिक विश्राम गृह को बंद करने पर पूर्व सैनिकों ने विरोध किया। इस मामले को लेकर भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा और शिलाई ने रविवार को बैठक की। सैनिक कल्याण बोर्ड नाहन ने सैनिक विश्राम गृह पांवटा में अचानक शनिवार को बिना कोई कारण बताए ताले लगाने का विरोध किया। भूतपूर्व सैनिक के संगठन के अध्यक्ष सूबेदार मेजर करनैल सिंह और पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हम सैनिक कल्याण बोर्ड के इस फैसले का विरोध करते हैं। सरकार के समक्ष अपनी मांग रखना चाहते हैं कि इस सैनिक विश्रामगृह को फिर से चलाया जाए। क्योंकि यह एक सैनिक के वेलफेयर के लिए हैं। आज भूतपूर्व सैनिक संगठन से और शहीदों से और सैनिकों से सैनिक विश्राम के नाम से उनके सर से छत भी उठा ली गई है। अगर प्रशासन और सरकार विश्राम गृह को नहीं खोला तो मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। इस बैठक में एसपी खेड़ा भूतपूर्व सैनिक संगठन संरक्षक सूबेदार मेजर करनैल सिंह, अध्यक्ष उपाध्यक्ष नरेंद्र टुंडू, कोषाध्यक्ष तरुण, पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष स्वरंजित सिंह सैनिकों ने भाग लिया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मंत्री पर CPS पर जुबानी हमला:चौधरी बोले-पुलिस कर्मियों की फ्री-यात्रा पर वक्तव्य करेक्ट करें मंत्री, दोनों में पहले भी खटपट हो चुकी
हिमाचल में मंत्री पर CPS पर जुबानी हमला:चौधरी बोले-पुलिस कर्मियों की फ्री-यात्रा पर वक्तव्य करेक्ट करें मंत्री, दोनों में पहले भी खटपट हो चुकी हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार में मंत्री हर्ष वर्धन चौहान पर मुख्य संसदीय सचिव (CPS) राम कुमार ने फिर से जुबानी हमला बोला है। राम कुमार चौधरी ने कहा, वरिष्ठ मंत्री अपना वो वक्तव्य करेक्ट करें, जिसमें उन्होंने कहा था कि HRTC बसों में पुलिस कर्मियों की मुफ्त यात्रा बंद होगी। राम कुमार चौधरी ने कहा, मंत्री का यह कहना गलत है, क्योंकि प्रत्येक पुलिस कर्मी की सैलरी से प्रतिमाह 130 रुपए कटते है और लगभग 23.50 लाख पुलिस कर्मियों की सैलरी से HRTC को जाता था। इसलिए मुफ्त यात्रा कहना गलत है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के चंद दिनों के बाद भी दोनों में खटपट देखने को मिली थी। अब पुलिस कर्मियों की फ्री यात्रा को लेकर CPS ने अपनी ही सरकार के मंत्री पर निशाना साधा है। इस पर मंत्री के रिएक्शन का इंतजार है। कैबिनेट के निर्णय की ब्रीफिंग में बोले थे मंत्री हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग सीएम सुखविंदर सुक्खू की अध्यक्षता में बीते वीरवार को हुई। इसमें HRTC बसों में पुलिस कर्मियों की नॉन ऑफिशियल टूअर के दौरान मुफ्त यात्रा बंद करने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट के निर्णय की मीटिंग के बाद उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने मीडिया से ब्रीफिंग की। इस दौरान उन्होंने पुलिस कर्मियों की मुफ्त यात्रा बंद करने की बात कही थी। इस पर दून से विधायक एवं सीपीएस राम कुमार चौधरी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कैमरे के सामने आकर बयान जारी किया कि प्रदेश में 18 हजार पुलिस कर्मी है। सभी का सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की एवज में पैसा कटता है। इसे देखते हुए पूर्व में सरकार ने यह फैसला लिया होगा। पहले भी दोनों में हुई थी खटपट हो चुकी प्रदेश में जब कांग्रेस सरकार बनी थी, तो उस दौरान भी सीपीएस का कार्यभार संभालने के हफ्तेभर के भीतर राम कुमार चौधरी और हर्ष वर्धन चौहान में विवाद शुरू हो गया था। उस दौरान भी उद्योग विभाग के सीपीएस राम कुमार चौधरी ने नालागढ़ में मीडिया से बातचीत में कहा था कि सरकार इंडस्ट्री क्षेत्र में एक पॉलिसी लाने जा रही है। इस पॉलिसी के तहत सभी उद्योगों में भर्ती रोजगार कार्यालय के तहत होगी। इसमें हिमाचल के लोगों के लिए 80 फीसदी रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा। इस पर उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा था कि सरकार इस तरह की किसी भी योजना पर विचार नहीं कर रही। निजी फैक्ट्रियों में रोजगार देना सीधे तौर पर कंपनी के हाथ में है। इसमें हिमाचल सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर सरकार कोई विचार भी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि वो नहीं जानते कि मुख्य संसदीय सचिव ने किस परिप्रेक्ष्य में यह बयान दिया, लेकिन उन्हें ये विभाग चलाना है और सरकार का ऐसा कोई विचार नहीं है।
हिमाचल सरकार ने गुरमीत कौर को बनाया विशेष सचिव:मुख्य सचिव ने जारी की अधिसूचना, प्रदेश में कई पदों पर दे चुकी हैं सेवाएं
हिमाचल सरकार ने गुरमीत कौर को बनाया विशेष सचिव:मुख्य सचिव ने जारी की अधिसूचना, प्रदेश में कई पदों पर दे चुकी हैं सेवाएं हिमाचल प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय (बलात्कार एवं पोक्सो) गुरमीत कौर को विशेष सचिव (विधि) के पद पर नियुक्ति किया है।
बुधवार को मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना के कार्यालय से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार नव नियुक्त विशेष सचिव (विधि) हिमाचल प्रदेश सचिवालय शिमला में कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा के अधिकारियों को स्वीकार्य सभी भत्ते / सुविधाएं और लाभ या राज्य सरकार के अधीन कार्यरत अधिकारियों को स्वीकार्य लाभ चुन सकती हैं। न्यायिक सेवाओं में है लम्बा अनुभव
सूचना के अनुसार नव नियुक्त विशेष सचिव विधि गुरमीत कौर ने 2005 में न्यायिक सेवाओं में सफर की शुरुआत मंडी में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) मंडी से हुई। उसके बाद इन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी। मई 2024 से वह AD SJ FTSC के पद पर सेवाएं दे रही थी। प्रदेश सरकार ने उन्हें अब विशेष सचिव विधि विभाग लगा दिया है। बुधवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे देश-दुनिया से हिमाचल प्रदेश पहुंचने वाले पर्यटक अब नजदीक से प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकेंगे। राज्य सरकार जल्द 6 इको-टूरिज्म साइट आवंटित करने जा रही है। वन विभाग ने इसके लिए 12 नवंबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें साइट के आवंटन का फैसला होगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा साथ लगते राज्य हरियाणा और पंजाब होगा। दरअसल, वन विभाग ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर कुल्लू की केसधार, कसौल, खीरगंगा, सुमारोपा, बिंद्रवणी और कांगड़ा जिले में बीड़ बिलिंग साइट के लिए एप्लीकेशन इनवाइट किए हैं। इन 6 जगहों पर 16 बिडर ने इको-टूरिज्म यूनिट खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। जंगलों में पक्का स्ट्रक्चर बनाने की इजाजत नहीं होगी
इन साइट का एरिया एक हैक्टेयर या इससे कम होगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्त के अनुसार, प्रकृति से छेड़छाड़ की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा। इन साइट को 10 साल के लिए दिया जा रहा है। शहरों की चकाचौंध से दूर भाग रहे पर्यटक
पिछले एक दशक के दौरान पर्यटक सुकून की तलाश में शहरों की चकाचौंध से दूर भागने लगा है। वह प्रकृति की खूबसूरती निहारना चाहता है। इसी उम्मीद के साथ पर्यटक पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में इन साइट के बनने के बाद पर्यटक सीधे हरे भरे जंगलों, झर-झर बहते झरनों, ऊंचे पहाड़ों और बहती नदियों के किनारे पहुंच सकेंगे। इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही सरकार
इसे देखते हुए राज्य सरकार पर्यटन के नए कॉन्सेप्ट इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रही है। प्रकृति की गोद में बनी प्रस्तावित साइटों पर टूरिस्ट ट्रैकिंग का भी आनंद उठा सकेंगे। इन साइटों के लिए बीते फरवरी माह में भी टेंडर निकाले गए थे, लेकिन तब इन साइटों के लिए आवेदन नहीं मिल पाए। हालांकि, शिमला की पोटरहिल और शोघी साइट मार्च में ही अलॉट कर दी गई थी। फर्म को खुद तैयार करना होगा इन्फ्रास्ट्रक्चर
संबंधित फर्म को साइट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खुद फॉरेस्ट-लॉ का पालन करते हुए तैयार करना होगा। वन और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने की किसी को भी इजाजत नहीं होगी, क्योंकि हिमाचल में 2020-21 में वन संपदा को नुकसान पहुंचाने और बिना FCA के आरोपों की वजह से पूर्व में चल रही 11 इको-टूरिज्म साइट का ऑपरेशन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बंद कर चुका है। FCA में मिली छूट
राहत की बात यह है कि केंद्रीय वन मंत्रालय ने FCA के बगैर इको-टूरिज्म एक्टिविटी शुरू करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन वन संपदा को नुकसान पहुंचाने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद फॉरेस्ट डिवीजन धर्मशाला के अंतर्गत सवार, सौरव वन विहार, न्यूगल पार्क, बंजार फॉरेस्ट डिवीजन के शौजा, शिमला जिले के कोटगढ़ फॉरेस्ट डिवीजन में नारकंडा और मंडी फॉरेस्ट डिवीजन में गंगा नाल इको-टूरिज्म साइट के लिए भी जल्द एप्लिकेशन इनवाइट की जाएंगी। युवाओं को मिलेगा रोजगार
प्रदेश में इससे युवाओं को रोजगार के अवसर और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्यटक जिस शांति की तलाश में पहाड़ों पर पहुंचते हैं, वह उन्हें प्रकृति की गोद में आसानी से मिलेगी। क्या है इको-टूरिज्म पर्यटन
इको-टूरिज्म आज की नई अवधारणा है। प्रदेश के खूबसूरत स्थलों को सैर-सपाटे के लिए इस तरह तैयार किया जाता है कि वनों को भी नुकसान न हो और सैलानी भी पर्वतीय सैरगाहों, बर्फीले पहाड़, झरनों, नदियों व हरे-भरे वनों का लुत्फ ले सकें। इको-टूरिज्म का मकसद राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देना तथा गांव-गांव तक पर्यटन को पहुंचाना है।