हिमाचल के 600 पटवार-कानूनगो दफ्तर पर लटक सकते है ताले:महासंघ का फैसला; एसडीएम-तहसीलदार को सौंपेंगे ऑफिस की चाबी, ऑनलाइन काम 10 दिन से बंद

हिमाचल के 600 पटवार-कानूनगो दफ्तर पर लटक सकते है ताले:महासंघ का फैसला; एसडीएम-तहसीलदार को सौंपेंगे ऑफिस की चाबी, ऑनलाइन काम 10 दिन से बंद

हिमाचल प्रदेश के लगभग 600 पटवार सर्कल और कानूनगो दफ्तर में कल से ताले लटक सकते हैं। पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने जाने से नाराज हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने इसका ऐलान कर दिया है। महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि स्टेट कॉडर बनाने के फैसले से सरकार पीछे नहीं हटती है तो 25 जुलाई से एडिशनल पटवार और कानूनगो सर्कल का काम देखना बंद करेंगे। ऐसा हुआ तो प्रदेश के लोगों को इससे परेशानी झेलनी पड़ेगी। प्रदेश में पहले 10 दिन से ऑनलाइन सेवाएं इनकी हड़ताल की वजह से बंद पड़ी है। स्टेट कॉडर बनाए जाने से नाराज पटवारी कानून ने बीते 15 जुलाई से ही ऑनलाइन काम करने बंद कर दिए है। इससे लोग परेशान है। लेकिन अब तक सरकार ने महासंघ को वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया। इससे नाराज महासंघ ने कल से एडिशनल काम बंद करने का ऐलान कर दिया है। शिमला कानूनगो-पटवारी महासंघ शिमला के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने बताया कि कल कानूनगो-पटवारी एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों की कल संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को चाबी सौंप देंगे। किस वजह से हड़ताल कर रहे कानूनगो-पटवारी दरअसल, 12 जुलाई की कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का फैसला लिया था। अभी पटवारी और कानूनगो दोनों ही जिला कॉडर है। कैबिनेट द्वारा इन्हें स्टेट कॉडर बनाए जाने के फैसले लिया है। इस पर महासघ भड़क गया है। कैबिनेट के फैसले के बाद पटवारी कानूनगो सभी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर चुके है। ये काम 10 दिन से प्रभावित बोनोफाइड सर्टिफकेट, करेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट, एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, अन-इम्पलायमेंट सर्टिफिकेट, लैंड होल्डिंग सर्टिफिकेट, PM किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए हैं। स्टेट कॉडर से प्रभावित होगी सीनियोरिटी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगों की भर्ती जिला कॉडर के हिसाब से हुई है। अब उन्हें अचानक स्टेट कॉडर बना देने से सीनियोरिटी प्रभावित होगी। इससे प्रमोशन में देरी होगी और स्टेट कॉडर में मर्ज होने से सीनियोरिटी में पीछे जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि पटवारी कानून को इसलिए जिला कॉडर में रखा गया, क्योंकि अपने जिला में उन्हें लोकल बोल चाल और एरिया के बारे में जानकारी होती है। यदि उन्हें दूसरे जिला में ट्रांसफर जाता है तो इससे उन्हें बोल चाल और एरिया समझने में वक्त लगेगा। इससे काम में एफिशिएंसी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम के हिसाब से उन्हें जिला कॉडर में रखा जाए। हिमाचल प्रदेश के लगभग 600 पटवार सर्कल और कानूनगो दफ्तर में कल से ताले लटक सकते हैं। पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने जाने से नाराज हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने इसका ऐलान कर दिया है। महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि स्टेट कॉडर बनाने के फैसले से सरकार पीछे नहीं हटती है तो 25 जुलाई से एडिशनल पटवार और कानूनगो सर्कल का काम देखना बंद करेंगे। ऐसा हुआ तो प्रदेश के लोगों को इससे परेशानी झेलनी पड़ेगी। प्रदेश में पहले 10 दिन से ऑनलाइन सेवाएं इनकी हड़ताल की वजह से बंद पड़ी है। स्टेट कॉडर बनाए जाने से नाराज पटवारी कानून ने बीते 15 जुलाई से ही ऑनलाइन काम करने बंद कर दिए है। इससे लोग परेशान है। लेकिन अब तक सरकार ने महासंघ को वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया। इससे नाराज महासंघ ने कल से एडिशनल काम बंद करने का ऐलान कर दिया है। शिमला कानूनगो-पटवारी महासंघ शिमला के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने बताया कि कल कानूनगो-पटवारी एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों की कल संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को चाबी सौंप देंगे। किस वजह से हड़ताल कर रहे कानूनगो-पटवारी दरअसल, 12 जुलाई की कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का फैसला लिया था। अभी पटवारी और कानूनगो दोनों ही जिला कॉडर है। कैबिनेट द्वारा इन्हें स्टेट कॉडर बनाए जाने के फैसले लिया है। इस पर महासघ भड़क गया है। कैबिनेट के फैसले के बाद पटवारी कानूनगो सभी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर चुके है। ये काम 10 दिन से प्रभावित बोनोफाइड सर्टिफकेट, करेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट, एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, अन-इम्पलायमेंट सर्टिफिकेट, लैंड होल्डिंग सर्टिफिकेट, PM किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए हैं। स्टेट कॉडर से प्रभावित होगी सीनियोरिटी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगों की भर्ती जिला कॉडर के हिसाब से हुई है। अब उन्हें अचानक स्टेट कॉडर बना देने से सीनियोरिटी प्रभावित होगी। इससे प्रमोशन में देरी होगी और स्टेट कॉडर में मर्ज होने से सीनियोरिटी में पीछे जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि पटवारी कानून को इसलिए जिला कॉडर में रखा गया, क्योंकि अपने जिला में उन्हें लोकल बोल चाल और एरिया के बारे में जानकारी होती है। यदि उन्हें दूसरे जिला में ट्रांसफर जाता है तो इससे उन्हें बोल चाल और एरिया समझने में वक्त लगेगा। इससे काम में एफिशिएंसी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम के हिसाब से उन्हें जिला कॉडर में रखा जाए।   हिमाचल | दैनिक भास्कर