हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशों पर आज हिमाचल पर्यटन विकास निगम (HPTDC) 9 होटलों पर आज ताला जड़ा जाना है। मगर इसे लेकर होटल कर्मियों को अब तक क्लियर दिशा-निर्देश नहीं दिए गए। इससे इन होटलों के 200 से ज्यादा कर्मचारी अभी असमंजस में है। इन्हें दूसरी यूनिट में भी अभी ट्रांसफर नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने इन होटलों को घाटे का तर्क देकर बंद करने के फरमान जारी किए है। वहीं HPTDC कर्मियों ने निगम प्रबंधन पर झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया है। कर्मचारियों का आरोप है कि HPTDC के इन होटल को प्राइवेट हाथों में देने की मंशा से घाटे में दिखाया गया है। इसे देखते हुए निगम कर्मियों ने हाईकोर्ट से भी 9 होटलों को खुला रखने की मोहलत मांगी है। HPTDC के आग्रह पर कोर्ट ने बीते शुक्रवार को 9 होटल 31 मार्च 2025 तक खुला रखने की इजाजत दे दी है। अब 9 होटल ऐसे बचे हैं, जिन पर आज ताला जड़ा जाना है। इन होटल को बंद करने व खुला छोड़ने की मोहलत बता दें कि हाईकोर्ट ने बीते सप्ताह HPTDC के 18 होटल को सफेद हाथी बताते हुए 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल बीते शुक्रवार को द पैलेस होटल चायल, चंद्रभागा केलांग, होटल देवदार खजियार, होटल मेघदूत कियारीघाट, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, कैसल नागर और धौलाधार को खुला रखने की इजाजत दे दी है। मगर होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर, होटल सरवरी कुल्लू, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल शिवालिक परवाणू को बंद करने के आदेश दिए। 70 करोड़ से ज्यादा के घाटे में निगम हाईकोर्ट ने ये आदेश HPTDC के पेंशनर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए थे, क्योंकि 70 करोड़ से ज्यादा के घाटे में चल रहा निगम अपने पेंशनर को वित्तीय लाभ नहीं दे पा रहा। कोर्ट ने घाटे में चल रहे इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा, ऐसा करना इसलिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम इनके रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न करें। ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट सफेद हाथी बता चुका कोर्ट ने कहा, निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशों पर आज हिमाचल पर्यटन विकास निगम (HPTDC) 9 होटलों पर आज ताला जड़ा जाना है। मगर इसे लेकर होटल कर्मियों को अब तक क्लियर दिशा-निर्देश नहीं दिए गए। इससे इन होटलों के 200 से ज्यादा कर्मचारी अभी असमंजस में है। इन्हें दूसरी यूनिट में भी अभी ट्रांसफर नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने इन होटलों को घाटे का तर्क देकर बंद करने के फरमान जारी किए है। वहीं HPTDC कर्मियों ने निगम प्रबंधन पर झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया है। कर्मचारियों का आरोप है कि HPTDC के इन होटल को प्राइवेट हाथों में देने की मंशा से घाटे में दिखाया गया है। इसे देखते हुए निगम कर्मियों ने हाईकोर्ट से भी 9 होटलों को खुला रखने की मोहलत मांगी है। HPTDC के आग्रह पर कोर्ट ने बीते शुक्रवार को 9 होटल 31 मार्च 2025 तक खुला रखने की इजाजत दे दी है। अब 9 होटल ऐसे बचे हैं, जिन पर आज ताला जड़ा जाना है। इन होटल को बंद करने व खुला छोड़ने की मोहलत बता दें कि हाईकोर्ट ने बीते सप्ताह HPTDC के 18 होटल को सफेद हाथी बताते हुए 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल बीते शुक्रवार को द पैलेस होटल चायल, चंद्रभागा केलांग, होटल देवदार खजियार, होटल मेघदूत कियारीघाट, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, कैसल नागर और धौलाधार को खुला रखने की इजाजत दे दी है। मगर होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर, होटल सरवरी कुल्लू, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल शिवालिक परवाणू को बंद करने के आदेश दिए। 70 करोड़ से ज्यादा के घाटे में निगम हाईकोर्ट ने ये आदेश HPTDC के पेंशनर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए थे, क्योंकि 70 करोड़ से ज्यादा के घाटे में चल रहा निगम अपने पेंशनर को वित्तीय लाभ नहीं दे पा रहा। कोर्ट ने घाटे में चल रहे इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा, ऐसा करना इसलिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम इनके रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न करें। ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट सफेद हाथी बता चुका कोर्ट ने कहा, निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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