हिमाचल प्रदेश में 45 लोग अब भी लापता, 670 जवानों की टीम सर्च ऑपरेशन में जुटी

हिमाचल प्रदेश में 45 लोग अब भी लापता, 670 जवानों की टीम सर्च ऑपरेशन में जुटी

<div id=”:12h” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:14w” aria-controls=”:14w” aria-expanded=”false”>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh Disaster:</strong> हिमाचल प्रदेश में गुरुवार देर रात शुरू हुई तेज बारिश ने जमकर तबाही मचाई. राज्य के तीन अलग-अलग हिस्सों से बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं. इनमें जिला मंडी के टिक्कन, कुल्लू के बागीपुल और शिमला के समेज में बादल फटा है, जिसकी चपेट में 55 लोग आए हैं.&nbsp;</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>कुल्लू, मंडी और रामपुर में हुई बादल फटने की तीनों घटनाओं में अब तक 45 लोग लापता हैं. बागीपुल में 11, समेज में 33 और मंडी के टिक्कन में एक व्यक्ति लापता हैं. वक्त बीतने के साथ लापता लोगों के जीवित मिल पाने की संभावनाएं कम हो रही हैं. रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन के लिए एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>55 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया&nbsp;</strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>गुरुवार को बादल फटने की हुई इस घटना में 55 लोगों को अलग-अलग स्थानों से रेस्क्यू किया गया. इसमें 60 मकान पूरी तरह टूट गए थे, जबकि 35 मकान आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हो गए. इसके अलावा 19 पशुघरों को भी नुकसान हुआ. बादल फटने की वजह से पांच मोटरेबल ब्रिज और नौ पैदल चलने वाले ब्रिज को नुकसान पहुंचा, जबकि 10 दुकान, चार स्कूल, एक स्वास्थ्य संस्थान और 16 गाड़ियों के साथ तीन फिश फार्म भी इसकी चपेट में आए.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>मानसून के दौरान अब तक 161 लोगों की मौत</strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>शिमला के समेज में 45 लोगों के सर्च ऑपरेशन के लिए नौ एलएनटी मशीन लगाई गई है. 84 जवानों को लापता लोगों को ढूंढने के लिए नदी किनारे तैनात किया गया है. इनमें 33 एनडीआरएफ, 14 एसडीआरएफ, 10 पुलिस, 15 होमगार्ड और 10 वन विभाग के गार्ड शामिल हैं.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>समेज गांव में एनडीआरएफ के 70, होमगार्ड के 135, आईटीबीपी के 62, आर्मी के 120 और सीआईएसएफ के 18 जवान तैनात हैं. हिमाचल प्रदेश में 27 जून से लेकर 5 अगस्त तक मानसून सीजन के दौरान कुल 161 लोगों की मौत हुई. इनमें 87 लोगों की मौत अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में हुई.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>37 बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटना&nbsp;</strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश में 27 जून से लेकर अब तक 37 बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाएं हुई हैं. इनमें 11 लोगों की जान गई हैं.&nbsp; घटनाओं में 83 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और 38 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ. इसके अलावा 14 दुकान, 23 पशुघर और 56 पशु भी इसकी चपेट में आ गए.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>वहीं, बात अगर भूस्खलन की घटनाओं की करें, तो 27 जून से लेकर 5 अगस्त तक 18 भूस्खलन की घटनाएं हुई. भूस्खलन की घटनाओं में एक व्यक्ति की जान गई. चार लोग घायल हुए और एक मकान को पूरी तरह नुकसान पहुंचा.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़े: <a title=”हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र 27 अगस्त से शुरू, जानिए क्यों हंगामेदार होने के हैं आसार?” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-assembly-monsoon-session-starts-on-27-august-governor-shiv-pratap-shukla-notification-ann-2754887″ target=”_self”>हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र 27 अगस्त से शुरू, जानिए क्यों हंगामेदार होने के हैं आसार?</a></strong></div>
</div> <div id=”:12h” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:14w” aria-controls=”:14w” aria-expanded=”false”>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh Disaster:</strong> हिमाचल प्रदेश में गुरुवार देर रात शुरू हुई तेज बारिश ने जमकर तबाही मचाई. राज्य के तीन अलग-अलग हिस्सों से बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं. इनमें जिला मंडी के टिक्कन, कुल्लू के बागीपुल और शिमला के समेज में बादल फटा है, जिसकी चपेट में 55 लोग आए हैं.&nbsp;</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>कुल्लू, मंडी और रामपुर में हुई बादल फटने की तीनों घटनाओं में अब तक 45 लोग लापता हैं. बागीपुल में 11, समेज में 33 और मंडी के टिक्कन में एक व्यक्ति लापता हैं. वक्त बीतने के साथ लापता लोगों के जीवित मिल पाने की संभावनाएं कम हो रही हैं. रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन के लिए एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>55 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया&nbsp;</strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>गुरुवार को बादल फटने की हुई इस घटना में 55 लोगों को अलग-अलग स्थानों से रेस्क्यू किया गया. इसमें 60 मकान पूरी तरह टूट गए थे, जबकि 35 मकान आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हो गए. इसके अलावा 19 पशुघरों को भी नुकसान हुआ. बादल फटने की वजह से पांच मोटरेबल ब्रिज और नौ पैदल चलने वाले ब्रिज को नुकसान पहुंचा, जबकि 10 दुकान, चार स्कूल, एक स्वास्थ्य संस्थान और 16 गाड़ियों के साथ तीन फिश फार्म भी इसकी चपेट में आए.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>मानसून के दौरान अब तक 161 लोगों की मौत</strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>शिमला के समेज में 45 लोगों के सर्च ऑपरेशन के लिए नौ एलएनटी मशीन लगाई गई है. 84 जवानों को लापता लोगों को ढूंढने के लिए नदी किनारे तैनात किया गया है. इनमें 33 एनडीआरएफ, 14 एसडीआरएफ, 10 पुलिस, 15 होमगार्ड और 10 वन विभाग के गार्ड शामिल हैं.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>समेज गांव में एनडीआरएफ के 70, होमगार्ड के 135, आईटीबीपी के 62, आर्मी के 120 और सीआईएसएफ के 18 जवान तैनात हैं. हिमाचल प्रदेश में 27 जून से लेकर 5 अगस्त तक मानसून सीजन के दौरान कुल 161 लोगों की मौत हुई. इनमें 87 लोगों की मौत अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में हुई.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>37 बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटना&nbsp;</strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश में 27 जून से लेकर अब तक 37 बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाएं हुई हैं. इनमें 11 लोगों की जान गई हैं.&nbsp; घटनाओं में 83 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और 38 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ. इसके अलावा 14 दुकान, 23 पशुघर और 56 पशु भी इसकी चपेट में आ गए.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>वहीं, बात अगर भूस्खलन की घटनाओं की करें, तो 27 जून से लेकर 5 अगस्त तक 18 भूस्खलन की घटनाएं हुई. भूस्खलन की घटनाओं में एक व्यक्ति की जान गई. चार लोग घायल हुए और एक मकान को पूरी तरह नुकसान पहुंचा.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़े: <a title=”हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र 27 अगस्त से शुरू, जानिए क्यों हंगामेदार होने के हैं आसार?” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-assembly-monsoon-session-starts-on-27-august-governor-shiv-pratap-shukla-notification-ann-2754887″ target=”_self”>हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र 27 अगस्त से शुरू, जानिए क्यों हंगामेदार होने के हैं आसार?</a></strong></div>
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