हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की हवा जहरीली हो गई है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 5 दिन से निरंतर बिगड़ रहा है। शनिवार सुबह 10 बजे बद्दी का AQI 349 माइक्रो ग्राम टच कर गया। इस साल हवा का यह सबसे खराब लेवल है। दिवाली के दूसरे दिन यानी 1 नवंबर को भी बद्दी का AQI 305 माइक्रो ग्राम पहुंचा था। मगर 2 नवंबर से इसमें सुधार होना शुरू हो गया और AQI 166 माइक्रो ग्राम तक गिर गया। बद्दी में 5 नवंबर तक हवा साफ रही। 6 नवंबर से दोबारा हालात बिगड़ने लगे और दिन प्रतिदिन हवा खराब होती गई और दो दिन से AQI 300 से ज्यादा चल रहा है। इन वजह से खराब हुई हवा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों की माने तो बद्दी की खराब हवा का सबसे बड़ा कारण यहां के उद्योग है। इसमें कुछ योगदान गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण का भी है। इसी तरह लंबे ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल और पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा में जलाई जा रही पराली भी इसकी एक वजह बताई जा रही है। मगर एनवायरमेंट इंजीनियर प्रदूषण में पराली का नाम मात्र योगदान मानते है, क्योंकि इन दिनों हवाएं से उत्तर से पश्चिम की ओर चलती है। बद्दी में देशभर से आए लोग करते है नौकरी औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में हिमाचल के साथ साथ देशभर से लोग नौकरी करते हैं, जिन्हें खराब हवा के कारण रोजाना परेशानियां झेलनी पड़ रही है। खासकर अस्थमा व सांस के रोगियों को ज्यादा कठिनाई हो रही है। क्या है AQI और इसका हाई लेवल खतरा क्यों AQI एक तरह का थर्मामीटर है। थर्मामीटर तापमान मापता है, जबकि AQI प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है। हवा में पॉल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन बद्दी में यह 300 पार हो चुका है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है। AQI खराब करने वाले धूल के इतने सूक्ष्म होते है, इन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता। जाने क्या है PM2.5 QJ PM10 एयर क्वालिटी अच्छी है या नहीं, ये मापने के लिए PM2.5 और PM10 का लेवल देखा जाता है। हवा में PM2.5 की संख्या 60 और PM10 की संख्या 100 से कम है, मतलब एयर क्वालिटी ठीक है। गैसोलीन, ऑयल, डीजल और लकड़ी जलाने से सबसे ज्यादा PM2.5 पैदा होते हैं। क्या होता है PM, कैसे नापा जाता है PM का अर्थ होता है पर्टिकुलेट मैटर। हवा में जो बेहद छोटे कण यानी पर्टिकुलेट मैटर की पहचान उनके आकार से होती है। 2.5 उसी पर्टिकुलेट मैटर का साइज है, जिसे माइक्रोन में मापा जाता है। ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में 38 दिन से बारिश नहीं हुई। इससे चौतरफा धूल के गुबार उड़ रहे हैं। धूल की वजह से भी हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। इंजीनियर बोले-नहीं जानकारी बद्दी में खराब हवा के कारण जब चीफ एनवायरमेंट इंजीनियर रीजनल ऑफिस बद्दी पीके गुप्ता से पूछे गए तो उन्होंने बताया कि उन्हें अभी AQI की जानकारी नहीं है। फाइल देखकर ही कुछ बता पाएंगे। प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ सुथरी अच्छी बात यह है कि हिमाचल प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ है। परवाणू 137, पांटवा साहिब में 119 और ऊना में 110 AQI है। वहीं शिमला में शिमला में 50, मनाली 30 और धर्मशाला में 70 है। हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की हवा जहरीली हो गई है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 5 दिन से निरंतर बिगड़ रहा है। शनिवार सुबह 10 बजे बद्दी का AQI 349 माइक्रो ग्राम टच कर गया। इस साल हवा का यह सबसे खराब लेवल है। दिवाली के दूसरे दिन यानी 1 नवंबर को भी बद्दी का AQI 305 माइक्रो ग्राम पहुंचा था। मगर 2 नवंबर से इसमें सुधार होना शुरू हो गया और AQI 166 माइक्रो ग्राम तक गिर गया। बद्दी में 5 नवंबर तक हवा साफ रही। 6 नवंबर से दोबारा हालात बिगड़ने लगे और दिन प्रतिदिन हवा खराब होती गई और दो दिन से AQI 300 से ज्यादा चल रहा है। इन वजह से खराब हुई हवा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों की माने तो बद्दी की खराब हवा का सबसे बड़ा कारण यहां के उद्योग है। इसमें कुछ योगदान गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण का भी है। इसी तरह लंबे ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल और पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा में जलाई जा रही पराली भी इसकी एक वजह बताई जा रही है। मगर एनवायरमेंट इंजीनियर प्रदूषण में पराली का नाम मात्र योगदान मानते है, क्योंकि इन दिनों हवाएं से उत्तर से पश्चिम की ओर चलती है। बद्दी में देशभर से आए लोग करते है नौकरी औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में हिमाचल के साथ साथ देशभर से लोग नौकरी करते हैं, जिन्हें खराब हवा के कारण रोजाना परेशानियां झेलनी पड़ रही है। खासकर अस्थमा व सांस के रोगियों को ज्यादा कठिनाई हो रही है। क्या है AQI और इसका हाई लेवल खतरा क्यों AQI एक तरह का थर्मामीटर है। थर्मामीटर तापमान मापता है, जबकि AQI प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है। हवा में पॉल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन बद्दी में यह 300 पार हो चुका है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है। AQI खराब करने वाले धूल के इतने सूक्ष्म होते है, इन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता। जाने क्या है PM2.5 QJ PM10 एयर क्वालिटी अच्छी है या नहीं, ये मापने के लिए PM2.5 और PM10 का लेवल देखा जाता है। हवा में PM2.5 की संख्या 60 और PM10 की संख्या 100 से कम है, मतलब एयर क्वालिटी ठीक है। गैसोलीन, ऑयल, डीजल और लकड़ी जलाने से सबसे ज्यादा PM2.5 पैदा होते हैं। क्या होता है PM, कैसे नापा जाता है PM का अर्थ होता है पर्टिकुलेट मैटर। हवा में जो बेहद छोटे कण यानी पर्टिकुलेट मैटर की पहचान उनके आकार से होती है। 2.5 उसी पर्टिकुलेट मैटर का साइज है, जिसे माइक्रोन में मापा जाता है। ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में 38 दिन से बारिश नहीं हुई। इससे चौतरफा धूल के गुबार उड़ रहे हैं। धूल की वजह से भी हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। इंजीनियर बोले-नहीं जानकारी बद्दी में खराब हवा के कारण जब चीफ एनवायरमेंट इंजीनियर रीजनल ऑफिस बद्दी पीके गुप्ता से पूछे गए तो उन्होंने बताया कि उन्हें अभी AQI की जानकारी नहीं है। फाइल देखकर ही कुछ बता पाएंगे। प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ सुथरी अच्छी बात यह है कि हिमाचल प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ है। परवाणू 137, पांटवा साहिब में 119 और ऊना में 110 AQI है। वहीं शिमला में शिमला में 50, मनाली 30 और धर्मशाला में 70 है। हिमाचल | दैनिक 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वहीं शीतल अंगुराल ने कहा- मैं वेस्ट का बच्चा हूं और वेस्ट हलका ही मेरा घर है। आम आदमी पार्टी तो कह रही थी कि पार्टी इलाके में आम वर्कर को चुनाव के लिए खड़ा करेगी, मगर उन्होंने मोहिंदर भगत को खड़ा दिया है। भगत तो एक करोड़पति उम्मीदवार हैं। शुक्र है, सीएम ने कोठी किराए पर ले ली है, वर्ना करोड़ों रुपए होटलों में खर्च करने पड़ते। बीजेपी ने उपचुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित करते ही स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। 38 प्रचारक जालंधर वेस्ट हलके में चुनाव को लेकर प्रचार करेंगे। जिसमें कई केंद्रीय मंत्री और सीएम शामिल हैं। BJP छोड़ AAP में शामिल हुए थे मोहिंदर भगत
2023 में हुए लोकसभा उपचुनाव के दौरान मोहिंदर भगत BJP छोड़कर AAP में शामिल हुए थे। मोहिंदर भगत ने चंडीगढ़ में AAP का झाड़ू थामा। मोहिंदर के पिता चुन्नी लाल भगत पंजाब BJP का बड़ा चेहरा थे। वह राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। फरवरी 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में BJP ने उन्हें मैदान में उतारा था, जहां उनकी करारी हार हुई। मोहिंदर भगत ने उपचुनाव के दौरान अचानक BJP छोड़ी और आप जॉइन कर ली। वेस्ट हलके की सीट के लिए BJP छोड़ AAP में शामिल हुए रॉबिन सांपला और कोऑर्डिनेटर स्टीवन क्लेयर और जिला योजना कमेटी के चेयरमैन अमृतपाल सिंह के नाम पर भी चर्चा थी, लेकिन AAP ने भगत पर यकीन जताया। शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहा उपचुनाव
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन 29 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने का मन बनाया था। 30 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत को लेकर बुलाया था। मगर 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा मंजूर कर दिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। दिलचस्प बात यह है कि भगत और अंगुराल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थे। तब मोहिंदर भगत बीजेपी के उम्मीदवार थे और अंगुराल AAP की तरफ से कैंडिडेट थे। इस बार उलट हो गया है। भगत AAP के तो अंगुराल भाजपा के कैंडिडेट हैं। उपचुनाव को लेकर CM मान जालंधर में रहेंगे
जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए CM भगवंत मान ने जालंधर कैंट इलाके में एक मकान किराए पर लिया है। इसमें CM मान परिवार के साथ शिफ्ट होंगे। आज उनके पार्टी उम्मीदवार की घोषणा हो गई है तो जल्द ही मान नए घर में रहने जा सकते हैं। यह सीट पहले AAP की झोली में ही थी, इसलिए अब पार्टी किसी भी सूरत में इस सीट पर हारने की तैयारी नहीं है। इसी कारण CM मान ने जालंधर में ही रहने का ऐलान किया है। क्योंकि, उक्त सीट पर अब AAP की साख टिकी हुई है। जानकारी के अनुसार CM मान सप्ताह में 3 दिन इसी घर में रहेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि इससे वह दोआबा और मांझा क्षेत्र के नेताओं और लोगों के साथ नजदीकी संपर्क में रहेंगे। पंजाब में विधानसभा की 117 में से 92 सीटें जीती AAP
पंजाब विधानसभा में कुल 117 विधानसभा क्षेत्र हैं। इसका पिछला चुनाव मार्च 2022 में हुआ था। उक्त चुनाव में पार्टी को 92 और कांग्रेस को 18 सीटें मिली थीं। जबकि 7 सीटें अन्य दलों के खाते में गई थीं। आम आदमी पार्टी की तरफ से की घोषणा…