हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन अपने पीक पर है। बागवानों को हिमाचल प्रदेश में ही फसल के अच्छे दाम मिल रहे है, लेकिन बाहरी राज्यों में तो बागवान चांदी कूट रहे है। अहमदाबाद में 280 रूपए किलो सेब की प्रति लेयर पेटी बिकी। सीजन का रिकॉर्ड दाम बागवान से मिली जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद की नरोड़ा फल मंडी में शिमला के जुब्बल विकास खंड के नंद पुर क्षेत्र के बागवान चंदन शर्मा के सेब 1400 रुपए सिंगल लेयर बिका है और यह अब तक इस सीजन का रिकॉर्ड दाम है। जुब्बल का बागवान नाशपती के साथ स्पर की एडम जेड वन किस्म के सेब की सिंगल लेयर की सैंपल के तौर पर 10 पेटियां लेकर अहमदाबाद गया था। यहां उसे 280 रुपये प्रति किलो तक दाम मिले। फसल के बेहतर दाम मिलने से बागवान का चेहरा खिल गया। एक पेटी का वजन पांच किलो ग्राम था। चंदन शर्मा ने बताया कि एडम जेड वन किस्म सिडलिंग से तैयार किया है। इसे तैयार होने में करीब तीन महीने का समय लग जाता है। फल मंडी का अब तक सबसे अधिक दाम उन्होंने बताया कि अब ज्यादातर बागवान रूट स्टॉक की तरफ जा रहे हैं। यदि बागवान रूट स्टॉक के मुकाबले 50 फीसदी मेहनत भी सीडलिंग से सेब को तैयार करने में करें, तो उसे इसका बहुत अच्छा परिणाम देखने को मिल सकता है। अहमदाबाद फल मंडी के आढ़ती अमित ने बताया कि शिमला से बेहतर गुणवत्ता वाले सिपर की खेप मंडी में पहुंची थी। इसके चलते बेहतर दाम मिले हैं। यह अहमदाबाद फल मंडी का अब तक सबसे अधिक दाम है। हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन अपने पीक पर है। बागवानों को हिमाचल प्रदेश में ही फसल के अच्छे दाम मिल रहे है, लेकिन बाहरी राज्यों में तो बागवान चांदी कूट रहे है। अहमदाबाद में 280 रूपए किलो सेब की प्रति लेयर पेटी बिकी। सीजन का रिकॉर्ड दाम बागवान से मिली जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद की नरोड़ा फल मंडी में शिमला के जुब्बल विकास खंड के नंद पुर क्षेत्र के बागवान चंदन शर्मा के सेब 1400 रुपए सिंगल लेयर बिका है और यह अब तक इस सीजन का रिकॉर्ड दाम है। जुब्बल का बागवान नाशपती के साथ स्पर की एडम जेड वन किस्म के सेब की सिंगल लेयर की सैंपल के तौर पर 10 पेटियां लेकर अहमदाबाद गया था। यहां उसे 280 रुपये प्रति किलो तक दाम मिले। फसल के बेहतर दाम मिलने से बागवान का चेहरा खिल गया। एक पेटी का वजन पांच किलो ग्राम था। चंदन शर्मा ने बताया कि एडम जेड वन किस्म सिडलिंग से तैयार किया है। इसे तैयार होने में करीब तीन महीने का समय लग जाता है। फल मंडी का अब तक सबसे अधिक दाम उन्होंने बताया कि अब ज्यादातर बागवान रूट स्टॉक की तरफ जा रहे हैं। यदि बागवान रूट स्टॉक के मुकाबले 50 फीसदी मेहनत भी सीडलिंग से सेब को तैयार करने में करें, तो उसे इसका बहुत अच्छा परिणाम देखने को मिल सकता है। अहमदाबाद फल मंडी के आढ़ती अमित ने बताया कि शिमला से बेहतर गुणवत्ता वाले सिपर की खेप मंडी में पहुंची थी। इसके चलते बेहतर दाम मिले हैं। यह अहमदाबाद फल मंडी का अब तक सबसे अधिक दाम है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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पुलिस के अनुसार घटना के दिन आरोपियों ने अपनी बाइक पर कोई नम्बर प्लेट नहीं लगाई थी और अपने मुंह भी कपड़ों से ढकने का प्रयास किया था। जिस कारण आरोपियों की पहचान नहीं हो पा रही थी । पुलिस ने पिछले कई दिनों के कैमरे खंगालकर एक पुरानी फुटेज से बाइक का मिलान करते हुए आरोपियों के हुलिया पता लगाया। इसके बाद बाइक के मालिक की पहचान करके गुरुवार को एसएचओ सुनील साख्यान के नेतृत्व में हरोली पुलिस की टीम ने पंजाब के होशियारपुर जिला के विंजो गांव में दबिश दी। जहां रात दोनों आरोपी पकड़े गए। उधर, हरोली के डीएसपी मोहन रावत ने कहा कि दोनों आरोपियों ने गुनाह कबूल कर लिया है। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा।
हिमाचल में कार पर पहाड़ गिरा:4 लोगों ने भागकर बचाई जान; सैंज-छैला सड़क दल-दल में तब्दील, रोजाना ट्रैफिक जाम, 115 सड़कें बंद
हिमाचल में कार पर पहाड़ गिरा:4 लोगों ने भागकर बचाई जान; सैंज-छैला सड़क दल-दल में तब्दील, रोजाना ट्रैफिक जाम, 115 सड़कें बंद हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला को जोड़ने वाले हाईवे पर बीती शाम को बड़ा हादसा होने से टल गया। नेशनल हाईवे-5 पर किन्नौर के निगुलसरी में पहाड़ कार पर गिर गया। गाड़ी में सवार 4 लोग पहाड़ी से लैंडस्लाइड होते देख पहले ही बाहर निकलने और भागने में कामयाब हुए। इससे कार सवारों की जान तो बच गई। मगर कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। लैंडस्लाइड के बाद NH-5 लगभग 17 घंटे बाद आज सुबह 9.45 बजे बहाल कर दिया गया। मगर निगुलसरी में बार-बार पहाड़ी से लैंडस्लाइड हो रहा है। इससे बीते 8 दिनों के दौरान मुश्किल से 20 से 25 घंटे तक सड़क बहाल रही है। सड़कें बंद होने से सेब बागवान परेशान वहीं प्रदेश में 115 सड़कें बीते एक सप्ताह से बंद पड़ी है। इससे आम लोगों सहित सेब बागवानों को ज्यादा कठिनाइयां झेलनी पड़ रही है। सेब बागवानों को अपनी फसल मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है। भारी बारिश, लैंडस्लाइड के कारण सड़कों की हालत खस्ता हो रही है। ऐसी सड़कों पर सफर जोखिमभरा बना हुआ है। सैंज-छैला सड़क की सुध नहीं ले रही सरकार सेब बेल्ट और पराला फल मंडी को जोड़ने वाली छैला-सैंज सड़क भी दलदल में तब्दील हो गई है। यहां पर रोजाना कीचड़ में गाड़ियां फंस रही है। प्रदेश सरकार ने पराला में बड़ी फल मंडी तो 7 साल पहले बना दी है। मगर सड़क को चौड़ा करना सरकार भूल गई है। पूर्व की सरकार ने भी पांच साल इस ओर ध्यान नहीं दिया। मौजूदा सरकार भी इसे गंभीरता से नहीं ले रही। पराला में होता है सेब का अरबो रुपए का कारोबार पराला फल मंडी में अरबों रुपए का सेब कारोबार होता है और छैला-सैंज सड़क से ही सारा सेब देश की मंडियों को भेजा जाता है। फिर भी इस सड़क की दुर्दशा को नहीं सुधारा गया है। इससे छैला से सैंज के बीच सेब सीजन शुरू होने के बाद से रोजाना ट्रैफिक जाम सेब ढुलाई में लगे ट्रांसपोर्टरों के साथ स्थानीय लोगों के पसीने छुड़ा रहा है। रोजाना लग रहा ट्रैफिक जाम:आशीष ठियोग निवासी आशीष खाची ने बताया कि बारिश होती है यह सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है। इससे यहां हर वक्त ट्रैफिक जाम लगा रहता है। लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सैंज निवासी नरेंद्र वर्मा ने बताया कि पराला में रोजाना ट्रैफिक जाम लोगों को परेशान कर रहा है। इससे स्कूली बच्चे और कामकाजी लोग समय पर स्कूल व दफ्तर नहीं पहुंच पा रहे। 7 साल से क्षेत्र की जनता परेशान: नरेंद्र सेब ढुलाई में लगे ट्रांसपोर्टर भी परेशान है। मगर सरकार कुंभकर्णी नींद सो रही है। उन्होंने बताया कि 7 साल से हर साल सेब सीजन के दौरान लोगों को यहां परेशानियां झेलनी पड़ रही है। सरकार को यहां मंडी शुरू करने से पहले सड़क चौड़ी करनी चाहिए थी और इसे पक्का करना जरूरी था, ताकि बारिश में कीचड़ लोगों को परेशान न करता।