हिमाचल प्रदेश में अगले 72 घंटे तक मौसम साफ बना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 10 नवंबर की रात को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। इससे मौसम करवट बदलेगा और अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में 11 व 12 नवंबर को हल्की बर्फबारी हो सकती है। वहीं मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। मगर मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। प्रदेश में 37 दिन बारिश नहीं हुई। 6 जिले हमीरपुर, चंबा, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी है। इससे सूखे जैसे हालात पनपने लगे है। कांगड़ा जिला में 36 दिनों में मात्र 1.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। किन्नौर में 0.4 मिलीमीटर, लाहौल स्पीति जिला में 0.1 मिलीमीटर, मंडी 2.8 मिलीमीटर, शिमला 0.2 मिलीमीटर और ऊना में सबसे ज्यादा 8.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। बेशक ऊना में 8.6 मिलीमीटर बादल बरसे है। मगर यहां भी सामान्य से 56 प्रतिशत कम बारिश है। पोस्ट मानसून सीजन में 98% कम बारिश प्रदेश में 1 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच 29 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार औसत 0.7 मिलीमीटर बादल बरसे है, जो कि सामान्य से 98 प्रतिशत कम है। मानसून सीजन में भी 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। ऐसे में अब वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने के बाद राज्य में ड्राट खत्म हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, बेशक WD एक्टिव हो रहा है। मगर इस दौरान बहुत ज्यादा बारिश-बर्फबारी की संभावना नहीं है। कुछेक क्षेत्रों में ही हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। इससे तापमान में गिरावट आएगी। अभी प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन व रात का तापमान नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। मैदानी इलाकों में दो दिन से धुंध प्रदेश के मैदानी इलाकों में दो दिन से धुंध ने लोगों को परेशान कर रखा है। खासकर ब्यास नदी किनारे स्थित शहरों में धुंध ने लोगों की परेशानी बढ़ानी शुरू कर दी है। बिलासपुर में सुबह के वक्त घनी धुंध के कारण विजिबिलिटी 50 मीटर तक गिर गई है। मौसम विभाग के अनुुसार, जब तक अच्छी बारिश-बर्फबारी नहीं होती तब तक धुंध लोगों को परेशान करती रहेगी। वहीं पहाड़ों पर हल्की धुंध नजर आने लगी है। खासकर शिमला में भी सुबह के वक्त धुंध का असर देखा सकता है। हिमाचल प्रदेश में अगले 72 घंटे तक मौसम साफ बना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 10 नवंबर की रात को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। इससे मौसम करवट बदलेगा और अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में 11 व 12 नवंबर को हल्की बर्फबारी हो सकती है। वहीं मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। मगर मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। प्रदेश में 37 दिन बारिश नहीं हुई। 6 जिले हमीरपुर, चंबा, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी है। इससे सूखे जैसे हालात पनपने लगे है। कांगड़ा जिला में 36 दिनों में मात्र 1.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। किन्नौर में 0.4 मिलीमीटर, लाहौल स्पीति जिला में 0.1 मिलीमीटर, मंडी 2.8 मिलीमीटर, शिमला 0.2 मिलीमीटर और ऊना में सबसे ज्यादा 8.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। बेशक ऊना में 8.6 मिलीमीटर बादल बरसे है। मगर यहां भी सामान्य से 56 प्रतिशत कम बारिश है। पोस्ट मानसून सीजन में 98% कम बारिश प्रदेश में 1 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच 29 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार औसत 0.7 मिलीमीटर बादल बरसे है, जो कि सामान्य से 98 प्रतिशत कम है। मानसून सीजन में भी 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। ऐसे में अब वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने के बाद राज्य में ड्राट खत्म हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, बेशक WD एक्टिव हो रहा है। मगर इस दौरान बहुत ज्यादा बारिश-बर्फबारी की संभावना नहीं है। कुछेक क्षेत्रों में ही हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। इससे तापमान में गिरावट आएगी। अभी प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन व रात का तापमान नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। मैदानी इलाकों में दो दिन से धुंध प्रदेश के मैदानी इलाकों में दो दिन से धुंध ने लोगों को परेशान कर रखा है। खासकर ब्यास नदी किनारे स्थित शहरों में धुंध ने लोगों की परेशानी बढ़ानी शुरू कर दी है। बिलासपुर में सुबह के वक्त घनी धुंध के कारण विजिबिलिटी 50 मीटर तक गिर गई है। मौसम विभाग के अनुुसार, जब तक अच्छी बारिश-बर्फबारी नहीं होती तब तक धुंध लोगों को परेशान करती रहेगी। वहीं पहाड़ों पर हल्की धुंध नजर आने लगी है। खासकर शिमला में भी सुबह के वक्त धुंध का असर देखा सकता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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