<p style=”text-align: justify;”><strong>Jairam thakur On Sukhvinder Singh Sukhu:</strong> मार्च में हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश होना है. बजट पेश होने से पहले शिमला स्थित राज्य सचिवालय में विधायक प्राथमिकता की बैठक हो रही है. भेदभाव का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी के विधायक इन बैठकों का बहिष्कार कर चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में सिर्फ़ कांग्रेस विधायक ही शामिल हो रहे हैं. इस बीच बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी विकास कार्य और परियोजनाओं के लिए पूरी की जाने वाली औपचारिकताएं वक्त पर होनी चाहिए. ऐसे में अगर कोई भी अधिकारी इसमें कोताही बरतता है, तो कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>CM सुक्खू की अधिकारियों को दो टूक </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सोमवार को बैठक के दूसरे सत्र के दौरान जिला सोलन, चंबा, बिलासपुर और लाहौल स्पीति के विधायकों ने अपनी प्राथमिकताएं दीं. बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विधायक प्राथमिकता की डीपीआर तैयार करते समय फोरेस्ट क्लीरेंयस और गिफ्ट डीड जैसी औपचारिकताओं को पूर्ण करने में तरजीह दें, ताकि परियोजनाओं का काम वक्त पर शुरू जा सके. उन्होंने कहा कि औपचारिकताओं को पूरा करने में कोताही बरतने पर अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भेदभाव के आरोपों पर क्या बोले मुख्यमंत्री?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में समान रूप से विकास किया जा रहा है. इसी के तहत सभी प्राथमिकताओं को दोबारा तरजीह दी गई है. बिना किसी भेदभाव के नाबार्ड को संस्तुति की गई है. ऐसे विधानसभा क्षेत्रों सहित अन्य चुनाव क्षेत्रों में भी पिछले दो साल में 251 योजनाओं के लिए 1 हजार करोड़ रुपये नाबार्ड से स्वीकृत करवाए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्य को ‘आत्मनिर्भर हिमाचल’ बनाने का दावा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की 90 फीसदी आबादी गांव में रहती है. राज्य सरकार गांव के लोगों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए योजनाएं बना रही है. समय के साथ बदलाव जरूरी होता है. व्यवस्था में बेहतरी के लिए नियमों में बदलाव किया जा रहा है, ताकि प्रदेश आत्मनिर्भर बन सकें. प्रदेश को कर्ज की दलदल से बाहर निकालने के लिए हिमाचल को आत्मनिर्भर राज्य बनना होगा, जिसके लिए नए सुझावों का स्वागत है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/bjp-boycotted-mla-priority-meeting-in-shimla-sukhvinder-singh-sukhu-said-bjp-lying-ann-2876616″>शिमला में विधायक प्राथमिकता बैठक का BJP ने किया बहिष्कार, CM सुक्खू बोले- ‘झूठ बोलने की आदत…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jairam thakur On Sukhvinder Singh Sukhu:</strong> मार्च में हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश होना है. बजट पेश होने से पहले शिमला स्थित राज्य सचिवालय में विधायक प्राथमिकता की बैठक हो रही है. भेदभाव का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी के विधायक इन बैठकों का बहिष्कार कर चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में सिर्फ़ कांग्रेस विधायक ही शामिल हो रहे हैं. इस बीच बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी विकास कार्य और परियोजनाओं के लिए पूरी की जाने वाली औपचारिकताएं वक्त पर होनी चाहिए. ऐसे में अगर कोई भी अधिकारी इसमें कोताही बरतता है, तो कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>CM सुक्खू की अधिकारियों को दो टूक </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सोमवार को बैठक के दूसरे सत्र के दौरान जिला सोलन, चंबा, बिलासपुर और लाहौल स्पीति के विधायकों ने अपनी प्राथमिकताएं दीं. बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विधायक प्राथमिकता की डीपीआर तैयार करते समय फोरेस्ट क्लीरेंयस और गिफ्ट डीड जैसी औपचारिकताओं को पूर्ण करने में तरजीह दें, ताकि परियोजनाओं का काम वक्त पर शुरू जा सके. उन्होंने कहा कि औपचारिकताओं को पूरा करने में कोताही बरतने पर अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भेदभाव के आरोपों पर क्या बोले मुख्यमंत्री?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में समान रूप से विकास किया जा रहा है. इसी के तहत सभी प्राथमिकताओं को दोबारा तरजीह दी गई है. बिना किसी भेदभाव के नाबार्ड को संस्तुति की गई है. ऐसे विधानसभा क्षेत्रों सहित अन्य चुनाव क्षेत्रों में भी पिछले दो साल में 251 योजनाओं के लिए 1 हजार करोड़ रुपये नाबार्ड से स्वीकृत करवाए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राज्य को ‘आत्मनिर्भर हिमाचल’ बनाने का दावा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की 90 फीसदी आबादी गांव में रहती है. राज्य सरकार गांव के लोगों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए योजनाएं बना रही है. समय के साथ बदलाव जरूरी होता है. व्यवस्था में बेहतरी के लिए नियमों में बदलाव किया जा रहा है, ताकि प्रदेश आत्मनिर्भर बन सकें. प्रदेश को कर्ज की दलदल से बाहर निकालने के लिए हिमाचल को आत्मनिर्भर राज्य बनना होगा, जिसके लिए नए सुझावों का स्वागत है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/bjp-boycotted-mla-priority-meeting-in-shimla-sukhvinder-singh-sukhu-said-bjp-lying-ann-2876616″>शिमला में विधायक प्राथमिकता बैठक का BJP ने किया बहिष्कार, CM सुक्खू बोले- ‘झूठ बोलने की आदत…'</a></strong></p> हिमाचल प्रदेश ईंट भट्ठा में काम करने वालों के बच्चे अब नहीं रहेंगे पढ़ाई से महरूम, ACS एस सिद्धार्थ ने की बड़ी पहल