हिमाचल की हमीरपुर लोकसभा सीट से BJP प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी पर पलटवार किया। अनुराग ठाकुर मंगलवार को गगरेट व कुटलैहड़ में कहा कि प्रियंका गांधी मंच से कई नई गारंटियों की घोषणा कर रही हैं। मगर पुरानी गारंटियां अभी तक पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा प्रियंका फिर से हिमाचल की जनता को ठगने आ गईं है। अनुराग ने कहा कि, हिमाचल की माताएं-बहनें 1500 रुपए की आस लगाए बैठी है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में किया यह वादा अभी पूरा नहीं हुआ। इस बीच नए व झूठे वादे शुरू कर दिए है। ऐसा करके कांग्रेस जनता को ठगना चाह रही है। अनुराग ने कहा, कांग्रेस और उसके नेताओं की यही विडंबना है कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी ये लोग, जनता को मूर्ख समझते हैं। इन्हें लगता है कि जनता को कुछ भी बोल दो तो वह उनकी बातों में आकर उन्हें वोट दे देंगी। प्रियंका को नहीं दिखा संदेशखली में माताओं-बहनों पर अत्याचार अनुराग ठाकुर ने कहा कि, लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा देने वाली प्रियंका गांधी को बंगाल की संदेशखली में माताओं बहनों पर हुआ अत्याचार नहीं दिखता। प्रियंका को कर्नाटक में अपने ही कार्यकर्ता की बेटी का एक दरिंदे द्वारा गला रेता जाना नहीं दिखता, क्योंकि वोट बैंक पॉलिटिक्स आड़े आ जाती है। प्रियंका को नारा बदलने की दी नसीहत इनको अपने सहयोगियों द्वारा एक महिला सांसद का उत्पीड़न नहीं दिखता है क्योंकि वो इनके नैरेटिव में फिट नहीं बैठता। यह ऐसे नेता हैं जो महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर भी सिलेक्टिव राजनीति करते हैं। देश ये जान रहा है इसीलिए इन्हें बार बार नकार रहा है। प्रियंका गांधी को अब अपना नारा लड़की हूं लड़ सकती हूं से बदल कर लड़की हूं लेकिन लड़ नहीं सकतीं हूं कर लेना चाहिए। हिमाचल की हमीरपुर लोकसभा सीट से BJP प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी पर पलटवार किया। अनुराग ठाकुर मंगलवार को गगरेट व कुटलैहड़ में कहा कि प्रियंका गांधी मंच से कई नई गारंटियों की घोषणा कर रही हैं। मगर पुरानी गारंटियां अभी तक पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा प्रियंका फिर से हिमाचल की जनता को ठगने आ गईं है। अनुराग ने कहा कि, हिमाचल की माताएं-बहनें 1500 रुपए की आस लगाए बैठी है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में किया यह वादा अभी पूरा नहीं हुआ। इस बीच नए व झूठे वादे शुरू कर दिए है। ऐसा करके कांग्रेस जनता को ठगना चाह रही है। अनुराग ने कहा, कांग्रेस और उसके नेताओं की यही विडंबना है कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी ये लोग, जनता को मूर्ख समझते हैं। इन्हें लगता है कि जनता को कुछ भी बोल दो तो वह उनकी बातों में आकर उन्हें वोट दे देंगी। प्रियंका को नहीं दिखा संदेशखली में माताओं-बहनों पर अत्याचार अनुराग ठाकुर ने कहा कि, लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा देने वाली प्रियंका गांधी को बंगाल की संदेशखली में माताओं बहनों पर हुआ अत्याचार नहीं दिखता। प्रियंका को कर्नाटक में अपने ही कार्यकर्ता की बेटी का एक दरिंदे द्वारा गला रेता जाना नहीं दिखता, क्योंकि वोट बैंक पॉलिटिक्स आड़े आ जाती है। प्रियंका को नारा बदलने की दी नसीहत इनको अपने सहयोगियों द्वारा एक महिला सांसद का उत्पीड़न नहीं दिखता है क्योंकि वो इनके नैरेटिव में फिट नहीं बैठता। यह ऐसे नेता हैं जो महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर भी सिलेक्टिव राजनीति करते हैं। देश ये जान रहा है इसीलिए इन्हें बार बार नकार रहा है। प्रियंका गांधी को अब अपना नारा लड़की हूं लड़ सकती हूं से बदल कर लड़की हूं लेकिन लड़ नहीं सकतीं हूं कर लेना चाहिए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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2011 1.38 करोड़
2012 1.84 करोड़
2013 3.69 करोड़
2014 2.80 करोड़
2015 3.88 करोड़
2016 2.40 करोड़
2017 2.08 करोड़
2018 1.65 करोड़
2019 3.24 करोड़
2020 2.40 करोड़
2021 3.05 करोड़
2022 3.36 करोड़
2023 2.11 करोड़ विश्व बैंक की 1134 करोड़ की परियोजना भी नहीं बढ़ा पाई उत्पादन सेब उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में विश्व बैंक की 1134 करोड़ रुपये की परियोजना भी लागू की गई थी। वर्ष 2017 में जब इस परियोजना को मंजूरी मिली थी, तब दावा किया गया था कि औसत सेब उत्पादन 8 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो जाएगा, जो 2017 में भी 6 मीट्रिक टन था। इसमें अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। सेब उत्पादन पर मौसम का असर : डॉ. भारद्वाज बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज ने बताया कि सेब उत्पादन पूरी तरह मौसम पर निर्भर है। पिछले कुछ सालों से मौसम सेब के अनुकूल नहीं रहा है। सर्दियों में अच्छी बर्फबारी न होना, फ्लावरिंग के दौरान बारिश-बर्फबारी और ओलावृष्टि या सूखे जैसे कारणों से सेब का अच्छा उत्पादन नहीं हो पा रहा है। बर्फबारी का ट्रेंड बदलने से फसल पर बुरा असर हिमाचल में बीते एक दशक के दौरान बर्फबारी का ट्रेंड बदला है। आमतौर पर प्रदेश में दिसंबर से 15 फरवरी के बीच बर्फबारी होती थी। मगर पिछले कुछ सालों के दौरान फरवरी से मार्च में बर्फ गिरती रही है। कई ऊंचे क्षेत्रों में तो अप्रैल में भी बर्फबारी रिपोर्ट हुई है। इसका असर सेब की खेती पर पड़ रहा है, क्योंकि मार्च-अप्रैल में बर्फ के बाद अचानक ठंड पड़ने से सेब की फ्लावरिंग प्रभावित होती है। ठंडे मौसम में मधुमक्खियां परागण नहीं कर पाती और अच्छी फ्लावरिंग भी नहीं हो पाती। इसकी मार फसल पर पड़ती है। इसके विपरीत साल दर साल सेब पर उत्पादन लागत हर साल बढ़ती जा रही है और उत्पादन कम हो रहा है। इस बार 2.91 करोड़ पेटी सेब का पूर्वानुमान: नेगी बागवानी मंत्री जगत नेगी ने कहा, इस बार 2.91 करोड़ पेटी सेब होने का पूर्वानुमान है। सेब की खेती मौसम पर निर्भर करती है। आने वाले दिनों में सेब के अच्छे साइज व रंग के लिए बारिश के साथ साथ धूप खिलना भी जरूरी है।