हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी में अवैध मस्जिद का बिजली-पानी काटने के आदेश दे दिए गए है। नगर निगम (MC) मंडी के कहने पर बिजली बोर्ड और जल शक्ति विभाग ने अवैध ढंग से बनी मस्जिद में बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं। वहीं प्रदेश में मस्जिद विवाद में आज धर्मशाला का कोतवाली बाजार व्यापारियों ने सुबह 9 से 12 बजे तक बंद रखने का निर्णय लिया। कोतवाली बाजार में व्यापारी और हिंदू संगठन मस्जिद के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। MC आयुक्त एचएस राणा ने बताया कि अवैध घोषित संपत्ति से बिजली और पानी काटने का प्रावधान पहले से ही एक्ट में है। अब इसे काटने के लिए संबंधित विभागों को बोल दिया गया है। 30 दिन में मस्जिद तोड़ने के आदेश मंडी मस्जिद की बात करें, तो MC आयुक्त ने बीते शनिवार को ही मस्जिद के अवैध निर्माण को 30 दिन के भीतर गिराने के आदेश दिए थे। इसे तोड़ने का काम उसी दिन शुरू कर दिया है। MC आयुक्त एचएस राणा ने 3 मंजिला मस्जिद में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके बनाई गई 2 मंजिल को गिराने को कहा है। 186 वर्ग मीटर पर कब्जा करके बनाई मस्जिद मुस्लिम समुदाय ने मंडी के जेल रोड पर बिना परमिशन के 3 मंजिला मस्जिद बनाई है। आजादी से पहले यहां पुरानी मस्जिद एक मंजिल की थी, जो कि लगभग 45 वर्ग मीटर पर बनी थी। मगर बीते कुछ सालों के दौरान मुस्लिम समुदाय ने यहां 186 वर्ग मीटर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया और 231 वर्ग मीटर जमीन पर मस्जिद बना दी। हिंदू संगठनों ने किया उग्र प्रदर्शन मंडी मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर मंडी शहर में बीते शनिवार को हिंदू संगठन और स्थानीय लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा था। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में धक्का मुक्की भी हुई। हिमाचल में मस्जिद विवाद कैसे उपजा, सिलसिलेवार पढ़िए.. हिमाचल की राजधानी शिमला के मैहली में बीते 31 अगस्त को दो गुटों के बीच लड़ाई हुई। इसके आरोपी संजौली मस्जिद में छिप गए। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। 1 सितंबर को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों में संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। 5 सितंबर को संजौली और चौड़ा मैदान में फिर प्रदर्शन कर अवैध मस्जिद गिराने की मांग उठी। इसी दिन कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद को तोड़ने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन हुआ। पुलिस को हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। इसके बाद प्रदेशभर में व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर और हिंदू संगठनों ने अलग अलग शहरों में रोष रैली निकाल कर अवैध मस्जिद को तोड़ने और बाहर से आने वाले लोगों की वैरिफिकेशन की मांग की। मुस्लिम समुदाय ने नारे पर जताई आपत्ति उधर, सिरमौर के पांवटा साहिब में मुस्लिम समुदाय ने कुछ दिन पहले हिंदू जागरण मंच द्वारा मस्जिद के बाहर की गई नारेबाजी पर आपत्ति जताते हुए SDM को ज्ञापन सौंपा और इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की। कांग्रेस हाईकमान से मिलने दिल्ली पहुंचा प्रतिनिधिमंडल हिमाचल का मस्जिद विवाद की गूंज कांग्रेस हाईकमान के दफ्तर तक पहुंच चुकी है। गुरुवार को मुस्लिम समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी से दिल्ली में मिला और हिमाचल में मस्जिद विवाद से अवगत कराया। सांप्रदायिकता के खिलाफ 27 को रैली निकालेगी माकपा वहीं माकपा और इसके फ्रंटल संगठनों ने 27 सितंबर को शिमला शहर में विशाल रैली करने का निर्णय लिया। कहा जा रहा है कि यह रैली अमन चैन और आपसी भाईचारा स्थापित करने को निकाली जाएगी। माकपा का आरोप है कि सुनियोजित तरीके से सांप्रदायिक घटनाओं, एक समुदाय विशेष के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा का वातावरण तैयार किया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी में अवैध मस्जिद का बिजली-पानी काटने के आदेश दे दिए गए है। नगर निगम (MC) मंडी के कहने पर बिजली बोर्ड और जल शक्ति विभाग ने अवैध ढंग से बनी मस्जिद में बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं। वहीं प्रदेश में मस्जिद विवाद में आज धर्मशाला का कोतवाली बाजार व्यापारियों ने सुबह 9 से 12 बजे तक बंद रखने का निर्णय लिया। कोतवाली बाजार में व्यापारी और हिंदू संगठन मस्जिद के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। MC आयुक्त एचएस राणा ने बताया कि अवैध घोषित संपत्ति से बिजली और पानी काटने का प्रावधान पहले से ही एक्ट में है। अब इसे काटने के लिए संबंधित विभागों को बोल दिया गया है। 30 दिन में मस्जिद तोड़ने के आदेश मंडी मस्जिद की बात करें, तो MC आयुक्त ने बीते शनिवार को ही मस्जिद के अवैध निर्माण को 30 दिन के भीतर गिराने के आदेश दिए थे। इसे तोड़ने का काम उसी दिन शुरू कर दिया है। MC आयुक्त एचएस राणा ने 3 मंजिला मस्जिद में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके बनाई गई 2 मंजिल को गिराने को कहा है। 186 वर्ग मीटर पर कब्जा करके बनाई मस्जिद मुस्लिम समुदाय ने मंडी के जेल रोड पर बिना परमिशन के 3 मंजिला मस्जिद बनाई है। आजादी से पहले यहां पुरानी मस्जिद एक मंजिल की थी, जो कि लगभग 45 वर्ग मीटर पर बनी थी। मगर बीते कुछ सालों के दौरान मुस्लिम समुदाय ने यहां 186 वर्ग मीटर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया और 231 वर्ग मीटर जमीन पर मस्जिद बना दी। हिंदू संगठनों ने किया उग्र प्रदर्शन मंडी मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर मंडी शहर में बीते शनिवार को हिंदू संगठन और स्थानीय लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा था। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में धक्का मुक्की भी हुई। हिमाचल में मस्जिद विवाद कैसे उपजा, सिलसिलेवार पढ़िए.. हिमाचल की राजधानी शिमला के मैहली में बीते 31 अगस्त को दो गुटों के बीच लड़ाई हुई। इसके आरोपी संजौली मस्जिद में छिप गए। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। 1 सितंबर को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों में संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। 5 सितंबर को संजौली और चौड़ा मैदान में फिर प्रदर्शन कर अवैध मस्जिद गिराने की मांग उठी। इसी दिन कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद को तोड़ने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन हुआ। पुलिस को हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। इसके बाद प्रदेशभर में व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर और हिंदू संगठनों ने अलग अलग शहरों में रोष रैली निकाल कर अवैध मस्जिद को तोड़ने और बाहर से आने वाले लोगों की वैरिफिकेशन की मांग की। मुस्लिम समुदाय ने नारे पर जताई आपत्ति उधर, सिरमौर के पांवटा साहिब में मुस्लिम समुदाय ने कुछ दिन पहले हिंदू जागरण मंच द्वारा मस्जिद के बाहर की गई नारेबाजी पर आपत्ति जताते हुए SDM को ज्ञापन सौंपा और इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की। कांग्रेस हाईकमान से मिलने दिल्ली पहुंचा प्रतिनिधिमंडल हिमाचल का मस्जिद विवाद की गूंज कांग्रेस हाईकमान के दफ्तर तक पहुंच चुकी है। गुरुवार को मुस्लिम समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी से दिल्ली में मिला और हिमाचल में मस्जिद विवाद से अवगत कराया। सांप्रदायिकता के खिलाफ 27 को रैली निकालेगी माकपा वहीं माकपा और इसके फ्रंटल संगठनों ने 27 सितंबर को शिमला शहर में विशाल रैली करने का निर्णय लिया। कहा जा रहा है कि यह रैली अमन चैन और आपसी भाईचारा स्थापित करने को निकाली जाएगी। माकपा का आरोप है कि सुनियोजित तरीके से सांप्रदायिक घटनाओं, एक समुदाय विशेष के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा का वातावरण तैयार किया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल उपचुनाव में भारी मतदान के मायने:कांग्रेस-भाजपा अपने-अपने पक्ष में बता रहे; भीतरघात से टेंशन में बीजेपी, नालागढ़ में निर्दलीय निर्णायक हिमाचल में विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान खत्म होते ही जीत-हार को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। तीनों सीटों पर हुए भारी मतदान को कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपने पक्ष में मान रही है। असल में कौन किस पर भारी पड़ता है, यह तो 13 जुलाई को पता चलेगा। अगर कांग्रेस उपचुनाव जीत जाती है तो यह सुक्खू सरकार के 19 महीने के कार्यकाल पर मुहर लगेगी। वहीं, अगर सत्तारूढ़ कांग्रेस चुनाव हार जाती है तो यह पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं होगा, क्योंकि मौजूदा सरकार का अभी करीब 41 महीने का कार्यकाल बाकी है। नालागढ़ में हरप्रीत होंगे निर्णायक फैक्टर सोलन जिले के नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 79% मतदान हुआ है। इस सीट पर चुनाव परिणाम काफी हद तक भाजपा के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार हरप्रीत सिंह पर निर्भर है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर हरप्रीत सिंह को 8 से 10 हजार वोट मिले तो भाजपा उम्मीदवार केएल ठाकुर को परेशानी हो सकती है। अगर हरप्रीत को इससे कम वोट मिले तो कांग्रेस के बाबा हरदीप मुश्किल में पड़ सकते हैं। यानी इस सीट पर निर्णायक फैक्टर निर्दलीय उम्मीदवार का वोट होगा। देहरा में धवाला के कारण भाजपा टेंशन में देहरा सीट की बात करें तो यहां भी भाजपा को भितरघात का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि 2022 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रमेश धवाला ने कल वोट डालने के बाद पार्टी नेताओं के खिलाफ खुलकर अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा कि भेड़ की आड़ में भेड़िये को सबक सिखाएंगे। साफ है कि देहरा सीट पर धवाला के बागी तेवरों के कारण भाजपा टेंशन में है। इसका फायदा कांग्रेस की कमलेश ठाकुर को मिलने की उम्मीद है। अग्निहोत्री ने हमीरपुर में मुकाबला रोचक बनाया हमीरपुर सीट पर मुकाबला कांटे का माना जा रहा है। यहां भी भाजपा ने निर्दलीय और पूर्व विधायक आशीष शर्मा को टिकट दिया है। इससे पार्टी नेता और टिकट के दावेदार गुपचुप तरीके से नाराज हैं। हार-जीत इस बात पर निर्भर करेगी कि भाजपा नेताओं की नाराजगी पार्टी प्रत्याशी आशीष शर्मा को कितना नुकसान पहुंचाती है। हालांकि, एक सप्ताह पहले तक आशीष शर्मा काफी मजबूत माने जा रहे थे। लेकिन पिछले दो-तीन दिनों में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने चुनाव में जान फूंक दी है। मुकेश अग्निहोत्री ब्राह्मण नेता हैं और हमीरपुर सीट पर ब्राह्मण वोट 22 फीसदी से ज्यादा हैं। ऐसे में मुकेश अग्निहोत्री के प्रचार के बाद यहां मुकाबला रोचक हो गया है। हमीरपुर सीट पर 67.72 फीसदी लोगों ने मतदान किया है। सरकार को कोई खतरा नहीं 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के 38 विधायक हैं, जबकि भाजपा के 27 विधायक हैं। तीन सीटों के नतीजे 13 जुलाई को घोषित होने हैं। इस लिहाज से कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है। अगर कांग्रेस तीनों सीटें हार भी जाती है, तो भी सरकार को कोई खतरा नहीं है। अगर कांग्रेस जीतती है, तो यह सुक्खू सरकार की नीतियों पर जनता की मुहर होगी। सीएम सुक्खू की प्रतिष्ठा दांव पर उपचुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की प्रतिष्ठा दांव पर है। इनमें कांग्रेस की जीत या हार सरकार की दशा और दिशा तय करेगी। खासकर देहरा सीट के नतीजे मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए कई मायनों में अहम होंगे, क्योंकि कांग्रेस हाईकमान ने इस सीट से सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर को मैदान में उतारा है।
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