हिमाचल प्रदेश के लेखक नेम चन्द ठाकुर को वर्ष 2024 का शब्दसत्ता सम्मान प्रदान किया जायेगा। यह सम्मान अगले वर्ष शिमला में एक समारोह आयोजित कर प्रदान किया जायेगा। सम्मान स्वरूप उन्हें धनराशि, प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्रम् भेंट किया जायेगा। इस अवसर पर लखनऊ से प्रकाशित साहित्यिक-सांस्कृतिक पत्रिका शब्दसत्ता के जनवरी-मार्च 2025 अंक का विमोचन भी होगा। शब्दसत्ता पत्रिका के संपादक व शब्दसत्ता सम्मान के संयोजक सुशील सीतापुरी ने बताया कि नेम चन्द ठाकुर को यह सम्मान हिमाचल के इतिहास व संस्कृति पर उनके लेखन के लिए प्रदान किया जायेगा। गौरतलब है कि नेम चन्द ठाकुर की हिमाचल प्रदेश का इतिहास,कला, संस्कृति एवं प्रशासन, हिमालयी इतिहास और संस्कृति के पुरोधा-ओ.सी. हाण्डा, सोलन जनपद- ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य व भारत का इतिहास (सह-लेखन) सरीखी महत्वपूर्ण किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अलावा हिन्दी व पहाड़ी कविता संग्रह ‘गुलदस्ता’ कहानी संग्रह ‘भटकु’ व ’75 पार’ भी उनके खाते में दर्ज हैं। पिछ्ले लगभग तीन दशक से लेखन में सक्रिय नेम चन्द ठाकुर के शोध पत्र, साक्षात्कार,रिपोर्ताज, कहानियां, समीक्षाएं व यात्रा संस्मरण प्रदेश व देश के प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के लेखक नेम चन्द ठाकुर को वर्ष 2024 का शब्दसत्ता सम्मान प्रदान किया जायेगा। यह सम्मान अगले वर्ष शिमला में एक समारोह आयोजित कर प्रदान किया जायेगा। सम्मान स्वरूप उन्हें धनराशि, प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्रम् भेंट किया जायेगा। इस अवसर पर लखनऊ से प्रकाशित साहित्यिक-सांस्कृतिक पत्रिका शब्दसत्ता के जनवरी-मार्च 2025 अंक का विमोचन भी होगा। शब्दसत्ता पत्रिका के संपादक व शब्दसत्ता सम्मान के संयोजक सुशील सीतापुरी ने बताया कि नेम चन्द ठाकुर को यह सम्मान हिमाचल के इतिहास व संस्कृति पर उनके लेखन के लिए प्रदान किया जायेगा। गौरतलब है कि नेम चन्द ठाकुर की हिमाचल प्रदेश का इतिहास,कला, संस्कृति एवं प्रशासन, हिमालयी इतिहास और संस्कृति के पुरोधा-ओ.सी. हाण्डा, सोलन जनपद- ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य व भारत का इतिहास (सह-लेखन) सरीखी महत्वपूर्ण किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अलावा हिन्दी व पहाड़ी कविता संग्रह ‘गुलदस्ता’ कहानी संग्रह ‘भटकु’ व ’75 पार’ भी उनके खाते में दर्ज हैं। पिछ्ले लगभग तीन दशक से लेखन में सक्रिय नेम चन्द ठाकुर के शोध पत्र, साक्षात्कार,रिपोर्ताज, कहानियां, समीक्षाएं व यात्रा संस्मरण प्रदेश व देश के प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के टैक्सी चालक का अपहरण:पंजाब के दो पर्यटकों पर आरोप; मनाली से शिमला लौटते वक्त बरमाणा से लापता, लुधियाना में गाड़ी बरामद हिमाचल प्रदेश में एक टैक्सी चालक के अपहरण का मामला सामने आया है। अपहरण के आरोप पंजाब लुधियाना के दो पर्यटकों पर है। लापता ड्राइवर के बेटे देसराज रनोट ने शिमला के सदर थाना में अपने पिता हरि कृष्ण रनोट के लापता होने के बाद अपहरण का मामला दर्ज कराया है। इसमें देसराज ने पिता के अपहरण की शंका जताई है। शिमला पुलिस ने इस बाबत जीरो एफआईआर कर इसे बिलासपुर के बरमाणा थाना के लिए भेज दिया है, क्योंकि हरि कृष्ण रनोट बरमाणा के आसपास की लोकेशन से लापता हैं। बिलासपुर पुलिस ने लापता हरि कृष्ण रनोट की तलाश के लिए SIT गठित कर जांच तेज कर दी है। पुलिस को दी शिकायत के अनुसार, देसराज नोट ने बताया कि बीते 24 जून को उनके पिता पंजाब-लुधियाना के दो पर्यटक गुरमीत सिंह व जसपाल करण सिंह को लेकर शिमला से मनाली गए थे। 25 जून को वह अपनी ऑल्टो गाड़ी नंबर HP-01-A 5150 में दोनों पर्यटकों को लेकर मनाली से वापस लौट रहे थे। 25 जून को बेटे की आखिरी बार हरि कृष्ण से बात हुई रात 8 बजकर 20 मिनट पर बेटे देसराज की अपने पिता से बात हुई तो पिता ने बताया कि वह बरमाणा पहुंच रहे हैं और देर रात में शिमला लौटेंगे। रात सवा 11 बजे के करीब बेटे ने जब दोबारा पिता को फोन किया तो उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। बरमाणा में तीन दिन से हरि कृष्ण की तलाश जारी फोन की जिस जगह आखिरी लोकेशन आई, वहां पर तीन दिन से हरि कृष्ण के परिजन और पुलिस तलाश कर रही है। मगर अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। हालांकि उनकी गाड़ी लुधियाना में ट्रेस कर दी गई है। बताया जा रहा है कि गाड़ी में खून के धब्बे भी मिले है। पुलिस टीम लुधियाना पहुंची वहीं बरमाणा पुलिस की टीम दोनों पर्यटकों की धरपकड़ के लिए लुधियाना पहुंच गई है। मगर दोनों अभी फरार है। हरि कृष्ण रनोट शिमला में टैक्सी चलाते है। वह अक्सर शिमला-मनाली रूट पर पर्यटकों को लेकर आते-जाते है।
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