हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ों पर आज और कल हल्की बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार, कई क्षेत्रों में सुबह से ही मौसम खराब होना शुरू हो गया है। ऊंचे पहाड़ों पर हिमपात और निचले इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। IMD के अनुसार, चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति और मंडी जिला की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो सकती है। अगले कल भी इन्हीं जिलों में हल्का हिमपात हो सकता है। 25 और 26 दिसंबर को मौसम पूरी तरह साफ हो जाएगा। मगर 26 दिसंबर की रात को वेस्टर्न डिस्टरबेंस दोबारा एक्टिव होगा। यह स्ट्रांग वेस्टर्न डिस्टरबेंस होगा। इससे 27 और 28 दिसंबर को अच्छी बारिश व बर्फबारी होगी। खासकर 28 दिसंबर को प्रदेश के सात जिलों में अच्छी बर्फबारी व बारिश के आसार है। नॉर्मल से 97 प्रतिशत कम बारिश प्रदेशवासी लंबे समय से बारिश-बर्फबारी के इंतजार में है। प्रदेश में बारिश-बर्फबारी नहीं होने से सूखे जैसे हालात बने हुए है। पोस्ट मानसून सीजन यानी 1 अक्टूबर से 22 दिसंबर तक सामान्य से 97 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में राज्य में 67.3 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार मात्र 2.3 मिलीमीटर बारिश हुई है। 63% जमीन पर गेंहू नहीं बीज पाए किसान इससे पानी के स्त्रोत सूखने लगे है। किसानों की फसलें खेतों में ही बर्बाद हो रही है। कृषि विभाग के अनुसार, राज्य में 3.26 हैक्टेयर जमीन पर गेंहू होता है। मगर इस बार सूखे की वजह से 63 प्रतिशत जमीन पर राज्य का किसान गेंहू की बुवाई नहीं कर पाया। अब सेब के बगीचों पर संकट मंडराने लगा है। पर्यटन इंडस्ट्री पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। बर्फ नहीं गिरने से कम संख्या में पर्यटक पहाड़ों पर आ रहा है। हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ों पर आज और कल हल्की बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार, कई क्षेत्रों में सुबह से ही मौसम खराब होना शुरू हो गया है। ऊंचे पहाड़ों पर हिमपात और निचले इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। IMD के अनुसार, चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति और मंडी जिला की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो सकती है। अगले कल भी इन्हीं जिलों में हल्का हिमपात हो सकता है। 25 और 26 दिसंबर को मौसम पूरी तरह साफ हो जाएगा। मगर 26 दिसंबर की रात को वेस्टर्न डिस्टरबेंस दोबारा एक्टिव होगा। यह स्ट्रांग वेस्टर्न डिस्टरबेंस होगा। इससे 27 और 28 दिसंबर को अच्छी बारिश व बर्फबारी होगी। खासकर 28 दिसंबर को प्रदेश के सात जिलों में अच्छी बर्फबारी व बारिश के आसार है। नॉर्मल से 97 प्रतिशत कम बारिश प्रदेशवासी लंबे समय से बारिश-बर्फबारी के इंतजार में है। प्रदेश में बारिश-बर्फबारी नहीं होने से सूखे जैसे हालात बने हुए है। पोस्ट मानसून सीजन यानी 1 अक्टूबर से 22 दिसंबर तक सामान्य से 97 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में राज्य में 67.3 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार मात्र 2.3 मिलीमीटर बारिश हुई है। 63% जमीन पर गेंहू नहीं बीज पाए किसान इससे पानी के स्त्रोत सूखने लगे है। किसानों की फसलें खेतों में ही बर्बाद हो रही है। कृषि विभाग के अनुसार, राज्य में 3.26 हैक्टेयर जमीन पर गेंहू होता है। मगर इस बार सूखे की वजह से 63 प्रतिशत जमीन पर राज्य का किसान गेंहू की बुवाई नहीं कर पाया। अब सेब के बगीचों पर संकट मंडराने लगा है। पर्यटन इंडस्ट्री पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। बर्फ नहीं गिरने से कम संख्या में पर्यटक पहाड़ों पर आ रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र:हंगामेदार रहने के आसार, सर्व दलीय मीटिंग का बायकॉट कर टकराव के संकेत दे चुका विपक्ष, सदन में गूजेंगे 936 सवाल हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। 9 सितंबर तक चलने वाले इस सत्र में 10 सीटिंग रखी गई है। सत्र के हंगामेदार रहने के आसार है। विपक्ष इसके संकेत बीती शाम को शिमला में संपन्न विधायक दल मीटिंग में दे चुका है। बीते सोमवार को स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया द्वारा बुलाई सर्व दलीय मीटिंग का भी विपक्ष बहिष्कार कर चुका है। बीजेपी विधायक लोकसभा चुनाव के दौरान स्पीकर के बयान से नाराज है। इसी वजह से विपक्ष ने सर्व दलीय मीटिंग का बहिष्कार किया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के अनुसार, स्पीकर ने चुनाव के दौरान कहा, 6 विधायकों के सिर कलम हो गए है। अब तीन के आरी के नीचे लगे हैं। इस पर विपक्ष नाराज है। उन्होंने कहा, मानसून सत्र में सत्तापक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। विभिन्न विभागों में हुए भ्रष्टाचार, स्कूलों बंद करने, आपदा, बिगड़ी कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे सदन में उठाए जाएंगे। 3 विधायकों के शोकोद्गार से शुरू होगी सदन की कार्यवाही सदन की कार्यवाही की शुरुआत तीन दिवंगत विधायक टेक चंद, नारायण सिंह स्वामी और दौलत राम चौधरी के शोकोद्गार से शुरू होगी। इसके पश्चात प्रश्नकाल होगा। प्रश्नकाल के बाद राज्यपाल द्वारा मंजूर विधेयक सदन में प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमे मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष समेत कई विधायक अपनी अपनी बात रखेंगे। विधानसभा में गूंजेंगे 936 सवाल मानसून सत्र में 936 सवाल गूंजेंगे। इनमें से 640 तारांकित प्रश्न है, जिनका सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनके मंत्री मौखिक जवाब देंगे। वहीं 296 अतारांकित प्रश्न है, इनका विधायकों को लिखित में जवाब दिया जाएगा। सभी प्रश्न संबंधित विभागों को जवाब के लिए भेज दिए गए है। 14वीं विधानसभा में बीजेपी पहली बार 28 विधायकों के साथ सदन में आएगी। प्रदेश में बीते दिनों 9 सीटों पर हुए उप चुनाव में 3 सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। इससे भाजपा के विधायकों की संख्या 25 से बढ़कर 28 हुई है। वहीं कांग्रेस के पास पहले की तरह अभी भी 40 विधायक है। मुख्यमंत्री लेंगे कांग्रेस विधायक दल मीटिंग आज होने वाले विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री सुक्खू कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग लेंगे। इसमें विपक्ष के हमलों का जवाब देने की रणनीति बनेगी।
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हिमाचल के पूर्व CM का बाढ़ ने रोका रास्ता:पंडोह में एक घंटे फंसा जयराम का काफिला, नाले में आई बाढ़ से एक गाड़ी क्षतिग्रस्त हिमाचल के पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष बीती शाम को अपने गृह क्षेत्र सराज के बागाचनोगी में अंडर-19 खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ करने पहुंचे थे। यहां से जब जयराम ठाकुर मंडी में पार्टी के सदस्यता अभियान की समीक्षा बैठक में भाग लेने के लिए मंडी आ रहे थे तो पंडोह से ऊपर बांदल नाले ने उनका रास्ता रोक दिया। भारी बारिश के कारण छोटे से नाले ने झरने का रूप ले लिया और उसके नीचे एक टैक्सी फंस गई। इस पूरी घटना का वीडियो जयराम ने अपने मोबाइल में कैद किया। करीब एक घंटे बाद पानी कम हुआ और मौके पर जेसीबी मशीन की मदद से टैक्सी को हटाया गया। तब जाकर सवा घंटे बाद जयराम ठाकुर का काफिला वहां से निकला पाया। मंडी पहुंचने पर उन्होंने इसका भी जिक्र किया और कहा, कि नाले के तेज बहाव में फंसी टैक्सी को भारी नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री सुक्खू पर बरसे जयराम जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा और मंडी से भेदभाव के आरोप जड़े। उन्होंने कहा कि मंडी के प्रति मुख्यमंत्री की मंशा ठीक नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, सरकार जल रक्षकों की मांगों को सुने और सहानुभूतिपूर्वक विचार करे। सरकार ने तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाते हुए सभी से संवाद का मार्ग बंद कर दिया है। सरकार से आज हर वर्ग क्यों हताश होकर सड़कों पर है। सरकार को इस बारे में भी विचार करने की आवश्यकता है। प्रदेश में विकास के हर तरह के काम रुके हैं। उन्होंने कहा, लोगों को रोज़गार मिल नहीं रहा है। कांग्रेस द्वारा चुनाव के पहले हर वर्ग को तमाम तरह के आश्वासन दिए, लेकिन सरकार बनने के बाद उन वादों को पूरा करना तो दूर की बात है लोगों की बातें तक नहीं सुनी गई। सदस्यता अभियान की समीक्षा की पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मण्डी में भाजपा के सदस्यता अभियान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से भाजपा का यह सदस्यता अभियान और भी रोचक हो गया है। पार्टी के कार्यकर्ता इसमें बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। बहुत जल्दी ही हम लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
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हिमाचल में सरकारी बस में वसूला प्रेशर-कुकर का किराया:विपक्ष ने सरकार को घेरा, HRTC ने कहा-घरेलू सामान का किराया नहीं लेने का नियम हिमाचल सरकार एक बार फिर से सरकारी बसों में प्रेशर-कूकर पर किराए की वजह से सुर्खियों में आई है। देशभर में इसे लेकर कांग्रेस सरकार की किरकिरी हो रही है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इसे लेकर सुक्खू सरकार को निशाने पर लिया है। इससे पहले भी हिमाचल की अफसरशाही कई बार सरकार की इसी तरह फजीहत करवा चुकी है। प्रेशर-कूकर पर किरकिरी झेलने के बाद मंगलवार देर शाम सरकार को क्लैरिफिकेशन देनी पड़ी, जिसमें हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) ने स्पष्ट कहा कि 30 किलो तक के घर में इस्तेमाल होने वाले सामान पर किराया लेने का कोई नियम नहीं है। लिहाजा यह गलती कंडक्टर के स्तर पर हुई है। हीटर का 264 रुपए टिकट काटने की खबर इस बीच ताजा खबर आ रही है कि मंडी जिले के सराज के गाड़ागुसैणी के एक व्यक्ति से डेढ़ किलो वजन वाले हीटर का 264 रुपए किराया काटा गया है। बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति मंडी से धर्मशाला जा रहा था। इस दौरान कंडक्टर ने उससे हीटर का टिकट काट कर उसका किराया वसूल किया है। हालांकि इसका टिकट अभी मौजूद नहीं है। केलांग डिपो की बस के कंडक्टर ने काटा टिकट वहीं प्रेशर कूकर का 23 रुपए का टिकट केलांग डिपो की मंडी से ओट जा रही सरकारी बस के कंडक्टर ने बीते 8 दिसंबर को काट था। अब यह टिकट सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इससे सुक्खू सरकार सोशल मीडिया में बुरी तरह घिर गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम का तंज इस पर पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि शादी की एलबम, बुजुर्गों की दवाई, बच्चों के बस्ते, खिलौने के बाद खाना बनाने के प्रेशर कूकर पर हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) बस में किराया देना शर्मनाक कृत्य है। विपक्षी भाजपा को कांग्रेस सरकार बार बार इस तरह के मुद्दे बैठे बिठाए दे रही है। इससे पहले सुक्खू सरकार टॉयलेट टैक्स, HRTC की लगेज पॉलिसी और समेसा कांड की वजह से देशभर में बदनामी झेल चुकी है। इससे कांग्रेस सरकार हंसी का पात्र बन गई है। इससे सरकार की पूरे देश में छवि खराब हुई है। टॉयलेट टैक्स ने पूरे देश में सरकार की छवि को खराब किया पहली नोटिफिकेशन बीते 21 सितंबर को जल शक्ति विभाग ने की। इसमें टॉयलेट शीट पर टैक्स का जिक्र किया गया। हालांकि यह नया टैक्स नहीं था। पूर्व की जयराम सरकार के कार्यकाल में भी 2018 में लगाया था। मगर, हिमाचल की अफसरशाही ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की बेला में जिस तरह यह नोटिफिकेशन कर दी, उससे हिमाचल सरकार का यह नोटिफिकेशन पूरे प्रदेश में चर्चा का कारण बना। इसके बाद CM सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी नेताओं ने हिमाचल के टॉयलेट टैक्स को बड़ा मुद्दा बनाया। HRTC की नोटिफिकेशन से भी किरकिरी इसके बाद HRTC ने अक्टूबर में लगेज पॉलिसी को लेकर नोटिफिकेशन की। इस अधिसूचना के कारण पूरे देश में हिमाचल फिर से चर्चा में आया। इसमें यात्रियों के सामान घरेलू इस्तेमाल के सामान पर किराया लेने की बात कही गई। नोटिफिकेशन मीडिया में आने से पहले विपक्ष के हाथ में लग गई और भाजपा नेताओं ने प्रेस कान्फ्रेंस करके तीखी प्रतिक्रिया दी। फिर 16 अक्टूबर को रात 9 बजे HRTC प्रबंधन ने एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह किराया घरेलू इस्तेमाल की वस्तुओं पर नहीं लिया जाएगा। यात्री अपने साथ 30 किलो तक के बैग को मुफ्त में ले जा सकेंगे। प्रबंधन ने जो चीज स्पष्टीकरण में स्पष्ट की, यदि यही उल्लेख पहले नोटिफिकेशन में होता तो सरकार की किरकिरी न होती। अब पद समाप्त पर पलटी सरकार इसके बाद 23 अक्टूबर को फाइनेंस डिपार्टमेंट ने पद समाप्त करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी की। इससे भी सरकार कि किरकिरी हुई। इस अधिसूचना के 12 घंटे के भीतर ही सीएम सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हालांकि उन्होंने एक दूसरी चिट्टी का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का ठीकरा फोड़ा। मगर, दूसरी नोटिफिकेशन यदि सरकार ने 23 अक्टूबर को की थी तो उसे भी फजीहत कराने वाली नोटिफिकेशन के साथ मीडिया के साथ साझा क्यों नहीं किया गया? जिस तरह सीएम सुक्खू ने कहा कि, पद समाप्त नहीं किए जा रहे बल्कि कन्वर्ट किए जा रहे हैं। यदि ऐसा है तो इसका जिक्र उस नोटिफिकेशन में नहीं किया गया, जो मीडिया से शेयर की गई। इससे पहले भी कांग्रेस सरकार फैसले से पलटी है। सरकार ने अप्रैल माह में टैम्परेरी टीचर भर्ती का फैसला लिया तो प्रदेशभर में विरोध के बाद ने टैम्परेरी टीचर रखने का फैसला पलटा। समोसा कांड से भी छवि खराब हुई इसके बाद प्रदेश में नवंबर माह में समोसा कांड हुआ। दरअसल, सीएम सुक्खू एक कार्यक्रम में शामिल होने सीआईडी मुख्यालय गए। पुलिस अधिकारियों ने सीएम के लिए समोसे और दूसरी खाद्य सामग्री ऑर्डर की। मगर जब सीएम आए तो पुलिस अधिकारियों द्वारा मंगवाई गई रिफ्रेशमेंट उनके मेन्यू में शामिल ही नहीं थी। इससे यह रिफ्रेशमेंट सीएम की सिक्योरिटी के जवानों को बांट दी गई। पुलिस अधिकारियों को जब इसका पता चला तो उन्होंने इसकी जांच बैठा दी। जांच में इसे सीआईडी और सरकार विरोधी कृत्य बताया गया।