हिमाचल सरकार एक बार फिर से सरकारी बसों में प्रेशर-कूकर पर किराए की वजह से सुर्खियों में आई है। देशभर में इसे लेकर कांग्रेस सरकार की किरकिरी हो रही है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इसे लेकर सुक्खू सरकार को निशाने पर लिया है। इससे पहले भी हिमाचल की अफसरशाही कई बार सरकार की इसी तरह फजीहत करवा चुकी है। प्रेशर-कूकर पर किरकिरी झेलने के बाद मंगलवार देर शाम सरकार को क्लैरिफिकेशन देनी पड़ी, जिसमें हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) ने स्पष्ट कहा कि 30 किलो तक के घर में इस्तेमाल होने वाले सामान पर किराया लेने का कोई नियम नहीं है। लिहाजा यह गलती कंडक्टर के स्तर पर हुई है। हीटर का 264 रुपए टिकट काटने की खबर इस बीच ताजा खबर आ रही है कि मंडी जिले के सराज के गाड़ागुसैणी के एक व्यक्ति से डेढ़ किलो वजन वाले हीटर का 264 रुपए किराया काटा गया है। बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति मंडी से धर्मशाला जा रहा था। इस दौरान कंडक्टर ने उससे हीटर का टिकट काट कर उसका किराया वसूल किया है। हालांकि इसका टिकट अभी मौजूद नहीं है। केलांग डिपो की बस के कंडक्टर ने काटा टिकट वहीं प्रेशर कूकर का 23 रुपए का टिकट केलांग डिपो की मंडी से ओट जा रही सरकारी बस के कंडक्टर ने बीते 8 दिसंबर को काट था। अब यह टिकट सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इससे सुक्खू सरकार सोशल मीडिया में बुरी तरह घिर गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम का तंज इस पर पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि शादी की एलबम, बुजुर्गों की दवाई, बच्चों के बस्ते, खिलौने के बाद खाना बनाने के प्रेशर कूकर पर हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) बस में किराया देना शर्मनाक कृत्य है। विपक्षी भाजपा को कांग्रेस सरकार बार बार इस तरह के मुद्दे बैठे बिठाए दे रही है। इससे पहले सुक्खू सरकार टॉयलेट टैक्स, HRTC की लगेज पॉलिसी और समेसा कांड की वजह से देशभर में बदनामी झेल चुकी है। इससे कांग्रेस सरकार हंसी का पात्र बन गई है। इससे सरकार की पूरे देश में छवि खराब हुई है। टॉयलेट टैक्स ने पूरे देश में सरकार की छवि को खराब किया पहली नोटिफिकेशन बीते 21 सितंबर को जल शक्ति विभाग ने की। इसमें टॉयलेट शीट पर टैक्स का जिक्र किया गया। हालांकि यह नया टैक्स नहीं था। पूर्व की जयराम सरकार के कार्यकाल में भी 2018 में लगाया था। मगर, हिमाचल की अफसरशाही ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की बेला में जिस तरह यह नोटिफिकेशन कर दी, उससे हिमाचल सरकार का यह नोटिफिकेशन पूरे प्रदेश में चर्चा का कारण बना। इसके बाद CM सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी नेताओं ने हिमाचल के टॉयलेट टैक्स को बड़ा मुद्दा बनाया। HRTC की नोटिफिकेशन से भी किरकिरी इसके बाद HRTC ने अक्टूबर में लगेज पॉलिसी को लेकर नोटिफिकेशन की। इस अधिसूचना के कारण पूरे देश में हिमाचल फिर से चर्चा में आया। इसमें यात्रियों के सामान घरेलू इस्तेमाल के सामान पर किराया लेने की बात कही गई। नोटिफिकेशन मीडिया में आने से पहले विपक्ष के हाथ में लग गई और भाजपा नेताओं ने प्रेस कान्फ्रेंस करके तीखी प्रतिक्रिया दी। फिर 16 अक्टूबर को रात 9 बजे HRTC प्रबंधन ने एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह किराया घरेलू इस्तेमाल की वस्तुओं पर नहीं लिया जाएगा। यात्री अपने साथ 30 किलो तक के बैग को मुफ्त में ले जा सकेंगे। प्रबंधन ने जो चीज स्पष्टीकरण में स्पष्ट की, यदि यही उल्लेख पहले नोटिफिकेशन में होता तो सरकार की किरकिरी न होती। अब पद समाप्त पर पलटी सरकार इसके बाद 23 अक्टूबर को फाइनेंस डिपार्टमेंट ने पद समाप्त करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी की। इससे भी सरकार कि किरकिरी हुई। इस अधिसूचना के 12 घंटे के भीतर ही सीएम सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हालांकि उन्होंने एक दूसरी चिट्टी का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का ठीकरा फोड़ा। मगर, दूसरी नोटिफिकेशन यदि सरकार ने 23 अक्टूबर को की थी तो उसे भी फजीहत कराने वाली नोटिफिकेशन के साथ मीडिया के साथ साझा क्यों नहीं किया गया? जिस तरह सीएम सुक्खू ने कहा कि, पद समाप्त नहीं किए जा रहे बल्कि कन्वर्ट किए जा रहे हैं। यदि ऐसा है तो इसका जिक्र उस नोटिफिकेशन में नहीं किया गया, जो मीडिया से शेयर की गई। इससे पहले भी कांग्रेस सरकार फैसले से पलटी है। सरकार ने अप्रैल माह में टैम्परेरी टीचर भर्ती का फैसला लिया तो प्रदेशभर में विरोध के बाद ने टैम्परेरी टीचर रखने का फैसला पलटा। समोसा कांड से भी छवि खराब हुई इसके बाद प्रदेश में नवंबर माह में समोसा कांड हुआ। दरअसल, सीएम सुक्खू एक कार्यक्रम में शामिल होने सीआईडी मुख्यालय गए। पुलिस अधिकारियों ने सीएम के लिए समोसे और दूसरी खाद्य सामग्री ऑर्डर की। मगर जब सीएम आए तो पुलिस अधिकारियों द्वारा मंगवाई गई रिफ्रेशमेंट उनके मेन्यू में शामिल ही नहीं थी। इससे यह रिफ्रेशमेंट सीएम की सिक्योरिटी के जवानों को बांट दी गई। पुलिस अधिकारियों को जब इसका पता चला तो उन्होंने इसकी जांच बैठा दी। जांच में इसे सीआईडी और सरकार विरोधी कृत्य बताया गया। हिमाचल सरकार एक बार फिर से सरकारी बसों में प्रेशर-कूकर पर किराए की वजह से सुर्खियों में आई है। देशभर में इसे लेकर कांग्रेस सरकार की किरकिरी हो रही है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इसे लेकर सुक्खू सरकार को निशाने पर लिया है। इससे पहले भी हिमाचल की अफसरशाही कई बार सरकार की इसी तरह फजीहत करवा चुकी है। प्रेशर-कूकर पर किरकिरी झेलने के बाद मंगलवार देर शाम सरकार को क्लैरिफिकेशन देनी पड़ी, जिसमें हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) ने स्पष्ट कहा कि 30 किलो तक के घर में इस्तेमाल होने वाले सामान पर किराया लेने का कोई नियम नहीं है। लिहाजा यह गलती कंडक्टर के स्तर पर हुई है। हीटर का 264 रुपए टिकट काटने की खबर इस बीच ताजा खबर आ रही है कि मंडी जिले के सराज के गाड़ागुसैणी के एक व्यक्ति से डेढ़ किलो वजन वाले हीटर का 264 रुपए किराया काटा गया है। बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति मंडी से धर्मशाला जा रहा था। इस दौरान कंडक्टर ने उससे हीटर का टिकट काट कर उसका किराया वसूल किया है। हालांकि इसका टिकट अभी मौजूद नहीं है। केलांग डिपो की बस के कंडक्टर ने काटा टिकट वहीं प्रेशर कूकर का 23 रुपए का टिकट केलांग डिपो की मंडी से ओट जा रही सरकारी बस के कंडक्टर ने बीते 8 दिसंबर को काट था। अब यह टिकट सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इससे सुक्खू सरकार सोशल मीडिया में बुरी तरह घिर गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम का तंज इस पर पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि शादी की एलबम, बुजुर्गों की दवाई, बच्चों के बस्ते, खिलौने के बाद खाना बनाने के प्रेशर कूकर पर हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) बस में किराया देना शर्मनाक कृत्य है। विपक्षी भाजपा को कांग्रेस सरकार बार बार इस तरह के मुद्दे बैठे बिठाए दे रही है। इससे पहले सुक्खू सरकार टॉयलेट टैक्स, HRTC की लगेज पॉलिसी और समेसा कांड की वजह से देशभर में बदनामी झेल चुकी है। इससे कांग्रेस सरकार हंसी का पात्र बन गई है। इससे सरकार की पूरे देश में छवि खराब हुई है। टॉयलेट टैक्स ने पूरे देश में सरकार की छवि को खराब किया पहली नोटिफिकेशन बीते 21 सितंबर को जल शक्ति विभाग ने की। इसमें टॉयलेट शीट पर टैक्स का जिक्र किया गया। हालांकि यह नया टैक्स नहीं था। पूर्व की जयराम सरकार के कार्यकाल में भी 2018 में लगाया था। मगर, हिमाचल की अफसरशाही ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की बेला में जिस तरह यह नोटिफिकेशन कर दी, उससे हिमाचल सरकार का यह नोटिफिकेशन पूरे प्रदेश में चर्चा का कारण बना। इसके बाद CM सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी नेताओं ने हिमाचल के टॉयलेट टैक्स को बड़ा मुद्दा बनाया। HRTC की नोटिफिकेशन से भी किरकिरी इसके बाद HRTC ने अक्टूबर में लगेज पॉलिसी को लेकर नोटिफिकेशन की। इस अधिसूचना के कारण पूरे देश में हिमाचल फिर से चर्चा में आया। इसमें यात्रियों के सामान घरेलू इस्तेमाल के सामान पर किराया लेने की बात कही गई। नोटिफिकेशन मीडिया में आने से पहले विपक्ष के हाथ में लग गई और भाजपा नेताओं ने प्रेस कान्फ्रेंस करके तीखी प्रतिक्रिया दी। फिर 16 अक्टूबर को रात 9 बजे HRTC प्रबंधन ने एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह किराया घरेलू इस्तेमाल की वस्तुओं पर नहीं लिया जाएगा। यात्री अपने साथ 30 किलो तक के बैग को मुफ्त में ले जा सकेंगे। प्रबंधन ने जो चीज स्पष्टीकरण में स्पष्ट की, यदि यही उल्लेख पहले नोटिफिकेशन में होता तो सरकार की किरकिरी न होती। अब पद समाप्त पर पलटी सरकार इसके बाद 23 अक्टूबर को फाइनेंस डिपार्टमेंट ने पद समाप्त करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी की। इससे भी सरकार कि किरकिरी हुई। इस अधिसूचना के 12 घंटे के भीतर ही सीएम सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हालांकि उन्होंने एक दूसरी चिट्टी का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का ठीकरा फोड़ा। मगर, दूसरी नोटिफिकेशन यदि सरकार ने 23 अक्टूबर को की थी तो उसे भी फजीहत कराने वाली नोटिफिकेशन के साथ मीडिया के साथ साझा क्यों नहीं किया गया? जिस तरह सीएम सुक्खू ने कहा कि, पद समाप्त नहीं किए जा रहे बल्कि कन्वर्ट किए जा रहे हैं। यदि ऐसा है तो इसका जिक्र उस नोटिफिकेशन में नहीं किया गया, जो मीडिया से शेयर की गई। इससे पहले भी कांग्रेस सरकार फैसले से पलटी है। सरकार ने अप्रैल माह में टैम्परेरी टीचर भर्ती का फैसला लिया तो प्रदेशभर में विरोध के बाद ने टैम्परेरी टीचर रखने का फैसला पलटा। समोसा कांड से भी छवि खराब हुई इसके बाद प्रदेश में नवंबर माह में समोसा कांड हुआ। दरअसल, सीएम सुक्खू एक कार्यक्रम में शामिल होने सीआईडी मुख्यालय गए। पुलिस अधिकारियों ने सीएम के लिए समोसे और दूसरी खाद्य सामग्री ऑर्डर की। मगर जब सीएम आए तो पुलिस अधिकारियों द्वारा मंगवाई गई रिफ्रेशमेंट उनके मेन्यू में शामिल ही नहीं थी। इससे यह रिफ्रेशमेंट सीएम की सिक्योरिटी के जवानों को बांट दी गई। पुलिस अधिकारियों को जब इसका पता चला तो उन्होंने इसकी जांच बैठा दी। जांच में इसे सीआईडी और सरकार विरोधी कृत्य बताया गया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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