हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ों पर अगले तीन दिन तक बारिश और बर्फबारी का अनुमान है। इसके चलते पांच जिलों किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, कांगड़ा और चंबा की ऊंची चोटियां बर्फ की सफेद चादर से ढक सकती हैं। लेकिन अन्य सात जिलों में दो महीने से चल रहा सूखा खत्म होने के आसार नहीं हैं। शिमला, सोलन, मंडी, सिरमौर, बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना जिलों में मौसम पूरी तरह साफ रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो सप्ताह तक भी इन जिलों में अच्छी बारिश या बर्फबारी की संभावना नहीं है। इससे प्रदेश में सूखे जैसे हालात बन गए हैं। इसका सबसे ज्यादा असर किसानों, बागवानों और पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। पेयजल योजनाओं में 20 फीसदी तक पानी का स्तर गिरा अब पेयजल स्रोत भी सूखने लगे हैं। प्रदेश में जल शक्ति विभाग की करीब 9000 पेयजल योजनाएं हैं। इनमें से 55 फीसदी योजनाओं में पानी का स्तर 15 से 20 फीसदी तक गिर गया है। किसान गेहूं की बुआई नहीं कर पाए सूखे के कारण इस बार किसान 63 फीसदी भूमि पर गेहूं की बुआई नहीं कर पाए, जबकि प्रदेश में 3.26 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल उगाई जाती है। हिमाचल में गेहूं की बुआई के लिए उपयुक्त समय 15 नवंबर है। यानी अब अगर बारिश भी होती है तो किसान इसकी बुआई नहीं कर पाएंगे। सेब के बागों पर वूली एफिड कीट का हमला सूखे की वजह से सेब के बाग खतरे में हैं। बागों में नमी पूरी तरह खत्म हो गई है। सूखे की वजह से बागों में वूली-एफिड कीट ने हमला कर दिया है। बर्फबारी सेब के लिए टॉनिक का काम करती है और तमाम बीमारियों को दूर करती है। लेकिन इस बार बर्फबारी तो दूर, बारिश भी नहीं हो रही है। मानसून और मानसून के बाद के सीजन में सामान्य से कम बारिश 2 महीने सूखे गुजरे हैं। इस बार मानसून में भी सामान्य से 19 फीसदी कम बारिश हुई है, जबकि मानसून के बाद के सीजन में बारिश सामान्य से 98 फीसदी कम हुई है। 1 अक्टूबर से 29 नवंबर तक सामान्य बारिश 44 मिमी होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 0.7 मिमी बारिश हुई है। हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ों पर अगले तीन दिन तक बारिश और बर्फबारी का अनुमान है। इसके चलते पांच जिलों किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, कांगड़ा और चंबा की ऊंची चोटियां बर्फ की सफेद चादर से ढक सकती हैं। लेकिन अन्य सात जिलों में दो महीने से चल रहा सूखा खत्म होने के आसार नहीं हैं। शिमला, सोलन, मंडी, सिरमौर, बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना जिलों में मौसम पूरी तरह साफ रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो सप्ताह तक भी इन जिलों में अच्छी बारिश या बर्फबारी की संभावना नहीं है। इससे प्रदेश में सूखे जैसे हालात बन गए हैं। इसका सबसे ज्यादा असर किसानों, बागवानों और पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। पेयजल योजनाओं में 20 फीसदी तक पानी का स्तर गिरा अब पेयजल स्रोत भी सूखने लगे हैं। प्रदेश में जल शक्ति विभाग की करीब 9000 पेयजल योजनाएं हैं। इनमें से 55 फीसदी योजनाओं में पानी का स्तर 15 से 20 फीसदी तक गिर गया है। किसान गेहूं की बुआई नहीं कर पाए सूखे के कारण इस बार किसान 63 फीसदी भूमि पर गेहूं की बुआई नहीं कर पाए, जबकि प्रदेश में 3.26 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल उगाई जाती है। हिमाचल में गेहूं की बुआई के लिए उपयुक्त समय 15 नवंबर है। यानी अब अगर बारिश भी होती है तो किसान इसकी बुआई नहीं कर पाएंगे। सेब के बागों पर वूली एफिड कीट का हमला सूखे की वजह से सेब के बाग खतरे में हैं। बागों में नमी पूरी तरह खत्म हो गई है। सूखे की वजह से बागों में वूली-एफिड कीट ने हमला कर दिया है। बर्फबारी सेब के लिए टॉनिक का काम करती है और तमाम बीमारियों को दूर करती है। लेकिन इस बार बर्फबारी तो दूर, बारिश भी नहीं हो रही है। मानसून और मानसून के बाद के सीजन में सामान्य से कम बारिश 2 महीने सूखे गुजरे हैं। इस बार मानसून में भी सामान्य से 19 फीसदी कम बारिश हुई है, जबकि मानसून के बाद के सीजन में बारिश सामान्य से 98 फीसदी कम हुई है। 1 अक्टूबर से 29 नवंबर तक सामान्य बारिश 44 मिमी होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 0.7 मिमी बारिश हुई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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बाली ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि आज उन्होंने सभी होटलों के अधिकारियों के साथ बैठक करके निर्णय किया है कि प्रदेश के तीन होटलों को निगम रेनोवेट करेगा। इसलिए रेनोवेशन के लिए अनुमानित 16 करोड़ का खर्चा आ सकता है। पीटर हॉफ , HHH और हमीरपुर का होटल हमीर का रेनोवेशन प्रथम चरण में किया जाएगा। इसको सीएम सुक्खु के साथ चर्चा हो गयी है। उन्होंने इसके लिए हामी भर दी है। उन्होंने कहा कि HPTDC ने अपनी कमाई से करीब 36 करोड़ रु HPTDC के कर्मचारियों को दे दिए है इसके अलावा निगम ने बाकी की राशि भी हाईकोर्ट के आदेशों के बाद तय समय सीमा देने की बात कही है। बाली बोले केंद्र से टूरिज्म को मिला सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
वहीं निगम चेयरमैन बाली हाल ही में केंद्र ने स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत 23 राज्यों को पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए जारी 3296 करोड़ रुपए में हिमाचल प्रदेश का जिक्र न होने के सवाल पर कहा कि केंद्र से टूरिज्म के क्षेत्र में हमें हाल ही में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट दिया है। एडीबी के प्रोजेक्ट से हिमाचल प्रदेश के होटल रेनोवेट होंगे। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली से काजा व छितकुल जैसे दुर्गम क्षेत्रों में पर्यटन के विकास के लिए 35 करोड़ लाए है। इसलिए शायद हमारा नाम इस प्रोजेक्ट में नही आया लेकिन वह इस प्रोजेक्ट मे भी फंड लाने के लिए प्रयास करेंगे। सीएम सुक्खू ने लगाए थे सौतेला व्यवहार करने के आरोप
सीएम सुक्खू ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि केंद्र सरकार की भेदभावपूर्ण राजनीति ने हिमाचल की जनता को एक बार फिर शिकार बनाया है। ‘स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम’ के तहत 3296 करोड़ रुपए की राशि 23 राज्यों को दी गई, लेकिन हिमाचल को इस महत्वपूर्ण सहायता से वंचित रखा गया है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के विकास की यात्रा को अवरुद्ध करने की कोशिश कर रही है। कथनी और करनी में गहरा अंतर है। केंद्र सरकार का यह भेदभावपूर्ण रवैया अब पूरी तरह से उजागर हो चुका है। यहां के भाजपा सांसद लिस्ट जारी करके खुशी मना रहे हैं, जैसे उन्होंने कोई बड़ी जंग जीत ली हो। मुझे आश्चर्य होता है कि क्या वे सच में हिमाचल की जनता के प्रतिनिधि हैं भी या नहीं। जब आपदा का संकट हमारे दरवाजे पर था, तब भी केंद्र सरकार चुप्पी साधे थी। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, हमने कड़ी मेहनत और समर्पण से पर्यटन क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है। संघीय ढांचे में हिमाचल के साथ दुर्भावनापूर्ण व्यवहार गलत है, जिसके लिए सम्मानित जनता कभी माफ नहीं करेगी। सुधीर पर भी साधा निशाना
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