कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज वापस दिल्ली लौट गए हैं। शिमला के छराबड़ा से उनका काफिला चंडीगढ़ की ओर रवाना हो गया है। चंडीगढ़ से दोनों हेलिकॉप्टर से दिल्ली जाएंगे। बताया जा रहा है कि दिल्ली पहुंचने के बाद राहुल गांधी जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे। हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच उन्होंने 2 दिन शिमला के छराबड़ा में बिताए, जबकि सोनिया गांधी 6 दिन बाद यहां से दिल्ली लौटी हैं। प्रियंका गांधी अभी छराबड़ा में ही रहेंगी राहुल गांधी बीते शनिवार को छराबड़ा और सोनिया गांधी बीते 17 सितंबर को शिमला पहुंची थी। वहीं प्रियंका गांधी बीते 15 सितंबर से छराबड़ा में ठहरी हुई है। वह अभी भी छराबड़ा में है। प्रियंका गांधी कुछ दिन यहीं रुकेंगी। प्रियंका ने बना रखा अपना मकान बता दें कि शिमला के छराबड़ा में राहुल की बहन प्रियंका गांधी ने पहाड़ी शैली में अपना घर बना रखा है, जो शिमला से लगभग 13 किलोमीटर दूर छराबड़ा में देवदार के घने जंगल के बीचों-बीच बना है। प्रियंका गांधी साल में 4-5 बार यहां आती रहती हैं। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज वापस दिल्ली लौट गए हैं। शिमला के छराबड़ा से उनका काफिला चंडीगढ़ की ओर रवाना हो गया है। चंडीगढ़ से दोनों हेलिकॉप्टर से दिल्ली जाएंगे। बताया जा रहा है कि दिल्ली पहुंचने के बाद राहुल गांधी जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे। हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच उन्होंने 2 दिन शिमला के छराबड़ा में बिताए, जबकि सोनिया गांधी 6 दिन बाद यहां से दिल्ली लौटी हैं। प्रियंका गांधी अभी छराबड़ा में ही रहेंगी राहुल गांधी बीते शनिवार को छराबड़ा और सोनिया गांधी बीते 17 सितंबर को शिमला पहुंची थी। वहीं प्रियंका गांधी बीते 15 सितंबर से छराबड़ा में ठहरी हुई है। वह अभी भी छराबड़ा में है। प्रियंका गांधी कुछ दिन यहीं रुकेंगी। प्रियंका ने बना रखा अपना मकान बता दें कि शिमला के छराबड़ा में राहुल की बहन प्रियंका गांधी ने पहाड़ी शैली में अपना घर बना रखा है, जो शिमला से लगभग 13 किलोमीटर दूर छराबड़ा में देवदार के घने जंगल के बीचों-बीच बना है। प्रियंका गांधी साल में 4-5 बार यहां आती रहती हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में गेस्ट-टीचर भर्ती पर भड़के बेरोजगार:शिमला में आज करेंगे प्रदर्शन; पॉलिसी वापस लेने और 1 लाख नौकरी का वादा निभाने की करेंगे मांग हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी के विरोध में पढ़ा लिखा बेरोजगार आज शिमला की सड़कों पर उतरेगा। प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने इस पॉलिसी के खिलाफ प्रदर्शन का आवाहन किया है। बेरोजगार युवा शिमला में DC ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी को वापस लेने की मांग करेंगे। दरअसल, कांग्रेस सरकार सत्ता में पक्की नौकरी देने का वादा करके आई थी। मगर सत्ता में आने के बाद रेगुलर नौकरी तो नाम मात्र लोगों को दी गई। मगर ज्यादातर भर्तियां आउटसोर्स व टैम्परेरी आधार पर दी गई है। अब सुक्खू कैबिनेट ने शिक्षा विभाग के लिए गेस्ट टीचर भर्ती के लिए पॉलिसी को मंजूरी दी है। इससे प्रदेश का बेरोजगार भड़क उठा है। आज शिमला में प्रदर्शन रखा गया है, 19 दिसंबर को धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान बेरोजगार प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान बेरोजगार युवा कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान किए एक लाख नौकरी के वादे को याद दिलाएंगे और गेस्ट टीचर पॉलिसी वापस लेने की मांग करेंगे। क्या है पूरा मामला बता दें कि बीते 12 दिसंबर को सुक्खू कैबिनेट ने गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी को मंजूरी दी। इस भर्ती के तहत टीचर को पीरियड बेस पर मानदेय दिया जाएगा। टीचर को एक पीरियड के 200 से से 500 रुपए दिए जाएंगे। इसके विरोध में बेरोजगार आर पार की लड़ाई को तैयार हो गया है। प्रदेश में 8 लाख से ज्यादा बेरोजगार प्रदेश में 8 लाख से ज्यादा बेरोजगार है, जो कि सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा है। मगर कांग्रेस सरकार दो साल के कार्यकाल में नाम मात्र नौकरियां निकाल पाई है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में ली गई सभी भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट भी सरकार नहीं निकाल पा रही। इससे बेरोजगार युवा आहत है और मजबूरी में सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया है। गेस्ट टीचर पॉलिसी के खिलाफ लड़ेंगे लड़ाई हिमाचल प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि सरकार बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा कर रही है। पक्की नौकरी का वादा किया था और अब आउटसोर्स नौकरी देकर सरकार पल्ला झाड़ रही है। उन्होंने बताया कि बेरोजगार युवा सरकार की इस पॉलिसी के खिलाफ लड़ाई लडेंगे।
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प्रत्येक हिमाचल वासी पर 1.17 लाख का कर्ज:अरुणाचल के बाद सबसे ज्यादा; खर्चें कम करेगी सरकार, ऑफिसरों की मौज पर लगेगा अंकुश हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर 1 लाख 16 हजार 180 रुपए का कर्ज हो गया है, जो कि देश में अरुणाचल प्रदेश के बाद सर्वाधिक है। इस आर्थिक बदहाली से प्रदेश को बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू द्वारा गठित रिसोर्स मोबेलाइजेशन कमेटी की मंगलवार दोपहर बाद सचिवालय में अहम मीटिंग हुई। इसमें अनावश्यक खर्चे कम करने, सरकारी गाड़ियों व अफसरों की मौज रोकने और अफसरों का युक्तिकरण करने जैसे सुझाव पर चर्चा की गई। कैबिनेट सब कमेटी के सदस्य एवं टीसीपी मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि, प्रदेश में जितना टैक्स इक्ट्ठा हो रहा, लगभग उतना ही पैसा लोन की किश्त और ब्याज चुकाने में जा रहा है। इसलिए कदम उठाने जरूरी है। आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए आने वाले दिनों में सख्त निर्णय लेने पड़ सकते हैं। मुफ्त की सेवाओं में भी कटौती हो सकती है। उन्होंने कहा कि, साधन संपन्न लोगों को मुफ्त सेवाएं गलत है। यह जरूरतमंदों को ही मिलती रहनी चाहिए। अफसरों के पदों का होगा युक्तिकरण: धर्माणी राजेश धर्माणी ने कहा कि, प्रदेश के विभिन्न विभागों में गेजेटेड अफसरों का युक्तिकरण जरूरी है। यानी जहां 10 अधिकारी हैं, वहां जरूरत के हिसाब से 5 से 6 अफसर रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि, साल 2006 से 2022 के बीच 16 साल में गेजेटेड ऑफिसर की संख्या में 62 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि गेजेटेड ऑफिसर कम करके जरूरत के हिसाब से फील्ड व निचला स्टाफ बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि जनता तक विभिन्न सेवाओं को आसानी से पहुंचाया जा सके। धर्माणी ने कहा, अनप्रोडक्टिव खर्च कम करने होंगे। विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग पर भी अंकुश लगाना होगा। सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग रोकना होगा। बोर्ड-निगमों को खुद आर्थिक संसाधन जुटाने होंगे। 80 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ गई बीजेपी सरकार: राजेश राजेश धर्माणी ने कहा कि, हिमाचल में जब कांग्रेस सरकार बनी तब राज्य पर 80 हजार करोड़ रुपए का ज्यादा का कर्ज चढ़ चुका था। 31 मार्च 2023 तक यह 86589 करोड़ हो गया था। 10 हजार करोड़ रुपए की कर्मचारियों की देनदारी सरकार के पास है। इससे डगमगा रही अर्थव्यवस्था इसके विपरीत रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) लगातार कम हो रही है। 14वें वित्त आयोग में हिमाचल को RDG में 40624 करोड़ रुपए मिले थे। 15वें वित्त आयोग में यह बढ़ने के बजाय कम होकर 37199 करोड़ रह गया। साल 2021-22 में RDG 10249 करोड़ मिली थी, जो कि 2025-26 में 3257 करोड़ की रह जाएगी। इससे अर्थव्यवस्था डगमगा रही है। GST प्रतिपूर्ति राशि भी बंद GST प्रतिपूर्ति राशि भी भारत सरकार ने जून 2022 में बंद कर दी है, जोकि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से हर साल 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा मिल रही थी। इसे देखते हुए रिसोर्स मोबेलाइजेशन कमेटी ने काम शुरू कर दिया है। अग्निहोत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बता दें कि, मुख्यमंत्री सुक्खू ने डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में रिसोर्स मोबेलाइजेशन के लिए कैबिनेट सब कमेटी गठित कर रखी है। इसमें मुकेश अग्निहोत्री के अलावा कृषि मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान, टीसीपी मिनिस्टर राजेश धर्माणी सदस्य हैं। इस कमेटी की आज सचिवालय में अहम मीटिंग हुई है। कैबिनेट को सुझाव भेजेगी कमेटी इसमें निर्णय लिया गया कि आफिसर के पदों का युक्तिकरण करने से पहले विभिन्न विभागाध्यक्षों से सुझाव लिए जाएंगे और देखा जाएगा कि कहां कितने अधिकारियों की जरूरत है। इस हिसाब से पदों का युक्तिकरण किया जाएगा। कैबिनेट सब कमेटी में खर्च कम करने और आय के साधन बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की गई। आज की मीटिंग में निर्णय लिया गया कि जल्द दोबारा मीटिंग बुलाई जाए, इसमें मुख्य सचिव और वित्त सचिव को भी बुलाया जाए और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सुझाव तैयार कर कैबिनेट को भेजे जाएंगे। इन पर अंतिम निर्णय कैबिनेट मीटिंग में होगा।
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