हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून कमजोर पड़ गया है। इस सीजन में अब तक सामान्य से 25 फीसदी कम बारिश हुई है। सिरमौर जिले से मानसून प्रदेश में प्रवेश करता है। लेकिन सिरमौर में ही अच्छी बारिश नहीं हुई। सिरमौर में सामान्य से 51 फीसदी कम बारिश हुई है। 1 जून से 10 जुलाई तक प्रदेश में औसत बारिश 168.9 मिमी होती है। लेकिन इस बार 127.1 मिमी बारिश हुई है। शिमला एकमात्र ऐसा जिला है, जहां सामान्य से 3 फीसदी अधिक बारिश हुई है। शिमला में 174.2 मिमी बारिश हुई, जबकि यहां औसत बारिश 168.83 मिमी होती है। अन्य सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। बिलासपुर जिले में सामान्य से 26 फीसदी कम बारिश हुई है, जबकि चंबा में 32 फीसदी, हमीरपुर में 22 फीसदी, कांगड़ा में 7 फीसदी, किन्नौर में 42 फीसदी, कुल्लू में 25 फीसदी, लाहौल स्पीति में 59 फीसदी, मंडी में 4 फीसदी, सोलन में 23 फीसदी और ऊना जिले में सामान्य से 45 फीसदी कम बारिश हुई है। अगर आने वाले दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई तो इसका असर प्रदेश के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की खेती पर भी पड़ेगा, क्योंकि पड़ोसी राज्यों के लिए पानी भी हिमाचल से होकर जाता है। खास तौर पर पंजाब और हरियाणा की खेती हिमाचल के पानी पर निर्भर है। आज से 3 दिन बारिश का येलो अलर्ट मौसम विभाग (IMD) ने 11 से 13 जुलाई तक बारिश का येलो अलर्ट जरूर जारी किया है। लेकिन शिमला समेत प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में सुबह से ही हल्की धूप खिली हुई है। IMD के मुताबिक, तीन दिन ही मानसून ज्यादा सक्रिय रहेगा। 14 से 16 जुलाई के बीच इसकी गति धीमी पड़ जाएगी और कुछ जगहों पर ही हल्की बारिश हो सकती है। 3 वजहों से कमजोर हुआ मानसून मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार हवा का दबाव न बनने और मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने की वजह से अच्छी बारिश नहीं हो रही है। मई महीने में भी रेमल नाम के चक्रवाती तूफान की वजह से अच्छी बारिश नहीं हो रही है। तापमान में आया उछाल, 6 शहरों का पारा 35 डिग्री पार प्रदेश में बारिश नहीं होने से तापमान में भी उछाल आया है। कुछ शहरों का पारा नॉर्मल से छह डिग्री तक ज्यादा हो गया है। इसके बाद प्रदेश के छह शहरों का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया है। डलहौजी का पारा नॉर्मल से 6 डिग्री अधिक के उछाल के साथ 29.7 डिग्री पहुंच गया है। डलहौजी के तापमान में 6 डिग्री का उछाल शिमला का तापमान नॉर्मल से 3.6 डिग्री अधिक के साथ 26.6 डिग्री, मंडी का 5.6 डिग्री अधिक के साथ 36.8 डिग्री, भुंतर का पारा नॉर्मल से 3.6 डिग्री ज्यादा के उछाल के साथ 35.4 डिग्री, बिलासपुर का पारा 4 डिग्री ज्यादा के साथ 37 डिग्री, कांगड़ा का 3.3 डिग्री उछाल के बाद 34.3 डिग्री और ऊना का पारा 3.4 डिग्री ज्यादा के साथ 37.2 डिग्री पहुंच गया है। हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून कमजोर पड़ गया है। इस सीजन में अब तक सामान्य से 25 फीसदी कम बारिश हुई है। सिरमौर जिले से मानसून प्रदेश में प्रवेश करता है। लेकिन सिरमौर में ही अच्छी बारिश नहीं हुई। सिरमौर में सामान्य से 51 फीसदी कम बारिश हुई है। 1 जून से 10 जुलाई तक प्रदेश में औसत बारिश 168.9 मिमी होती है। लेकिन इस बार 127.1 मिमी बारिश हुई है। शिमला एकमात्र ऐसा जिला है, जहां सामान्य से 3 फीसदी अधिक बारिश हुई है। शिमला में 174.2 मिमी बारिश हुई, जबकि यहां औसत बारिश 168.83 मिमी होती है। अन्य सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। बिलासपुर जिले में सामान्य से 26 फीसदी कम बारिश हुई है, जबकि चंबा में 32 फीसदी, हमीरपुर में 22 फीसदी, कांगड़ा में 7 फीसदी, किन्नौर में 42 फीसदी, कुल्लू में 25 फीसदी, लाहौल स्पीति में 59 फीसदी, मंडी में 4 फीसदी, सोलन में 23 फीसदी और ऊना जिले में सामान्य से 45 फीसदी कम बारिश हुई है। अगर आने वाले दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई तो इसका असर प्रदेश के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की खेती पर भी पड़ेगा, क्योंकि पड़ोसी राज्यों के लिए पानी भी हिमाचल से होकर जाता है। खास तौर पर पंजाब और हरियाणा की खेती हिमाचल के पानी पर निर्भर है। आज से 3 दिन बारिश का येलो अलर्ट मौसम विभाग (IMD) ने 11 से 13 जुलाई तक बारिश का येलो अलर्ट जरूर जारी किया है। लेकिन शिमला समेत प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में सुबह से ही हल्की धूप खिली हुई है। IMD के मुताबिक, तीन दिन ही मानसून ज्यादा सक्रिय रहेगा। 14 से 16 जुलाई के बीच इसकी गति धीमी पड़ जाएगी और कुछ जगहों पर ही हल्की बारिश हो सकती है। 3 वजहों से कमजोर हुआ मानसून मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार हवा का दबाव न बनने और मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने की वजह से अच्छी बारिश नहीं हो रही है। मई महीने में भी रेमल नाम के चक्रवाती तूफान की वजह से अच्छी बारिश नहीं हो रही है। तापमान में आया उछाल, 6 शहरों का पारा 35 डिग्री पार प्रदेश में बारिश नहीं होने से तापमान में भी उछाल आया है। कुछ शहरों का पारा नॉर्मल से छह डिग्री तक ज्यादा हो गया है। इसके बाद प्रदेश के छह शहरों का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया है। डलहौजी का पारा नॉर्मल से 6 डिग्री अधिक के उछाल के साथ 29.7 डिग्री पहुंच गया है। डलहौजी के तापमान में 6 डिग्री का उछाल शिमला का तापमान नॉर्मल से 3.6 डिग्री अधिक के साथ 26.6 डिग्री, मंडी का 5.6 डिग्री अधिक के साथ 36.8 डिग्री, भुंतर का पारा नॉर्मल से 3.6 डिग्री ज्यादा के उछाल के साथ 35.4 डिग्री, बिलासपुर का पारा 4 डिग्री ज्यादा के साथ 37 डिग्री, कांगड़ा का 3.3 डिग्री उछाल के बाद 34.3 डिग्री और ऊना का पारा 3.4 डिग्री ज्यादा के साथ 37.2 डिग्री पहुंच गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल के CM सुखविंदर सुक्खू को धमकी:कहा- 15 अगस्त पर तिरंगा फहराया तो बम से उड़ा देंगे; UK के नंबर से फोन आया
हिमाचल के CM सुखविंदर सुक्खू को धमकी:कहा- 15 अगस्त पर तिरंगा फहराया तो बम से उड़ा देंगे; UK के नंबर से फोन आया हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को 15 अगस्त को तिरंगा झंडा फहराने के रोकने के लिए सिख फॉर जस्टिस संस्था की ओर से धमकी मिली है। गगरेट से कांग्रेस विधायक राकेश कालिया को आज सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर फोन आया, जिसमें कहा कि तूने (विधायक) या तेरे मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को तिरंगा फहराया तो वहां पर मौजूद सभी भारतीय को बम से उड़ा देंगे। यह हमारा तुम भारतीय और तुम्हारे देश के खिलाफ युद्ध का आगाज होगा। राकेश कालिया ने ऊना के अंब थाना में इस बाबत एफआईआर करवाई है। शिकायतकर्ता के अनुसार, उन्हें 447537171504 फोन नंबर से धमकी भरा फोन आया और धमकी देने वाला अपने आपको को सिख फॉर जस्टिस संस्था का प्रमुख बता रहा था। अलगाववादी संगठन प्रमुख गुरवतवंत पन्नू की ओर से अन्य लोगों के मोबाइल पर धमकी भरे फोन आ रहे हैं। उपायुक्त कांगड़ा और एसडीएम को भी धमकी भरी कॉल आई हैं। पहले भी कई बार मिली धमकियां इससे पहले भी यह संगठन कई बार धमकियां दे चुका है। बीते साल भी मुख्यमंत्री सुक्खू को स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा नहीं फहराने की धमकी दी गई थी। धर्मशाला विधानसभा गेट पर भी अलगाववादी संगठन पहले विवादित झंडे लगा चुका है, जिसमें पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस को किया गया अलर्ट इस धमकी के बाद प्रदेश सरकार ने पुलिस को अलर्ट पर रखा है। सुरक्षा व्यवस्था की पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
हिमाचल प्रदेश का समोसा विवाद:सीपीएस संजय अवस्थी का विपक्ष पर पलटवार, बोले- विपक्ष ने प्रदेश को किया शर्मसार
हिमाचल प्रदेश का समोसा विवाद:सीपीएस संजय अवस्थी का विपक्ष पर पलटवार, बोले- विपक्ष ने प्रदेश को किया शर्मसार हिमाचल प्रदेश में समोसे पर सियासत हावी है। भाजपा समोसे को लेकर सरकार पर हमलावर है। वहीं अब विपक्ष हमले पर सीपीएस संजय अवस्थी ने भी बड़ा पटलवार किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए एक भी मूद्दा नहीं है। दो सालों में सरकार के किसी भी नेता पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। इसलिए विपक्ष सीएम का नाम एक ऐसे प्रकरण से जोड़ रहा है जिससे सीएम का कोई लेना देना नहीं है। विपक्ष ने समोसा पर राजनीति करके प्रदेश को शर्मसार किया है। संजय अवस्थी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारने चाहिए। सीपीएस ने पूर्व भाजपा सरकार के जनमंच कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार जनमंच में 5 से 6 करोड़ के फुल्के खा गई । इंवेस्टरमीट पर 1900 करोड़ खर्च किए, लेकिन निवेश एक भी रुपए नहीं आया। उन्होंने कहा कि विभाग से जुड़े मसलों पर विभाग के अधिकारियों से बातचीत करनी चाइए। इस मामले में बेवजह सीएम का नाम जोड़कर भाजपा ने प्रदेश को शर्मसार करने का कार्य किया है। 5 साल मजबूती से चलेगी सरकार अवस्थी ने आगे कहा कि भाजपा नेता लगातार प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश की जनता को भ्रमित कर रहे हैं, लेकिन जनता उनके बहकावे में नहीं आने वाली है। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू के नेतृत्व में सरकार प्रदेश को स्वाबलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की तरफ प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कई परिवर्तन किए हैं। आज हिमाचल आर्थिक मजबूती की तरफ बढ़ रहा है। राज्यसभा सांसद पर साधा निशाना वहीं, उन्होंने राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने अभी-अभी भगवा चोला पहना है। वह अपने को कांग्रेस का सलाहकार कहते रहे। उन्होंने कांग्रेस के नाम पर अपना वजूद बनाया और कांग्रेस को खोखला करने का काम कांग्रेस में रहकर किया। आज वह भारतीय जनता पार्टी में जाकर वहां पर भी वही कर रहे हैं। उनका यह बयान देना कि, मुख्यमंत्री की टिप्पणी करना हास्यप्रद है। अवस्थी ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के हैं वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारते। क्या है समोसे का पूरा विवाद बता दें कि, 21 अक्टूबर को CID कार्यालय में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के लिए एक बड़े नामी होटल से समोसे और केक मंगवाए गए थे, लेकिन यह स्नैक्स मुख्यमंत्री को परोसने की बजाय किसी और को ही परोस दिए गए। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि CID ने इसकी जांच भी की और कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए गए।
हिमाचल सीएम कल प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात:BBMB से 4000 करोड़ के एरियर की करेंगे मांग; आपदा राशि, पावर-प्रोजेक्ट में रॉयल्टी का मुद्दा भी उठाएंगे
हिमाचल सीएम कल प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात:BBMB से 4000 करोड़ के एरियर की करेंगे मांग; आपदा राशि, पावर-प्रोजेक्ट में रॉयल्टी का मुद्दा भी उठाएंगे हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला से दिल्ली रवाना हो गए हैं। सीएम सुक्खू कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री के समक्ष हिमाचल के कई मसलों को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के पावर प्रोजेक्ट में हिमाचली हित बेचे है। स्टेट को मिलने वाली रॉयल्टी माफ की है। इस मसले को वह प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के पास लंबित पड़े हिमाचल के करोड़ों रुपए के भुगतान का मामला भी उठाया जाएगा। केंद्र से हिमाचल को मिलनी प्रस्तावित आपदा राशि को लेकर भी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) की ग्रांट हिमाचल को नहीं मिल पाई है। इसे लेकर भी प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। हिमाचल ने बीबीएमसी से लेना है 4000 करोड़ BBMB के पास हिमाचल की 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की हिस्सेदारी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी हिमाचल को नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 27-9-2011 को हिमाचल के पक्ष में फैसला दिया और बीबीएमबी की तरफ से परिचालित विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की। यह हिस्सेदारी 27 सितंबर से 2011 से प्रदेश को मिलनी शुरू हो गई है। मगर 2011 से पहले का एरियर अभी तक नहीं मिल पाया। हिमाचल की पूर्व सरकार ने पावर प्रोजेक्ट में रॉयल्टी कम की थी। मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि इससे हिमाचल को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। लिहाजा रॉयल्टी के मसले पर भी मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे, क्योंकि कई केंद्रीय कंपनियों ने रॉयल्टी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है।