हिमाचल प्रदेश के मंडी में बीती शाम को एक कार गहरी खाई में लुढ़क गई। इसमें एक महिला की मौत हो गई, जबकि पंचायत के उप प्रधान समेत 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, मंडी पधर की कुन्नू-कुफरी सड़क पर बीती शाम को एक कार करीब 150 फीट गहरी खाई में लुढ़क गई। इसमें 70 वर्षीय महिला सुकी देवी ने अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। मृतक महिला के पति हेम सिंह और भड़वाहण पंचायत के बटाहर गांव की 22 वर्षीय सुष्मिता का जोनल अस्पताल मंडी में उपचार चल रहा है। वहीं कार चालक एवं भड़वाहण पंचायत के उप प्रधान दर्शन कटारिया सिविल अस्पताल पधर में उपचाराधीन हैं। मंगलवार शाम 6 बजे पेश आया हादसा यह हादसा मंगलवार शाम 6 बजे कुफरी से 200 मीटर पहले चौरा के पास हुआ। कार में सवार सभी लोग पधर से कुफरी अपने घर जा रहे थे। इस दौरान इनकी गाड़ी चौरा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने सभी घायलों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से सिविल अस्पताल पधर पहुंचाया। पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा शव जहां पर डॉक्टरों ने 70 वर्षीय महिला सुकी देवी को मृत घोषित कर दिया। जबकि गंभीर जख्मी उनके पति हेम सिंह और 22 वर्षीय युवती सुष्मिता को जोनल अस्पताल मंडी रेफर किया है। मृतक महिला का शव मंडी अस्पताल के शव गृह में रखा गया है। आज महिला का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा। मामले की पुष्टि डीएसपी पधर दिनेश कुमार ने की है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में बीती शाम को एक कार गहरी खाई में लुढ़क गई। इसमें एक महिला की मौत हो गई, जबकि पंचायत के उप प्रधान समेत 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, मंडी पधर की कुन्नू-कुफरी सड़क पर बीती शाम को एक कार करीब 150 फीट गहरी खाई में लुढ़क गई। इसमें 70 वर्षीय महिला सुकी देवी ने अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। मृतक महिला के पति हेम सिंह और भड़वाहण पंचायत के बटाहर गांव की 22 वर्षीय सुष्मिता का जोनल अस्पताल मंडी में उपचार चल रहा है। वहीं कार चालक एवं भड़वाहण पंचायत के उप प्रधान दर्शन कटारिया सिविल अस्पताल पधर में उपचाराधीन हैं। मंगलवार शाम 6 बजे पेश आया हादसा यह हादसा मंगलवार शाम 6 बजे कुफरी से 200 मीटर पहले चौरा के पास हुआ। कार में सवार सभी लोग पधर से कुफरी अपने घर जा रहे थे। इस दौरान इनकी गाड़ी चौरा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने सभी घायलों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से सिविल अस्पताल पधर पहुंचाया। पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा शव जहां पर डॉक्टरों ने 70 वर्षीय महिला सुकी देवी को मृत घोषित कर दिया। जबकि गंभीर जख्मी उनके पति हेम सिंह और 22 वर्षीय युवती सुष्मिता को जोनल अस्पताल मंडी रेफर किया है। मृतक महिला का शव मंडी अस्पताल के शव गृह में रखा गया है। आज महिला का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा। मामले की पुष्टि डीएसपी पधर दिनेश कुमार ने की है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल मस्जिद विवाद पर बोले शहरी विकास मंत्री:विक्रमादित्य ने कहा- कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करेंगे; प्रशासनिक दृष्टि से देखने की जरूरत हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अवैध मस्जिद विवाद को लेकर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, प्रदेश में चाहे अवैध मस्जिद बनी है या फिर दूसरे भवन बने हैं। उन सबके खिलाफ कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की जाएगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, हिमाचल एक शांतिप्रिय राज्य है। हमे इन मसलों को राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए, बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से कार्रवाई की जरूरत है। संजौली और मंडी में मुस्लिम समुदाय खुद अवैध निर्माण तोड़ने को तैयार है। मंडी में मुस्लिम समुदाय ने लोक निर्माण विभाग की जमीन पर बनी अवैध दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया है। शहरी विकास मंत्री ने कहा, वार्तालाप करके हर चीज का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने सभी लोगों से आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, वह इस मसले से समाधान के लिए हर वक्त वार्ता के लिए तैयार है। विक्रमादित्य ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने खुद इस मामले में सर्वदलीय मीटिंग कर चुके हैं। इसमें सभी दलों ने माना कि प्रदेश में इस तरह का माहौल नहीं होना चाहिए। मस्जिद विवाद के कारण 14 दिन से तनावपूर्ण माहौल प्रदेश में बीते 1 सितंबर से अवैध मस्जिद निर्माण के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया है। हालांकि शिमला और मंडी में मुस्लिम समुदाय द्वारा अवैध निर्माण को तोड़ने की हामी भरने के बाद माहौल शांत हुआ है। लेकिन अन्य शहरों में आए दिन इसे लेकर प्रदर्शन हो रहे है। आज भी सुन्नी, घुमारवी, सुंदरनगर और पांवटा साहिब में प्रदर्शन किए गए। इसी तरह प्रदेशभर में सुबह 9 से 11 बजे तक व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद रखी है।
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हिमाचल विधानसभा में राजस्व मंत्री-नेता प्रतिपक्ष में नोक-झोंक:सदन से बाहर गया विपक्ष; 3 आपदा प्रभावित राज्यों की तर्ज पर मदद को प्रस्ताव पास हिमाचल विधानसभा में वीरवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में तीखी नोक-झोंक हो गई। जगत नेगी ने कहा कि, जयराम ठाकुर हमेशा बिना स्पीकर की परमिशन के बोलने के लिए उठ जाते हैं। वह अपने साथियों को भी नहीं बोलने देते। उन्होंने कहा कि, सरकार द्वारा लाए गए प्रस्ताव को समर्थन नहीं करना था। इसलिए सदन से उठकर बाहर चले गए। राजस्व मंत्री सदन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू द्वारा लाए गए उस प्रस्ताव पर बोल रहे थे, जिसमें राज्य सरकार ने सिक्किम, असम और उत्तराखंड की तर्ज पर राहत राशि की मांग की गई। जगत नेगी ने कहा, तीन प्रदेशों को केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में सीधे तौर पर राहत राशि देने का ऐलान किया, जबकि हिमाचल को और तरीके से मदद की बात कही गई। जगत नेगी ने कहा, हम संघीय ढांचे में रह रहे हैं। केंद्र से आर्थिक मदद मांगना हमारा संवैधानिक अधिकार है। हिमाचल ने केंद्र से 9000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की मांग की। मगर केंद्र से हमे अब तक एक रुपए की भी मदद नहीं मिली। डिप्टी सीएम बोले- प्रदेश को अस्थिर करना चाह रहा केंद्र डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि, आपदा को लेकर विपक्ष हमारे साथ खड़ा नहीं हो रहे। हमें मालूम था कि इस प्रस्ताव पर विपक्ष बाहर जाएगा। बीते साल भी जब आपदा राहत को लेकर प्रस्ताव लाया गया था और 9000 करोड़ की मांग केंद्र से की गई थी, उस दौरान भी विपक्ष ने वॉक आउट किया था। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने हिमाचल का जीएसटी कंपनसेशन बंद कर दिया। रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट रोक दी। फॉरेन फंडिग में कटौती की, हिमाचल की कर्ज लेने की सीमा घटा दी। क्या हिमाचल हिंदुस्तान का राज्य नहीं। उन्होंने कहा कि, केंद्र यह सब प्रदेश को अस्थिर करने के लिए कर रहा है। विपक्ष के रवैये को लेकर निंदा प्रस्ताव पास संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसे लेकर सदन में निंदा प्रस्ताव लाया। उन्होंने कहा, विपक्ष ने एक बार भी हिमाचल के लिए राहत पैकेज की मांग नहीं की। उन्होंने कहा कि, भाजपा में कुर्सी व नेतृत्व की लड़ाई हो रही है। इस वजह से विपक्ष का आचरण इस तरह का है। आसाम, उत्तराखंड और सिक्किम की तर्ज पर हमें भी मदद मिले : CM मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया, जैसे आसाम, उत्तराखंड और सिक्किम को मदद दी जा रही है, उसी दृष्टि से हमें भी मदद दी जाए। CM ने कहा कि, हिमाचल की आर्थिक मदद की जब बात आती है तो विपक्ष बाहर चला जाता है। जब भी सत्तापक्ष का कोई विधायक बोलता है, तो जयराम और रणधीर शर्मा बोलने उठ जाते हैं। उन्होंने कहा, पूरा भाजपा विधायक दल कन्फ्यूज नजर आ रहा। जयराम सनसनी फैलाकर राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। जयराम को बहुत गुस्सा आ रहा है। विचित्र स्थिति पैदा हो गई है। सरकार ने पैकेज के नाम पर जनता को ठगा: रणधीर मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि, राज्य सरकार केंद्र से आर्थिक मदद तो मांग रही है, लेकिन जो बजट पहले मिला है, उसे सरकार खर्च नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा, 1782 करोड़ में से 142 करोड़ रुपए 31 मार्च 2024 तक अनस्पेंट थे। जनता द्वारा दान 251 करोड़ भी खर्च नहीं हो पाए। और किस मुंह से मांग रहे। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने बीते साल आपदा प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया। जिनके घर पूरी तरह टूटे, उन्हें सात लाख देने की बात कही। मगर यह किसी को भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने पैकेज के नाम पर जनता को ठगा है।
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हिमाचल में मलाणा 8 दिन से देश-दुनिया से कटा:ग्रामीणों ने पहले पुल बनाया, अब हेलिपैड बना रहे; राशन की किल्लत, हेलिकॉप्टर से होगी सप्लाई हिमाचल प्रदेश का सबसे प्राचीन गांव मलाणा आठ दिन से देश दुनिया से कटा हुआ है। बिजली, पानी, सड़कें, पुल सब बह गए है। अब राशन की भी किल्लत हो गई है। ग्रामीणों ने फिर भी हार नहीं मानी और सरकारी मदद मिलने से पहले ही मूलभूत सुविधाओं की बहाली में जुट गए हैं। ग्रामीणों ने पहले उफनते हुए मलाणा खड्ड पर लकड़ी का शानदार पुल बनाया। अब हेलिपैड बनाने में जुट गए है, ताकि हेलिकॉप्टर से राशन की सप्लाई सुनिश्चित की जा सके। दरअसल, बीते 31 जुलाई की रात श्रीखंड में बाढ़ के बाद मलाणा क्षेत्र में भीषण तबाही हुई है। इससे मलाणा क्षेत्र की ज्यादातर सड़कें, पुल टूट गए है। इससे क्षेत्र की दुकानों में राशन की सप्लाई नहीं हो पा रही। लोगों के घर पर रखा राशन का स्टॉक भी खत्म हो रहा है। इसी तरह क्षेत्र में एक सप्ताह बाद बिजली भी बहाल नहीं हो पाई।’ जिला प्रशासन ने भेजी थी टीम जिला प्रशासन ने दो दिन पहले मलाणा क्षेत्र की निगरानी के लिए अधिकारियों की एक टीम भेजी थी। टीम ने ग्रामीणों के साथ मीटिंग की। इसमें हेलिपैड बनाने का निर्णय लिया गया, क्योंकि सड़क बहाली में अभी लंबा वक्त लगेगा। हेलिकॉप्टर से राशन भेजेगा प्रशासन जिला प्रशासन ने हेलिकॉप्टर से राशन भेजने का भरोसा दिया है। ऐसे में हेलिकॉप्टर की उतारने के प्राइमरी स्कूल के साथ लगती खाली जमीन पर हेलिपैड बनाया जा रहा है। मलाणावासी पुल तैयार करने के बाद अब हेलिपैड के लिए जमीन समतल करने में जुट गए हैं। कुदाली, फावड़ा लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण हेलिपैड बनाने में जुटे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि यदि बारिश नहीं हुई तो दो दिन में पुल तैयार हो जाएगा। इसके बाद ही मलाणा घाटी में हेलिकॉप्टर से राशन की सप्लाई संभव हो पाएगी। मलाणा डैम को भी भारी नुकसान आपको बता दें कि ये वहीं क्षेत्र है जहां मलाणा-1 और मलाणा-2 पावर प्रोजेक्ट भी है। इन दोनों प्रोजेक्ट के डैम को भी 31 जुलाई और 1 अगस्त की बारिश से नुकसान हुआ है। खासकर मलाणा-2 डैम को भारी क्षति हुई है।