हिमाचल प्रदेश के सोलन में पूर्व में कार्यरत्त ग्राम राजस्व अधिकारी व कानूनगो समेत 4 लोगों के खिलाफ सोलन के सदर थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन्होंने धोखाधड़ी से 2 बुजुर्गों की जमीन पर किसी अन्य को मालिक दिखाया और नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से फोरलेन की एवज में मिलने वाला लाखों रुपए का मुआवजा हड़पा है। सूचना के अनुसार, चंबाघाट के बेर गांव के 2 बुजुर्ग भाईयों की शिकायत पर अदालत के आदेश पर यह मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस इस केस में तेजी से जांच कर आगे बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि बेर गांव निवासी 76 व 74 वर्षीय 2 बुजुर्ग भाई राम स्वरूप और महेंद्र शर्मा का गांव के ही गणेश दत्त के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। राम स्वरूप व महेंद्र शर्मा लोलर कोर्ट में केस हार गए थे। इस मामले में उन्होंने जिला न्यायाधीश सोलन के सामने अपील की। अपर कोर्ट से दोनों भाईयों के पक्ष में फैसला आया। कोर्ट का फैसला आने के 8 साल बाद राम स्वरूप और महेंद्र शर्मा को पता चला कि उनकी जमीन में तो गणेश दत भी सह स्वामी के रूप में अधिकार रखता है। इसके बाद दोनों भाई पटवारी कार्यालय पहुंचे, जहां गणेश दत्त भी भूमि का मालिक था। 40 लाख का मुआवजा हड़पा तब मालूम पड़ा कि इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर गणेश दत्त ने राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत आने वाली उनकी जमीन का लगभग 40 लाख रुपए का मुआवजा भी ले लिया है। इसके बाद दोनों भाई कोर्ट गए। कोर्ट के आदेशों पर पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हिमाचल प्रदेश के सोलन में पूर्व में कार्यरत्त ग्राम राजस्व अधिकारी व कानूनगो समेत 4 लोगों के खिलाफ सोलन के सदर थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन्होंने धोखाधड़ी से 2 बुजुर्गों की जमीन पर किसी अन्य को मालिक दिखाया और नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से फोरलेन की एवज में मिलने वाला लाखों रुपए का मुआवजा हड़पा है। सूचना के अनुसार, चंबाघाट के बेर गांव के 2 बुजुर्ग भाईयों की शिकायत पर अदालत के आदेश पर यह मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस इस केस में तेजी से जांच कर आगे बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि बेर गांव निवासी 76 व 74 वर्षीय 2 बुजुर्ग भाई राम स्वरूप और महेंद्र शर्मा का गांव के ही गणेश दत्त के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। राम स्वरूप व महेंद्र शर्मा लोलर कोर्ट में केस हार गए थे। इस मामले में उन्होंने जिला न्यायाधीश सोलन के सामने अपील की। अपर कोर्ट से दोनों भाईयों के पक्ष में फैसला आया। कोर्ट का फैसला आने के 8 साल बाद राम स्वरूप और महेंद्र शर्मा को पता चला कि उनकी जमीन में तो गणेश दत भी सह स्वामी के रूप में अधिकार रखता है। इसके बाद दोनों भाई पटवारी कार्यालय पहुंचे, जहां गणेश दत्त भी भूमि का मालिक था। 40 लाख का मुआवजा हड़पा तब मालूम पड़ा कि इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर गणेश दत्त ने राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत आने वाली उनकी जमीन का लगभग 40 लाख रुपए का मुआवजा भी ले लिया है। इसके बाद दोनों भाई कोर्ट गए। कोर्ट के आदेशों पर पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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