हिमाचल प्रदेश के मंडी एक व्यक्ति ने अपने ढाई साल के मासूम बेटे के गले पर पहले चाकू से वार किए। फिर उसे घायल हालत में घर की दूसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया। बेटे के बीच-बचाव के लिए जब आरोपी की पत्नी, सास व ससुर बीच में आए तो उन पर भी चाकू से हमले कर दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, मंडी जिला के धर्मपुर के संधोल के भूड़ गांव में शुक्रवार शाम आरोपी भरत पठानिया अपने ससुराल आ धमका, क्योंकि उसकी पत्नी अपने बेटे सहित पिछले 20 दिनों से मायके में थी। बताया जा रहा है कि भरत पठानिया दो साल से पत्नी के साथ मारपीट कर रहा था। इससे तंग आकर वह अपने मायके में रह रही थी। बेटे पर चाकू से हमला किया पिछले कल आरोपी के माता-पिता अपनी बहू व पोते को अपने घर ले जाने के लिए बेटे के ससुराल पहुंचे। इस दौरान वह घर के एक कमरे में बात कर ही रहे थे तब आरोपी भरत भी वहां आ धमका। उसने दूसरे कमरे में ढाई साल के मासूम बेटे पर चाकू से हमला कर लहूलुहान करके घर के आंगन से नीचे फेंका और उसके बाद बच्चे पर पानी का मटका फेंका। इससे बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान आरोपी ने सास-ससुर और अपनी पत्नी पर भी चाकू से वार किए। परिवार के सदस्य के शोर मचाने के बाद गांव के लोग इकट्ठा हुए। इसके बाद आरोपी वहां से भाग गया और गौशाला में छिप गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। घायल बच्चा PGI चंडीगढ़ रेफर वहीं घायल बच्चे को पहले मेडिकल कालेज हमीरपुर ले जाया गया, जहां से उसे रात में ही PGI चंडीगढ़ रेफर किया गया। पीजीआई में उसका उपचार चल रहा है। बताया जा रहा है कि बच्चे की हालत अब खतरे से बाहर है।आरोपी के सास कलावती, ससुर हेमराज व पत्नी सुषमा को भी चोटें आई हैं, उनका भी उपचार चल रहा है। प्राइवेट नौकरी करता था आरोपी SHO धर्मपुर राकेश धीमान ने बताया कि धर्मपुर की टिहरा तहसील के कोट गांव का आरोपी भरत शिमला में प्राइवेट नौकरी करता था। कुछ समय पहले वह नौकरी छोड़ घर पर आ गया और वह पत्नी से काफी समय से मारपीट कर रहा था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अब आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दिया है। भरत पठानिया की करीब चार साल पहले सुषमा देवी से शादी हुई और ढाई साल पहले उसका बेटा हुआ। हिमाचल प्रदेश के मंडी एक व्यक्ति ने अपने ढाई साल के मासूम बेटे के गले पर पहले चाकू से वार किए। फिर उसे घायल हालत में घर की दूसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया। बेटे के बीच-बचाव के लिए जब आरोपी की पत्नी, सास व ससुर बीच में आए तो उन पर भी चाकू से हमले कर दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, मंडी जिला के धर्मपुर के संधोल के भूड़ गांव में शुक्रवार शाम आरोपी भरत पठानिया अपने ससुराल आ धमका, क्योंकि उसकी पत्नी अपने बेटे सहित पिछले 20 दिनों से मायके में थी। बताया जा रहा है कि भरत पठानिया दो साल से पत्नी के साथ मारपीट कर रहा था। इससे तंग आकर वह अपने मायके में रह रही थी। बेटे पर चाकू से हमला किया पिछले कल आरोपी के माता-पिता अपनी बहू व पोते को अपने घर ले जाने के लिए बेटे के ससुराल पहुंचे। इस दौरान वह घर के एक कमरे में बात कर ही रहे थे तब आरोपी भरत भी वहां आ धमका। उसने दूसरे कमरे में ढाई साल के मासूम बेटे पर चाकू से हमला कर लहूलुहान करके घर के आंगन से नीचे फेंका और उसके बाद बच्चे पर पानी का मटका फेंका। इससे बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान आरोपी ने सास-ससुर और अपनी पत्नी पर भी चाकू से वार किए। परिवार के सदस्य के शोर मचाने के बाद गांव के लोग इकट्ठा हुए। इसके बाद आरोपी वहां से भाग गया और गौशाला में छिप गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। घायल बच्चा PGI चंडीगढ़ रेफर वहीं घायल बच्चे को पहले मेडिकल कालेज हमीरपुर ले जाया गया, जहां से उसे रात में ही PGI चंडीगढ़ रेफर किया गया। पीजीआई में उसका उपचार चल रहा है। बताया जा रहा है कि बच्चे की हालत अब खतरे से बाहर है।आरोपी के सास कलावती, ससुर हेमराज व पत्नी सुषमा को भी चोटें आई हैं, उनका भी उपचार चल रहा है। प्राइवेट नौकरी करता था आरोपी SHO धर्मपुर राकेश धीमान ने बताया कि धर्मपुर की टिहरा तहसील के कोट गांव का आरोपी भरत शिमला में प्राइवेट नौकरी करता था। कुछ समय पहले वह नौकरी छोड़ घर पर आ गया और वह पत्नी से काफी समय से मारपीट कर रहा था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अब आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दिया है। भरत पठानिया की करीब चार साल पहले सुषमा देवी से शादी हुई और ढाई साल पहले उसका बेटा हुआ। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में संजौली के बाद कसुम्पटी में मस्जिद विवाद:बीती शाम 3 घंटे प्रदर्शन, हनुमान चालीसा का किया पाठ, 2 दिन का अल्टीमेटम हिमाचल की राजधानी शिमला में संजौली के बाद कसुम्पटी में भी मस्जिद को लेकर विवाद गहरा गया है। बीती शाम को कसुम्पटी में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने मस्जिद के बाहर इकट्ठा होकर 3 घंटे प्रदर्शन किया। इस दौरान हनुमान चालीसा का भी पाठ किया। प्रदर्शनकारियों ने विशेष समुदाय के लोगों पर अवैध ढंग से मस्जिद चलाने और इसे तोड़ने की मांग की। स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मस्जिद के कागजात देखने के लिए 2 दिन का समय मांगा और उसके हिसाब से कार्रवाई का भरोसा दिया। तब जाकर लोग धरना स्थल से हटने को तैयार हुए। कसुम्पटी से पार्षद रचना शर्मा ने कहा कि कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद को हटाया जाए। उन्होंने बताया कि जिस जगह मस्जिद चल रही है, वह जमीन घर के लिए ली गई थी। घर के भीतर निर्माण करके इसे मस्जिद बना दिया गया। इससे विशेष समुदाय के लोग जब नमाज पढ़ने आते हैं, तो स्थानीय लोगों को यहां परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रचना शर्मा ने कहा, मस्जिद में बाहर से लोग नमाज पढ़ने आते हैं। इससे बाजार का माहौल खराब हो रहा है। इस दौरान लोगों का चलना फिरना तक मुश्किल हो जाता है। 4-5 सालों से मस्जिद में बड़ी गतिविधियां नगर निगम शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने कहा, बीते 4-5 सालों से यहां गतिविधियां बढ़ी हैं। उन्होंने कहा, यह जमीन वफ्फ बोर्ड ने सदीक मोहम्मद की पत्नी मुमताज बेगम के नाम पर लीज पर दी थी। उनके बच्चों ने इसे बाहर से आने वाले लोगों को दे दिया। जिसके बाद से यहां बाहर के लोगों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई। उन्होंने कहा, यहां से 1 किलोमीटर आगे दूसरी मस्जिद है। ऐसे में इस मस्जिद की क्या जरूरत है। नमाज के समय यहां से चलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने प्रशासन से इस मस्जिद को हटाने की मांग की है। बता दें कि शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के विरोध की चिंगारी शहर के अन्य क्षेत्रों में भी सुलगने लगी है। बीते वीरवार को संजौली और चौड़ा मैदान में भी बड़ी संख्या में लोगों ने अवैध मस्जिद के ढांचे को गिराने के लिए प्रदर्शन किया था। बीते रविवार को भी लोग संजौली में प्रदर्शन कर चुके है। तब प्रशासन ने MC कोर्ट के फैसले का इंतजार करने का लोगों से आग्रह किया है और कानून के हिसाब से कार्रवाई का भरोसा दिया है। कल MC आयुक्त कोर्ट में सुनवाई शिमला के नगर निगम (MC) आयुक्त कोर्ट में कल संजौली की मस्जिद को लेकर केस की सुनवाई है। अब दोनों पक्षों की नजरे कोर्ट के फैसले पर टिकी है। संजौली में पुरानी मस्जिद 1947 से पहले की बनी है। मगर तब दो मंजिला कच्ची मस्जिद थी। साल 2010 में यहां बहुमंजिला मस्जिद बनाने का काम शुरू हुआ। इसके बाद MC शिमला में लगभग 35 बार मस्जिद के अवैध निर्माण को रोकने के नोटिस दिए। बीते 14 सालों के दौरान इस मस्जिद को लेकर MC आयुक्त कोर्ट में 44 पेशी हो चुकी है। कल 45वीं बार सुनवाई है। इधर, लोगों ने मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने का अल्टीमेटम दे रखा है। आरोप- बिना मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई आरोप है कि संजौली के पॉश इलाके में बिना अनुमति और नक्शा पास किए बगैर 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने आते हैं। 5 दिन पहले प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि जब मुस्लिम समुदाय के लोग यहां इकट्ठा होते हैं तो कुछ घरों में ताक-झांक करते रहते हैं। 73 साल के श्याम लाल ने बताया, ‘पहले यहां छोटी मस्जिद थी। एक समुदाय के 2 ही परिवार यहां रहते थे। लेकिन बीते कुछ सालों के दौरान यहां बड़ी संख्या में बाहर से आकर लोग बसने लगे। बाहरी लोगों ने ही यहां बहुमंजिला मस्जिद बनाई। जो मस्जिद पहले बनी थी, वो कच्ची और दो मंजिला थी। नमाज के वक्त यहां लोगों की काफी भीड़ होती है। इससे लोगों का इस इलाके में चलना भी मुश्किल हो जाता है। इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे। जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा। राज्य सरकार बोली- 2010 में शुरू हुआ था अवैध निर्माण 2 मंत्री मस्जिद पहुंचे वहीं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह बीती शाम को संजौली में अवैध मस्जिद का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान दोनों ने अवैध ढांचे को लेकर स्थानीय लोगों से बात की। अनिरुद्ध सिंह ने कहा, मामला नगर निगम कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान महिलाओं ने तांकझांक का आरोप लगाया कानून के तहत होगी कार्रवाई:CM इस मामले में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा, हम सभी नागरिकों का सम्मान करते है। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस मामले में कानून के तहत कार्रवाई होगी।
हिमाचल सरकार की गेस्ट-टीचर पॉलिसी पर भड़के बेरोजगार:20 दिसंबर को विधानसभा का करेंगे घेराव; आर-पार की लड़ाई की चेतावनी; पक्की नौकरी की मांग
हिमाचल सरकार की गेस्ट-टीचर पॉलिसी पर भड़के बेरोजगार:20 दिसंबर को विधानसभा का करेंगे घेराव; आर-पार की लड़ाई की चेतावनी; पक्की नौकरी की मांग हिमाचल कैबिनेट ने सरकारी स्कूलों में पीरियड आधार पर गेस्ट-टीचर भर्ती करने का फैसला लिया है। इससे राज्य के शिक्षित बेरोजगार भड़क उठे हैं। प्रशिक्षित बेरोजगारों ने देर रात तक वर्चुअल मीटिंग करके सरकार के इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरने का फैसला लिया। हिमाचल के प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि 20 दिसंबर को प्रदेशभर के प्रशिक्षित बेरोजगार धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा का घेराव करेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र की BJP सरकार ने सेना में अग्निवीर भर्ती योजना लाकर युवाओं के साथ धोखा किया और अब हिमाचल की कांग्रेस सरकार शिक्षक वीर भर्ती करके उनके साथ धोखा कर रही है। प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड बता दें कि सुक्खू कैबिनेट ने गेस्ट टीचर पॉलिसी को मंजूरी दे दी दी है। इसके तहत प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड, अपर-प्राइमरी में 250 रुपए, सीनियर सेकेंडरी में 400 रुपए और कालेज में 500 रुपए प्रति पीरियड के हिसाब से टीचर को पैसे दिए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि जब रेगुलर टीचर आएगा तो इन्हें हटा दिया जाएगा। लाइब्रेरी में पढ़ते हुए बूढ़ा हो रहा बेरोजगार: बालकृष्ण बालकृष्ण ने बताया कि प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा युवा लाइब्रेरी में पढ़ाई करते हुए बूढ़ा हो रहा है, ताकि रेगुलर नौकरी पा सके। मगर कांग्रेस सरकार रेगुलर के बजाय आउटसोर्स माध्यम से नौकरी देकर युवाओं के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जाएगा और इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। कोर्ट ने कई बार कमीशन के माध्यम से रेगुलर टीचर भर्ती करने के आदेश दिए। मगर किसी भी सरकार ने इन आदेशों की परवाह नहीं की। इस तरह की अस्थाई भर्तियांभाई-भतीजावाद के आधार पर की जाती रही है। बाद में एसएमसी को छोड़कर अन्य सभी कैटेगिरी के लिए सरकार ने पॉलिसी भी बनाई और इन्हें रेगुलर भी किया। अब नई पॉलिसी लाकर युवाओं से ठगने की तैयारी अब इसी तरह की अस्थाई पॉलिसी लाकर गेस्ट-टीचर रखने की तैयारी है। ऐसी पॉलिसी के तहत नियुक्ति पढ़े लिखे उन बेरोजगारों के साथ धोखा है, जो सालों से सरकारी नौकरी के लिए कमिशन की तैयारी कर रहे हैं। हर साल 1 लाख नौकरी का वादा, 2 साल में 4500 को नौकरी दे पाई हिमाचल में हर साल 1 लाख नौकरी देने का वादा करके कांग्रेस सत्ता में आई थी। प्रशिक्षित बेरोजगार यूनियन की माने तो 2 साल में लगभग 4500 लोगों को ही पक्की नौकरी दे पाई है। इनमें लगभग 1560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए हैं। ज्यादातर पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने बैच वाइज कोटे से JBT के 2800 पद भरे है। कांग्रेस सरकार का दावा है कि 30 हजार से ज्यादा पदों पर नौकरियां दे दी गई है। मगर इनमें अधिकांश नौकरियां आउटसोर्स व पार्ट टाइम है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी। अब आउटसोर्स के साथ साथ नाममात्र मानदेय पर टेंपरेरी जॉब, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी टास्क वर्कर या फिर आउटसोर्स जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठगा जा रहा है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। कैबिनेट ने 6000 से ज्यादा पद मंजूर कर रखे हिमाचल कैबिनेट ने अकेले शिक्षा विभाग में 6000 से ज्यादा पद भरने को स्वीकृति जरूर दे रखी है। मगर दो साल से भर्ती तो दूर इन पदों को विज्ञापित भी नहीं किया जा रहा।
शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में उमड़ी भीड़:देशभर के टूरिस्ट भी कर सकेंगे स्केटिंग; 300 रुपए देनी होगी फीस
शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में उमड़ी भीड़:देशभर के टूरिस्ट भी कर सकेंगे स्केटिंग; 300 रुपए देनी होगी फीस हिमाचल प्रदेश राजधानी शिमला में ब्रिटिश काल में बने आइस स्केटिंग रिंक में चार दिन से स्केटिंग हो रही है। मगर अभी सुबह के टाइम ही स्केटिंग हो पा रही है। दिन में तापमान ज्यादा होने से शाम को आइस नहीं टिक पा रही। जैसे जैसे ठंड बढ़ेगी और रिंक में ज्यादा आइस जमेगी, उसके बाद सुबह और शाम दोनों सेशन में स्केटिंग हो जाएगी। बता दें कि शिमला के लक्कड़ बाजार में ब्रिटिश काल से आइस स्केटिंग रिंक बना हुआ है। यहां दिसंबर के दूसरे सप्ताह से अगले तीन महीने तक स्केटिंग होती है, जिसमे लोकल के साथ साथ देशी-विदेशी पर्यटक भी स्केटिंग का आनंद उठाते हैं। सेकेंड सेटर-डे की छुट्टी की वजह से आज भी बड़ी संख्या में स्केटर्स ने यहां स्केटिंग की। इस दौरान स्केटर्स में जबरदस्त उत्साह देखा गया। एशिया का इकलौता आइस स्केटिंग रिंक प्राकृतिक विधि से आइस जमाने वाला यह एशिया का इकलौता आइस स्केटिंग रिंक है। यहां पर अब अगले दो से तीन महीने तक 300 रुपए फीस देकर स्केटिंग की जा सकेगी। पर्यटक भी स्केटिंग का आनंद उठा सकेंगे। उन्हें अपने साथ स्केट लाने की भी जरूरत नहीं होगी। इन्हें स्केटिंग क्लब मुहैया कराता है। शिमला में प्राकृतिक विधि से जमाई जाती है बर्फ शिमला के लक्कड़ बाजार रिंक में प्राकृतिक विधि से आइस को जमाया जाता है। यहां पर शाम के समय रिंक में पानी डाला जाता है। सुबह को यह जम जाता है। इस पर स्केटिंग होती है। हालांकि, आसमान में बादल छाने और तापमान अधिक होने से आइस जमाने में कठिनाई होती है। इससे यह पिघल जाती है, लेकिन ठंड में यह जल्दी जम जाती है। 104 साल पुराना हैं स्केटिंग का इतिहास शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में साल 1920 से हर साल स्केटिंग होती आई है। इस रिंक का स्केटिंग का 104 साल पुराना इतिहास है। एक दशक पहले तक यहां 15 नवंबर से स्केटिंग शुरू हो जाती थी। मगर, पिछले आठ-10 सालों से मौसम में आए बदलाव की वजह से दिसंबर के दूसरे व तीसरे सप्ताह में ही स्केटिंग शुरू हो पा रही है। एक-दो दशक पहले तक पहाड़ों पर दिसंबर में अच्छी बर्फबारी होती थी। इससे तापमान जमाव बिंदू से नीचे गिर जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से दिसंबर के बजाय अभ फरवरी-मार्च में ज्यादा बर्फबारी हो रही है और दिसंबर का मौसम गर्म जा रहा है। इस वजह से यहां स्केटिंग शुरू होने में देरी हो रही है। अभी दो घंटे होगी स्केटिंग : रजत शिमला के आइस स्केटिंग रिंक क्लब के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी रजत मल्होत्रा और क्लब के पदाधिकारी सुदीप महाजन ने बताया कि आज से स्केटिंग शुरू गई है। पहले दिन 50 से ज्यादा स्केटर्स ने यहां स्केटिंग की। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों सहित देशभर के पर्यटक भी शिमला में स्केटिंग का आनंद उठा सकेंगे।