हिमाचल में तोड़ी पंजाब के पर्यटकों की गाड़ियां:ADG बोले- सोशल मीडिया पर दिया जा रहा दोष; ​​​​​​​दीनानगर-पठानकोट के रहने वाले तीनों आरोपी

हिमाचल में तोड़ी पंजाब के पर्यटकों की गाड़ियां:ADG बोले- सोशल मीडिया पर दिया जा रहा दोष; ​​​​​​​दीनानगर-पठानकोट के रहने वाले तीनों आरोपी

टूरिस्ट स्टेट हिमाचल प्रदेश की छवि को सोशल मीडिया पर कुछ लोग खराब कर रहे हैं। प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी ने बुधवार को शिमला में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि बीते 17 जून की रात 12 बजे के करीब दीनानगर पठानकोट के तीन लोग नूरपूर के एक होटल में कमरा लेने आए। मगर होटल फुल होने की वजह से कमरा नहीं मिला। इसके बाद तीनों पार्किंग में बैठे और जाते वक्त उन्होंने होटल के बाहर पार्क पंजाब, हरियाणा और राजस्थान नंबर की पांच गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए। इस बाबत डमटाल थाना में मामला दर्ज है और जांच जारी है। सोशल मीडिया में हिमाचल को किया जा रहा बदनाम वहीं, क्षतिग्रस्त गाड़ियों का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। इसमें हिमाचल की छवि को खराब करने की कोशिश की गई और कहा जा रहा है कि हिमाचल में बाहरी राज्यों की गाड़ियों के शीशे तोड़े जा रहे हैं। एडीजी के अनुसार, यह आरोप सही नहीं है। एडीजी बोले- जल्द शीशे तोड़ने वालों की पहचान करेंगे अभिषेक त्रिवेदी ने कहा कि जिन लोगों ने पर्यटकों की गाड़ियां तोड़ी है, उनकी पहचान कर ली गई है। अब तक की जांच में पता चला है कि गाड़ी तोड़ने वाले तीनों व्यक्ति दीनानगर पठानकोट के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जिन पर्यटकों की गाड़ियां तोड़ी गई है, उनके नुकसान की होटल प्रबंधन ने ही भरपाई भी की है। खजियार मामले में भी सोशल मीडिया में झूठ परोसा गया एडीजी ने खुद मीडिया के सामने आकर सोशल मीडिया में हिमाचल पर लगाए जा रहे आरोपों को एक सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि 9 जो जून को भी एक ऐसा ही मामला चंबा के खजियार में सामने आया था, जिसमे चंडीगढ़ पुलिस का एएसआई सड़क के बीचोबीच गाड़ी पार्क करता है। जब उसे गाड़ी हटाने को कहा जाता है तो वह बहसबाजी करता है। इस मामले में भी प्रदेश पुलिस जांच कर रही है। एनआरआई दंपती के आरोप भी बेबुनियाद अभिषेक त्रिवेदी ने कहा कि एक अन्य मामला बीते 11 जून को चंबा के ही खजियार में पेश आया। जिसमें पंजाब से आए दो भाइयों ने पर्यटक महिलाओं और स्थानीय महिलाओं के हाथ जबरदस्ती हाथ देखने की कोशिश की। इसके बाद एनआरआई दंपती की स्थानीय लोगों और पर्यटकों के साथ मारपीट हुई। इस मामले में पुलिस उचित कार्रवाई कर रही थी। मगर एनआरआई दंपती ने कार्रवाई करने से इनकार किया, जिसमें उनका लिखित बयान चंबा सदर थाना में मौजूद है। मगर, एनआरआई दंपती ने पंजाब पहुंचकर प्रदेश पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर गंभीर आरोप लगाए। कुछ लोग कंगना के थप्पड़ के बदले की कार्रवाई से जोड़कर देख रहे बता दें कि, सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे कंगना रनोट को मारे गए थप्पड़ के बदले की जा रही वारदात कह रहे है। इससे हिमाचल और पंजाब के बीच तनाव जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है। एडीजी ने कहा कि इन वारदातों को अलग-अलग घटनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है, जो सही नहीं है। हिमाचल प्रदेश शांतप्रिय स्टेट है। यहां पर आने वाले हरेक पर्यटक का मान-सम्मान होता है। टूरिस्ट स्टेट हिमाचल प्रदेश की छवि को सोशल मीडिया पर कुछ लोग खराब कर रहे हैं। प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी ने बुधवार को शिमला में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि बीते 17 जून की रात 12 बजे के करीब दीनानगर पठानकोट के तीन लोग नूरपूर के एक होटल में कमरा लेने आए। मगर होटल फुल होने की वजह से कमरा नहीं मिला। इसके बाद तीनों पार्किंग में बैठे और जाते वक्त उन्होंने होटल के बाहर पार्क पंजाब, हरियाणा और राजस्थान नंबर की पांच गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए। इस बाबत डमटाल थाना में मामला दर्ज है और जांच जारी है। सोशल मीडिया में हिमाचल को किया जा रहा बदनाम वहीं, क्षतिग्रस्त गाड़ियों का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। इसमें हिमाचल की छवि को खराब करने की कोशिश की गई और कहा जा रहा है कि हिमाचल में बाहरी राज्यों की गाड़ियों के शीशे तोड़े जा रहे हैं। एडीजी के अनुसार, यह आरोप सही नहीं है। एडीजी बोले- जल्द शीशे तोड़ने वालों की पहचान करेंगे अभिषेक त्रिवेदी ने कहा कि जिन लोगों ने पर्यटकों की गाड़ियां तोड़ी है, उनकी पहचान कर ली गई है। अब तक की जांच में पता चला है कि गाड़ी तोड़ने वाले तीनों व्यक्ति दीनानगर पठानकोट के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जिन पर्यटकों की गाड़ियां तोड़ी गई है, उनके नुकसान की होटल प्रबंधन ने ही भरपाई भी की है। खजियार मामले में भी सोशल मीडिया में झूठ परोसा गया एडीजी ने खुद मीडिया के सामने आकर सोशल मीडिया में हिमाचल पर लगाए जा रहे आरोपों को एक सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि 9 जो जून को भी एक ऐसा ही मामला चंबा के खजियार में सामने आया था, जिसमे चंडीगढ़ पुलिस का एएसआई सड़क के बीचोबीच गाड़ी पार्क करता है। जब उसे गाड़ी हटाने को कहा जाता है तो वह बहसबाजी करता है। इस मामले में भी प्रदेश पुलिस जांच कर रही है। एनआरआई दंपती के आरोप भी बेबुनियाद अभिषेक त्रिवेदी ने कहा कि एक अन्य मामला बीते 11 जून को चंबा के ही खजियार में पेश आया। जिसमें पंजाब से आए दो भाइयों ने पर्यटक महिलाओं और स्थानीय महिलाओं के हाथ जबरदस्ती हाथ देखने की कोशिश की। इसके बाद एनआरआई दंपती की स्थानीय लोगों और पर्यटकों के साथ मारपीट हुई। इस मामले में पुलिस उचित कार्रवाई कर रही थी। मगर एनआरआई दंपती ने कार्रवाई करने से इनकार किया, जिसमें उनका लिखित बयान चंबा सदर थाना में मौजूद है। मगर, एनआरआई दंपती ने पंजाब पहुंचकर प्रदेश पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर गंभीर आरोप लगाए। कुछ लोग कंगना के थप्पड़ के बदले की कार्रवाई से जोड़कर देख रहे बता दें कि, सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे कंगना रनोट को मारे गए थप्पड़ के बदले की जा रही वारदात कह रहे है। इससे हिमाचल और पंजाब के बीच तनाव जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है। एडीजी ने कहा कि इन वारदातों को अलग-अलग घटनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है, जो सही नहीं है। हिमाचल प्रदेश शांतप्रिय स्टेट है। यहां पर आने वाले हरेक पर्यटक का मान-सम्मान होता है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर