उत्तर भारत के मशहूर सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में लंबे समय के बाद ट्रस्ट गठित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए है। इस बीच SDM बड़सर एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष ने असिस्टेंट टेंपल ऑफिसर संदीप कुमार को बकरों की नीलामी मामले में शो-कॉज नोटिस जारी किया है। इसमें तीन दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि यदि तीन दिन में जवाब नहीं दिया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा।वहीं विजिलेंस ने भी टैंपल से जांच के लिए रिकॉर्ड तलब कर लिया है। सस्ते में बकरों को बेचने के मामले पर टैंपल अधिकारी विवादों से घिरे हैं। ट्रस्ट ने इसकी जांच विजिलेंस को सौंप रखी है। बता दें कि बीते 9 नवंबर को बकरों की नीलामी होनी थी। इसमें 60000 रुपए में 35 बकरों को नीलाम कर दिया गया। इससे बाद टैंपल अधिकारी विवादों में घिर गए। इसके बाद यह मंदिर सुर्खियों में था। 13 नॉन ऑफिशियल मेंबर बनाए गए राज्य सरकार द्वारा गठित ट्रस्ट में नॉन ऑफिशियल 13 लोग शामिल किए गए, जबकि स्पेशल इनवाइटी लोगों की सूची में 19 लोग हैं। इनमें महंत राजेंद्र गिरी भी शामिल हैं। इस वजह से पुराना ट्रस्ट करना पड़ा था भंग हिमाचल में बीते दिनों घटे सियासी घटनाक्रम के कारण बड़सर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में जो बदलाव आया उसी की वजह से इस मंदिर के ट्रस्ट को भंग करना पड़ा था, क्योंकि सत्ता परिवर्तन के बाद जब यह ट्रस्ट गठित हुआ था, तो उस समय कांग्रेस के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल थे। मगर सियासी घटनाक्रम के बाद वे भाजपा में चले गए और इसी घटनाक्रम के दरमियान ट्रस्ट को तकरीबन 7 महीने पहले भंग कर दिया गया। तब से इस ट्रस्ट का गठन नहीं हो पाया और इस टैंपल में कई तरह के विवाद सुर्खियां बटोरने लगे। मंदिर में रेगुलर टैंपल अधिकारी भी नहीं था। बकरा नीलामी में भी गड़बड़झाला सामने आया। अब जाकर ट्रस्ट गठित कर दिया गया है। ट्रस्ट में कौन-कौन लोग शामिल उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रहे सुभाष ढटवालिया, पूर्व विधायक मनजीत डोगरा की धर्मपत्नी अरविंद कौर, निक्काराम, पवन कालिया, नरेश लखनपाल, विपिन ढटवालिया, एक्स सर्विसमैन कैप्टन सुरेंद्र कुमार सोनी, रोशन लाल चौधरी, सेवानिवृत्ति इंस्पेक्टर हरिकृष्ण शर्मा, रिटायर्ड कैप्टन पुरुषोत्तम शर्मा, सतीश कुमार सोनी राकेश रतन और धनी जसवाल शामिल किया गया। बलदेव चंद्र शर्मा, जसवंत सिंह ढटवालिया, कुलवंत सिंह चंदेल, वीरेंद्र पटियाल, पुरुषोत्तम चंद्र शर्मा, जसवीर सिंह, पवन कुमार शर्मा और सुरजीत सिंह शामिल हैं। नॉन ऑफिसियल सदस्यों की सूची पहले भी तेरह थी, अब भी 13 ही रखी गई है। जबकि स्पेशल इनवाइटी सदस्यों में भी 19 का ही आंकड़ा है। कुछ सदस्य पहले के भंग ट्रस्ट में भी शामिल थे, इसमें भी उन्हें जगह मिली है। ये होंगे स्पेशल इनवाइटी सदस्य ट्रस्ट में महंत राजेंद्र गिरी, नितिन शर्मा, कमल पठानिया, सेवा निवृत्ति कर्नल प्यार चंद अत्री, किशोरी लाल, शमशेर शर्मा, राकेश कुमार, लेखराम, अशोक ठाकुर, यशपाल शर्मा, मुख्तार सिंह स्पेशल इनवायटी सदस्य होंगे। उत्तर भारत के मशहूर सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में लंबे समय के बाद ट्रस्ट गठित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए है। इस बीच SDM बड़सर एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष ने असिस्टेंट टेंपल ऑफिसर संदीप कुमार को बकरों की नीलामी मामले में शो-कॉज नोटिस जारी किया है। इसमें तीन दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि यदि तीन दिन में जवाब नहीं दिया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा।वहीं विजिलेंस ने भी टैंपल से जांच के लिए रिकॉर्ड तलब कर लिया है। सस्ते में बकरों को बेचने के मामले पर टैंपल अधिकारी विवादों से घिरे हैं। ट्रस्ट ने इसकी जांच विजिलेंस को सौंप रखी है। बता दें कि बीते 9 नवंबर को बकरों की नीलामी होनी थी। इसमें 60000 रुपए में 35 बकरों को नीलाम कर दिया गया। इससे बाद टैंपल अधिकारी विवादों में घिर गए। इसके बाद यह मंदिर सुर्खियों में था। 13 नॉन ऑफिशियल मेंबर बनाए गए राज्य सरकार द्वारा गठित ट्रस्ट में नॉन ऑफिशियल 13 लोग शामिल किए गए, जबकि स्पेशल इनवाइटी लोगों की सूची में 19 लोग हैं। इनमें महंत राजेंद्र गिरी भी शामिल हैं। इस वजह से पुराना ट्रस्ट करना पड़ा था भंग हिमाचल में बीते दिनों घटे सियासी घटनाक्रम के कारण बड़सर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में जो बदलाव आया उसी की वजह से इस मंदिर के ट्रस्ट को भंग करना पड़ा था, क्योंकि सत्ता परिवर्तन के बाद जब यह ट्रस्ट गठित हुआ था, तो उस समय कांग्रेस के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल थे। मगर सियासी घटनाक्रम के बाद वे भाजपा में चले गए और इसी घटनाक्रम के दरमियान ट्रस्ट को तकरीबन 7 महीने पहले भंग कर दिया गया। तब से इस ट्रस्ट का गठन नहीं हो पाया और इस टैंपल में कई तरह के विवाद सुर्खियां बटोरने लगे। मंदिर में रेगुलर टैंपल अधिकारी भी नहीं था। बकरा नीलामी में भी गड़बड़झाला सामने आया। अब जाकर ट्रस्ट गठित कर दिया गया है। ट्रस्ट में कौन-कौन लोग शामिल उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रहे सुभाष ढटवालिया, पूर्व विधायक मनजीत डोगरा की धर्मपत्नी अरविंद कौर, निक्काराम, पवन कालिया, नरेश लखनपाल, विपिन ढटवालिया, एक्स सर्विसमैन कैप्टन सुरेंद्र कुमार सोनी, रोशन लाल चौधरी, सेवानिवृत्ति इंस्पेक्टर हरिकृष्ण शर्मा, रिटायर्ड कैप्टन पुरुषोत्तम शर्मा, सतीश कुमार सोनी राकेश रतन और धनी जसवाल शामिल किया गया। बलदेव चंद्र शर्मा, जसवंत सिंह ढटवालिया, कुलवंत सिंह चंदेल, वीरेंद्र पटियाल, पुरुषोत्तम चंद्र शर्मा, जसवीर सिंह, पवन कुमार शर्मा और सुरजीत सिंह शामिल हैं। नॉन ऑफिसियल सदस्यों की सूची पहले भी तेरह थी, अब भी 13 ही रखी गई है। जबकि स्पेशल इनवाइटी सदस्यों में भी 19 का ही आंकड़ा है। कुछ सदस्य पहले के भंग ट्रस्ट में भी शामिल थे, इसमें भी उन्हें जगह मिली है। ये होंगे स्पेशल इनवाइटी सदस्य ट्रस्ट में महंत राजेंद्र गिरी, नितिन शर्मा, कमल पठानिया, सेवा निवृत्ति कर्नल प्यार चंद अत्री, किशोरी लाल, शमशेर शर्मा, राकेश कुमार, लेखराम, अशोक ठाकुर, यशपाल शर्मा, मुख्तार सिंह स्पेशल इनवायटी सदस्य होंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के टैक्सी चालक का अपहरण:पंजाब के दो पर्यटकों पर आरोप; मनाली से शिमला लौटते वक्त बरमाणा से लापता, लुधियाना में गाड़ी बरामद हिमाचल प्रदेश में एक टैक्सी चालक के अपहरण का मामला सामने आया है। अपहरण के आरोप पंजाब लुधियाना के दो पर्यटकों पर है। लापता ड्राइवर के बेटे देसराज रनोट ने शिमला के सदर थाना में अपने पिता हरि कृष्ण रनोट के लापता होने के बाद अपहरण का मामला दर्ज कराया है। इसमें देसराज ने पिता के अपहरण की शंका जताई है। शिमला पुलिस ने इस बाबत जीरो एफआईआर कर इसे बिलासपुर के बरमाणा थाना के लिए भेज दिया है, क्योंकि हरि कृष्ण रनोट बरमाणा के आसपास की लोकेशन से लापता हैं। बिलासपुर पुलिस ने लापता हरि कृष्ण रनोट की तलाश के लिए SIT गठित कर जांच तेज कर दी है। पुलिस को दी शिकायत के अनुसार, देसराज नोट ने बताया कि बीते 24 जून को उनके पिता पंजाब-लुधियाना के दो पर्यटक गुरमीत सिंह व जसपाल करण सिंह को लेकर शिमला से मनाली गए थे। 25 जून को वह अपनी ऑल्टो गाड़ी नंबर HP-01-A 5150 में दोनों पर्यटकों को लेकर मनाली से वापस लौट रहे थे। 25 जून को बेटे की आखिरी बार हरि कृष्ण से बात हुई रात 8 बजकर 20 मिनट पर बेटे देसराज की अपने पिता से बात हुई तो पिता ने बताया कि वह बरमाणा पहुंच रहे हैं और देर रात में शिमला लौटेंगे। रात सवा 11 बजे के करीब बेटे ने जब दोबारा पिता को फोन किया तो उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। बरमाणा में तीन दिन से हरि कृष्ण की तलाश जारी फोन की जिस जगह आखिरी लोकेशन आई, वहां पर तीन दिन से हरि कृष्ण के परिजन और पुलिस तलाश कर रही है। मगर अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। हालांकि उनकी गाड़ी लुधियाना में ट्रेस कर दी गई है। बताया जा रहा है कि गाड़ी में खून के धब्बे भी मिले है। पुलिस टीम लुधियाना पहुंची वहीं बरमाणा पुलिस की टीम दोनों पर्यटकों की धरपकड़ के लिए लुधियाना पहुंच गई है। मगर दोनों अभी फरार है। हरि कृष्ण रनोट शिमला में टैक्सी चलाते है। वह अक्सर शिमला-मनाली रूट पर पर्यटकों को लेकर आते-जाते है।
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हिमाचल में नई पंचायतें बनाने को 550 प्रस्ताव:चुनाव से पहले नई बनेगी; कैबिनेट तय करेगी मापदंड, 1000 वोटर होना अनिवार्य हिमाचल प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले पंचायत चुनाव से पहले नई पंचायतें बनाने के लिए बड़ी संख्या में प्रस्ताव मिल रहे हैं। पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग को अब तक 550 परपोजल मिल चुके है। इन्हें इसी महीने राज्य सरकार को भेजा जाएगा। इन पर कैबिनेट में चर्चा होगी, ताकि नई पंचायतें बनाने के लिए सरकार मापदंड तय किए जा सके। क्राइट-एरिया तय होने के बाद नई पंचायतों का गठन होगा। यह काम अप्रैल तक पूरा कर दिया जाएगा। इससे पहले पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग अब फिजिबिलिटी देखेगा कि कौन की नई पंचायत बनाई जा सकती है। कहां पर नई पंचायत बनाना जरूरी है। पंचायतीराज एक्ट में नई पंचायत के लिए कम से कम 1000 वोटर का होना अनिवार्य है। इसके अलावा सरकार अपने स्तर पर भी नई पंचायतें बनाने को मानदंड तय कर सकती है। 2020 में बनी पंचायतों में अभी भी स्टाफ व दफ्तर नहीं प्रदेश में अभी 3615 पंचायतें है। 2020 के चुनाव के दौरान भी पूर्व भाजपा सरकार ने 412 नई पंचायतें बनाई थी। हैरानी इस बात की है कि चार साल बीतने के बाद भी अधिकांश पंचायतों में पूरा स्टाफ नहीं है। कई पंचायतों के पास अभी भी अपना पंचायत घर नहीं है। इससे पंचायतें किराए के कमरों में चल रही है। एक पंचायत पर 25 से 30 लाख खर्च एक पंचायत बनने से सरकार पर 25 से 30 लाख रुपए सालाना अतिरिक्त खर्च पड़ता है। राज्य सरकार पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रही है और 95 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज हो गया। ऐसे में नई पंचायतें बनाने से सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ेगा। प्रत्येक पंचायत को लगभग 17 लाख रुपए नॉन रैकरिंग खर्च यानी बिल्डिंग, कंप्यूटर व फर्नीचर के लिए बजट की जरूरत पड़ती है। इसी तरह 10 से 12 लाख रुपए रैकरिंग यानी स्टाफ इत्यादि पर खर्च आता है। जाहिर है कि सरकार इन सब चीजों को देखते हुए नई पंचायतें बनाने का फैसला लेगी। निर्वाचन विभाग ने जल्दी पंचायतें बनाने को कहा वहीं राज्य का निर्वाचन विभाग भी अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। विभाग ने सरकार को भी जल्द नई पंचायतें बनाने को कह दिया है, क्योंकि पंचायतें बनने के बाद ही वोटर लिस्ट बनाने, आरक्षण रोस्टर और पोलिंग बूथ बनाने जैसे काम काम शुरू होंगे। पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी नई पंचायतें बनाने में देरी की वजह से चुनाव नवंबर-दिसंबर के बजाय फरवरी में संपन्न हुए थे। 27 नगर परिषद और 39 नगर पंचायतों में भी वोटिंग पंचायतों के साथ साथ नगर पंचायत और नगर परिषद के भी चुनाव करवाए जाने है। राज्य में अभी 27 नगर परिषद और 39 नगर पंचायत भी हैं। इनमें भी पंचायतों के साथ चुनाव करवाए जाएंगे। नगर परिषद और नगर पंचायत में वार्ड मेंबर व पार्षद के चुनाव होंगे, जबकि पंचायतों में प्रधान, उप प्रधान, वार्ड मेंबर, जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य के चुनाव होने है।
चंबा मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के खाने में निकले कीड़े:स्टूडेंट्स बोले- मेन्यू के अनुसार नहीं मिलता खाना; प्राचार्य ने कैंटीन संचालक को लगाई फटकार
चंबा मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के खाने में निकले कीड़े:स्टूडेंट्स बोले- मेन्यू के अनुसार नहीं मिलता खाना; प्राचार्य ने कैंटीन संचालक को लगाई फटकार चंबा के पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में स्टूडेंट्स के खाने में कीटे निकले। जिसके बाद प्राचार्य डॉ. पंकज गुप्ता ने रात में हॉस्टल में दबिश देकर भोजन व्यवस्था जांची। निरीक्षण के दौरान प्राचार्य डॉ. पंकज गुप्ता के साथ डॉ. मानिक सहगल और अन्य डॉक्टर भी मौजूद थे। स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्हें मेन्यू के अनुरूप खाना नहीं दिया जा रहा। इस पर प्राचार्य ने कैंटीन संचालक को कड़ी फटकार लगाई और आदेश दिए कि मेन्यू के मुताबिक ही खाना परोसा जाए अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। स्टूडेंट्स ने प्राचार्य को बताया कि कई बार उनके भोजन में कीट-पतंगे निकले हैं। इसके बारे में भजन सप्लाई करने वाले से शिकायत की। लेकिन उसने उसे पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जिस वजह से उन्हें मजबूर होकर यह मामला प्रबंधन के ध्यान में लाना पड़ा। मेडिकल कॉलेज चंबा के प्रवक्ता डॉ. मानिक सहगल ने बताया कि हॉस्टल में खाने को लेकर शिकायतें मिली थीं। इसीलिए निरीक्षण किया गया। जांच के बाद खाना सही पाया गया, लेकिन मेन्यू से संबंधित शिकायत के समाधान के लिए आदेश जारी किए गए हैं।