हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का मामला उठाया गया। ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने 5 हजार करोड़ रुपए की सेब आर्थिक को बचाने के लिए इंपोर्ट-ड्यूटी को 100 प्रतिशत करने की मांग की। जवाब में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा, कि राज्य सरकार कई बार केंद्र को पत्र लिखकर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग कर चुकी है। मगर प्रधानमंत्री मोदी अपना वादा पूरा करने के बजाय हिमाचल की सेपू बड़ी की तारीफ करते हैं। जगत नेगी ने कहा, सेब हिमाचल की आर्थिक का बड़ा साधन है। साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने सुजानपुर और सोलन रैली में सेब पर आयात शुल्क 100 प्रतिशत करने का भरोसा दिया था। 10 साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी केंद्र सरकार ने अपना वादा नहीं पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने आयात शुक्ल बढ़ाने के बजाय अमेरिका के सेब पर इसे कम किया है। इससे हिमाचल के सेब पर संकट आ गया है। 32 देशों से हो रहा सेब का आयात बागवानी मंत्री ने कहा, दुनिया से 32 देशों से 5 लाख टन सेब इंपोर्ट हो रहा है। इससे हिमाचल के साथ साथ जम्मू कश्मीर का सेब उद्योग भी संकट में आ गया है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने इंपोर्ट ड्यूटी तो नहीं बढ़ाई, इस बीच एप्पल कंसंट्रेट को सॉफ्ट ड्रिंक में डालने का भरोसा दिया। यह वादा भी पूरा नहीं किया गया। राठौर बोले- संकट के दौर से गुजर रहा सेब उद्योग इससे पहले कुलदीप राठौर ने कहा, सेब उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है। उत्पादन लागत बढ़ती जा रही है और रेट गिर रहे हैं। उन्होंने कहा, आयात शुक्ल बढ़ाया तो नहीं गया। मगर प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इंपोर्ट ड्यूटी 20% करने का भरोसा दिया है। ऐसा हुआ तो प्रदेश का सेब उद्योग उजड़ जाएगा। राठौर ने कहा- अफगानिस्तान के रास्ते बड़ी मात्रा में सेब ईरान व टर्की के रास्ते हिंदुस्तान के बाजार में आ रहा है। क्योंकि पुराने करार के कारण ईरान के सेब पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगती। सेब के दाम खुद तय करने का वादा कब पूरा होगा: बलवीर चौपाल से विधायक बलवीर वर्मा ने अनुपूरक सवाल करते हुए कहा, कांग्रेस ने अब तक वो वादा पूरा क्यों नहीं किया। जिसमें कहा गया था कि सेब बागवान दाम खुद तय करेंगे। इस पर जगत नेगी ने कहा, हमने भी इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने के हिसाब से वादा किया था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सेब को किलो के हिसाब से बेचने, यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य करने, MIS की सारी देनदारी खत्म करने, कीटनाशकों पर सब्सिडी बहाल करने जैसे काम किए है। कांग्रेस सरकार बागवानों के हित में हर वो कदम उठा रही है, जो जरूरी है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का मामला उठाया गया। ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने 5 हजार करोड़ रुपए की सेब आर्थिक को बचाने के लिए इंपोर्ट-ड्यूटी को 100 प्रतिशत करने की मांग की। जवाब में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा, कि राज्य सरकार कई बार केंद्र को पत्र लिखकर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग कर चुकी है। मगर प्रधानमंत्री मोदी अपना वादा पूरा करने के बजाय हिमाचल की सेपू बड़ी की तारीफ करते हैं। जगत नेगी ने कहा, सेब हिमाचल की आर्थिक का बड़ा साधन है। साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने सुजानपुर और सोलन रैली में सेब पर आयात शुल्क 100 प्रतिशत करने का भरोसा दिया था। 10 साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी केंद्र सरकार ने अपना वादा नहीं पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने आयात शुक्ल बढ़ाने के बजाय अमेरिका के सेब पर इसे कम किया है। इससे हिमाचल के सेब पर संकट आ गया है। 32 देशों से हो रहा सेब का आयात बागवानी मंत्री ने कहा, दुनिया से 32 देशों से 5 लाख टन सेब इंपोर्ट हो रहा है। इससे हिमाचल के साथ साथ जम्मू कश्मीर का सेब उद्योग भी संकट में आ गया है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने इंपोर्ट ड्यूटी तो नहीं बढ़ाई, इस बीच एप्पल कंसंट्रेट को सॉफ्ट ड्रिंक में डालने का भरोसा दिया। यह वादा भी पूरा नहीं किया गया। राठौर बोले- संकट के दौर से गुजर रहा सेब उद्योग इससे पहले कुलदीप राठौर ने कहा, सेब उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है। उत्पादन लागत बढ़ती जा रही है और रेट गिर रहे हैं। उन्होंने कहा, आयात शुक्ल बढ़ाया तो नहीं गया। मगर प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इंपोर्ट ड्यूटी 20% करने का भरोसा दिया है। ऐसा हुआ तो प्रदेश का सेब उद्योग उजड़ जाएगा। राठौर ने कहा- अफगानिस्तान के रास्ते बड़ी मात्रा में सेब ईरान व टर्की के रास्ते हिंदुस्तान के बाजार में आ रहा है। क्योंकि पुराने करार के कारण ईरान के सेब पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगती। सेब के दाम खुद तय करने का वादा कब पूरा होगा: बलवीर चौपाल से विधायक बलवीर वर्मा ने अनुपूरक सवाल करते हुए कहा, कांग्रेस ने अब तक वो वादा पूरा क्यों नहीं किया। जिसमें कहा गया था कि सेब बागवान दाम खुद तय करेंगे। इस पर जगत नेगी ने कहा, हमने भी इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने के हिसाब से वादा किया था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सेब को किलो के हिसाब से बेचने, यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य करने, MIS की सारी देनदारी खत्म करने, कीटनाशकों पर सब्सिडी बहाल करने जैसे काम किए है। कांग्रेस सरकार बागवानों के हित में हर वो कदम उठा रही है, जो जरूरी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल विधानसभा में राजस्व मंत्री-नेता प्रतिपक्ष में नोक-झोंक:सदन से बाहर गया विपक्ष; 3 आपदा प्रभावित राज्यों की तर्ज पर मदद को प्रस्ताव पास हिमाचल विधानसभा में वीरवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में तीखी नोक-झोंक हो गई। जगत नेगी ने कहा कि, जयराम ठाकुर हमेशा बिना स्पीकर की परमिशन के बोलने के लिए उठ जाते हैं। वह अपने साथियों को भी नहीं बोलने देते। उन्होंने कहा कि, सरकार द्वारा लाए गए प्रस्ताव को समर्थन नहीं करना था। इसलिए सदन से उठकर बाहर चले गए। राजस्व मंत्री सदन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू द्वारा लाए गए उस प्रस्ताव पर बोल रहे थे, जिसमें राज्य सरकार ने सिक्किम, असम और उत्तराखंड की तर्ज पर राहत राशि की मांग की गई। जगत नेगी ने कहा, तीन प्रदेशों को केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में सीधे तौर पर राहत राशि देने का ऐलान किया, जबकि हिमाचल को और तरीके से मदद की बात कही गई। जगत नेगी ने कहा, हम संघीय ढांचे में रह रहे हैं। केंद्र से आर्थिक मदद मांगना हमारा संवैधानिक अधिकार है। हिमाचल ने केंद्र से 9000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की मांग की। मगर केंद्र से हमे अब तक एक रुपए की भी मदद नहीं मिली। डिप्टी सीएम बोले- प्रदेश को अस्थिर करना चाह रहा केंद्र डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि, आपदा को लेकर विपक्ष हमारे साथ खड़ा नहीं हो रहे। हमें मालूम था कि इस प्रस्ताव पर विपक्ष बाहर जाएगा। बीते साल भी जब आपदा राहत को लेकर प्रस्ताव लाया गया था और 9000 करोड़ की मांग केंद्र से की गई थी, उस दौरान भी विपक्ष ने वॉक आउट किया था। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने हिमाचल का जीएसटी कंपनसेशन बंद कर दिया। रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट रोक दी। फॉरेन फंडिग में कटौती की, हिमाचल की कर्ज लेने की सीमा घटा दी। क्या हिमाचल हिंदुस्तान का राज्य नहीं। उन्होंने कहा कि, केंद्र यह सब प्रदेश को अस्थिर करने के लिए कर रहा है। विपक्ष के रवैये को लेकर निंदा प्रस्ताव पास संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसे लेकर सदन में निंदा प्रस्ताव लाया। उन्होंने कहा, विपक्ष ने एक बार भी हिमाचल के लिए राहत पैकेज की मांग नहीं की। उन्होंने कहा कि, भाजपा में कुर्सी व नेतृत्व की लड़ाई हो रही है। इस वजह से विपक्ष का आचरण इस तरह का है। आसाम, उत्तराखंड और सिक्किम की तर्ज पर हमें भी मदद मिले : CM मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया, जैसे आसाम, उत्तराखंड और सिक्किम को मदद दी जा रही है, उसी दृष्टि से हमें भी मदद दी जाए। CM ने कहा कि, हिमाचल की आर्थिक मदद की जब बात आती है तो विपक्ष बाहर चला जाता है। जब भी सत्तापक्ष का कोई विधायक बोलता है, तो जयराम और रणधीर शर्मा बोलने उठ जाते हैं। उन्होंने कहा, पूरा भाजपा विधायक दल कन्फ्यूज नजर आ रहा। जयराम सनसनी फैलाकर राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। जयराम को बहुत गुस्सा आ रहा है। विचित्र स्थिति पैदा हो गई है। सरकार ने पैकेज के नाम पर जनता को ठगा: रणधीर मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि, राज्य सरकार केंद्र से आर्थिक मदद तो मांग रही है, लेकिन जो बजट पहले मिला है, उसे सरकार खर्च नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा, 1782 करोड़ में से 142 करोड़ रुपए 31 मार्च 2024 तक अनस्पेंट थे। जनता द्वारा दान 251 करोड़ भी खर्च नहीं हो पाए। और किस मुंह से मांग रहे। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने बीते साल आपदा प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया। जिनके घर पूरी तरह टूटे, उन्हें सात लाख देने की बात कही। मगर यह किसी को भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने पैकेज के नाम पर जनता को ठगा है।
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