हिमाचल प्रदेश के मशहूर शिकारी माता मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की कार बीती शाम को दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में दंपत्ति की मौत हो गई। पांच अन्य घायल हुए। घायलों में चार साल और एक साल के दो बच्चे भी शामिल है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से उपचार के लिए सिविल हॉस्पीटल बगस्याड़ ले जाया गया। यहां प्राथमिक उपचार देने के बाद घायलों को नेरचौक मेडिकल कालेज रैफर किया गया। सूचना के अनुसार, यह हादसा चैलचौक-जंजैहली सड़क पर बगस्याड़ के साथ लगते आउण नाले में हुआ। कार चालक ने तीखे मोड़ पर गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और गाड़ी सड़क से करीब 150 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। इसके बाद स्थानीय लोग घटना स्थल की ओर भागे और घायलों को नाले से निकाला। मृतक दंपत्ति बिलासपुर के रहने वाले थे इस हादसे में संदीप कुमार (30 साल) पुत्र रोशन लाल गांव राजपुरा तहसील बिलासपुर और नीलम (24 साल) पत्नी संदीप कुमार दंपत्ति की मौत हो गई। वहीं धर्मपाल (48) पुत्र जगत राम गांव लुहणू रामशहर सोलन, रजो देवी (48) पत्नी धर्मपाल गांव लुहणू सोलन, बलदीप पुत्र बबलू राम गांव कल्लर जिला रूपनगर पंजाब, हर्ष (4) और पूर्वी (1) पुत्र संदीप कुमार वर्ष निवासी बिलासपुर घायल हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के मशहूर शिकारी माता मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की कार बीती शाम को दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में दंपत्ति की मौत हो गई। पांच अन्य घायल हुए। घायलों में चार साल और एक साल के दो बच्चे भी शामिल है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से उपचार के लिए सिविल हॉस्पीटल बगस्याड़ ले जाया गया। यहां प्राथमिक उपचार देने के बाद घायलों को नेरचौक मेडिकल कालेज रैफर किया गया। सूचना के अनुसार, यह हादसा चैलचौक-जंजैहली सड़क पर बगस्याड़ के साथ लगते आउण नाले में हुआ। कार चालक ने तीखे मोड़ पर गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और गाड़ी सड़क से करीब 150 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। इसके बाद स्थानीय लोग घटना स्थल की ओर भागे और घायलों को नाले से निकाला। मृतक दंपत्ति बिलासपुर के रहने वाले थे इस हादसे में संदीप कुमार (30 साल) पुत्र रोशन लाल गांव राजपुरा तहसील बिलासपुर और नीलम (24 साल) पत्नी संदीप कुमार दंपत्ति की मौत हो गई। वहीं धर्मपाल (48) पुत्र जगत राम गांव लुहणू रामशहर सोलन, रजो देवी (48) पत्नी धर्मपाल गांव लुहणू सोलन, बलदीप पुत्र बबलू राम गांव कल्लर जिला रूपनगर पंजाब, हर्ष (4) और पूर्वी (1) पुत्र संदीप कुमार वर्ष निवासी बिलासपुर घायल हुए हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
कंगना के संसदीय क्षेत्र में जान-जोखिम में डालकर सफर:उफनती खड्ड पार करने को बच्चे मजबूर: अर्से से पुल बनाने की मांग कर रहे ग्रामीण
कंगना के संसदीय क्षेत्र में जान-जोखिम में डालकर सफर:उफनती खड्ड पार करने को बच्चे मजबूर: अर्से से पुल बनाने की मांग कर रहे ग्रामीण हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के पधर में लोग जान जोखिम में डालकर उफनते हुए नाले को पार कर रहे हैं। सांसद कंगना रनोट के संसदीय क्षेत्र पधर में दमेला-बटाहर-कुफरी सड़क पर दमेला खड्ड में पुल नहीं लगने की वजह से लोग परेशान है। स्थानीय लोग यहां अर्से से पुल लगाने की मांग कर रहे हैं। मगर गूंगे बहरे प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। दमेला खड्ड पर पुल नहीं लगने की वजह से आईटीआई और कालेज के बच्चे रोजाना इस उफनते नाले को इसी तरह जान जोखिम में डालकर पार करते है। यदि नाले में पानी का स्तर ज्यादा बढ़ जाता है तो इन बच्चों को 15 किलोमीटर का सफर तय करके दूसरी सड़क से जाना पड़ता है। जब खड्ड में पानी कम होता है तो रोजाना इसी तरह खड्ड में उतरकर एक दूसरे के सहारे बच्चे और स्थानीय लोग खड्ड को पार करते हैं। ऐसे में खासकर छोटे बच्चों के साथ अनहोनी हो सकती है। दमेला पंचायत के बच्चे इसी खड्ड से होते हुए पधर आईटीआई, नारला कालेज के लिए जाते है। इसी तरह स्थानीय लोगों का भी अक्सर पधर आना जाना रहता है। दशकों से पुल लगाने की मांग कर रहे ग्रामीण भड़वाहण पंचायत के उप प्रधान दर्शन कटारिया, बालक राम, रांझू राम, चमन लाल, राम लाल और विजय कुमार ने बताया कि लोक निर्माण विभाग से दमेला खड्ड में दशकों से मांग की जा रही है, लेकिन हर बार आश्वासन ही दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि भारी बारिश में यहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है। उन्होंने मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनोट और स्थानीय विधायक से जल्द पुल लगाने का आग्रह किया है। पुल लगाने को टेंडर प्रक्रिया पूरी: SDO पीडब्ल्यूडी पधर के सहायक अभियंता (SDO) अंशुमन सोनी ने कहा कि दमेला खड्ड में पुल निर्माण को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिसकी फाइनेंशियल विड भी खुल चुकी है। शीघ्र वर्क अवार्ड कर यहां पुल निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
हिमाचल के अधिकारियों-कर्मचारियों को झटका:सरकार ने स्टडी लीव पर लगाई शर्तें; वित्त विभाग से लेनी होगी मंजूरी, 40% सैलरी मिलेगी
हिमाचल के अधिकारियों-कर्मचारियों को झटका:सरकार ने स्टडी लीव पर लगाई शर्तें; वित्त विभाग से लेनी होगी मंजूरी, 40% सैलरी मिलेगी हिमाचल सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों की स्टडी लीव पर शर्तें लगा दी है। इसके बाद प्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों को स्टडी लीव लेना आसान नहीं रह गया है। वित्त सचिव ने एक ऑफिस मेमोरेंडम निकालकर स्पष्ट किया कि स्टडी लीव को अब विभागाध्यक्ष (HOD) अपने स्तर पर मंजूरी नहीं दे पाएंगे। स्टडी लीव की मंजूरी अब वित्त विभाग से लेनी होगी। जाहिर है कि इसके बाद किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के लिए स्टडी लीव लेना आसान नहीं रहेगा। अब तक सेंटर सिविल सर्विस रूल्स 1972 के तहत विभागाध्यक्ष द्वारा स्टडी लीव की मंजूरी देने का प्रावधान था।राज्य सरकार ने इस व्यवस्था को बदल दिया है। स्टडी लीव के दौरान 40% वेतन मिलेगा वित्त सचिव के आदेशों के बाद अब स्टडी लीव के दौरान अधिकारी व कर्मचारी को 40 प्रतिशत सैलरी मिलेगा। सेंटर सिविल सर्विस रूल्स के तहत प्रत्येक कर्मचारी को 2 साल की स्टडी लीव लेने का अधिकार है। इस दौरान अधिकारियों व कर्मचारियों को पूरी सैलरी मिलती है। मगर अब नहीं मिलेगी। स्टडी लीव पर जाने के इच्छुक अधिकारियों को झटका सरकार के इस फैसले से उन अधिकारियों व कर्मचारियों की उम्मीदों को झटका लगा है जो स्टडी लीव पर जाने की योजना बना रहे हैं। आपको बता दें कि स्टडी लीव पर ज्यादातर IAS, HAS व क्लास वन ऑफिसर देश व विदेश जाते रहते हैं। इस दौरान उन्हें पूरी सैलरी मिलती थी।
हिमाचल के भरमौर में भारी लैंडस्लाइड, VIDEO:मणिमहेश के रास्ते में पहाड़ गिरा, कोई हताहत नहीं
हिमाचल के भरमौर में भारी लैंडस्लाइड, VIDEO:मणिमहेश के रास्ते में पहाड़ गिरा, कोई हताहत नहीं हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के दूरदराज क्षेत्र भरमौर में मणिमहेश के रास्ते पर भारी लैंडस्लाइड हुआ है। गनीमत रही कि जान व माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। भूस्खलन का डरावना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। भरमौर पुलिस के अनुसार, मणिमहेश के रास्ते पर दुनाली और गोई के बीच पहाड़ी से लैंडस्लाइड हुआ है। राहत की बात यह है कि मणिमहेश की धार्मिक यात्रा अभी शुरू नहीं हुई। इस यात्रा के दौरान हजारों शिव भक्त मणिमहेश पहुंचते हैं। बताया जा रहा है कि जिस जगह पर ताजा लैंडस्लाइड हुआ है, वहां पिछले साल भी बाढ़ में भारी लैंडस्लाइड हुआ था। इस कारण मणिमहेश जाने वाला रास्ता पूरी तरह बंद हो गया था। बाद में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने नया रास्ता तैयार किया। तब जाकर यात्रा करवाई गई। अब यात्रा शुरू होने से करीब डेढ़ महीने पहले यहां फिर लैंडस्लाइड हुआ है। इस बार 26 अगस्त से मणिमहेश यात्रा उत्तर भारत की पवित्र एवं पावन मणिमहेश यात्रा 26 अगस्त से 13 सितंबर तक चलेगी। इसके लिए पूरे देशभर से शिव भक्त यहां पहुंचते हैं। मणिमहेश की यात्रा खतरनाक पड़ाव से होकर पूरी करनी पड़ती है। प्रशासन ने अभी मणिमहेश यात्रा पर रोक लगा रखी है। फिर भी कुछ शिव भक्त मणिमहेश पहुंच रहे हैं। आपको बता दें कि हर साल यह यात्रा कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाअष्टमी तक चलती है। इस यात्रा के दौरान मणिमहेश पहुंचने वाले देशी-विदेशी श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश डल झील में शाही स्नान करते हैं। स्थानीय प्रशासन ने शिव भक्तों से अपील की है कि जब आधिकारिक तौर पर यात्रा शुरू होगी, उस दौरान ही मणिमहेश के लिए आए। अभी बर्फ पिघलने और लैंडस्लाइड के कारण जोखिम बना हुआ है। यात्रा के दौरान कई बार ऑक्सीजन की होती है कमी हिमाचल में मानसून अभी कमजोर पड़ा हुआ है। मगर मानसून की बारिश मणिमेश के रास्ते में कई बार व्यवधान पैदा करती है। खतरनाक रास्तों पर कई बार स्लाइड होता है तो कई बार यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की गिरने से भी मौत होती है। इस यात्रा के दौरान कई बार ऑक्सीजन की भी कमी हो जाती है।