हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के कोर्ट परिसर में हुई फायरिंग की घटना के मास्टरमाइंड आरोपी पुरंजन ठाकुर को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट में पेश होने से पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुरंजन ठाकुर पर आरोप है कि उसने पंजाब के लुधियाना निवासी सन्नी गिल को 20 जून को दिनदहाड़े गोली चलाने का आदेश दिया था। शूटर सन्नी ने खुद पुलिस पूछताछ में यह बात बताई। इसके बाद से पुलिस पिछले पांच दिनों से पुरंजन ठाकुर की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही थी। हालांकि, पुलिस ने आज कोर्ट में पेशी से पहले ही आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली। जानें क्या है पूरा मामला दरअसल, 20 जून को बिलासपुर जिला न्यायालय के बाहर एक युवक को दिनदहाड़े गोली मार दी गई थी। पुलिस के मुताबिक, जब मामले की जांच की गई तो गोलीकांड का मास्टरमाइंड पूर्व विधायक बंबर ठाकुर का बड़ा बेटा पुरंजन ठाकुर निकला। एसपी बिलासपुर विवेक चहल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका खुलासा किया। पुलिस ने हत्या के प्रयास के साथ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। शूटर ने पुलिस को बताया कि पुरंजन ने उसे सौरभ पटियाल पर गोली चलाने के लिए बुलाया था। इसके लिए पैसों का लेन-देन भी तय हो गया था। कुछ पैसे उसे पहले मिल गए थे और कुछ काम होने के बाद दिए जाने थे। इसके अलावा इस पूरे मामले में एक और कुख्यात अपराधी मल्ली का नाम सामने आया है। मल्ली ने ही पुरंजन को शूटर मुहैया कराया था। अब पुलिस मल्ली की भी तलाश कर रही है। गोलीकांड में गरमा रही राजनीति पूर्व विधायक के बेटे का नाम सामने आने के बाद इस मामले में राजनीति भी हो रही है। गोलीकांड को लेकर भारतीय जनता पार्टी पहले ही दिनदहाड़े बिलासपुर में प्रदर्शन कर चुकी है। वरिष्ठ भाजपा नेता जयराम ठाकुर, राजीव बिंदल आदि लगातार कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। भाजपा ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इस मामले को दबाने की कोशिश की गई तो भाजपा उग्र आंदोलन करेगी। वहीं बंबर ठाकुर लगातार भाजपा नेताओं पर उन्हें फंसाने का आरोप लगा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के कोर्ट परिसर में हुई फायरिंग की घटना के मास्टरमाइंड आरोपी पुरंजन ठाकुर को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट में पेश होने से पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुरंजन ठाकुर पर आरोप है कि उसने पंजाब के लुधियाना निवासी सन्नी गिल को 20 जून को दिनदहाड़े गोली चलाने का आदेश दिया था। शूटर सन्नी ने खुद पुलिस पूछताछ में यह बात बताई। इसके बाद से पुलिस पिछले पांच दिनों से पुरंजन ठाकुर की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही थी। हालांकि, पुलिस ने आज कोर्ट में पेशी से पहले ही आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली। जानें क्या है पूरा मामला दरअसल, 20 जून को बिलासपुर जिला न्यायालय के बाहर एक युवक को दिनदहाड़े गोली मार दी गई थी। पुलिस के मुताबिक, जब मामले की जांच की गई तो गोलीकांड का मास्टरमाइंड पूर्व विधायक बंबर ठाकुर का बड़ा बेटा पुरंजन ठाकुर निकला। एसपी बिलासपुर विवेक चहल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका खुलासा किया। पुलिस ने हत्या के प्रयास के साथ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। शूटर ने पुलिस को बताया कि पुरंजन ने उसे सौरभ पटियाल पर गोली चलाने के लिए बुलाया था। इसके लिए पैसों का लेन-देन भी तय हो गया था। कुछ पैसे उसे पहले मिल गए थे और कुछ काम होने के बाद दिए जाने थे। इसके अलावा इस पूरे मामले में एक और कुख्यात अपराधी मल्ली का नाम सामने आया है। मल्ली ने ही पुरंजन को शूटर मुहैया कराया था। अब पुलिस मल्ली की भी तलाश कर रही है। गोलीकांड में गरमा रही राजनीति पूर्व विधायक के बेटे का नाम सामने आने के बाद इस मामले में राजनीति भी हो रही है। गोलीकांड को लेकर भारतीय जनता पार्टी पहले ही दिनदहाड़े बिलासपुर में प्रदर्शन कर चुकी है। वरिष्ठ भाजपा नेता जयराम ठाकुर, राजीव बिंदल आदि लगातार कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। भाजपा ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इस मामले को दबाने की कोशिश की गई तो भाजपा उग्र आंदोलन करेगी। वहीं बंबर ठाकुर लगातार भाजपा नेताओं पर उन्हें फंसाने का आरोप लगा रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल राज्यपाल ने कृषि-मंत्री के बयान पर जताई आपत्ति:कहा- कुलपति की नियुक्ति के बिल पर झूठ बोल रहे चंद्र कुमार
हिमाचल राज्यपाल ने कृषि-मंत्री के बयान पर जताई आपत्ति:कहा- कुलपति की नियुक्ति के बिल पर झूठ बोल रहे चंद्र कुमार हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बयान पर आपत्ति जताई है। राज्यपाल ने वीरवार दोपहर बाद शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा कि कृषि मंत्री बार-बार कह रहे हैं कि एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में कुलपति की नियुक्ति का बिल मंजूरी के लिए राजभवन में अटका है। राज्यपाल ने कहा कि सच्चाई यह है कि यह बिल सरकार के पास है। राजभवन ने इसे टिप्पणी के लिए प्रदेश सरकार को भेज रखा है, जिस पर सरकार ने फैसला लेना है। ऐसे में राजभवन पर दोषारोपण करना गलत है। राज्यपाल ने कहा कि कृषि मंत्री कह रहे हैं कि राज्यपाल के पास बिल को लेकर पत्रावली पड़ी है, इस वजह से नियमित कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पा रही।राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि राजभवन की ओर से कोई देरी नहीं की गई। बता दें कि कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्त कि बिल में सरकार संशोधन कर रही है, यह संशोधन सरकार की सहमति से कुलपति की नियुक्ति करने की मंशा से किया जा रहा है, क्योंकि पैसा सरकार देती है, इसलिए कुलपति के लिए नाम सरकार भेजे उसे ही राज्यपाल अपनी सहमति दें। वर्तमान नियमों में यह प्रावधान नहीं है। नियमों के मुताबिक यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन), राज्यपाल और सरकार तीनों की सहमति से कुलपति की नियुक्ति होती है। यदि यह संशोधन लागू हो जाता है तो हिमाचल ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा। ऐसी स्थिति में बिल पहली बार राष्ट्रपति को भेजने पर राजभवन विचार करेगा। नियम के विरुद्ध कोई काम नहीं होगा: राज्यपाल राजभवन ने कुलपतियों की नियुक्ति के लिए पुराने नियमों के अनुसार ही कमेटी का गठन किया है, जो कुलपति को खोजने का काम कर रही है। मगर एक साल से कुलपति खोज नहीं सकी है। कुलपति की नियुक्ति न होने में राजभवन का कोई दोष नहीं है। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। राज्यपाल ने कहा कि नियम के विरुद्ध कोई भी काम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पद की गरिमा बनाए रखने के लिए वह कुछ भी करेंगे। लाभार्थियों की जानकारी मिलते ही नौतोड़ भूमि को मंजूरी देंगे राज्यपाल ने प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में भूमिहीन को नौतोड़ भूमि देने के सवाल पर कहा, राजभवन को नौतोड़ भूमि देने में कोई आपत्ति नहीं हैं। राजभवन ने सरकार से लाभार्थियों की संख्या पूछी है, जैसे ही जवाब मिलेगा राजभवन इसे भी मंजूरी दे देगा। कानून व्यवस्था बिगड़ी, यह कहना सही नहीं बिगड़ती कानून व्यवस्था के सवाल पर राज्यपाल ने कहा, कानून व्यवस्था बिगड़ गई है, ऐसा नहीं कह सकते। महर शांत प्रदेश में अगर कुछ भी घटना होती है तो प्रदेश की बदनामी होती है। ऐसे में सरकार को इसकी चिंता होनी चाहिए। राज्यपाल ने दूसरी बार सख्त टिप्पणी की यह दूसरा मौका है जब राज्यपाल ने सरकार को लेकर सख्त टिप्पणी की है। बीते सप्ताह ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों के शामिल नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। अब उन्होंने कुलपति की नियुक्ति को लेकर सरकार के मंत्री के बयान पर आपत्ति जताई है। जाहिर है इससे आने वाले दिनों में राजभवन और सरकार में तकरार बढ़ सकती है। राजभवन से नहीं कोई मतभेद राज्यपाल के बयान के बाद कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि उनका राजभवन से कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने खुद व्यक्तिगत तौर पर राज्यपाल से मिलकर बिल को मंजूर करने या फिर आपत्ति लगाकर वापस भेजने का आग्रह किया था, क्योंकि इस बिल के मंजूर नहीं होने की वजह से कृषि विश्वविद्यालय में रेगुलर कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पा रही।
हिमाचल की चारों लोकसभा में डायरेक्ट फाइट:2 विधानसभा में BJP के बागियों ने त्रिकोणीय मुकाबला बनाया; 4 जगह कांग्रेस-भाजपा में टक्कर
हिमाचल की चारों लोकसभा में डायरेक्ट फाइट:2 विधानसभा में BJP के बागियों ने त्रिकोणीय मुकाबला बनाया; 4 जगह कांग्रेस-भाजपा में टक्कर हिमाचल प्रदेश में 62 प्रत्याशी चुनावी मैदान में पसीना बहा रहे हैं। इनमें चार लोकसभा सीटों के लिए 37 दावेदार और छह विधानसभा उप चुनाव के लिए 25 उम्मीदवार मैदान हैं। इनका भाग्य एक जून को EVM में कैद हो जाएगा। लोकसभा की सभी सीटों पर कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर है, जबकि विधानसभा उप चुनाव में 2 सीटों पर BJP के बागियों ने मुकाबला त्रिकोणीय बनाया है। वहीं विधानसभा की 4 अन्य सीटों पर कांग्रेस-भाजपा में ही मुख्य टक्कर है। मंडी में 10 दावेदार बचे मंडी सीट पर कुल 10 दावेदार मैदान में है। प्रकाश चंद भारद्वाज बसपा, विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस, नरेंद्र कुमार राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी, विनय कुमार अखिल भारतीय परिवार पार्टी, कंगना रनोट बीजेपी, महेश कुमार सैनी हिमाचल जनता पार्टी और दिनेश कुमार भाटी, सुभाष मोहन स्नेही, राखी गुप्ता तथा आशुतोष महंत निर्दलीय के तौर पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। शिमला लोकसभा में सबसे कम 5 दावेदार प्रदेश की चारों लोकसभा में सबसे कम 5 दावेदार शिमला सीट पर है। यहां राष्ट्रीय देव भूमि पार्टी के सुरेश कुमार, अखिल भारतीय परिवार पार्टी के मदन लाल, कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी, बीजेपी के सुरेश कश्यप और बसपा के अनिल कुमार मैदान में है। इस सीट पर सुरेश कश्यप और विनोद सुल्तानपुरी में मुख्य मुकाबला है। यहां से सुरेश कश्यप सीटिंग MP है,जबकि विनोद सुल्तानपुरी कसौली विधानसभा से विधायक है। कांगड़ा में 10 दावेदार आजमा रहे भाग्य कांगड़ा सीट में 10 दावेदार चुनावी मैदान में है। BJP के राजीव भारद्वाज, अचल सिंह निर्दलीय, आनन्द शर्मा कांग्रेस, नारायण सिंह डोगरा हिमाचल जनता पार्टी, रेखा रानी बसपा, केहर सिंह निर्दलीय, भुवनेश कुमार, जीवन कुमार, देव राज तथा एडवोकेट संजय शर्मा निर्दलीय मैदान में हैं। यहां पर भी आनंद और राजीव भारद्वाज में मुकाबला है। हमीरपुर में सबसे ज्यादा 12 उम्मीदवार हमीरपुर सीट पर सबसे ज्यादा 12 दावेदार चुनाव लड़ रहे हैं। रमेश चंद सारथी निर्दलीय, हेम राज बसपा, गोपी चंद निर्दलीय, गरीब दास कटोच निर्दलीय और अरुण अंकेश स्याल एकम स्नातन भारत दल, सतपाल सिंह रायजादा कांग्रेस, कुलवंत सिंह भारतीय जवान किसान पार्टी, अनुराग ठाकुर बीजेपी, जगदीप कुमार राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी, सुमित अखिल भारतीय परिवार पार्टी, सुरेंद्र कुमार तथा नंद लाल निर्दलीय मैदान में है। धर्मशाला में त्रिकोणीय मुकाबला धर्मशाला विधानसभा उप चुनाव के लिए कुल चार दावेदार मैदान में है। मगर यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी के सुधीर शर्मा, कांग्रेस के देवेंद्र सिंह जग्गी और बीजेपी के बागी एवं निर्दलीय राकेश कुमार चौधरी के बीच है। यहां पर सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। राकेश चौधरी 2022 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ चुके हैं। लाहौल-स्पीति में मारकंडा ने रोचक बनाया मुकाबला वहीं लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में त्रिकोणीय मुकाबला है। पूर्व मंत्री मारकंडा के मैदान में उतरने से यहां बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी है और बीजेपी का वोट बैंक डिवाइड हो सकता है। कुटलैहड़ में 4 दावेदार कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां पर भी देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है। गगरेट में पांच दावेदार गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है। सुजानपुर में 6 दावेदारों में मुकाबला सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में छह दावेदार है। यहां पर राजेन्द्र राणा बीजेपी, रणजीत सिंह राणा कांग्रेस, राजेश कुमार निर्दलीय, रविन्द्र सिंह डोगरा एनसीपी, अनिल राणा तथा शेर सिंह निर्दलीय मैदान में है। बड़सर में तीन दावेदार कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है।
मंडी में पूर्व मंत्री कौल ठाकुर से मिले ग्रामीण:चौहारघाटी में बारिश से तबाह हुई सड़कों को बहाल करने की मांग
मंडी में पूर्व मंत्री कौल ठाकुर से मिले ग्रामीण:चौहारघाटी में बारिश से तबाह हुई सड़कों को बहाल करने की मांग हिमाचल प्रदेश के मंडी की चौहारघाटी की लपास-रुलंग सड़क बीते 31 जुलाई को हुई मूसलाधार बारिश से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। यहां लगभग ढाई सौ मीटर सड़क का नामोनिशान तक मिट गया है। जिसके चलते ग्रामीण गोभी और अन्य नगदी फसलें लेकर बाजार तक पहुंचने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क बहाल करने की मांग को लेकर रुलंग गांव के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर से मिला। ग्रामीणों ने सड़क को बहाल करने की मांग उठाई। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि सड़क को बहाल करने का कार्य युद्ध-स्तर पर शुरू किया जाएगा। जिससे किसानों की नगदी फसलें और अन्य उत्पाद मार्केट तक पहुंचे। इसके लिए उन्होंने डीसी मंडी से वार्तालाप कर बजट प्रावधान की बात की। चार दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का समापन कार्यक्रम शामिल हुए ठाकुर इसके बाद कौल सिंह ठाकुर ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बरोट में पधर जोन अंडर-19 छात्रा वर्ग चार दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का समापन भी किया। उन्होंने विजेता उप विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरित कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि चौहारघाटी और छोटा भंगाल क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा मुहैया करवाने के लिए मुल्थान में डिग्री कॉलेज खोला है। बरोट स्कूल में एनसीसी और स्काउट एंड गाइड विंग शुरू किया है। शिक्षा के क्षेत्र में आई अपार क्रांति कौल ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ खेल गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है। द्रंग की चौहारघाटी और छोटा भांगाल में शिक्षा के क्षेत्र में अपार क्रांति आई है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरोट को स्तरोन्नत कर सिविल अस्पताल बनाया जाएगा। जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से मामला उठाया है। ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अगले सप्ताह द्रंग क्षेत्र का दौरा कर बरसात में हुए नुकसान का जायजा लेंगे। इस दौरान क्षेत्र की समस्याओं को प्रमुखता के साथ उठाते हुए निराकरण किया जाएगा।