हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून सामान्य से कम बरसा है, लेकिन बीते सप्ताह जमकर बादल बरसे है। 10 से 16 सितंबर के बीच सामान्य से 48 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस अवधि में किन्नौर जिला में नॉर्मल से 169 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है और अधिक ऊंची चोटियों पर सीजन पर पहला हिमपात भी हुआ। वहीं सोलन जिला में नॉर्मल की तुलना में 160 प्रतिशत अधिक, शिमला में 139 प्रतिशत ज्यादा, बिलासपुर में 142 प्रतिशत, कांगड़ा में 52 प्रतिशत, कुल्लू में 75 प्रतिशत, मंडी में 87 प्रतिशत और सिरमौर में 66 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। 4 जिलों में सामान्य से कम बारिश वहीं चार जिला ऐसे हैं, जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। हमीरपुर जिला में नॉर्मल 33 प्रतिशत कम, चंबा में 21 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में 47 प्रतिशत और ऊना में 53 प्रतिशत कम बादल बरसे है। प्रदेश में 10 से 16 सितंबर के बीच 28.2 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 41.6 मिमी बरसात हुई है। पूरे मानसून सीजन में 18 प्रतिशत कम बारिश पूरे मानसून सीजन की बात करें तो इस बार सामान्य से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 1 जून से 16 सितंबर के बीच 692.1 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 567.2 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। आज धूप, कल बारिश मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में आज भी बारिश के आसार नहीं है और ज्यादातर भागों में आज भी धूप खिलने का पूर्वानुमान है। अगले कल कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिले में कुछेक स्थानों पर हल्की बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है। अन्य जिलों में मौसम साफ रहेगा। परसो यानी 19 से 22 सितंबर तक मौसम साफ रहेगा। हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून सामान्य से कम बरसा है, लेकिन बीते सप्ताह जमकर बादल बरसे है। 10 से 16 सितंबर के बीच सामान्य से 48 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस अवधि में किन्नौर जिला में नॉर्मल से 169 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है और अधिक ऊंची चोटियों पर सीजन पर पहला हिमपात भी हुआ। वहीं सोलन जिला में नॉर्मल की तुलना में 160 प्रतिशत अधिक, शिमला में 139 प्रतिशत ज्यादा, बिलासपुर में 142 प्रतिशत, कांगड़ा में 52 प्रतिशत, कुल्लू में 75 प्रतिशत, मंडी में 87 प्रतिशत और सिरमौर में 66 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। 4 जिलों में सामान्य से कम बारिश वहीं चार जिला ऐसे हैं, जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। हमीरपुर जिला में नॉर्मल 33 प्रतिशत कम, चंबा में 21 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में 47 प्रतिशत और ऊना में 53 प्रतिशत कम बादल बरसे है। प्रदेश में 10 से 16 सितंबर के बीच 28.2 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 41.6 मिमी बरसात हुई है। पूरे मानसून सीजन में 18 प्रतिशत कम बारिश पूरे मानसून सीजन की बात करें तो इस बार सामान्य से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 1 जून से 16 सितंबर के बीच 692.1 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 567.2 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। आज धूप, कल बारिश मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में आज भी बारिश के आसार नहीं है और ज्यादातर भागों में आज भी धूप खिलने का पूर्वानुमान है। अगले कल कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिले में कुछेक स्थानों पर हल्की बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है। अन्य जिलों में मौसम साफ रहेगा। परसो यानी 19 से 22 सितंबर तक मौसम साफ रहेगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल की सुक्खू सरकार का युवाओं को दीवाली गिफ्ट:10 दिन में आएंगे लंबित परीक्षाओं के परिणम, सीएम ने दिए चयन आयोग को निर्देश
हिमाचल की सुक्खू सरकार का युवाओं को दीवाली गिफ्ट:10 दिन में आएंगे लंबित परीक्षाओं के परिणम, सीएम ने दिए चयन आयोग को निर्देश हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु आज अपने गृह जिला हमीरपुर के दौरे पर है। इस दौरान सीएम सुक्खू ने राज्य चयन आयोग के सचिव के साथ बैठक की और उन्हें 10 दिनों के भीतर लंबित परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य चयन आयोग के सचिव के साथ उन्होंने बैठक की है और जिन परीक्षाओं के पेपर लीक नहीं हुए हैं। 10 दिनों के भीतर उनके परिणाम जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश के युवाओं को लंबित परीक्षाओं के परिणाम निकालकर दीवाली का तोहफा देना चाहते हैं। इन परीक्षाओं के आएंगे परिणाम सीएम सुक्खू ने राज्य चयन आयोग के सचिव को विभिन्न पोस्ट कोड के परिणाम 10 दिनों के भीतर जारी करने आदेश दिए हैं। जिन पोस्ट कोर्ड के रिजल्ट जारी होंगे, उनमें पोस्ट कोड 903 , 939 ,982 ,992 ,994 और 997 शामिल है। सीएम सुक्खू ने आदेशों में कहा कि इन सभी पोस्ट कोड के रिजल्ट दीवाली से पहले निकाल दिए जाएं। रिजल्ट के लिए युवा कर चुके हैं विधानसभा घेराव बता दें कि, युवा लम्बे समय से लंबित परीक्षाओं के परिणाम जारी करने की मांग रहे थे। इसे लेकर युवा विधानसभा का घेराव भी कर चुके हैं। यह अधिकतर वो परीक्षाएं है जो पूर्व भाजपा सरकार में निकाली गई थी। पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद इनके परिणाम 3-4 साल बीत जाने के बाद भी अधर में लटके हुए थे। फरवरी 2022 में भंग किया था कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक की शिकायत मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी आयोग को फरवरी 2023 में भंग करने का निर्णय लिया था। जिसके बाद शक के दायरे में आई सभी भर्तियों की विजिलेंस जांच करवाई गई । हाल ही में प्रदेश सरकार ने सानन समिति की सिफारिशों के बाद कर्मचारी चयन आयोग का नाम बदलकर राज्य चयन आयोग करके पुनर्गठन किया है और उसने अब काम करना शुरू कर दिया है।
संजौली मस्जिद गिराने के फैसले को हाईकोर्ट में देंगे चुनौती:हाशमी बोले-मुस्लिमों की इबादतगाह को नुकसान पहुंचाने का प्रयास, आयुक्त ने दिए तोड़ने के आदेश
संजौली मस्जिद गिराने के फैसले को हाईकोर्ट में देंगे चुनौती:हाशमी बोले-मुस्लिमों की इबादतगाह को नुकसान पहुंचाने का प्रयास, आयुक्त ने दिए तोड़ने के आदेश हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के नगर निगम (MC) आयुक्त के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी है। ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के प्रवक्ता लियाकत अली हाशमी ने बताया कि संजौली मस्जिद वक्फ बोर्ड की जमीन पर 125 साल से पहले की बनी है। इसकी जमीन का कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले जब मस्जिद में नमाज पढ़ने वालों की संख्या बढ़ी तो नमाजियों की तादात को देखते हुए इबादत के लिए अतिरिक्त मंजिल बनाई गई। उन्होंने कहा, मस्जिद अवैध नहीं है, लेकिन कुछ लोगों ने 2 गुटों की आपसी लड़ाई को सांप्रदायिक रंग दिया। फिर MC आयुक्त ने हिंदू संगठनों के दबाव में फाइल को खोला और संबंधित पार्टी को कोर्ट में न बुलाकर ऐसे आदमी को बुलाया, जिसने दहशत में आकर मस्जिद को गिराने की पेशकश कर डाली, ऐसी पेशकश करने वाला व्यक्ति इसके लिए अधिकृत नहीं था। हाशमी ने बताया, MC आयुक्त ने इसी एप्लिकेशन को आधार पर बनाकर फैसला सुनाया। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने कहा, कि आयुक्त ने यह नहीं देखा कि कौन पार्टी है। एक दो लोगों की राय के आधार पर फैसला सुनाया गया है। उन्होंने कहा, मुस्लिमों की इबादत गाह को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। MC आयुक्त ने मस्जिद कमेटी की अंडरटेकिंग पर सुनाया फैसला दरअसल, MC आयुक्त ने बीते 5 अक्टूबर को मस्जिद के ऊपर तीन मंजिल तोड़ने के आदेश सुनाए। आदेशों में कहा गया- अवैध रूप से बनाई गईं 3 मंजिलें मस्जिद कमेटी दो महीने के भीतर अपने खर्चे से गिराएगी। संजौली की मस्जिद कमेटी ने बीते 12 सितंबर को एक एप्लिकेशन MC आयुक्त को दी थी, जिसमें ऊपर की 3 मंजिलें गिराने की पेशकश की गई थी। इसी अंडरटेकिंग के आधार पर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने फाइनल ऑर्डर से पहले अंतरिम आदेश जारी किए। आजादी से पहले थी 2 मंजिला मस्जिद संजौली में आजादी से पहले सिर्फ 2 मंजिला मस्जिद थी। साल 2010 में यहां अवैध निर्माण शुरू किया गया। 2010 में ही नगर निगम ने अवैध निर्माण रोकने का नोटिस दिया। साल 2020 तक अवैध निर्माण रोकने के लिए 35 नोटिस दिए गए। तब तक मस्जिद दो मंजिल से 5 मंजिल बना दी गई। निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई भी चलती रही और निर्माण भी जारी रहा। मस्जिद का नक्शा पास नहीं मामले ने कैसे पकड़ा तूल? दरअसल, बीते 31 अगस्त को शिमला के मल्याणा क्षेत्र में एक व्यक्ति के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपी गिरफ्तार किए। आरोप लगा कि मारपीट करने वाले मस्जिद में जा छिपे। इसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और अवैध बताकर मस्जिद को गिराने पर अड़ गए। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और विरोध पूरे प्रदेश में होने लगा। इसी मामले में हिंदू संगठनों ने पहले 2 बार संजौली और एक बार विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इससे हिंदू संगठन भड़क गए। इसके बाद प्रदेशभर में प्रदर्शन किए गए। व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर रोष जाहिर किया। 11 सितंबर को में मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। बीते 5 अक्टूबर को निगम आयुक्त ने तोड़ने के आदेश दिए।
हिमाचल के मंत्री पर कर्मचारियों की जुबानी हमला:बोले-मंत्री बनने लायक नहीं थे राजेश धर्माणी, CM पर आ रहा तरस, DA-एरियर नहीं मिलने से नाराज
हिमाचल के मंत्री पर कर्मचारियों की जुबानी हमला:बोले-मंत्री बनने लायक नहीं थे राजेश धर्माणी, CM पर आ रहा तरस, DA-एरियर नहीं मिलने से नाराज हिमाचल सचिवालय के कर्मचारियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुक्खू कैबिनेट में मंत्री राजेश धर्माणी पर तीखा हमला बोला। सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा, धर्माणी मंत्री बनने के लायक ही नहीं थे। तभी पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने 2012 में उन्हें मंत्री नहीं बनाया था। संजीव ने कहा, उन्हें CM सुक्खू पर तरस आ रहा है। पता नहीं CM ने किसके दबाव में धर्माणी को मंत्री बनाया होगा। उन्होंने राजेश धर्माणी को माफी मांगने या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी। दरअसल, राजेश धर्माणी ने पिछले कल कहा था कि कर्मचारी अनाप-शनाप बयानबाजी न करें। उन्हें जो मिल रहा है, वो भी नहीं मिलेगा। इससे कर्मचारी भड़क उठे हैं। संजीव शर्मा ने कहा, मंगलवार तक कर्मचारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया तो उस दिन से कर्मचारी काले बिले लगाकर काम करेंगे। काले बिले लगाकर काम करेंगे कर्मचारी विधानसभा कर्मचारी भी मानसून सत्र के दौरान काले बिले लगाकर काम करेंगे। उन्होंने कहा, विधानसभा के मानसून सत्र को देखते हुए अभी आंदोलन उग्र नहीं होगा। 10 सितंबर के बाद आंदोलन को उग्र किया जाएगा। बीते बुधवार को भी बड़ी संख्या में सचिवालय कर्मचारी प्रदर्शन कर चुके हैं। आज दोबारा सैंकड़ों की तादाद में कर्मचारियों ने सचिवालय के बाहर धरना दिया। सचिवालय कर्मचारियों को दूसरे कर्मचारी संगठनों, पेंशनर और बेरोजगारों का भी साथ मिल रहा है। कर्मचारी महंगाई भत्ता (DA) और नए वेतनमान का एरियर नहीं मिलने से नाराज है। एक-एक कर सभी मंत्रियों की पोल खोलेंगे संजीव शर्मा ने कहा, आने वाले दिनों में सरकार के एक-एक मंत्रियों की पोल खोली जाएगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि सरकार बात-बात पर पैसे की कमी का रोना रो रही है और मंत्रियों की खुद मौज लगी हुई है। दोनों हाथ से प्रदेश को लूट रहे हैं। शिमला, दिल्ली, धर्मशाला, चंडीगढ़ जगह जगह OSD और दूसरी नियुक्तियां करके सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है। मुफ्त कॉलिंग के जमाने में 20 हजार मोबाइल भत्ता क्यों: संजीव संजीव ने कहा, आज 500 रुपए में अन-लिमिटेड कॉलिंग मिलती है। मगर इन्हें 20 हजार रुपए मोबाइल भत्ता मिलता है। हजारों रुपए सत्कार भत्ता दिया जाता है। इनके दफ्तरों में जाए तो चाय तक नहीं पिलाई जाती। उन्होंने कहा, दफ्तरों की रैनोवेशन और फर्नीचर पर करोड़ों रुपए फूंके जा रहे हैं और जब कर्मचारी अपना अधिकार मांगते है तो बजट की कमी का बहाना बनाया जाता है। IPS की पत्नी दिल्ली में एस्कोर्ट में घूम रही: संजीव संजीव शर्मा ने कहा, दिल्ली में एक एस्कोर्ट गाड़ी है। जो मुख्यमंत्री और राज्यपाल के दिल्ली जाने पर इस्तेमाल होती है। मगर आम दिनों में एक IPS की पत्नी इस गाड़ी का इस्तेमाल कर हजारों रुपए का तेल फूंक रही हैं। मगर सुक्खू सरकार आईपीएस अफसर पर कार्रवाई नहीं कर रही। मंत्रियों ने कई-कई कोठियों पर कर रखा कब्जा संजीव ने कहा, शिमला में मंत्रियों ने कई कई सरकारी कोठियों पर कब्जा कर रखा है। एक मंत्री का नाम लिए बगैर संजीव शर्मा ने कहा, मंत्री साहब खुद भराड़ी में अपने घर में रहते हैं। उन्होंने एक मंत्री की कोठी के अलावा मेट्रोपोल में भी सरकारी मकान पर कब्जा कर रखा है। विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के बावजूद खाली नहीं किया जा रहा है। 114 करोड़ रुपए बजट लैप्स: संजीव संजीव शर्मा ने कहा, सरकार बजट की कमी का रोना रो रही है और ब्यूरोक्रेट की आपसी लड़ाई से 114 करोड़ रुपए का बजट लैप्स हो गया। पूर्व जयराम सरकार भी नहीं दिया एरियर बता दें कि सरकार के पास कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपए बकाया है। मगर आर्थिक तंगहाली झेल रही सरकार इसका भुगतान नहीं कर पा रही। पूर्व जय राम सरकार ने भी 2021-22 में अपने सभी कर्मचारी और पेंशनर को एक जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए, लेकिन एरियर का भुगतान नहीं किया। लिहाजा कर्मचारी स्वतंत्रता दिवस पर एरियर व DA मिलने की आस लगाए बैठे थे। मगर सीएम सुक्खू ने केवल 75 साल से अधिक आयु वर्ग के पेंशनर का ही एकमुश्त एरियर देने का ऐलान किया है। इससे दूसरे कर्मचारी भड़क उठे हैं। मगर कांग्रेस सरकार आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए एरियर व डीए के भुगतान को टाल रही है।