हिमाचल प्रदेश मंडी शहर में शुक्रवार रात 2 बजकर 26 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.3 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, जमीन के भीतर इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। अब तक इससे किसी भी प्रकार के जान व माल के नुकसान की सूचना नहीं है। जिन लोगों ने झटके महसूस किए, वह घरों से बाहर निकल आए। हालांकि झटकों की तीव्रता कम होने की वजह से ज्यादातर लोग इन्हें महसूस नहीं कर पाए। मंडी जिला के अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील यानी जोन 5 में आते है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। अब जानिए भूकंप क्यों आता है? धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेस के बाद भूकंप आता है। हिमाचल प्रदेश मंडी शहर में शुक्रवार रात 2 बजकर 26 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.3 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, जमीन के भीतर इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। अब तक इससे किसी भी प्रकार के जान व माल के नुकसान की सूचना नहीं है। जिन लोगों ने झटके महसूस किए, वह घरों से बाहर निकल आए। हालांकि झटकों की तीव्रता कम होने की वजह से ज्यादातर लोग इन्हें महसूस नहीं कर पाए। मंडी जिला के अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील यानी जोन 5 में आते है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। अब जानिए भूकंप क्यों आता है? धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेस के बाद भूकंप आता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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