किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) से खदरा के निजी अस्पताल एमजे अस्पताल ले जाए गए मरीज की मौत का मामला सामने आया है। घटना 15 नवंबर की है। पुलिस कमिश्नर और लखनऊ सीएमओ से परिवार के शिकायत दर्ज कराने के बाद घटना सामने आई। इससे पहले खदरा के ही केडी अस्पताल में पिछले महीने KGMU से शिफ्ट कराए गए मरीज की मौत का मामला सामने आया था। अभी इसकी जांच चल ही रही थी कि उससे सटे एमजे अस्पताल का मामला सामने आया है। ये है पूरा मामला गोलागंज निवासी मुस्कान के मुताबिक, पति आलम (45) को 14 नवंबर को KGMU में भर्ती कराया था। इलाज चल ही रहा था कि उसी दिन खदरा पक्का पुल स्थित एमजे हॉस्पिटल से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को डॉ. जुनैद बताते हुए बेहतर इलाज का झांसा दिया। यही नहीं, एंबुलेंस भिजवाकर KGMU से मरीज को शिफ्ट करा लिया। मुस्कान का आरोप है कि भर्ती करने के पहले 10 हजार रुपये जमा करवाए गए। बेड चार्ज व दवाओं के नाम पर डेढ़ लाख रुपये वसूल लिए गए। मुस्कान का आरोप है कि अस्पताल में अनट्रेनड स्टाफ और डॉक्टरों ने गलत इंजेक्शन लगा दिया। गलत इलाज से पति वेंटिलेटर सपोर्ट पर चले गए। गलत इलाज की वजह से 15 नवंबर को पति की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल के कर्मियों ने डरा-धमकाकर शव सौंप दिया। डेथ सर्टिफिकेट के लिए भी की डिमांड पीड़ित पक्ष का आरोप है कि एमजे हॉस्पिटल में पति का डेथ सर्टिफिकेट लेने गई थी। डॉक्टर और स्टाफ ने 20 हजार रुपये की मांग की। अस्पताल प्रशासन ने डेथ सर्टिफिकेट भी नहीं दिया। मुस्कान ने शुक्रवार को एमजे हॉस्पिटल के खिलाफ सीएमओ और पुलिस कमिश्नर से लिखित शिकायत कर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है। वहीं, CMO ऑफिस के डॉ.एपी सिंह कहना है कि पीड़ित पक्ष ने गंभीर आरोप लगाए है। जांच कमेटी पूरे मामले की पड़ताल करेगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर हॉस्पिटल पर कार्रवाई की जाएगी किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) से खदरा के निजी अस्पताल एमजे अस्पताल ले जाए गए मरीज की मौत का मामला सामने आया है। घटना 15 नवंबर की है। पुलिस कमिश्नर और लखनऊ सीएमओ से परिवार के शिकायत दर्ज कराने के बाद घटना सामने आई। इससे पहले खदरा के ही केडी अस्पताल में पिछले महीने KGMU से शिफ्ट कराए गए मरीज की मौत का मामला सामने आया था। अभी इसकी जांच चल ही रही थी कि उससे सटे एमजे अस्पताल का मामला सामने आया है। ये है पूरा मामला गोलागंज निवासी मुस्कान के मुताबिक, पति आलम (45) को 14 नवंबर को KGMU में भर्ती कराया था। इलाज चल ही रहा था कि उसी दिन खदरा पक्का पुल स्थित एमजे हॉस्पिटल से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को डॉ. जुनैद बताते हुए बेहतर इलाज का झांसा दिया। यही नहीं, एंबुलेंस भिजवाकर KGMU से मरीज को शिफ्ट करा लिया। मुस्कान का आरोप है कि भर्ती करने के पहले 10 हजार रुपये जमा करवाए गए। बेड चार्ज व दवाओं के नाम पर डेढ़ लाख रुपये वसूल लिए गए। मुस्कान का आरोप है कि अस्पताल में अनट्रेनड स्टाफ और डॉक्टरों ने गलत इंजेक्शन लगा दिया। गलत इलाज से पति वेंटिलेटर सपोर्ट पर चले गए। गलत इलाज की वजह से 15 नवंबर को पति की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल के कर्मियों ने डरा-धमकाकर शव सौंप दिया। डेथ सर्टिफिकेट के लिए भी की डिमांड पीड़ित पक्ष का आरोप है कि एमजे हॉस्पिटल में पति का डेथ सर्टिफिकेट लेने गई थी। डॉक्टर और स्टाफ ने 20 हजार रुपये की मांग की। अस्पताल प्रशासन ने डेथ सर्टिफिकेट भी नहीं दिया। मुस्कान ने शुक्रवार को एमजे हॉस्पिटल के खिलाफ सीएमओ और पुलिस कमिश्नर से लिखित शिकायत कर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है। वहीं, CMO ऑफिस के डॉ.एपी सिंह कहना है कि पीड़ित पक्ष ने गंभीर आरोप लगाए है। जांच कमेटी पूरे मामले की पड़ताल करेगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर हॉस्पिटल पर कार्रवाई की जाएगी उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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बहन की मौत पर भाई बोला– अंतिम संस्कार कर देना:मैं नहीं आ सकता, फिर मोबाइल बंद किया; करनाल के फ्लैट में अकेली रहती थी
बहन की मौत पर भाई बोला– अंतिम संस्कार कर देना:मैं नहीं आ सकता, फिर मोबाइल बंद किया; करनाल के फ्लैट में अकेली रहती थी करनाल में पारिवारिक रिश्तों में कड़वाहट का दर्दनाक उदाहरण दिखा है। यहां एक 60 साल की महिला की मौत हो गई। पड़ोसियों ने तुरंत उसके सगे भाई को सूचना देने के लिए फोन किया। बहन की मौत की बात सुनकर भाई बोला- अंतिम संस्कार कर देना, मैं नहीं आ सकता। इसके बाद कोई दोबारा कॉल न कर पाए, इसके लिए उसने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। महिला के बेटे का भी कोई पता नहीं लगा। इसके बाद ‘अपना आशियाना’ संस्था की टीम वहां पहुंची। उन्होंने परिवार के इनकार करने पर खुद अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली। हालांकि महिला की केयरटेकर से उसके भांजे का पता चला। जिसके बाद भांजे ने पंचकूला से आकर अंतिम संस्कार किया। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरा मामला… पति 30 साल पहले छोड़कर चला गया
संस्था के सदस्य राजकुमार अरोड़ा ने बताया कि करनाल के सेक्टर 6 में रहने वाली नीलम हाउसवाइफ थी। करीब 30 साल पहले उसका पति उसे छोड़कर चला गया। उसका एक बेटा था। इसके अलावा महिला के 2 भाई थे। दोनों भाई दिल्ली में रहते हैं, जबकि बेटा लुधियाना में रहता है। एक महीने पहले गिरी, कूल्हा टूट गया
एक महीने पहले महिला अचानक गिर गई। इससे उसका कूल्हा टूट गया। इस वजह से वह अच्छी तरह से चल-फिर नहीं पाती थी। वह बीमार भी रहती थी। संस्था सदस्य अरोड़ा के मुताबिक वह किसी आयुर्वेदिक अस्पताल से इलाज करा रही थी। वह खाना नहीं बना पाती थी, इसलिए टिफिन लगवा रखा था। केयरटेकर बोली- सुबह बेड से नीचे गिरी मिली
नीलम ने अपनी देखभाल के लिए मीरा को केयरटेकर के तौर पर रखा था। मीरा ने बताया कि वह मंगलवार सुबह नीलम के फ्लैट पर पहुंची तो दरवाजा खुला हुआ था। वह अंदर गई तो देखा कि नीलम बेड से नीचे गिरी हुई थी। उसने तुरंत पड़ोसियों को इसके बारे में बताया। उन्होंने चैक किया तो महिला की मौत हो चुकी थी। इसके बाद ही उन्होंने भाई को फोन किया था। उसने आने से इनकार कर दिया। केयरटेकर बोली– कभी कोई मिलने नहीं आया
मीरा ने बताया कि वह 5 साल से फ्लैट में नीलम की देखभाल कर रही थी। उससे कभी कोई रिश्तेदार मिलने नहीं आया। पंचकूला से उसका एक भांजा अश्विनी जरूर उसको खर्चा देता था। मीरा के बताने के बाद ही संस्था ने अंतिम संस्कार के लिए उससे संपर्क किया था। महिला के बेटे के बारे में भी यहां किसी को जानकारी नहीं थी।
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पूर्व सरपंच प्रतिनिधि कोसर अली ने बताया कि सोयल की मौत से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। एक साल पहले सोयल के पिता की भी मौत हो गई थी और आज सोयल की मौत ने परिवार को तोड़कर रख दिया है। सोयल के परिवार में अब उसकी मां और बड़ा भाई है। जिनका रो रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने किया मामला दर्ज
पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मृतक को अपने कब्जे में ले लिया और करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के मोर्चरी हाउस में रखवा दिया। मंगलवार को मृतक का पोस्टमार्टम हुआ और शव परिजनों को सौंप दिया। जांच अधिकारी रवि कुमार ने बताया कि डिंगर माजरा रोड पर कंबाइन की टक्कर से एक युवक सोयल की मौत हो गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
निर्मला सप्रे के मामले के बीच BJP के मंच पर एक और कांग्रेस विधायक, सफाई में दी ये दलील
निर्मला सप्रे के मामले के बीच BJP के मंच पर एक और कांग्रेस विधायक, सफाई में दी ये दलील <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> कांग्रेस के एक और विधायक बीजेपी के मंच पर दिखाई दिए तो पूरी पार्टी में हलचल मच गई. अभी बिना विधायक निर्मला सप्रे का मामला निपटा भी नहीं है और एक और कांग्रेस विधायक के बीजेपी के मंच पर नजर आने से सियासत तेज हो गई है. हालांकि विधायक ने अपनी सफाई में कुछ और ही बयान दिया है.<br /><br /><strong>दिनेश जैन ने मंच साझा करने को लेकर दी सफाई</strong><br />मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन के खेड़ा खजुरिया में विकास कार्यों का भूमि पूजन होना था. ऐसे में प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया सहित बीजेपी के नेताओं के बीच मंच पर कांग्रेस के विधायक दिनेश जैन बॉस पहुंच गए. वे पूरे मंच पर आकर्षण का केंद्र बने रहे. विकास कार्यों की सौगात को लेकर सरकार का धन्यवाद किया. उल्लेखनीय है कि अभी सागर जिले की बीना विधायक निर्मला सप्रे की मुश्किलें बीजेपी के मंच पर जाने की वजह से बड़ी हुई है. उनसे कांग्रेस ने किनारा कर लिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस का कहना है कि निर्मला सप्रे को किसी भी कीमत पर पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं सौंपा जाएगा. दूसरी तरफ एक और विधायक के बीजेपी पर के मंच पर नजर आने से सियासी हलचल तेज हो गई है. पूर्व में भी कांग्रेस विधायक दिनेश जैन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का स्वागत करते हुए दिखाई दिए हैं. हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा था कि वे मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं और उनकी पुरानी मित्रता है, इस नाते स्वागत करने के लिए पहुंचे थे.<br /><br /><strong>विधायक दिनेश जैन ने दी अपनी अलग ही सफाई</strong><br />विधायक दिनेश जैन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों का भूमि पूजन था. ऐसे में अतिथि के रूप में प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल भी आए थे. उन्होंने कहा कि विशिष्ट अतिथि के रूप में उनका नाम दिया गया था, इसलिए वे मंच पर पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि विचारधारा भले ही अलग हो सकती है, मगर विकास कार्यों में साथ मिलकर कदम आगे बढ़ाया जा रहा है. उनके विधानसभा क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों के लिए वे हमेशा तत्पर दिखाई देंगे.<br /><br /><strong>मंच पर पूर्व विधायक का लगाया गया था फोटो</strong><br />महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के खेड़ा खजुरिया में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल सांसद अनिल फिरोजिया के साथ पूर्व विधायक बहादुर सिंह चौहान का फोटो लगाया गया था. इस कार्यक्रम में विधायक दिनेश जैन का फोटो भी नहीं था, बावजूद इसके कांग्रेस विधायक पूरे समय कार्यक्रम में शामिल रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/indore-police-have-announced-a-reward-of-rs-1-against-the-absconding-accused-2832969″>इंदौर पुलिस फरार आरोपियों पर क्यों रखा सिर्फ 1 रुपये इनाम, जानें इसके पीछे की वजह?</a></strong></p>