हिमाचल में मंदिरों से सरकारी हिस्सा मांगने पर विवाद क्यों:BJP ने कहा-सनातन विरोधी, CM बोले-भाजपा 15% लेती थी; 6 सवाल-जवाब से जानिए पूरी सच्चाई

हिमाचल में मंदिरों से सरकारी हिस्सा मांगने पर विवाद क्यों:BJP ने कहा-सनातन विरोधी, CM बोले-भाजपा 15% लेती थी; 6 सवाल-जवाब से जानिए पूरी सच्चाई

हिमाचल प्रदेश में मंदिरों से सरकारी फंड लेने पर विवाद खड़ा हो गया है। CM सुखविंदर सुक्खू की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार ने मंदिरों काे लेटर जारी किया। जिसमें सरकारी योजनाओं के लिए मंदिर की कमाई का हिस्सा मांगा। BJP ने इसे मुद्दा बनाते हुए कहा- यह सनातन विरोधी है। इसके जवाब में CM सुक्खू ने कहा कि BJP की सरकार ने भी मंदिरों की कमाई से 15% हिस्सा लिया। ऐसे में हिमाचल में सियासी घमासान मच गया। मंदिरों से कमाई का यह पूरा विवाद क्या है, 6 सवाल–जवाब से जानिए 1. मंदिरों की कमाई से सरकारी हिस्सा मांगने का मुद्दा सामने कैसे आया?
जवाब: कांग्रेस सरकार ने भाषा कला एवं संस्कृत विभाग के सचिव के माध्यम से 29 जनवरी 2025 को कुल्लू और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों के DC को पत्र लिखा। जिसमें मंदिरों से कुछ पैसा “सुख शिक्षा योजना’ और “मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना’ के लिए देने को कहा गया। यह दोनों योजनाएं मौजूदा कांग्रेस सरकार ने शुरू की है। 2. जिन 2 योजनाओं के लिए पैसा मांगा गया, वह क्या हैं?
जवाब: हिमाचल में CM सुक्खू की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ और मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना शुरू की है। ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ में विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता के बच्चों की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता सरकार दी रही है। इसमें पात्र महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता को 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए 1000 रुपये का मासिक देने का प्रावधान है। दूसरी मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना में सरकार ने 6 हजार बच्चों को गोद लिया और उन्हें चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा दिया। ऐसे बच्चों की शिक्षा और पालन पोषण के लिए सरकार ने योजना शुरू की है। 3. इस पर विवाद कैसे शुरू हुआ?
जवाब: BJP के नेता विपक्ष व पूर्व CM जयराम ठाकुर को इसका पता चल गया। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कांग्रेस सरकार को सनातन विरोधी बताया। जयराम ने कहा- सरकारी योजनाएं चलाने के लिए मंदिरों का पैसा लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। मंदिरों से पैसा लेने के लिए बार-बार अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। BJP विधानसभा के बजट सत्र में इसका विरोध करेगी। 4. CM सुक्खू ने किस आधार पर कहा कि BJP सरकार ने मंदिरों से पैसा लेने की प्रथा शुरू की?
जवाब: इसके लिए 29 अगस्त 2018 के लेटर को आधार बनाया गया है। यह भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग ने सभी जिलों के DC को लिखा है। जिसमें कहा गया कि वह मंदिरों से उनकी कमाई का 15% गौशाला के लिए भिजवाएं। 5. क्या भाजपा की सरकार में मंदिरों से पैसा लिया गया?
जवाब: हां, यह पैसा सीएम रिलीफ फंड, कोविड सोलिडेरिटी फंड, गौशालाओं के संचालन और अयोध्या राम मंदिर के लिए लिया गया। उस वक्त जयराम ठाकुर ही BJP सरकार में मुख्यमंत्री थे। इन 2 ग्राफिक्स में देखिए, BJP की सरकार ने किस मंदिर से कब कितना फंड लिया 6. हिमाचल में मंदिरों से किस आधार पर सरकार पैसा लेती है?
जवाब: इस बारे में पूर्व BJP मंत्री सुखराम चौधरी कहते हैं- भाजपा की सरकार ने हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक धार्मिक संस्था और पूर्त विन्यास अधिनियम 1984 के संशोधन अधिनियम 2018 के तहत धारा 22 की उप धारा 2 में खंड (जी) के तहत एक प्रावधान किया था। जिसके मुताबिक “हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थाओं और पूर्त विन्यासों की प्राप्तियों का 15 फीसदी हिस्सा गौ सदनों के निर्माण, रखरखाव और उनके स्तरोन्नयन करने के लिए गोवंश संवर्धन के लिए प्रथम प्रभार के रूप में किया जाएगा। यह विधानसभा द्वारा पास किया कानून है। इस एक्ट के तहत गौशाला को बजट देने का प्रावधान किया गया था इसके अलावा हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1984 के तहत राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न मंदिर ट्रस्ट धर्मार्थ गतिविधियों और कल्याणकारी योजना के लिए योगदान देते रहते हैं। मंदिर प्रबंधन सीएम रिलीफ फंड, कोविड सॉलिडेरिटी फंड आदि में इसी एक्ट के तहत योगदान देते हैं। हिमाचल प्रदेश में मंदिरों से सरकारी फंड लेने पर विवाद खड़ा हो गया है। CM सुखविंदर सुक्खू की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार ने मंदिरों काे लेटर जारी किया। जिसमें सरकारी योजनाओं के लिए मंदिर की कमाई का हिस्सा मांगा। BJP ने इसे मुद्दा बनाते हुए कहा- यह सनातन विरोधी है। इसके जवाब में CM सुक्खू ने कहा कि BJP की सरकार ने भी मंदिरों की कमाई से 15% हिस्सा लिया। ऐसे में हिमाचल में सियासी घमासान मच गया। मंदिरों से कमाई का यह पूरा विवाद क्या है, 6 सवाल–जवाब से जानिए 1. मंदिरों की कमाई से सरकारी हिस्सा मांगने का मुद्दा सामने कैसे आया?
जवाब: कांग्रेस सरकार ने भाषा कला एवं संस्कृत विभाग के सचिव के माध्यम से 29 जनवरी 2025 को कुल्लू और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों के DC को पत्र लिखा। जिसमें मंदिरों से कुछ पैसा “सुख शिक्षा योजना’ और “मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना’ के लिए देने को कहा गया। यह दोनों योजनाएं मौजूदा कांग्रेस सरकार ने शुरू की है। 2. जिन 2 योजनाओं के लिए पैसा मांगा गया, वह क्या हैं?
जवाब: हिमाचल में CM सुक्खू की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ और मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना शुरू की है। ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ में विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता के बच्चों की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता सरकार दी रही है। इसमें पात्र महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता को 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए 1000 रुपये का मासिक देने का प्रावधान है। दूसरी मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना में सरकार ने 6 हजार बच्चों को गोद लिया और उन्हें चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा दिया। ऐसे बच्चों की शिक्षा और पालन पोषण के लिए सरकार ने योजना शुरू की है। 3. इस पर विवाद कैसे शुरू हुआ?
जवाब: BJP के नेता विपक्ष व पूर्व CM जयराम ठाकुर को इसका पता चल गया। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कांग्रेस सरकार को सनातन विरोधी बताया। जयराम ने कहा- सरकारी योजनाएं चलाने के लिए मंदिरों का पैसा लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। मंदिरों से पैसा लेने के लिए बार-बार अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। BJP विधानसभा के बजट सत्र में इसका विरोध करेगी। 4. CM सुक्खू ने किस आधार पर कहा कि BJP सरकार ने मंदिरों से पैसा लेने की प्रथा शुरू की?
जवाब: इसके लिए 29 अगस्त 2018 के लेटर को आधार बनाया गया है। यह भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग ने सभी जिलों के DC को लिखा है। जिसमें कहा गया कि वह मंदिरों से उनकी कमाई का 15% गौशाला के लिए भिजवाएं। 5. क्या भाजपा की सरकार में मंदिरों से पैसा लिया गया?
जवाब: हां, यह पैसा सीएम रिलीफ फंड, कोविड सोलिडेरिटी फंड, गौशालाओं के संचालन और अयोध्या राम मंदिर के लिए लिया गया। उस वक्त जयराम ठाकुर ही BJP सरकार में मुख्यमंत्री थे। इन 2 ग्राफिक्स में देखिए, BJP की सरकार ने किस मंदिर से कब कितना फंड लिया 6. हिमाचल में मंदिरों से किस आधार पर सरकार पैसा लेती है?
जवाब: इस बारे में पूर्व BJP मंत्री सुखराम चौधरी कहते हैं- भाजपा की सरकार ने हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक धार्मिक संस्था और पूर्त विन्यास अधिनियम 1984 के संशोधन अधिनियम 2018 के तहत धारा 22 की उप धारा 2 में खंड (जी) के तहत एक प्रावधान किया था। जिसके मुताबिक “हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थाओं और पूर्त विन्यासों की प्राप्तियों का 15 फीसदी हिस्सा गौ सदनों के निर्माण, रखरखाव और उनके स्तरोन्नयन करने के लिए गोवंश संवर्धन के लिए प्रथम प्रभार के रूप में किया जाएगा। यह विधानसभा द्वारा पास किया कानून है। इस एक्ट के तहत गौशाला को बजट देने का प्रावधान किया गया था इसके अलावा हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1984 के तहत राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न मंदिर ट्रस्ट धर्मार्थ गतिविधियों और कल्याणकारी योजना के लिए योगदान देते रहते हैं। मंदिर प्रबंधन सीएम रिलीफ फंड, कोविड सॉलिडेरिटी फंड आदि में इसी एक्ट के तहत योगदान देते हैं।   हिमाचल | दैनिक भास्कर