हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला की पूजा नाम की एक लड़की का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें पूजा खतरनाक ढांक में रील बनाते हुए गिर जाती है। पूजा पहाड़ी से करीब 50 फीट नीचे लुढ़कने के बाद रुक जाती हैं। इस दौरान वीडियो बना रही दूसरी लड़की जोर जोर से चिल्लाने लगती है। अब पूजा का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसके जरिए कुछ लोग रील बनाने वालों को खतरनाक जगह पर वीडियो नहीं बनाने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि प्रदेश के पहाड़ों, नदी-नालों में रील बनाते वक्त कई लोगों की जान जा चुकी है। पूजा पूरी तरह सुरक्षित अच्छी बात यह है कि वह पूरी तरह सुरक्षित है। पूजा ने बीती शाम को एक अन्य वीडियो बनाकर पूरी तरह सुरक्षित होने की जानकारी साझा की, जिसमें वह कह रही हैं कि पूरे फिसलने की वजह से वह गिरी थी। पूजा कह रही कि पैर हर किसी का फिसलता है। वो अलग बात है कि किसी की डेथ हो जाती है। 85 हजार फॉलोअर्स पूजा खुद कह रही है कि फेसबुक पर उसके 20 हजार और इंस्टाग्राम पर 85 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स है। वह इंस्टाग्राम पर भी अक्सर इस तरह के वीडियो पोस्ट करती हैं। रील बनाने वाली पूजा चंबा जिला के साहो क्षेत्र की रहने वाली बताई जा रही है। हम पहाड़ियों की लाइफ में हर वक्त रिस्क: पूजा पूजा कह रही हैं कि अभी भी वह घने जंगल में है। जहां हर वक्त भालू और जंगली जानवर रहते है। हम पहाड़ियों की लाइफ में हर वक्त रिस्क बना रहता है। यह वीडियो दो-तीन दिन पुराना है। कुछ लोग इसे उत्तराखंड का बताकर भी सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला की पूजा नाम की एक लड़की का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें पूजा खतरनाक ढांक में रील बनाते हुए गिर जाती है। पूजा पहाड़ी से करीब 50 फीट नीचे लुढ़कने के बाद रुक जाती हैं। इस दौरान वीडियो बना रही दूसरी लड़की जोर जोर से चिल्लाने लगती है। अब पूजा का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसके जरिए कुछ लोग रील बनाने वालों को खतरनाक जगह पर वीडियो नहीं बनाने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि प्रदेश के पहाड़ों, नदी-नालों में रील बनाते वक्त कई लोगों की जान जा चुकी है। पूजा पूरी तरह सुरक्षित अच्छी बात यह है कि वह पूरी तरह सुरक्षित है। पूजा ने बीती शाम को एक अन्य वीडियो बनाकर पूरी तरह सुरक्षित होने की जानकारी साझा की, जिसमें वह कह रही हैं कि पूरे फिसलने की वजह से वह गिरी थी। पूजा कह रही कि पैर हर किसी का फिसलता है। वो अलग बात है कि किसी की डेथ हो जाती है। 85 हजार फॉलोअर्स पूजा खुद कह रही है कि फेसबुक पर उसके 20 हजार और इंस्टाग्राम पर 85 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स है। वह इंस्टाग्राम पर भी अक्सर इस तरह के वीडियो पोस्ट करती हैं। रील बनाने वाली पूजा चंबा जिला के साहो क्षेत्र की रहने वाली बताई जा रही है। हम पहाड़ियों की लाइफ में हर वक्त रिस्क: पूजा पूजा कह रही हैं कि अभी भी वह घने जंगल में है। जहां हर वक्त भालू और जंगली जानवर रहते है। हम पहाड़ियों की लाइफ में हर वक्त रिस्क बना रहता है। यह वीडियो दो-तीन दिन पुराना है। कुछ लोग इसे उत्तराखंड का बताकर भी सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
मकर संक्रांति पर मार्कंड में उमड़ी भक्तों की भीड़:ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हुआ कुंभ का पहला शाही स्नान, 50 हजार श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
मकर संक्रांति पर मार्कंड में उमड़ी भक्तों की भीड़:ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हुआ कुंभ का पहला शाही स्नान, 50 हजार श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी उत्तरी भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थल महर्षि मार्कंडेश्वर मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर आज भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। कुंभ के पहले शाही स्नान के कारण इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में विशेष वृद्धि देखी गई, जहां लगभग 50 हजार भक्तों ने पवित्र स्नान किया। श्रद्धालुओं का आगमन ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू हो गया था और सुबह 4 बजे से शाही स्नान प्रारंभ हुआ। बिलासपुर, शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना, मंडी, सोलन के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने परिवार और मित्रों के साथ पहुंचे। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर मार्कंड में स्नान करने और पूजा-अर्चना से सभी पाप धुल जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और सभी बाधाएं दूर होती हैं। मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष लंगर की व्यवस्था की, जिसमें लोहड़ी का विशेष पकवान खिचड़ी शुद्ध देसी घी और दही के साथ परोसा गया। समिति के लंगर में बीस बल्टोही खिचड़ी, 50 किलो शुद्ध देसी घी और 2 क्विंटल दही का प्रसाद वितरित किया गया। इसके अतिरिक्त एक भक्त द्वारा बिलासपुरी धाम का विशेष लंगर भी लगाया गया।
हिमाचल में पेयजल घोटाले में एक्सईएन-SDO समेत 10 अधिकारी सस्पेंड:ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, विजिलेंस जांच के लिए लेटर लिखा; बाइक-कार में ढोया था पानी
हिमाचल में पेयजल घोटाले में एक्सईएन-SDO समेत 10 अधिकारी सस्पेंड:ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, विजिलेंस जांच के लिए लेटर लिखा; बाइक-कार में ढोया था पानी हिमाचल सरकार ने शुक्रवार को ठियोग में पेयजल सप्लाई घोटाले में 10 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। साथ ही पानी की सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश दिए। जल शक्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. ओंकार चंद शर्मा ने सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर (SE) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की। साथ ही विजिंलेंस के ADGP को डिटेल इंक्वायरी के लिए लेटर लिखा है। सस्पेंड किए गए अधिकारियों में मत्याना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याना SDO परनीत ठाकुर, कोटी SDO राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात SDO विवेक शर्मा, ठियोग के JE मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के JE सुरेश कुमार, मत्याना के JE नीम चंद, रिटायर्ड JE सुदर्शन और धरेच फागू के JE सुनील कुमार शामिल हैं। पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने ठियोग में 1 करोड़ 13 लाख रुपए का पानी लोगों को टैंकर से पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था, ‘पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। एक मोटर साइकिल पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जीप से 15 हजार लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94 हजार की रकम ठेकेदार को दी गई।’ अधिकारियों के सस्पेंशन ऑर्डर…. राकेश सिंघा की 4 बड़ी बातें…. 1. ठेकेदार को पेमेंट की तो गबन दिखा राकेश सिंघा ने RTI की सूचना का हवाला देते कहा था कि ठियोग में जल शक्ति विभाग ने इस साल गर्मी के दौरान लोगों को पानी पिलाया है और जब इसकी पेमेंट ठेकेदार को की गई तो उसमें बड़ा गबन लग रहा है। उन्होंने मुख्य सचिव से इसकी जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सचिवालय के घेराव की चेतावनी भी दी। 2. एक दिन में 1000 किलोमीटर वाहन की रनिंग दिखाई सिंघा ने कहा कि जल शक्ति विभाग ने बाइक पर भी लोगों को पानी पिलाया है। बिल लेने के लिए जब ठेकेदार ने बिल प्रोड्यूस किए तो बाइक, ऑल्टो कार, K-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जैसी गाड़ियों के नंबर दिए गए। एक दिन में ही एक गाड़ी को 500 से 1000 किलोमीटर रनिंग दर्शाई गई, जो पहाड़ों में संभव ही नहीं है। 3. जहां सड़कें नहीं, वहां भी पानी की सप्लाई हर साल ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 10-12 लाख रुपए खर्च होते थे, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक एक करोड़ के पार पहुंच गया। कई ऐसे वाहन नंबर भी दिखाए गए, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में, जहां सड़कें तक नहीं हैं, वहां भी वाहनों से पानी की सप्लाई दिखाई गई। 4. एक महीने में ठेकेदार को पेमेंट का भुगतान किया
ठेकेदार को पानी की सप्लाई के पैसे का भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया गया। अधिकारियों ने भी बिना जांच के बिल का भुगतान किया। ठियोग क्षेत्र में पानी की हर साल भारी किल्लत रहती है, लेकिन घोटाले के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पाई। घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। विधायक ने कहा था- दाल में कुछ काला घोटाले के आरोपों पर ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने कहा था, भ्रष्टाचार व विकास कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वह स्वयं गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। एक्सईएन और DC को इस पूरे मामले की जांच करने को कहा गया है। सरकार को इसकी जांच जल्द पूरा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। प्रथम दृष्टि में मामले में दाल में काला नजर आ रहा है। जांच रिपोर्ट के बाद ही पूरे तथ्य सामने आएंगे। दोषियों को किसी भी स्तर पर छोड़ा नहीं जाएगा।
शिमला IGMC में छात्रावास की कमी:गर्ल्स हॉस्टल का रास्ता बना नशेड़ियों का अड्डा, छात्रों ने समाधान के लिए HC को लिखा पत्र
शिमला IGMC में छात्रावास की कमी:गर्ल्स हॉस्टल का रास्ता बना नशेड़ियों का अड्डा, छात्रों ने समाधान के लिए HC को लिखा पत्र शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में MBBS की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा है। जिसमें छात्रों ने अपनी समस्याओं के समाधान की मांग की है। छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में हॉस्टल में होने वाली असुविधा, छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था सहित तमाम कमियों का जिक्र किया है। प्रशासन और मुख्यमंत्री को भी करा चुके अवगत
IGMC के छात्र संघ अध्यक्ष अंकित ठाकुर ने बताया कि छात्र अपनी समस्याओं को लेकर प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक सबसे मिल चुके हैं। लेकिन उनकी मांगों की सुनवाई नहीं हुई है। जिसके कारण उन्हें मजबूरी में अब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर हस्तक्षेप करने की मांग करनी पड़ रही है। IGMC केंद्रीय छात्र संघ (SCA) ने HC के मुख्य न्यायधीश को पत्र में लिखा कि हम आपका ध्यान IGMC शिमला में MBBS छात्रों के समक्ष आ रही समस्याओं से अवगत करवाना चाहते हैं, जो हमारे शैक्षणिक वातावरण व सुरक्षा व छात्रों के सर्वांगीण विकास को प्रभावित कर रहे हैं। छात्रों ने HC को लिखे पत्र में बताई यह समस्याएं
MBBS छात्रों ने पत्र में लिखा कि IGMC में व्याख्यान कक्ष (लेक्चर रूम) की व्यवस्था छात्रों की बढ़ती संख्या के लिए उपयुक्त नहीं है। छात्रों ने कहा कि ये रूम LT 3 और LT 4 के रूप में 60 बच्चों की क्षमता के अनुसार बनाए गए थे। लेकिन आज एक बैच में छात्रों की संख्या दोगुनी है 120 छात्रों का बैच है जिसके कारण कक्षाओं को में भीड़ हो रही है जिससे छात्रों को पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में भारी भरकम समस्याएं आ रही है। इसके अलावा 24 -24 घण्टे ड्यूटी देने वाले छात्रों को पार्किंग की समस्या से झूझना पड़ रहा है। छात्रों ने लिखा है कि हॉस्टल में पहले जो पार्किंग की सुविधा उपलब्ध थी लेकिन अब उस पर भी रोक लगा दी गयी है। परिसर व उसके आसपास पार्किंग सुविधाओं के कमी के कारण छात्रों व कर्मचारियों को रोजाना असुविधा हो रही है। प्रथम वर्ष के छात्र बाहर रहने को मजबूर
छात्रों ने हाईकोर्ट को लिखे पत्र में बताया है कि छात्रावास की सुविधा शुरू में 50 छात्रों के लिए डिजाइन की गई थी, लेकिन अब बैच का आकार 120 तक बढ़ गया है। जिसके कारण कई छात्रों, विशेष रूप से प्रथम वर्ष के छात्र को छात्रावास नहीं मिलते और उन्हें मजबूरी में रहने के लिए बाहर महंगे आवासों की व्यवस्था पड़ती है। जिससे उन पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ जाता है। छात्रों ने मांग की IGMC के आस पास होस्टल की सुविधा मुहैया करवाया जाए। वहीं छात्रों ने पत्र में कहा है कि मेडिकल कॉलेज के आस पास उपयुक्त जगह की अनुपलब्धता के कारण छात्रों के लिए उचित आउट डोर खेल सुविधाओं का अभाव है, ऐसे में कम से कम हॉस्टल में एक जिम की सुविधा होनी चाहिए। गर्ल्स होस्टल में उचित सुरक्षा उपाय नहीं
छात्रों ने चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में गर्ल्स हॉस्टल व उनके जाने वाले रास्तों में महिला छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। छात्रों ने कोर्ट को बताया कि गर्ल्स हॉस्टल में उचित सुरक्षा उपायों का अभाव है, जिसमें पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड भी नहीं है। इसके कारण अक्सर चिंताजनक घटाएं होती हैं। छात्रों ने बताया कि गर्ल्स हॉस्टल को जाने वाले रास्ते नशेड़ियों के अड्डे बने हुए हैं, इन रास्तों में अक्सर बदमाश बैठे होते हैं। लेकिन वहां कोई गश्त नहीं होती है। ऐसे में वहां पर पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए ताकि सभी छात्राएं सुरक्षित महसूस कर सके। छात्रों ने उच्च न्यायालय को लिखे पत्र में गुहार लगाई है कि न्यायालय इसमें हस्तक्षेप करे। ताकि IGMC के छात्रों के लिए सुरक्षित व अनुकूल वातावरण सुनिश्चित हो सके।