हिमाचल प्रदेश में करोना काल के बाद से पर्यटन कारोबार की गाड़ी पटरी पर नहीं लौट पाई है। कारोबारियों की माने तो कोरोना काल के बाद हिमाचल में पर्यटकों की संख्या लगातार घट रही है। इसके साथ ही मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। पर्यटकों की घट रही संख्या को लेकर पर्यटन कारोबारी चिंतित नजर आ रहे है। इसी कड़ी में पर्यटन व्यवसाय से न जुड़े कारोबारियों शिमला के न्यू कुफरी में एक ‘टूरिज्म एंड ट्रेवल मीट’ का आयोजन किया। जिसमें प्रदेश के बड़े बड़े व्यवसायियों ने हिस्सा लिया। मौसम कर रहा पर्यटन पर दोहरी मार प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कुफरी में जुटे कारोबारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है कोरोना काल के बाद पहले ही पर्यटकों की संख्या घट रही है। वहीं दूसरी और मौसम की मार पड़ रही है। मानसून तबाही मचा रहा है और सर्दियों में समय पर बर्फबारी नहीं हो रही है। जिसके कारण कारोबारियों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गयी हैं। पर्यटन कारोबार को बचाने के लिए नई संभावनाएं तलाशने की आवश्यकता है। मीट में 50 पर्यटन व्यवसायियों ने रखा अपना पक्ष प्रदेश में टूरिज्म को बढावा देने और व्यवसाय की चुनौतियों व भावी योजनाओं पर लगभग 50 पर्यटन व्यवसायियों ने इस मीट में अपने पक्ष रखे। इस मीट में प्रदेश के पर्यटन से जुड़े टूर एंड ट्रैवल, होटल और एडवेंचर व्यवसायियों ने पर्यटन और इसके विस्तार को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कोरोना काल और उसके बाद आपदा से शिमला में लगभग हर वर्ष घट रही सैलानियों की संख्या पर पर्यटन व्यवसायियों ने चिंता व्यक्त की और आने वाले समय में शिमला और कुफरी में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न पहलुओं और संभावनाओं पर विचार किया। व्यवसायियों का मानना है कि देश-विदेश में विख्यात शिमला और कुफरी जैसे पर्यटन स्थल अब पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ते जा रहे है और यहां पर्यटन व्यवसाय को बचाने के लिए सभी व्यवसायियों और सरकार को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। शिमला व कुफरी की ओर पर्यटकों का आकर्षण हो रहा कम प्रतीक ठाकुर ने बताया कि बीते कुछ वर्षों से शिमला और कुफरी की ओर पर्यटकों का आकर्षण कम होता जा रहा है। जिसके लिए अब नए प्रयासों की लगातार जरूरत महसूस हो रही है । ऐसे में पर्यटन से जुड़े विभिन्न व्यवसायियों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। वर्तमान में प्रतिस्पर्धा के इस युग में रोज नए आकर्षण इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए खड़े करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इन्हीं प्रयासों के तहत हर वर्ष एडवेंचर रिजॉर्ट में कुछ नया करने का प्रयास करते हैं। जिस कड़ी में इस बार यहां हिमाचल का पहला इंडोर स्नो पार्क स्थापित किया गया है जो पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में करोना काल के बाद से पर्यटन कारोबार की गाड़ी पटरी पर नहीं लौट पाई है। कारोबारियों की माने तो कोरोना काल के बाद हिमाचल में पर्यटकों की संख्या लगातार घट रही है। इसके साथ ही मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। पर्यटकों की घट रही संख्या को लेकर पर्यटन कारोबारी चिंतित नजर आ रहे है। इसी कड़ी में पर्यटन व्यवसाय से न जुड़े कारोबारियों शिमला के न्यू कुफरी में एक ‘टूरिज्म एंड ट्रेवल मीट’ का आयोजन किया। जिसमें प्रदेश के बड़े बड़े व्यवसायियों ने हिस्सा लिया। मौसम कर रहा पर्यटन पर दोहरी मार प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कुफरी में जुटे कारोबारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है कोरोना काल के बाद पहले ही पर्यटकों की संख्या घट रही है। वहीं दूसरी और मौसम की मार पड़ रही है। मानसून तबाही मचा रहा है और सर्दियों में समय पर बर्फबारी नहीं हो रही है। जिसके कारण कारोबारियों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गयी हैं। पर्यटन कारोबार को बचाने के लिए नई संभावनाएं तलाशने की आवश्यकता है। मीट में 50 पर्यटन व्यवसायियों ने रखा अपना पक्ष प्रदेश में टूरिज्म को बढावा देने और व्यवसाय की चुनौतियों व भावी योजनाओं पर लगभग 50 पर्यटन व्यवसायियों ने इस मीट में अपने पक्ष रखे। इस मीट में प्रदेश के पर्यटन से जुड़े टूर एंड ट्रैवल, होटल और एडवेंचर व्यवसायियों ने पर्यटन और इसके विस्तार को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कोरोना काल और उसके बाद आपदा से शिमला में लगभग हर वर्ष घट रही सैलानियों की संख्या पर पर्यटन व्यवसायियों ने चिंता व्यक्त की और आने वाले समय में शिमला और कुफरी में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न पहलुओं और संभावनाओं पर विचार किया। व्यवसायियों का मानना है कि देश-विदेश में विख्यात शिमला और कुफरी जैसे पर्यटन स्थल अब पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ते जा रहे है और यहां पर्यटन व्यवसाय को बचाने के लिए सभी व्यवसायियों और सरकार को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। शिमला व कुफरी की ओर पर्यटकों का आकर्षण हो रहा कम प्रतीक ठाकुर ने बताया कि बीते कुछ वर्षों से शिमला और कुफरी की ओर पर्यटकों का आकर्षण कम होता जा रहा है। जिसके लिए अब नए प्रयासों की लगातार जरूरत महसूस हो रही है । ऐसे में पर्यटन से जुड़े विभिन्न व्यवसायियों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। वर्तमान में प्रतिस्पर्धा के इस युग में रोज नए आकर्षण इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए खड़े करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इन्हीं प्रयासों के तहत हर वर्ष एडवेंचर रिजॉर्ट में कुछ नया करने का प्रयास करते हैं। जिस कड़ी में इस बार यहां हिमाचल का पहला इंडोर स्नो पार्क स्थापित किया गया है जो पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में कमजोर पड़ा मानसून:सामान्य से 25% कम बारिश; तापमान में भारी उछाल, 6 शहरों का पारा 35 डिग्री पार
हिमाचल में कमजोर पड़ा मानसून:सामान्य से 25% कम बारिश; तापमान में भारी उछाल, 6 शहरों का पारा 35 डिग्री पार हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून कमजोर पड़ गया है। इस सीजन में अब तक सामान्य से 25 फीसदी कम बारिश हुई है। सिरमौर जिले से मानसून प्रदेश में प्रवेश करता है। लेकिन सिरमौर में ही अच्छी बारिश नहीं हुई। सिरमौर में सामान्य से 51 फीसदी कम बारिश हुई है। 1 जून से 10 जुलाई तक प्रदेश में औसत बारिश 168.9 मिमी होती है। लेकिन इस बार 127.1 मिमी बारिश हुई है। शिमला एकमात्र ऐसा जिला है, जहां सामान्य से 3 फीसदी अधिक बारिश हुई है। शिमला में 174.2 मिमी बारिश हुई, जबकि यहां औसत बारिश 168.83 मिमी होती है। अन्य सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। बिलासपुर जिले में सामान्य से 26 फीसदी कम बारिश हुई है, जबकि चंबा में 32 फीसदी, हमीरपुर में 22 फीसदी, कांगड़ा में 7 फीसदी, किन्नौर में 42 फीसदी, कुल्लू में 25 फीसदी, लाहौल स्पीति में 59 फीसदी, मंडी में 4 फीसदी, सोलन में 23 फीसदी और ऊना जिले में सामान्य से 45 फीसदी कम बारिश हुई है। अगर आने वाले दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई तो इसका असर प्रदेश के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की खेती पर भी पड़ेगा, क्योंकि पड़ोसी राज्यों के लिए पानी भी हिमाचल से होकर जाता है। खास तौर पर पंजाब और हरियाणा की खेती हिमाचल के पानी पर निर्भर है। आज से 3 दिन बारिश का येलो अलर्ट मौसम विभाग (IMD) ने 11 से 13 जुलाई तक बारिश का येलो अलर्ट जरूर जारी किया है। लेकिन शिमला समेत प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में सुबह से ही हल्की धूप खिली हुई है। IMD के मुताबिक, तीन दिन ही मानसून ज्यादा सक्रिय रहेगा। 14 से 16 जुलाई के बीच इसकी गति धीमी पड़ जाएगी और कुछ जगहों पर ही हल्की बारिश हो सकती है। 3 वजहों से कमजोर हुआ मानसून मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार हवा का दबाव न बनने और मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने की वजह से अच्छी बारिश नहीं हो रही है। मई महीने में भी रेमल नाम के चक्रवाती तूफान की वजह से अच्छी बारिश नहीं हो रही है। तापमान में आया उछाल, 6 शहरों का पारा 35 डिग्री पार प्रदेश में बारिश नहीं होने से तापमान में भी उछाल आया है। कुछ शहरों का पारा नॉर्मल से छह डिग्री तक ज्यादा हो गया है। इसके बाद प्रदेश के छह शहरों का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया है। डलहौजी का पारा नॉर्मल से 6 डिग्री अधिक के उछाल के साथ 29.7 डिग्री पहुंच गया है। डलहौजी के तापमान में 6 डिग्री का उछाल शिमला का तापमान नॉर्मल से 3.6 डिग्री अधिक के साथ 26.6 डिग्री, मंडी का 5.6 डिग्री अधिक के साथ 36.8 डिग्री, भुंतर का पारा नॉर्मल से 3.6 डिग्री ज्यादा के उछाल के साथ 35.4 डिग्री, बिलासपुर का पारा 4 डिग्री ज्यादा के साथ 37 डिग्री, कांगड़ा का 3.3 डिग्री उछाल के बाद 34.3 डिग्री और ऊना का पारा 3.4 डिग्री ज्यादा के साथ 37.2 डिग्री पहुंच गया है।
हिमाचल में पोस्ट-मानसून सीजन में रिकॉर्डतोड़ सूखा:58 दिन से नहीं बरसे बादल; 63% जमीन पर गेंहू की बुवाई नहीं, पर्यटन पर पड़ने लगी मार
हिमाचल में पोस्ट-मानसून सीजन में रिकॉर्डतोड़ सूखा:58 दिन से नहीं बरसे बादल; 63% जमीन पर गेंहू की बुवाई नहीं, पर्यटन पर पड़ने लगी मार हिमाचल प्रदेश में पोस्ट-मानसून सीजन में इस बार रिकॉर्ड तोड़ सूखा है। पोस्ट मानसून सीजन में एक अक्टूबर से 28 नवंबर के बीच 42.2 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार 58 दिन में मात्र 0.9 मिलीमीटर बादल बरसे है। चिंता इस बात की है कि अगले दो सप्ताह तक भी अच्छी बारिश के आसार नहीं है। बीते 58 दिन से 6 जिले सोलन, सिरमौर, कुल्लू, चंबा, हमीरपुर और बिलासपुर में पानी की एक भी बूंद तक नहीं बरसी। अन्य जिलों में भी नाम मात्र की बारिश हुई है। वहीं नवंबर में चार दिन पहले लाहौल स्पीति की ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात जरूर हुआ है। मगर 11 जिलों में नवंबर में एक बूंद भी गिरी। मौसम विभाग के अनुसार, इससे पहले भी दो बार ऐसा हुआ है जब अक्टूबर या फिर नवंबर में पानी की एक बूंद भी न गिरी हो। मगर अक्टूबर और नवंबर लगातार 58 दिन तक ऐसा सूखा नहीं पड़ा। इससे पहले अक्टूबर 2000 और नवंबर 2016 में पूरा महीने पानी की बूंद नहीं बरसी थी। इस साल अक्टूबर में 0.7 मिलीमीटर और नवंबर में लाहौल स्पीति में 0.2 मिलीमीटर बादल बरसे है। प्रदेश में इससे सूखे जैसे हालात पनप गए है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों-बागवानों के बाद अब पर्यटन कारोबार और पेयजल स्त्रोतो पर भी पड़ने लगी है। परसो बारिश-बर्फबारी के आसार मौसम विज्ञानी शोभित कटियार ने बताया कि मानसून के बाद वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) सक्रिय होने से ही हिमाचल में बारिश होती है। दो महीने में जो WD एक्टिव हुए है, वह कमजोर पड़े है और हिमाचल में बिन बरसे लेह-लद्दाख की ओर गए है। उन्होंने बताया कि 30 नवंबर और एक व 2 दिसंबर को भी अधिक ऊंचे पहाड़ों पर ही बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। 37% जमीन पर गेंहू की बुवाई कर पाए किसान कृषि विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस बार मुश्किल से 37 प्रतिशत जमीन पर गेंहू की बुवाई हो गई है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में गेंहू की बुवाई का उचित समय 1 नवंबर और मैदानी इलाकों में 15 नवंबर को बीत गया है। जाहिर है कि इससे गेंहू के उत्पादन में कमी आएगी। पर्यटन कारोबार पर मौसम की मार बर्फबारी नहीं होने से पर्यटन कारोबार पर भी मार पड़ने लगी है। अमूमन 15 अक्टूबर के बाद ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो जाती थी। इससे देशभर से पर्यटक बर्फ को देखने की चाहत में पहाड़ों पर पहुंचता था। मगर इस बार अब तक पहाड़ सूखे पड़े है। इससे पर्यटन कारोबारी चिंता में है और बर्फबारी के इंतजार में टकटकी लगाए बैठे हैं। पेयजल योजनाओं पर पड़ रहा असर: अंजू जल शक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा ने बताया कि पेयजल योजनाओं पर असर पड़ने लगा है। उन्होंने फील्ड से इसकी रिपोर्ट मांग ली है।
हिमाचल में बर्फ के बीच 2025 का वेलकम:लेमन व कपल डांस, बेबी कंपीटीशन, बेस्ट डांसिंग कपल जैसे आयोजन; प्राइवेट होटलों में चलेगी डीजे पार्टी
हिमाचल में बर्फ के बीच 2025 का वेलकम:लेमन व कपल डांस, बेबी कंपीटीशन, बेस्ट डांसिंग कपल जैसे आयोजन; प्राइवेट होटलों में चलेगी डीजे पार्टी हिमाचल के हिल स्टेशन पर आज देशभर से पहुंचने वाले हजारों टूरिस्ट 2025 का वेकलम करेंगे। प्रदेश के पर्यटन स्थल 2025 के वेलकम को तैयार है। बेशक, राजकीय शोक की वजह से सरकारी स्तर कोई कार्यक्रम नहीं होंगे। मगर हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) और प्राइवेट होटलों में टूरिस्टों के मनोरंजन के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। HPTDC के बड़े होटलों में आज टूरिस्ट के मनोरंजन के लिए लेमन डांस, कपल डांस, बेबी-कंपीटीशन, बेस्ट डान्सिंग कपल, बेस्ट ड्रेस्ड कपल, ओल्ड कपल जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। होटलों में इनका आयोजन देर रात तक चलता रहेगा। प्राइवेट होटलों में भी टूरिस्ट के मनोरंजन के डीजे पार्टी, कपल डांस जैसे आयोजन होंगे। होटलों में देर रात तक नाच-गाना चलता रहेगा। इनमें टूरिस्ट का मनोरंजन चलता रहेगा। इन जगह बर्फ के बीच न्यू-ईयर का वेलकम प्रदेश में बीते दिनों बर्फबारी जरूर हुई है। मगर हर जगह बर्फ नहीं है। शिमला के कुफरी और नारकंडा, मनाली के सोलंगनाला, लाहौल स्पीति के अटल टनल रोहतांग, कोकसर, लाहौल घाटी और चंबा के भरमौर में टूरिस्ट बर्फ के बीच नए साल का स्वागत कर सकेंगे। शिमला में पर्यटकों का जमावड़ा जरूर लगा हुआ है। मगर यहां बर्फ पिघल चुकी है। इसी तरह मनाली में भी बर्फ नहीं है। शिमला में 80% ऑक्यूपेंसी न्यू ईयर के जश्न के लिए पहले ही हिल स्टेशन पर बढ़ी संख्या में टूरिस्ट पहुंचे हुए हैं। आज भी बड़ी संख्या में टूरिस्ट के आने की उम्मीद है। न्यू ईयर से पहले यानी 30 दिसंबर की बात करें तो शिमला से होटल 75 से 80 प्रतिशत, मनाली के होटल 70 से 75 प्रतिशत और कसौली में 80 प्रतिशत तक पैक हो चुके है। होटलों में आज ऑक्यूपेंसी 100 प्रतिशत होने की उम्मीद है। इसे देखते हुए टूरिस्ट को होटल में एडवांस ऑनलाइन बुकिंग करके हिल स्टेशन पर आना होगा, क्योंकि होटल में कमरे नहीं मिले तो रात सड़कों व गाड़ी में बितानी मुश्किल हो सकती है। राहत की बात यह है कि प्रदेश में बीते चार-पांच सालों के दौरान शिमला, मनाली जैसे प्रमुख शहरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में होम स्टे बने है। इससे टूरिस्ट होम स्टे का भी रुख कर सकते है। 24 घंटे होटल खुले हिमाचल सरकार ने नववर्ष पर खाना परोसने वाले होटल, ढाबे व दुकानें 24 घंटे खुले रखने का फैसला लिया है। इससे देर रात तक पहाड़ों पर पहुंचने वाले टूरिस्ट को भूखे पेट नहीं सोना पड़ेगा। शिमला में 400 जवान संभालेंगे सुरक्षा का जिम्मा हिमाचल के अलग अलग पर्यटन स्थलों पर नए साल के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है। शिमला की बात की जाए तो यहां 400 जवान कार्ट रोड पर ट्रैफिक, शिमला के रिज व माल रोड और कुफरी में तैनात किए गए है। इसी तरह 300 से ज्यादा जवान मनाली व आसपास के पर्यटन स्थलों पर भी तैनात किए गए है। HRTC ने शुरू की स्पेशल वॉल्वो बस HRTC ने न्यू ईयर के लिए दिल्ली से शिमला, कुल्लू, मनाली और धर्मशाला के लिए अतिरिक्त वॉल्वो बसें शुरू की है। यह सभी अतिरिक्त बसें ऑनलाइन बुकिंग के आधार पर चलाई जा रही हैं। 5 जनवरी तक HRTC की इन बसों की सुविधा मिलेगी। टूरिस्ट इन बसों के माध्यम से भी पहाड़ों पर आ जा सकेंगे। इसके लिए HRTC की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग करनी होगी।