हिमाचल प्रदेश में मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए शुक्रवार 6 दिसम्बर तक लेह लद्दाख की ओर जाने वाले वाहनों को दुबारा अनुमति प्रदान की गई है। जिन्होंने लेह लद्दाख की ओर जाना हो, वह 9 बजे से 1 बजे तक जिस्पा से आगे जा सकते हैं। सैलानियों को केवल जिंग-जिंग बार तक जाने की ही अनुमति होगी। जिगं-जिंग बार से आगे बारालाचा तक स्नो शीट बन गई है, जो कि बहुत ज्यादा खतरनाक है, वहां गाड़ी कभी भी स्लीप हो सकती है। सैलानियों को उसके आगे जाने की अनुमति नहीं होगी। वहां पर पुलिस जवान तैनात रहेंगे। 6 दिसंबर के बाद जिस्पा से आगे आवाजाही पूर्णतः बंद कर दी जाएगी। न यहां से कोई गाड़ी आगे जाएगी और ना ही लेह की ओर से कोई गाड़ी वापस आएगी। लेह और कारगिल प्रशासन की वर्चुअली बैठक सैलानियों को लाहौल के जिस्पा और कोकसर से आगे भेजने का प्लान तैयार करने के लिए लाहौल स्पीति, लेह और कारगिल प्रशासन की वर्चुअली बैठक आयोजित की गई। हिमपात और ठंड से इन सड़कों पर गाड़ी चलाना खतरनाक हो गया है और कभी भी हादसा हो सकता है। जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक लाहौल स्पीति मयंक चौधरी ने बताया कि बुधवार को लेह, कारगिल और लाहौल स्पीति के डीसी और एसपी की वर्चुअली बैठक आयोजित की गई थी। उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार शिमला से बैठक में वर्चुअली जुडे़ थे। साथ बीआरओ 70 आर.सी.सी, 108 आर.सी.सी और 126 आर.सी.सी के तीनों ओ.आई.सी जुडे़ थे। 6 दिसंबर तक 9 से 1 बजे तक अनुमति मयंक चौधरी ने बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए शुक्रवार 6 दिसम्बर तक लेह लद्दाख की ओर जाने की अनुमति प्रदान की गई है। जिन्होंने लेह लद्दाख की ओर जाना हो, वह 9 बजे से 1 बजे तक जिस्पा से आगे जा सकते हैं। सैलानियों को केवल जिंग-जिंग बार तक जाने की ही अनुमति होगी। सैलानियों को उसके आगे जाने की अनुमति नहीं होगी। वहां पर पुलिस जवान तैनात रहेगी। इसके बाद जिस्पा से आगे आवाजाही पूर्णतः बंद कर दी जाएगी। ना यहां से कोई गाड़ी आगे जाएगी और ना ही लेह की ओर से कोई गाड़ी आएगी। बारालाचा तक बनी स्नो शीट बैठक में बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि जिगं-जिंग बार से आगे बारालाचा तक स्नो शीट बन गई है, जो कि बहुत ज्यादा खतरनाक है, गाड़ी कभी भी स्लीप हो सकती है। वहां पर ब्लैक आइसिंग भी होती है। उस स्थान पर कोई भी कम्युनिकेशन मौजूद नहीं है। दुर्भाग्य से अगर वहां कोई हादसा होता है, तो संपर्क नहीं साधा जा सकेगा। कोकसर से आगे ग्रांफू और काजा की ओर आवाजाही भी बंद वहीं सैलानियों की सुरक्षा को देखते हुए कोकसर से आगे ग्रांफू और काजा की ओर आवाजाही बंद करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस सड़क पर बर्फ जमने के कारण गाड़ी चलाना खतरनाक हो गया है। मयंक चैधरी ने सभी सैलानियों से जिला प्रशासन लाहौल स्पीति द्वारा जो भी एडवाइजरी जारी की जाती है, उसका पालन करने का आग्रह किया। पर्यटकों को अब गर्मियों में होंगे रोहतांग दर्रा के दीदार देश विदेश के सैलानियों की पहली पसंद रहने वाला रोहतांग दर्रा पर्यटकों सहित सभी वाहनों के लिए आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है। लिहाजा, समुद्रतल से 13,050 फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग दर्रा के दीदार अब पर्यटकों को अगले साल ही हो पाएंगे। रोहतांग सड़क पर पानी जमने (ब्लैक आइस) के कारण प्रशासन ने इसकी अधिसूचना पिछले दिनों जारी कर दी है। अब सर्दी के मौसम के बाद ही पर्यटक रोहतांग दर्रा का दीदार कर सकेंगे। ब्लैक आइस जमने से जोखिम भरा हुआ सफर रोहतांग मार्ग पर ब्लैक आइस के कारण दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है। इसे देखते हुए प्रशासन ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। जिला दंडाधिकारी अश्वनी कुमार ने इसकी अधिसूचना जारी की है। रोहतांग के लिए ऑनलाइन परमिट बनाने की साइट भी बंद कर दी गई है। प्रशासन ने मढ़ी में स्थापित पुलिस चौकी को भी गुलाबा स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी की है। अब पर्यटक गुलाबा से आगे नहीं जा पाएंगे। गौरतलब है कि रोहतांग दर्रा हर साल 15 नवंबर को आधिकारिक तौर पर यातायात के लिए बंद होता है। इस साल मौसम साफ रहने के कारण अभी तक वाहनों की आवाजाही जारी रही। जिला दंडाधिकारी अश्वनी कुमार ने जारी की सूचना एसडीएम मनाली रमन कुमार शर्मा ने डीएसपी केडी शर्मा और बीआरओ के साथ रोहतांग सड़क का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में सड़क यातायात के लिए सही नहीं पाई गई। इस कारण रोहतांग यातायात के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया। एसडीएम मनाली रमन कुमार शर्मा की सिफारिश पर जिला दंडाधिकारी अश्वनी कुमार ने इसकी अधिसूचना जारी की। एसडीएम मनाली रमण कुमार शर्मा ने बताया कि रोहतांग दर्रा आधिकारिक तौर पर बंद हो गया है। पर्यटकों से आग्रह है कि अब गुलाबा से आगे न जाएं। हिमाचल प्रदेश में मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए शुक्रवार 6 दिसम्बर तक लेह लद्दाख की ओर जाने वाले वाहनों को दुबारा अनुमति प्रदान की गई है। जिन्होंने लेह लद्दाख की ओर जाना हो, वह 9 बजे से 1 बजे तक जिस्पा से आगे जा सकते हैं। सैलानियों को केवल जिंग-जिंग बार तक जाने की ही अनुमति होगी। जिगं-जिंग बार से आगे बारालाचा तक स्नो शीट बन गई है, जो कि बहुत ज्यादा खतरनाक है, वहां गाड़ी कभी भी स्लीप हो सकती है। सैलानियों को उसके आगे जाने की अनुमति नहीं होगी। वहां पर पुलिस जवान तैनात रहेंगे। 6 दिसंबर के बाद जिस्पा से आगे आवाजाही पूर्णतः बंद कर दी जाएगी। न यहां से कोई गाड़ी आगे जाएगी और ना ही लेह की ओर से कोई गाड़ी वापस आएगी। लेह और कारगिल प्रशासन की वर्चुअली बैठक सैलानियों को लाहौल के जिस्पा और कोकसर से आगे भेजने का प्लान तैयार करने के लिए लाहौल स्पीति, लेह और कारगिल प्रशासन की वर्चुअली बैठक आयोजित की गई। हिमपात और ठंड से इन सड़कों पर गाड़ी चलाना खतरनाक हो गया है और कभी भी हादसा हो सकता है। जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक लाहौल स्पीति मयंक चौधरी ने बताया कि बुधवार को लेह, कारगिल और लाहौल स्पीति के डीसी और एसपी की वर्चुअली बैठक आयोजित की गई थी। उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार शिमला से बैठक में वर्चुअली जुडे़ थे। साथ बीआरओ 70 आर.सी.सी, 108 आर.सी.सी और 126 आर.सी.सी के तीनों ओ.आई.सी जुडे़ थे। 6 दिसंबर तक 9 से 1 बजे तक अनुमति मयंक चौधरी ने बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए शुक्रवार 6 दिसम्बर तक लेह लद्दाख की ओर जाने की अनुमति प्रदान की गई है। जिन्होंने लेह लद्दाख की ओर जाना हो, वह 9 बजे से 1 बजे तक जिस्पा से आगे जा सकते हैं। सैलानियों को केवल जिंग-जिंग बार तक जाने की ही अनुमति होगी। सैलानियों को उसके आगे जाने की अनुमति नहीं होगी। वहां पर पुलिस जवान तैनात रहेगी। इसके बाद जिस्पा से आगे आवाजाही पूर्णतः बंद कर दी जाएगी। ना यहां से कोई गाड़ी आगे जाएगी और ना ही लेह की ओर से कोई गाड़ी आएगी। बारालाचा तक बनी स्नो शीट बैठक में बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि जिगं-जिंग बार से आगे बारालाचा तक स्नो शीट बन गई है, जो कि बहुत ज्यादा खतरनाक है, गाड़ी कभी भी स्लीप हो सकती है। वहां पर ब्लैक आइसिंग भी होती है। उस स्थान पर कोई भी कम्युनिकेशन मौजूद नहीं है। दुर्भाग्य से अगर वहां कोई हादसा होता है, तो संपर्क नहीं साधा जा सकेगा। कोकसर से आगे ग्रांफू और काजा की ओर आवाजाही भी बंद वहीं सैलानियों की सुरक्षा को देखते हुए कोकसर से आगे ग्रांफू और काजा की ओर आवाजाही बंद करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस सड़क पर बर्फ जमने के कारण गाड़ी चलाना खतरनाक हो गया है। मयंक चैधरी ने सभी सैलानियों से जिला प्रशासन लाहौल स्पीति द्वारा जो भी एडवाइजरी जारी की जाती है, उसका पालन करने का आग्रह किया। पर्यटकों को अब गर्मियों में होंगे रोहतांग दर्रा के दीदार देश विदेश के सैलानियों की पहली पसंद रहने वाला रोहतांग दर्रा पर्यटकों सहित सभी वाहनों के लिए आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है। लिहाजा, समुद्रतल से 13,050 फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग दर्रा के दीदार अब पर्यटकों को अगले साल ही हो पाएंगे। रोहतांग सड़क पर पानी जमने (ब्लैक आइस) के कारण प्रशासन ने इसकी अधिसूचना पिछले दिनों जारी कर दी है। अब सर्दी के मौसम के बाद ही पर्यटक रोहतांग दर्रा का दीदार कर सकेंगे। ब्लैक आइस जमने से जोखिम भरा हुआ सफर रोहतांग मार्ग पर ब्लैक आइस के कारण दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है। इसे देखते हुए प्रशासन ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। जिला दंडाधिकारी अश्वनी कुमार ने इसकी अधिसूचना जारी की है। रोहतांग के लिए ऑनलाइन परमिट बनाने की साइट भी बंद कर दी गई है। प्रशासन ने मढ़ी में स्थापित पुलिस चौकी को भी गुलाबा स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी की है। अब पर्यटक गुलाबा से आगे नहीं जा पाएंगे। गौरतलब है कि रोहतांग दर्रा हर साल 15 नवंबर को आधिकारिक तौर पर यातायात के लिए बंद होता है। इस साल मौसम साफ रहने के कारण अभी तक वाहनों की आवाजाही जारी रही। जिला दंडाधिकारी अश्वनी कुमार ने जारी की सूचना एसडीएम मनाली रमन कुमार शर्मा ने डीएसपी केडी शर्मा और बीआरओ के साथ रोहतांग सड़क का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में सड़क यातायात के लिए सही नहीं पाई गई। इस कारण रोहतांग यातायात के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया। एसडीएम मनाली रमन कुमार शर्मा की सिफारिश पर जिला दंडाधिकारी अश्वनी कुमार ने इसकी अधिसूचना जारी की। एसडीएम मनाली रमण कुमार शर्मा ने बताया कि रोहतांग दर्रा आधिकारिक तौर पर बंद हो गया है। पर्यटकों से आग्रह है कि अब गुलाबा से आगे न जाएं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कुल्लू में ग्रामीणों ने खुद बना डाले वैकल्पिक पुल:उफनती नदी पर जान जोखिम में डालकर किया निर्माण, 15 दिन से तार स्पेन क्षतिग्रस्त
कुल्लू में ग्रामीणों ने खुद बना डाले वैकल्पिक पुल:उफनती नदी पर जान जोखिम में डालकर किया निर्माण, 15 दिन से तार स्पेन क्षतिग्रस्त हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की दुर्गम पंचायत पिछलीहार के कास्ता गांव के ग्रामीणों ने नदी पर वैकल्पिक पुल बनाकर कुकड़ी से कास्ता व काथी का संपर्क जोड़ दिया है। इन गांवों के लोग पिछले 15 दिनों से जान हथेली पर रखकर नदी पार कर रहे थे। कास्ता गांव की कमेटी ने निर्णय लेकर बिना प्रशासन की मदद के वैकल्पिक पुल का निर्माण किय। कुकड़ी से कास्ता व काथी को जोड़ने वाले दोनों पुल पिछले दिनों आई बाढ़ की चपेट में आ गए थे। जिस कारण पिछले 15 दिनों से लोग वाया डमचीन 6 किलोमीटर का सफर तय करके अपने गांव पहुंच रहे थे या फिर अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे थे। क्योंकि इस स्थान पर लगी तार स्पेन भी बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त हो गई थी । मलाणा के लोगों से मिली प्रेरणा कास्ता गांव के शेर सिंह ने बताया कि गांव के युवाओं ने मलाणा गांव के लोगों का पुल तैयार करने व हेलीपैड बनाने वाला वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर देखा । इसी कारण उन्होंने प्रशासन का इंतजार करने की बजाए खुद ही पुल बनाने का निर्णय लिया। कास्ता गांव के लोगों को वैकल्पिक पुल को बनाने के लिए 3 दिन का समय लगा। इस काम में शेर सिंह, सौदागर, देवी सिंह, राम चन्द, तुले राम, सूरत राम, रमेश, शिवराम, रोशन लाल, प्रेम चंद, गुर दयाल, सोभे राम, बुधराम, भागचंद, रामनाथ सहित गांव की महिलाओं ने भी अपना योगदान दिया । डापिन के पास भी बनाया वैकल्पिक पुल कास्ता के पास नदी से कुछ दूरी पर भी डापिन से काथी के लिए वैकल्पिक पुल का निर्माण कर दिया गया है । काथी व डापिन गांव के बेली राम, टेकराम, बुद्धि सिंह, रामचंद्र, लालचंद, देवराज, प्रशोतम, चेतराम, संतराम, रामशरण सहित गांव के अनेक लोग वैकल्पिक पुल निर्माण में तीन दिनों तक लगे रहे । कास्ता व काथी तक अभी नहीं पहुंची सड़क कास्ता व काथी गांव के लोग अभी भी सड़क सुविधा से महरूम हैं । करीब दो दशक पहले फ़ोजल कुकड़ी काथी सड़क का काम शुरू हुआ था । जो अभी तक कुकड़ी तक ही पूरा हो पाया है मगर इस से आगे कास्ता व काथी तक सड़क पहुंच पाना बहुत बड़ी चुनौती है । कुकड़ी तक बनी सड़क की हालत खस्ता दो दशक पहले से बन रही सड़क हालांकि कुकड़ी गांव तक बन चुकी है परंतु यह सड़क बेहद जोखिम भरी है । लोड़ रा गोलू चट्टान को काटकर बनाई गई सड़क पर हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है । इस स्थान पर सड़क ठीक ना होने के कारण अनेक दुर्घटनाएं यहां हो चुकी हैं । तार स्पेन सहित लगेगा 1 और झूला मनाली विधानसभा के अंतर्गत आने वाली पिछलीहार पंचायत के अंतिम गांव काथी को जोड़ने वाले दोनों पुल गत दिनों आई बाढ़ के कारण बह गए थे । इन स्थानों पर वैकल्पिक पुल का निर्माण ग्रामीणों ने कर दिया है। आपदा की इस घड़ी में हमारे क्षेत्र के लोग एक दूसरे की हर संभव सहायता कर रहे हैं। प्रशासन व सरकार भी विपदा की इस घड़ी में जनता के साथ खड़ी है। काथी क्षेत्र में एक बड़े पुल बनाने की आवश्यकता है जिसके लिए संबंधित विभाग को आदेश जारी किए गए हैं । ग्रामीणों की मांग पर तार स्पेन सहित 1 झूला वहां लगाया जा रहा है जिसके लिए बजट भी जारी कर दिया गया है ।
हिमाचल के ताबो का पारा -10.5 डिग्री पहुंचा:ब्लैक-आइस जमने से खतरनाक हुई सड़कें, कोकसर में पलटी गाड़ी, 30 नवंबर और 2 दिसंबर को बर्फबारी
हिमाचल के ताबो का पारा -10.5 डिग्री पहुंचा:ब्लैक-आइस जमने से खतरनाक हुई सड़कें, कोकसर में पलटी गाड़ी, 30 नवंबर और 2 दिसंबर को बर्फबारी हिमाचल प्रदेश के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदू से 8 से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया है। इससे सड़क पर ब्लैक-आइस जमने लगी है। ऐसी सड़कों पर सफर जोखिमभरा हो गया है। बीती शाम को भी कोकसर में बर्फ के ऊपर से एक गाड़ी फिसलने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसे देखते हुए लाहौल स्पीति पुलिस ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की है। लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 10.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। लाहौल स्पीति, चंबा, कुल्लू और कांगड़ा जिला में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां ताबो से भी ज्यादा ठंड हो गई है। मगर वहां मौसम विभाग रिकॉर्ड नहीं कर पाता। तापमान में गिरावट से सड़कों पर चलता पानी जमने लगा है, जिस पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने लगे है। 30 नवंबर और 2 दिसंबर को बर्फबारी मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले 3 दिन तापमान सामान्य बना रहेगा। मगर 30 नवंबर को अधिक ऊंचे क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हो सकती है। इससे ऊंचे क्षेत्रों के तापमान में हल्की गिरावट आएगी। एक दिसंबर को मौसम साफ हो जाएगा। मगर 2 दिसंबर को फिर से चंबा, कुल्लू, कांगड़ा और लाहौल स्पीति के अधिक ऊंचे इलाकों में बर्फबारी का पूर्वानुमान है। 57 दिन के ड्राइ स्पेल से अभी राहत के आसार नहीं प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। यानी प्रदेशवासियों को अभी सूखे से राहत मिलने के कोई आसार नहीं है। प्रदेश के 6 जिलों चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में 57 दिन से पानी की एक बूंद तक बरसी, जबकि अन्य जिलों में भी नाम मात्र बूंदाबांदी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। अगले ढाई सप्ताह तक भी बारिश के कम ही आसार है। IMD ने अगले तीन के लिए मंडी और बिलासपुर जिला में घनी धुंध छाने का येलो अलर्ट जारी किया है। बेस्टर्न डिस्टरबेंस नहीं हो पा रहा एक्टिव मौसम विज्ञानी शोभित कटियार ने बताया कि स्ट्रांग वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव नहीं हो पा रहा है। इस वजह से पहाड़ों पर अच्छी बारिश बर्फबारी नहीं हो पा रही। जो वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है, वह बरसे बगैर ही कमजोर पड़ रहे हैं और लद्दाख की तरफ बिन बरसे जा रहे हैं।