हिमाचल प्रदेश में भीषण गर्मी से जल्द राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इससे अगले चार-पांच दिन तक अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश का पूर्वानुमान है। कल यानी एक जून को मतदान वाले दिन प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश हो सकती है। प्रदेशवासियों को इससे वोटिंग के दौरान चटक धूप का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश में बीते 16 दिनों के दौरान 14 दिन हीटवेव महसूस की गई। इससे लोग बेहाल है। कई जिलों में 31 मई तक स्कूल बंद करने पड़े है। हालांकि बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश शिमला, मंडी, कुल्लू व चंबा के कुछेक स्थानों पर बारिश व बूंदाबांदी के बाद तापमान में हल्की गिरावट जरूर आई है। मगर मैदानी इलाकों में गर्मी से राहत नहीं मिल पाई है। 7 शहरों का पारा 40 पार प्रदेश के सात शहरों का पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार चल रहा है। हमीरपुर के नेरी का सर्वाधिक 45.6 डिग्री, धौलाकुंआ 42.6 डिग्री, बरठी 40.5 डिग्री, सुंदरनगर 40.2 डिग्री, ऊना 43.8 डिग्री, बिलासपुर 41.9 डिग्री और हमीरपुर 41.5 डिग्री सेल्सियस तापमान चल रहा है। हालांकि दो दिन पहले ऊना 46 डिग्री और नेरी 46.3 डिग्री पहुंच गया था। आज छह जिलों में हीटवेव का अलर्ट वहीं आज के लिए छह जिले ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिला के निचले इलाकों में हीटवेव का अलर्ट दे रखा है। यानी आज भी निचले इलाकों में गर्मी से राहत के आसार नहीं है। इन जिलों में आज भी बारिश के आसार वहीं शिमला, कुल्लू, चंबा और मंडी जिला के कुछेक स्थानों पर आज हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, 2 मई तक मौसम खराब रहेगा, जबकि तीन मई से अगले तीन दिन तक केवल अधिक ऊंचे क्षेत्रों में ही हल्की बारिश हो सकती है। मैदानी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम साफ हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश में भीषण गर्मी से जल्द राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इससे अगले चार-पांच दिन तक अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश का पूर्वानुमान है। कल यानी एक जून को मतदान वाले दिन प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश हो सकती है। प्रदेशवासियों को इससे वोटिंग के दौरान चटक धूप का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश में बीते 16 दिनों के दौरान 14 दिन हीटवेव महसूस की गई। इससे लोग बेहाल है। कई जिलों में 31 मई तक स्कूल बंद करने पड़े है। हालांकि बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश शिमला, मंडी, कुल्लू व चंबा के कुछेक स्थानों पर बारिश व बूंदाबांदी के बाद तापमान में हल्की गिरावट जरूर आई है। मगर मैदानी इलाकों में गर्मी से राहत नहीं मिल पाई है। 7 शहरों का पारा 40 पार प्रदेश के सात शहरों का पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार चल रहा है। हमीरपुर के नेरी का सर्वाधिक 45.6 डिग्री, धौलाकुंआ 42.6 डिग्री, बरठी 40.5 डिग्री, सुंदरनगर 40.2 डिग्री, ऊना 43.8 डिग्री, बिलासपुर 41.9 डिग्री और हमीरपुर 41.5 डिग्री सेल्सियस तापमान चल रहा है। हालांकि दो दिन पहले ऊना 46 डिग्री और नेरी 46.3 डिग्री पहुंच गया था। आज छह जिलों में हीटवेव का अलर्ट वहीं आज के लिए छह जिले ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिला के निचले इलाकों में हीटवेव का अलर्ट दे रखा है। यानी आज भी निचले इलाकों में गर्मी से राहत के आसार नहीं है। इन जिलों में आज भी बारिश के आसार वहीं शिमला, कुल्लू, चंबा और मंडी जिला के कुछेक स्थानों पर आज हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, 2 मई तक मौसम खराब रहेगा, जबकि तीन मई से अगले तीन दिन तक केवल अधिक ऊंचे क्षेत्रों में ही हल्की बारिश हो सकती है। मैदानी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम साफ हो जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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अंब पुलिस ने किया भैंस चोर गिरोह का भंडाफोड़:3 सदस्य गिरफ्तार, फरीदकोट में ले जाकर बेचते थे, चोरी किए मवेशी बरामद ऊना के उप मंडल अंब में रात के अंधेरे में लोगों के पशुओं को चोरी करने वाले चोर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से चोरी की गई 2 भैंस और उनके बच्चे भी बरामद किए गए हैं। बता दें कि, बुधवार रात कुछ पशु चोरों ने नैहरियां रोड से एक पशुशाला में बंधी भैंस और उसके बच्चे को चुरा लिया और उसे ट्राला में डाल कर ले गए थे। इसके बाद ठठ्ल गांव से भी एक भैंस को चोरी कर ली गई थी। पशु मालिक द्वारा मामला दर्ज करवाए जाने के बाद एसएचओ गौरव भारद्वाज ने चोरों की तलाश शुरू कर दी। इसके लिए उन्होंने अंब, मैहतपुर , गगरेट और पंडोगा बैरियर पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस ने आरोपियों द्वारा इस्तेमाल की गई गाड़ी को हर 3-4 दिन के बाद प्रदेश में घुसते और भैंसों के साथ वापस जाते हुए पाया। शुक्रवार को पुलिस को गाड़ी का जिला में घुसने की सूचना मिली। पुलिस ने एक बार फिर सीसीटीवी कैमरा की मदद से इस गाड़ी को ढूंढना शुरू कर दिया। चिंतपूर्णी पहुंचने के बाद यह गाड़ी वहां से गायब हो गई थी। एसएचओ गौरव भारद्वाज ने स्थानीय लोगों की मदद से अलग-अलग जगह पर नाका लगवा दिए। शनिवार देर रात जब यह गाड़ी चिंतपूर्णी की तरफ से वापस आ रही थी तब मुबारिकपुर चौक में इस गाड़ी को धर दबोच लिया। पूछताछ करने के बाद आरोपियों ने प्रदेश से चुराई गई भैंसों को फरीदकोट में बेचना स्वीकार किया। पुलिस ने उनके द्वारा दी गई निशानदेही के बाद उनके द्वारा अंब से चोरी की गई भैंस व उसके बच्चे को बरामद कर लिया । पुलिस ने आरोपी बलजीत निवासी मुदकी जिला फिरोजपुर, अमरीक सिंह निवासी मुक्तसर साहिब तथा मोहम्मद नसीम निवासी शामली उत्तर प्रदेश के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। एसएचओ गौरव भारद्वाज ने बताया कि आरोपी दुधारू पशुओं को पंजाब में जब की दूध न देने वाले पशुओं को उत्तर प्रदेश में बेच देते थे।
हिमाचल कांग्रेस में पदों के लिए लॉबिंग शुरू:वन-मैन, वन पोस्ट का सिद्धांत पड़ेगा भारी; होलीलॉज और सुक्खू गुट के नेताओं में होगी खींचतान
हिमाचल कांग्रेस में पदों के लिए लॉबिंग शुरू:वन-मैन, वन पोस्ट का सिद्धांत पड़ेगा भारी; होलीलॉज और सुक्खू गुट के नेताओं में होगी खींचतान हिमाचल कांग्रेस की सभी कार्यकारिणी भंग करने के बाद पदों के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। अंदरखाते पदों की लालसा रखने वाले नेता, सीनियर लीडरों से तार भिड़ाने में लग गए हैं। महासचिव और कोषाध्यक्ष के लिए ज्यादा लॉबिंग हो रही है। बड़े नेताओं की नजरें महासचिव पद पर टिकी है। मगर सरकार में ताजपोशी पाने वाले कई दिग्गज नेता वन मैन, वन पोस्ट सिद्धांत के कारण दौड़ से बाहर माने जा रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बार-बार कहती रही हैं कि एक व्यक्ति को एक ही पद दिया जाएगा। सरकार और संगठन में दोनों जगह पद नहीं दिए जाएंगे। संगठन में ताजपोशी के लिए आने वाले दिनों में होली लॉज और सुक्खू गुट के नेताओं में ज्यादा खींचतान देखने को मिलेगी। वन मैन, वन पोस्ट का सिद्धांत तोड़ेगा कई नेताओं के सपने वन मैन, वन पोस्ट का सिद्धांत लागू किया गया तो होली-लॉज गुट के यशवंत छाजटा, सुक्खू गुट के नरेश चौहान जैसे दिग्गज नेता संगठन में पद पाने से वंचित रह जाएंगे, जबकि इन दोनों नेताओं को महासचिव पद का सबसे सशक्त दावेदार माना जा रहा है। किमटा की दोबारा ताजपोशी की चर्चा सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस हाईकमान रजनीश किमटा को फिर से महासचिव बना सकती है और उन्हें संगठन महासचिव का जिम्मा दिया जा सकता है। किमटा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला के भी करीबी हैं। इसलिए उन्हें दोबारा सशक्त दावेदार माना जा रहा है। उक्त नामों पर सहमति नहीं बनी तो सुक्खू गुट के प्रेम कौशल, होली लॉज गुट के अतुल वर्मा और हरि कृष्ण हिमराल को महासचिव पद का दावेदार माना जा रहा है। सुक्खू, प्रतिभा और अग्निहोत्री जल्द करेंगे मीटिंग सूत्रों की माने तो अगले पांच-छह दिन के भीतर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर आपस में मीटिंग कर सकते हैं। इसमें नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर चर्चा की जाएगी। इसके बाद संभावित पदाधिकारियों की लिस्ट हाईकमान को मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। वहीं प्रतिभा सिंह ने प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेताओं से वन टू वन बात शुरू कर दी है। प्रतिभा सिंह सीनियर नेताओं से नई कार्यकारिणी के लिए नेताओं के नाम सुझाने को लेकर बात कर रही हैं। मार्ग दर्शक मंडल बनाने की चर्चा सूत्र बताते हैं कि सीनियर नेताओं को राज्य कार्यकारिणी से बाहर रखकर मार्गदर्शक मंडल बनाया जाएगा। इसमें कौल सिंह ठाकुर, राम लाल ठाकुर, आशा कुमार, विप्लव ठाकुर, गंगू राम मुसाफिर, कुलदीप कुमार इत्यादि को शामिल किया जा सकता है। खड़गे ने भंग की राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी बता दें कि बीते 2 नवंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। प्रदेश में अब केवल प्रतिभा सिंह ही इकलौती पदाधिकारी बची हैं। लिहाज नई कार्यकारिणी के गठन की तैयारी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कार्यकारिणी का गठन सूत्र बताते हैं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद नई कार्यकारिणी का गठन कर दिया जाएगा। प्रतिभा सिंह ने कहा कि संगठन में अच्छा काम करने वाले नेताओं को मौका दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नया संगठन 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के दृष्टिगत बनाया जाएगा।
हिमाचल में कठिन श्रीखंड यात्रा शुरू, 32 किमी का ट्रैक:संकरा रास्ता, बर्फ के ग्लेशियर-बड़ी चट्टानें करनी पड़ती पार, 4 श्रद्धालुओं की हो चुकी मौत
हिमाचल में कठिन श्रीखंड यात्रा शुरू, 32 किमी का ट्रैक:संकरा रास्ता, बर्फ के ग्लेशियर-बड़ी चट्टानें करनी पड़ती पार, 4 श्रद्धालुओं की हो चुकी मौत उत्तर भारत की कठिन श्रीखंड महादेव यात्रा रविवार से शुरू हो गई है। पिछले कल और आज लगभग 3200 श्रद्धालु अलग-अलग जत्थों में श्रीखंड के लिए रवाना कर दिए गए हैं। श्रद्धालुओं का पहला जत्था कल सुबह यानी मंगलवार को श्रीखंड पहुंचेगा। यहां भगवान भोले के दर्शन के बाद वापस लौटेगा। 27 जुलाई तक इसी तरह अलग-अलग जत्थों में सैकड़ों श्रद्धालु भोले के दर्शन करेंगे। श्रद्धालु 32 किलोमीटर के खतरनाक रास्ते से पैदल चलकर भगवान के दर्शन के लिए श्रीखंड पहुंचते हैं। यह दुनिया की सबसे खतरनाक ट्रैकिंग वाली धार्मिक यात्रा मानी जाती है। इसमें श्रद्धालुओं को ग्लेशियर, पहाड़ और खाई के ऊपर खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। इस यात्रा को सुलभ बनाने के लिए श्रीखंड ट्रस्ट समिति और कुल्लू जिला प्रशासन ने इस बार पुख्ता इंतजाम किए हैं। पांच जगह बेस कैंप बनाए गए हैं, जहां स्वास्थ्य जांच के बाद श्रद्धालुओं को आगे भेजा जाएगा। बेस कैंप की जगह ठहरने व खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है। ठहरने के लिए प्राइवेट टैंट तथा खाने के लिए ट्रस्ट द्वारा जगह-जगह लंगर लगाए गए हैं। यहां बनाए गए पांच बेस कैंप
श्रीखंड यात्रा के लिए सिंहगड़ में पहला बेस कैंप बनाया गया। इसके अलावा थाचरू, कुनशा, भीम द्वार और पार्वती बाग में बेस कैंप बनाए गए हैं। इसमें सेक्टर मजिस्ट्रेटों और उनके साथ पुलिस अधिकारी/इंचार्ज के अलावा मेडिकल स्टाफ और रेस्क्यू टीमें भी तैनात की गई हैं। पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट तैनात
इस यात्रा में पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट को पार्वती बाग में तैनात किया गया है, क्योंकि संकरे रास्ते की वजह से इस यात्रा के दौरान कई बार हादसे हो जाते हैं। खासकर बरसात की वजह से इस यात्रा में बाधा आती है। 2011 से अब तक श्रीखंड यात्रा के दौरान लगभग 42 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इस बार भी आधिकारिक यात्रा शुरू होने से पहले ही 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। ऑनलाइन पंजीकरण को बनाया पोर्टल
बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल बनाया गया है। किसी भी श्रद्धालु को बिना पंजीकरण के श्रीखंड नहीं भेजा जा रहा। ऑफलाइन भी इसके लिए पंजीकरण किया जा रहा है। पंजीकरण की फीस 250 रुपए रखी गई है। कई बार होती है ऑक्सीजन की कमी
18,570 फीट ऊंचाई पर श्रीखंड महादेव तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 32 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता है। श्रद्धालुओं को संकरे रास्तों, बर्फ के चार ग्लेशियरों और बड़ी-बड़ी चट्टानों से होकर गुजरना पड़ता है। अधिक ऊंचाई के कारण कई बार यहां ऑक्सीजन का लेवल भी कम हो जाता है। इससे श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पार्वती बाग से आगे कुछ ऐसे क्षेत्र पड़ते हैं, जहां ऑक्सीजन की कमी के चलते दिक्कतें पेश आती हैं। ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं को समय रहते उपचार या वापस नीचे नहीं उतारा जाता तो इससे जान का खतरा पैदा हो जाता है। श्रीखंड के रास्ते में ये मनोरम स्थल
श्रीखंड के रास्ते में पार्वती बाग, भीम द्वार, नैन सरोवर, भीम बही, थाचड़ू, बराटी नाला सहित कई मनोरम स्थल हैं। पार्वती बाग में फूलों का बगीचा है, जहां फूलों की खुशबू सभी को मंत्रमुग्ध कर देती है। रास्ते में कई तरह की जड़ी बूटियां भी हैं। यात्रा के लिए प्रशासन के इंतजाम
श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट के अनुसार, सिंगगाड बेस कैंप और कुंशा में मेडिकल सहायता कैंप के अलावा भीडवारी, पार्वती बाग और थाचड़ू में कैंप बनाए गए हैं। जहां मेडिकल टीमें, दवाइयां और ऑक्सीजन की व्यवस्था के अलावा रेस्क्यू टीमें और पुलिस एवं होमगार्ड के जवान किसी भी आपात स्थिति से निपटने को तैयार रहते हैं। कैसे पहुंचे श्रीखंड
श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए शिमला जिला के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओ तक गाड़ियों व बस में पहुंचना पड़ता है। जहां से आगे 32 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है। ये है मान्यता
मान्यता है कि श्रीखंड की चोटी पर भगवान शिव का वास है। इसके शिला रूपी इस शिवलिंग की ऊंचाई करीब 72 फीट है। 4000 लोग ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके
निरमंड के SDM मनमोहन शर्मा ने बताया कि इस बार यात्रा के लिए 21 जून से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हुआ था। अब तक 4000 लोग ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके हैं और रोजाना जब श्रद्धालु इस यात्रा को पहुंच रहे हैं, उस दौरान ऑफलाइन पंजीकरण चल रहा है। उन्होंने बताया कि आधिकारिक यात्रा शुरू होने के बाद पहला जत्था कल सुबह भगवान भोले के दर्शन करेगा। बीते साल भारी बारिश के बाद स्थगित करनी पड़ी यात्रा
श्रीखंड महादेव की यात्रा बीते साल भारी बारिश के कारण तीन दिन बाद रद्द करनी पड़ी थी। पिछली बरसात में प्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही कुल्लू जिला में हुई थी। इसका असर इस यात्रा पर भी पड़ा था। देशभर से श्रीखंड पहुंचते हैं श्रद्धालु
श्रीखंड यात्रा में हिमाचल के अलावा देश के कोने-कोने और नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंचते हैं। इसलिए जिला प्रशासन और श्रीखंड ट्रस्ट के लिए लोगों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित बनाना चुनौती रहेगा। प्रदेश में इस बार यात्रा के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ है और बारिश नहीं हो रही। इससे मंदिर सेवा ट्रस्ट को उम्मीद है कि श्रीखंड यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा।