चंबा में पवित्र मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर से गौरीकुंड के बीच 22 अगस्त से हवाई सेवा शुरू होगी। जो 11 सितंबर तक चलेगी। इस दौरान मणिमहेश हेली टैक्सी सर्विस भरमौर से गौरीकुंड के बीच दो कंपनियों द्वारा मुहैया करवाएंगी। इस बार भरमौर उपमंडल प्रशासन इस सेवा के लिए जो निविदा प्रक्रिया आमंत्रित की गई थी। उसमें दो कंपनियां ने भाग लिया। न्यूनतम बोली और नेगोशिएशन के बाद 3895 रुपए प्रति सवारी किराया तय हुआ है। इस साल 605 रुपए कम लगेगा किराया श्री मणिमहेश यात्रा ट्रस्ट के सदस्य सचिव और एडीएम भरमौर कुलबीर राणा ने बताया कि इस बार की मणिमहेश यात्रा के दौरान भरमौरी-गौरीकुंड के बीच एक तरफा किराया प्रति यात्री 3895 रुपए तय किया गया है। यह किराया दर विगत वर्ष के मुकाबले 605 रुपए कम है। यानी अबकी बार मणिमहेश यात्रियों को कम किराया में हवाई सेवा मुहैया होने जा रही है। अगर कोई व्यक्ति चंबा से गौरीकुंड के बीच सीधी हवाई सेवा पाना चाहता है तो उसके लिए 25 हजार रुपए प्रति सवारी किराया निर्धारित किया गया है। 75 प्रतिशत ऑनलाइन, 25 प्रतिशत ऑफलाइन बुकिंग मणिमहेश हेली टैक्सी सेवा का 75 प्रतिशत ऑनलाइन तो 25 प्रतिशत ऑफ लाइन डेली कोटा बुकिंग का निर्धारित किया गया है। दोनों हेली टैक्सी सर्विस मुहैया करवाने वाली कंपनियों की सहमति के साथ यह व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने बताया कि अबकी बार श्री मणिमहेश यात्रा ट्रस्ट ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग का निर्णय लिया है। यात्रियों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए यह फैसला लिया गया। इस तरह करें आवेदन मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर से गौरीकुंड या फिर चंबा से गौरीकुंड तक हवाई सेवा पाने के इच्छुक यात्री इस सेवा का लाभ पाने के इच्छुक श्रद्धालु ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करा सकते है। प्रशासन का मानना है कि अब की बार मणिमहेश स्नान गर्म नहौण( स्नान ) के रूप में बताया जा रहा है, तो ऐसे में श्रद्धालुओं की अधिक संख्या में आने की उम्मीद है। साथ ही हेलिकॉप्टर किराया में कमी होने की वजह से भी ज्यादा से ज्यादा लोग मणिमहेश हेली टैक्सी सेवा पाना चाहेंगे। चंबा में पवित्र मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर से गौरीकुंड के बीच 22 अगस्त से हवाई सेवा शुरू होगी। जो 11 सितंबर तक चलेगी। इस दौरान मणिमहेश हेली टैक्सी सर्विस भरमौर से गौरीकुंड के बीच दो कंपनियों द्वारा मुहैया करवाएंगी। इस बार भरमौर उपमंडल प्रशासन इस सेवा के लिए जो निविदा प्रक्रिया आमंत्रित की गई थी। उसमें दो कंपनियां ने भाग लिया। न्यूनतम बोली और नेगोशिएशन के बाद 3895 रुपए प्रति सवारी किराया तय हुआ है। इस साल 605 रुपए कम लगेगा किराया श्री मणिमहेश यात्रा ट्रस्ट के सदस्य सचिव और एडीएम भरमौर कुलबीर राणा ने बताया कि इस बार की मणिमहेश यात्रा के दौरान भरमौरी-गौरीकुंड के बीच एक तरफा किराया प्रति यात्री 3895 रुपए तय किया गया है। यह किराया दर विगत वर्ष के मुकाबले 605 रुपए कम है। यानी अबकी बार मणिमहेश यात्रियों को कम किराया में हवाई सेवा मुहैया होने जा रही है। अगर कोई व्यक्ति चंबा से गौरीकुंड के बीच सीधी हवाई सेवा पाना चाहता है तो उसके लिए 25 हजार रुपए प्रति सवारी किराया निर्धारित किया गया है। 75 प्रतिशत ऑनलाइन, 25 प्रतिशत ऑफलाइन बुकिंग मणिमहेश हेली टैक्सी सेवा का 75 प्रतिशत ऑनलाइन तो 25 प्रतिशत ऑफ लाइन डेली कोटा बुकिंग का निर्धारित किया गया है। दोनों हेली टैक्सी सर्विस मुहैया करवाने वाली कंपनियों की सहमति के साथ यह व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने बताया कि अबकी बार श्री मणिमहेश यात्रा ट्रस्ट ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग का निर्णय लिया है। यात्रियों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए यह फैसला लिया गया। इस तरह करें आवेदन मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर से गौरीकुंड या फिर चंबा से गौरीकुंड तक हवाई सेवा पाने के इच्छुक यात्री इस सेवा का लाभ पाने के इच्छुक श्रद्धालु ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करा सकते है। प्रशासन का मानना है कि अब की बार मणिमहेश स्नान गर्म नहौण( स्नान ) के रूप में बताया जा रहा है, तो ऐसे में श्रद्धालुओं की अधिक संख्या में आने की उम्मीद है। साथ ही हेलिकॉप्टर किराया में कमी होने की वजह से भी ज्यादा से ज्यादा लोग मणिमहेश हेली टैक्सी सेवा पाना चाहेंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल प्रदेश का समोसा विवाद:सीपीएस संजय अवस्थी का विपक्ष पर पलटवार, बोले- विपक्ष ने प्रदेश को किया शर्मसार
हिमाचल प्रदेश का समोसा विवाद:सीपीएस संजय अवस्थी का विपक्ष पर पलटवार, बोले- विपक्ष ने प्रदेश को किया शर्मसार हिमाचल प्रदेश में समोसे पर सियासत हावी है। भाजपा समोसे को लेकर सरकार पर हमलावर है। वहीं अब विपक्ष हमले पर सीपीएस संजय अवस्थी ने भी बड़ा पटलवार किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए एक भी मूद्दा नहीं है। दो सालों में सरकार के किसी भी नेता पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। इसलिए विपक्ष सीएम का नाम एक ऐसे प्रकरण से जोड़ रहा है जिससे सीएम का कोई लेना देना नहीं है। विपक्ष ने समोसा पर राजनीति करके प्रदेश को शर्मसार किया है। संजय अवस्थी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारने चाहिए। सीपीएस ने पूर्व भाजपा सरकार के जनमंच कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार जनमंच में 5 से 6 करोड़ के फुल्के खा गई । इंवेस्टरमीट पर 1900 करोड़ खर्च किए, लेकिन निवेश एक भी रुपए नहीं आया। उन्होंने कहा कि विभाग से जुड़े मसलों पर विभाग के अधिकारियों से बातचीत करनी चाइए। इस मामले में बेवजह सीएम का नाम जोड़कर भाजपा ने प्रदेश को शर्मसार करने का कार्य किया है। 5 साल मजबूती से चलेगी सरकार अवस्थी ने आगे कहा कि भाजपा नेता लगातार प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश की जनता को भ्रमित कर रहे हैं, लेकिन जनता उनके बहकावे में नहीं आने वाली है। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू के नेतृत्व में सरकार प्रदेश को स्वाबलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की तरफ प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कई परिवर्तन किए हैं। आज हिमाचल आर्थिक मजबूती की तरफ बढ़ रहा है। राज्यसभा सांसद पर साधा निशाना वहीं, उन्होंने राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने अभी-अभी भगवा चोला पहना है। वह अपने को कांग्रेस का सलाहकार कहते रहे। उन्होंने कांग्रेस के नाम पर अपना वजूद बनाया और कांग्रेस को खोखला करने का काम कांग्रेस में रहकर किया। आज वह भारतीय जनता पार्टी में जाकर वहां पर भी वही कर रहे हैं। उनका यह बयान देना कि, मुख्यमंत्री की टिप्पणी करना हास्यप्रद है। अवस्थी ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के हैं वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारते। क्या है समोसे का पूरा विवाद बता दें कि, 21 अक्टूबर को CID कार्यालय में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के लिए एक बड़े नामी होटल से समोसे और केक मंगवाए गए थे, लेकिन यह स्नैक्स मुख्यमंत्री को परोसने की बजाय किसी और को ही परोस दिए गए। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि CID ने इसकी जांच भी की और कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए गए।
हिमाचल आपदा की कहानी पीड़ितों की जुबानी:महिला बोली- पूरा गांव बह गया, अब मैं अकेले कैसे जीऊंगी; कहा- न घर बचा न घरवाले
हिमाचल आपदा की कहानी पीड़ितों की जुबानी:महिला बोली- पूरा गांव बह गया, अब मैं अकेले कैसे जीऊंगी; कहा- न घर बचा न घरवाले मैं अब कैसे जीऊंगी…? पूरा गांव श्मशान बन गया…। गांव में अब अकेला मेरा घर बचा है…। यह शब्द शिमला जिले के रामपुर के समेज गांव की अनीता के हैं। अनीता ने बुधवार आधी रात की आपबीती सुनाते हुए बताया कि उनके परिवार ने भागकर जान जरूर बचाई है, लेकिन अब परिवार अकेले बचा है। वे कैसे रहेंगे? अनीता कह रही हैं कि भगवान यह आपने क्या कर दिया? गांव को श्मशान बना दिया। मुझे भी गांव वालों के साथ ले चलते। मैं गांव वालों के बगैर कैसे जीऊं? अनीता ने बताया कि रात में अचानक से उनका घर हिला। वह जिस बिस्तर पर सोई थीं, वह भी हिल गया। फिर जोर-जोर से आवाजें आईं। जब बाहर निकलकर देखा तो तबाही मची हुई थी। इसी दौरान गांव के कुछ लोग उनके घर की ओर आए। उन्होंने हांफते हुए बताया कि बाढ़ आई है। इसके बाद उनके परिवार के सदस्य रात में घर छोड़कर थोड़ी ऊंचाई पर स्थित भगवती माता के मंदिर में भागे। वहां पर उन्होंने पूरी रात काटी। उनके साथ गांव के ही 10-12 लोग भी मंदिर में थे। अनीता का कहना है कि उनका घर ऊंचाई पर था, इसलिए वे लोग बच गए। अनीता ने बताया कि उनके घर में 5 सदस्य हैं। बाढ़ के समय घर में 4 लोग मौजूद थे। उनके मवेशी भी सुरक्षित हैं, लेकिन उनके पड़ोसी इस बाढ़ में बह गए। अनीता की तरह गांव में दूसरे लोग भी नम आंखों से अपनों को तलाश रहे हैं। सबकी नजरें समेज खड्ड पर टिकी हुई है। उम्मीद है कि उनके अपने सुरक्षित मिल जाएंगे। 2 मिनट भी लेट होते तो नहीं बचते: कुलविंदरा
गांव की कुलविंदरा बताती हैं कि रात 12 बजे बादल फटने की सूचना मिली। इसके बाद दोनों पति-पत्नी बाहर भागे। यदि 2 मिनट लेट हो जाते तो बचना मुश्किल हो जाता। उन्होंने बताया कि समेज गांव में 8 से 10 मकान बहे हैं। रात में तबाही देखते हुए वह गांव से काफी ऊंचाई पर स्थित मंदिर पहुंचे। सुबह 5 बजे वापस नीचे गांव गए तो पूरे गांव का नामोनिशान तक मिट गया था। उन्होंने बताया कि लोगों के साथ-साथ गाय भी बाढ़ में बही हैं। न घर बचा न घर वाले
बाढ़ से पीड़ित एक व्यक्ति ने बताया कि उनके परिवार के करीब 15 सदस्य लापता हैं। उनकी बेटी और बेटी के 2 बच्चों का भी कुछ अता-पता नहीं है। बच्चों में एक बेटा (4) और बेटी (7) थे। ये दोनों DPS में पढ़ते थे। इनसे उनकी लास्ट टाइम करीब 4 दिन पहले बात हुई थी। उन्होंने बताया कि वह सरकारी नौकरी से रिटायर हैं, और घटना के समय रामपुर में थे। उन्हें रात करीब 2 बजे सूचना मिली। इसके बाद वह करीब 4 बजे यहां पहुंचे तो देखा कि न घर है और न ही घर वाले। यहां का मंजर देखकर वह दंग रह गए। आधी रात में भागकर बचाई जान
प्रत्यक्षदर्शी आशीष ने बताया कि रात करीब 12 बजे जोर-जोर से आवाजें आने लगीं। उन्होंने बाहर निकलकर देखा तो 5 मिनट में ही गांव के पुल तक पानी भर आया। देखते ही देखते उनकी आंखों के सामने कुछ परिवार बह गए। उन्होंने बताया कि सामने ग्रीनको कंपनी के कर्मचारियों के लिए गेस्ट हाउस था। उन्हें पहले पता लग गया था। कंपनी के कुछ कर्मचारी दूसरे लोगों को बचाने के चक्कर में खुद बाढ़ में बह गए। गांव के लोग भगवान बनकर आए
समेज स्कूल के चौकीदार दयानंद (41) ने बताया कि वह स्कूल में काफी देर तक फंसे रहे। स्कूल के एक टीचर ने DPI को आधी रात में फोन किया। इसके बाद DPI के कहने पर गांव के लोगों ने खिड़की व शीशे तोड़कर दयानंद को स्कूल से बाहर निकाला, क्योंकि निचली मंजिल का दरवाजा मलबे में दब गया था। सुरक्षित निकाले गए दयानंद कहते हैं कि गांव के लोग उनके के लिए भगवान बनकर आए। ग्रीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की अकाउंटेंट बच्चों समेत मलबे में दफन
रामपुर के कांदरी निवासी जय सिंह का हंसता-खेलता परिवार भी समेज के सैलाब में उजड़ गया है। जय सिंह की पत्नी कल्पना (34), बेटी अक्षिता (7) और बेटा अद्विक (4) मलबे में दफन हो गए। अब जय सिंह बार-बार बेसुध हो रहे हैं। जय सिंह के भाई कुशाल सुनैल ने बताया कि भाभी कल्पना ग्रीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में अकाउंटेंट थीं। खड्ड के डर से उन्होंने झाखड़ी के रत्नपुर के लिए अपना ट्रांसफर करवा लिया था। बाढ़ वाले दिन ही उन्हें अपना सामान शिफ्ट करना था। लेकिन, कुदरत ने उन्हें समेज छोड़ने ही नहीं दिया। एक हफ्ते तक घर में बच्चों ने की मौज मस्ती
कुशाल ने बताया कि अक्षिता और अद्विक को स्कूल से एक सप्ताह की मानसून ब्रेक थी। इसलिए, दोनों बच्चे एक हफ्ते तक कांदरी में मस्ती करते रहे। बीते मंगलवार को दोनों बच्चे भाभी के साथ समेज गए। बुधवार रात को हादसा हुआ। हादसे वाले दिन जय सिंह समेज में नहीं थे। इस वजह से उनकी जान बच गई। गोपाल का घर बहने से 12 दबे
जय सिंह और उनकी पत्नी कल्पना दोनों बच्चों के साथ समेज में गोपाल के 3 मंजिला मकान में किराए पर रहते थे। इसी बिल्डिंग के टॉप-फ्लोर पर उनका क्वार्टर था और इसी में निचले फ्लोर पर कंपनी का दफ्तर भी चल रहा था। गोपाल की ही बिल्डिंग ढहने से कुल 12 लोगों की मौत हो गई है। इसमें जय सिंह की पत्नी, 2 बच्चों के अलावा गोपाल की पत्नी शिक्षा (37), बेटी जिया (15) और ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट के 7 कर्मचारियों की भी मौत हुई है। कंपनी के कर्मचारी भी इसी बिल्डिंग में रहते थे। 36 लोगों का 48 घंटे बाद भी सुराग नहीं
समेज हादसे में कुल मिलाकर 36 लोग लापता है। 48 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी किसी का सुराग नहीं लग पाया है। माना जा रहा है कि खड्ड में अत्यधिक पानी की वजह से लोग दूर तक बह गए हों। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने समेज से लेकर शिमला के सुन्नी तत्तापानी तक सर्च ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया है।
हिमाचल में 6 दिन बारिश-बर्फबारी:5 व 6 जनवरी को हैवी स्नोफॉल; 3 जिलों में कल शीतलहर का येलो अलर्ट
हिमाचल में 6 दिन बारिश-बर्फबारी:5 व 6 जनवरी को हैवी स्नोफॉल; 3 जिलों में कल शीतलहर का येलो अलर्ट हिमाचल प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर से करवट बदली है। प्रदेश में नए साल पर आज से अगले 6 दिन तक बारिश बर्फबारी के आसार है। मौसम विज्ञान (IMD) केंद्र शिमला की माने तो वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव होने से 1 से 3 जनवरी तक चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू और लाहौल स्पीति जिला की ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हो सकता है। अन्य जिलों में इस दौरान मौसम साफ रहेगा। 4 जनवरी से प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश-बर्फबारी के आसार है। 5 और 6 जनवरी को WD ज्यादा स्ट्रॉग होगा। इन दो दिनों में अच्छी बर्फबारी होगी। कुछेक स्थानों पर भारी हिमपात भी हो सकता है। इससे पर्यटकों के साथ साथ किसान-बागवानों और पर्यटन कारोबारियों के चेहरे खिल उठे हैं। अच्छी बर्फबारी हुई तो इससे आने वाले दिनों में पहाड़ों पर टूरिस्ट की और भीड़ बड़ेगी। ताबो का तापमान माइनस 17.3 डिग्री तक गिरा बर्फबारी से पहले लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 17.3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। प्रदेश के 6 शहरों में माइनस में तापमान चल रहा है। अन्य शहरों में दो दिन से तापमान नॉर्मल बना हुआ है। 3 जिलों में कल शीतलहर का येलो अलर्ट मौसम विभाग ने बिलासपुर, कांगड़ा और मंडी जिला में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में लोगों को रात और सुबह के वक्त ठंडी हवाएं परेशान करेगी। इसे देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।