हिमाचल के मंडी जिला के जोगेंद्रनगर में सरकारी प्राइमरी स्कूल में चार छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपी हेड टीचर (HT) हरीश को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। एलिमेंटरी एजुकेशन डिप्टी डायरेक्टर मंडी ने मंगलवार को इसे लेकर आदेश जारी कर दिए है। सस्पेंड टीचर का मुख्यालय ब्लाक एलिमेंटरी एजुकेशन ऑफिस गोपालपुर भामला फिक्स किया गया है। इस केस में पुलिस ने पहले ही पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर रखा है। आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में है। 3दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद आरोपी को पिछले कल ही 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस बीच विभाग भी अपने स्तर इस केस की जांच कराएगा। मोबाइल लेकर जांच आगे बढ़ाएगी पुलिस इसे लेकर जोगेंद्रनगर की लडभड़ोल पुलिस चौकी में केस दर्ज है। पुलिस अब आरोपी का मोबाइल लेकर जांच को आगे बढ़ाएगी। वहीं इस मामले में पीड़ित छात्राओं के बयान पहले ही जज के सामने पुलिस दर्ज कर चुकी है। मंडी के लड़भड़ोल का रहने वाला आरोपी चार नाबालिग छात्राओं ने टीचर पर छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपी टीचर 51 साल का बताया जा रहा है। वह मंडी के लड़भड़ोल क्षेत्र से संबंध रखता है। हरीश दिसंबर 2021 से उसी स्कूल में सेवाएं दे रहा है, जहां उस पर बच्चियों से छेड़छाड़ के आरोप लगे है। बच्चियों के यौन उत्पीड़न का आरोप हैरानी इस बात की है कि जिन बच्चियों से छेड़छाड़ की गई, वह चौथी या पांचवी कक्षा में पढ़ाई करती है। इसकी शिकायत पहले चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 नंबर पर की गई। इसके बाद जिला बाल संरक्षण विभाग ने स्कूल पहुंचकर छात्राओं के बयान लिए। बाल संरक्षण विभाग के कहने पर मामला पुलिस को दिया गया। हिमाचल के मंडी जिला के जोगेंद्रनगर में सरकारी प्राइमरी स्कूल में चार छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपी हेड टीचर (HT) हरीश को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। एलिमेंटरी एजुकेशन डिप्टी डायरेक्टर मंडी ने मंगलवार को इसे लेकर आदेश जारी कर दिए है। सस्पेंड टीचर का मुख्यालय ब्लाक एलिमेंटरी एजुकेशन ऑफिस गोपालपुर भामला फिक्स किया गया है। इस केस में पुलिस ने पहले ही पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर रखा है। आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में है। 3दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद आरोपी को पिछले कल ही 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस बीच विभाग भी अपने स्तर इस केस की जांच कराएगा। मोबाइल लेकर जांच आगे बढ़ाएगी पुलिस इसे लेकर जोगेंद्रनगर की लडभड़ोल पुलिस चौकी में केस दर्ज है। पुलिस अब आरोपी का मोबाइल लेकर जांच को आगे बढ़ाएगी। वहीं इस मामले में पीड़ित छात्राओं के बयान पहले ही जज के सामने पुलिस दर्ज कर चुकी है। मंडी के लड़भड़ोल का रहने वाला आरोपी चार नाबालिग छात्राओं ने टीचर पर छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपी टीचर 51 साल का बताया जा रहा है। वह मंडी के लड़भड़ोल क्षेत्र से संबंध रखता है। हरीश दिसंबर 2021 से उसी स्कूल में सेवाएं दे रहा है, जहां उस पर बच्चियों से छेड़छाड़ के आरोप लगे है। बच्चियों के यौन उत्पीड़न का आरोप हैरानी इस बात की है कि जिन बच्चियों से छेड़छाड़ की गई, वह चौथी या पांचवी कक्षा में पढ़ाई करती है। इसकी शिकायत पहले चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 नंबर पर की गई। इसके बाद जिला बाल संरक्षण विभाग ने स्कूल पहुंचकर छात्राओं के बयान लिए। बाल संरक्षण विभाग के कहने पर मामला पुलिस को दिया गया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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लाहौल स्पीति में योग दिवस पर होगा कार्यक्रम:अटल टनल नॉर्थ पोर्टल व अन्य स्थलों पर योग अभ्यास सत्र होंगे आयोजित
लाहौल स्पीति में योग दिवस पर होगा कार्यक्रम:अटल टनल नॉर्थ पोर्टल व अन्य स्थलों पर योग अभ्यास सत्र होंगे आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून के अवसर पर हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में भी योग अभ्यास कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। जिले के तीन उप मंडल काजा, केलांग और उदयपुर में प्रातः 7:00 बजे से योग अभ्यास सत्र कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिला आयुष अधिकारी डॉक्टर बनिता शर्मा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सुझाए गए विषय “स्वयं और समाज के लिए योग” के तहत लोगों की सहभागिता भी सुनिश्चित बनाई जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जिला के उप-मंडलों पर आयोजित किए जाने वाले योग अभ्यास सत्र के दौरान लाहौल स्पीति के सभी आम जनमानस व प्रशासन बढ़ चढ़कर भाग लें। योग को दैनिक दिनचर्या में भी शामिल करें और निरोग तथा स्वस्थ रहने के लिए अपने जीवन शैली में योग को अपनाएं। डॉक्टर बनिता शर्मा ने बताया कि आयुष विभाग लाहौल स्पीति द्वारा जिला स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम अटल टनल नॉर्थ पोर्टल पर आयोजित किया जा रहा है। इसी तरह से स्पीति उप-मंडल में काजा के लोसर, गियू, किह मॉनेस्ट्री व कुंजम दर्रा तथा केलांग में सीमा सड़क संगठन के स्टिंगरी कैंप, दालंग आर्मी ट्रांजिट कैंप, कारगा आइटीबीपी कैंप, कारदंग मॉनेस्ट्री तथा उदयपुर उप मंडल के त्रिलोकनाथ मंदिर, आईटीआई उदयपुर के कैंपस में भी योग अभ्यास सत्र करवाए जाएंगे। डॉक्टर बनिता शर्मा ने यह भी बताया कि जिला लाहौल स्पीति के स्कूलों, महिला मंडल विभिन्न पंचायतों में भी योग की गतिविधि को लेकर कार्यक्रम आयोजित कर शामिल किया गया है। 1 मई से ऑनलाइन के माध्यम से भी योग के कार्यक्रम शुरू किए गए हैं जो कि प्रातः 7:30 से 8:15 तक चलाए जा रहे हैं जिसके लिए लोगों का भी भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है।
हिमाचल में कठिन श्रीखंड यात्रा शुरू, 32 किमी का ट्रैक:संकरा रास्ता, बर्फ के ग्लेशियर-बड़ी चट्टानें करनी पड़ती पार, 4 श्रद्धालुओं की हो चुकी मौत
हिमाचल में कठिन श्रीखंड यात्रा शुरू, 32 किमी का ट्रैक:संकरा रास्ता, बर्फ के ग्लेशियर-बड़ी चट्टानें करनी पड़ती पार, 4 श्रद्धालुओं की हो चुकी मौत उत्तर भारत की कठिन श्रीखंड महादेव यात्रा रविवार से शुरू हो गई है। पिछले कल और आज लगभग 3200 श्रद्धालु अलग-अलग जत्थों में श्रीखंड के लिए रवाना कर दिए गए हैं। श्रद्धालुओं का पहला जत्था कल सुबह यानी मंगलवार को श्रीखंड पहुंचेगा। यहां भगवान भोले के दर्शन के बाद वापस लौटेगा। 27 जुलाई तक इसी तरह अलग-अलग जत्थों में सैकड़ों श्रद्धालु भोले के दर्शन करेंगे। श्रद्धालु 32 किलोमीटर के खतरनाक रास्ते से पैदल चलकर भगवान के दर्शन के लिए श्रीखंड पहुंचते हैं। यह दुनिया की सबसे खतरनाक ट्रैकिंग वाली धार्मिक यात्रा मानी जाती है। इसमें श्रद्धालुओं को ग्लेशियर, पहाड़ और खाई के ऊपर खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। इस यात्रा को सुलभ बनाने के लिए श्रीखंड ट्रस्ट समिति और कुल्लू जिला प्रशासन ने इस बार पुख्ता इंतजाम किए हैं। पांच जगह बेस कैंप बनाए गए हैं, जहां स्वास्थ्य जांच के बाद श्रद्धालुओं को आगे भेजा जाएगा। बेस कैंप की जगह ठहरने व खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है। ठहरने के लिए प्राइवेट टैंट तथा खाने के लिए ट्रस्ट द्वारा जगह-जगह लंगर लगाए गए हैं। यहां बनाए गए पांच बेस कैंप
श्रीखंड यात्रा के लिए सिंहगड़ में पहला बेस कैंप बनाया गया। इसके अलावा थाचरू, कुनशा, भीम द्वार और पार्वती बाग में बेस कैंप बनाए गए हैं। इसमें सेक्टर मजिस्ट्रेटों और उनके साथ पुलिस अधिकारी/इंचार्ज के अलावा मेडिकल स्टाफ और रेस्क्यू टीमें भी तैनात की गई हैं। पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट तैनात
इस यात्रा में पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट को पार्वती बाग में तैनात किया गया है, क्योंकि संकरे रास्ते की वजह से इस यात्रा के दौरान कई बार हादसे हो जाते हैं। खासकर बरसात की वजह से इस यात्रा में बाधा आती है। 2011 से अब तक श्रीखंड यात्रा के दौरान लगभग 42 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इस बार भी आधिकारिक यात्रा शुरू होने से पहले ही 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। ऑनलाइन पंजीकरण को बनाया पोर्टल
बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल बनाया गया है। किसी भी श्रद्धालु को बिना पंजीकरण के श्रीखंड नहीं भेजा जा रहा। ऑफलाइन भी इसके लिए पंजीकरण किया जा रहा है। पंजीकरण की फीस 250 रुपए रखी गई है। कई बार होती है ऑक्सीजन की कमी
18,570 फीट ऊंचाई पर श्रीखंड महादेव तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 32 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता है। श्रद्धालुओं को संकरे रास्तों, बर्फ के चार ग्लेशियरों और बड़ी-बड़ी चट्टानों से होकर गुजरना पड़ता है। अधिक ऊंचाई के कारण कई बार यहां ऑक्सीजन का लेवल भी कम हो जाता है। इससे श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पार्वती बाग से आगे कुछ ऐसे क्षेत्र पड़ते हैं, जहां ऑक्सीजन की कमी के चलते दिक्कतें पेश आती हैं। ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं को समय रहते उपचार या वापस नीचे नहीं उतारा जाता तो इससे जान का खतरा पैदा हो जाता है। श्रीखंड के रास्ते में ये मनोरम स्थल
श्रीखंड के रास्ते में पार्वती बाग, भीम द्वार, नैन सरोवर, भीम बही, थाचड़ू, बराटी नाला सहित कई मनोरम स्थल हैं। पार्वती बाग में फूलों का बगीचा है, जहां फूलों की खुशबू सभी को मंत्रमुग्ध कर देती है। रास्ते में कई तरह की जड़ी बूटियां भी हैं। यात्रा के लिए प्रशासन के इंतजाम
श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट के अनुसार, सिंगगाड बेस कैंप और कुंशा में मेडिकल सहायता कैंप के अलावा भीडवारी, पार्वती बाग और थाचड़ू में कैंप बनाए गए हैं। जहां मेडिकल टीमें, दवाइयां और ऑक्सीजन की व्यवस्था के अलावा रेस्क्यू टीमें और पुलिस एवं होमगार्ड के जवान किसी भी आपात स्थिति से निपटने को तैयार रहते हैं। कैसे पहुंचे श्रीखंड
श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए शिमला जिला के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओ तक गाड़ियों व बस में पहुंचना पड़ता है। जहां से आगे 32 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है। ये है मान्यता
मान्यता है कि श्रीखंड की चोटी पर भगवान शिव का वास है। इसके शिला रूपी इस शिवलिंग की ऊंचाई करीब 72 फीट है। 4000 लोग ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके
निरमंड के SDM मनमोहन शर्मा ने बताया कि इस बार यात्रा के लिए 21 जून से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हुआ था। अब तक 4000 लोग ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके हैं और रोजाना जब श्रद्धालु इस यात्रा को पहुंच रहे हैं, उस दौरान ऑफलाइन पंजीकरण चल रहा है। उन्होंने बताया कि आधिकारिक यात्रा शुरू होने के बाद पहला जत्था कल सुबह भगवान भोले के दर्शन करेगा। बीते साल भारी बारिश के बाद स्थगित करनी पड़ी यात्रा
श्रीखंड महादेव की यात्रा बीते साल भारी बारिश के कारण तीन दिन बाद रद्द करनी पड़ी थी। पिछली बरसात में प्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही कुल्लू जिला में हुई थी। इसका असर इस यात्रा पर भी पड़ा था। देशभर से श्रीखंड पहुंचते हैं श्रद्धालु
श्रीखंड यात्रा में हिमाचल के अलावा देश के कोने-कोने और नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंचते हैं। इसलिए जिला प्रशासन और श्रीखंड ट्रस्ट के लिए लोगों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित बनाना चुनौती रहेगा। प्रदेश में इस बार यात्रा के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ है और बारिश नहीं हो रही। इससे मंदिर सेवा ट्रस्ट को उम्मीद है कि श्रीखंड यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा।
हिमाचल में श्रीखंड यात्रा में गए युवक की मौत:पैर फिसलने से खाई में गिरा, लंगर सेवा करने आया; 5 साल की बेटी, पत्नी गर्भवती
हिमाचल में श्रीखंड यात्रा में गए युवक की मौत:पैर फिसलने से खाई में गिरा, लंगर सेवा करने आया; 5 साल की बेटी, पत्नी गर्भवती हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में मशहूर श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान लंगर सेवा के लिए जा रहे एक सेवादार की पहाड़ी से गिरकर मौत हो गई। मृतक की पहचान रामपुर के रहने वाले सिद्धार्थ शर्मा (31) के रूप में हुई है। सिद्धार्थ को शुक्रवार शाम को ही रामपुर के खनेरी अस्पताल से IGMC शिमला रेफर किया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। सिद्धार्थ शर्मा अपने पीछे 5 साल की बेटी, गर्भवती पत्नी, माता-पिता और बहन को छोड़ गए हैं। परिजनों का घर पर रो रोकर बुरा हाल है। परिवार के मुताबिक सिद्धार्थ शर्मा श्रीखंड यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए लंगर सेवा के लिए घर से निकला था। सामान ले जाते वक्त गुरुवार दोपहर चढ़ाई चढ़ते वक्त बराहटी नाला के समीप पैर फिसलने के बाद करीब 50 मीटर गहरी खाई में जा गिरा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद सिद्धार्थ को सिंहगाड बेस कैंप तक पहुंचाया गया। यहां से गुरुवार रात करीब ढाई बजे उसे घायल अवस्था में निरमंड अस्पताल लाया गया। हालत खराब होने की वजह से डॉक्टरों ने उसे खनेरी अस्पताल भेज दिया। यहां भी जब सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ तो शिमला IGMC रेफर किया गया। यहां उनकी मौत हो गई। पहले 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी बीते डेढ़ महीने में श्रीखंड यात्रा के दौरान यह पांचवें व्यक्ति की मौत हो गई है। चार श्रद्धालुओं की जान आधिकारिक यात्रा शुरू होने से पहले गई है। निरमंड पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। रामपुर में दुकान चलाता था सिद्धार्थ परिवार के मुताबिक सिद्धार्थ शर्मा रामपुर बाजार में दुकान चलाता था। वह रामपुर की एक समिति का भी सदस्य है। यह समिति हर साल श्रीखंड यात्रा के दौरान लंगर सेवा करती है। सिद्धार्थ सहित समिति के दूसरे सदस्य गुरुवार को लंगर के लिए सामान लेकर जा रहे था। इस दौरान सिद्धार्थ के साथ यह हादसा हो गया। 27 जुलाई तक चलेगी श्रीखंड यात्रा श्रीखंड यात्रा 14 जुलाई से शुरू हुई थी और 27 जुलाई तक चलेगी। श्रीखंड में महादेव रूप पिंडी समुद्र तल से 18,570 फीट की ऊंचाई पर है। इस वजह से यात्रा को दुनिया की सबसे खतरनाक ट्रैकिंग वाली धार्मिक यात्राओं में से एक माना जाता है। श्रीखंड पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 32 किलोमीटर के संकरे व खतरनाक रास्ते पर पैदल चलना पड़ता है। इस दौरान उन्हें बर्फ के 4 ग्लेशियर और चट्टाननुमा पहाड़ियां पार करनी पड़ती हैं। यही नहीं ढांक (खाई के ऊपर खड़ी पहाड़ी) से भी गुजरना पड़ता है। इस दौरान यहां ऑक्सीजन की भी कमी की दिक्कत होती है। खासकर, यात्रा के मार्ग में पार्वती बाग के आगे कुछ इलाकों में यह परेशानी ज्यादा होती है। ऐसी सूरत में श्रद्धालुओं को इलाज या फिर वापस नीचे उतारना पड़ जाता है। यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रहता है। कैसे पहुंचे श्रीखंड श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए शिमला जिले के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओ तक गाड़ियों व बस में पहुंच सकते हैं। शिमला से रामपुर की दूरी 130 किमी, रामपुरा से निरमंड 17 किमी, निरमंड से बागीपुल 17 किमी और बागीपुल से जाओ की दूरी 12 किमी है। यहां से आगे 32 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है। श्रीखंड यात्रा को लेकर प्रशासन की तैयारियां…. 1. 5 जगह बेस कैंप, यहां स्वास्थ्य जांच के बाद आगे जाने की इजाजत यात्रा की कठिनाई को लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड पर रहता है। श्रीखंड ट्रस्ट समिति और कुल्लू जिला प्रशासन ने यात्रा के रास्तों पर 5 जगह बेस कैंप बनाए गए हैं। पहला बेस कैंप सिंहगड़ है। इसके बाद थाचरू, कुनशा, भीम द्वार और पार्वती बाग में बेस कैंप बनाए गए हैं। इसमें सेक्टर मजिस्ट्रेटों और उनके साथ पुलिस अधिकारी या इंचार्ज के अलावा मेडिकल स्टाफ और रेस्क्यू टीमें भी तैनात की गई हैं। यहां दवाओं और ऑक्सीजन की भी व्यवस्था रहती है। जहां स्वास्थ्य जांच के बाद ही श्रद्धालुओं को आगे भेजा जाएगा। यहां ठहरने व खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है। ठहरने के लिए प्राइवेट टैंट तथा खाने के लिए ट्रस्ट द्वारा जगह-जगह लंगर लगाए गए हैं। 2. पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट तैनात इस यात्रा में पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट को पार्वती बाग में तैनात किया गया है, क्योंकि संकरे रास्ते की वजह से इस यात्रा के दौरान कई बार हादसे हो जाते हैं। खासकर बरसात की वजह से इस यात्रा में बाधा आती है। 3. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल बनाया किसी भी श्रद्धालु को बिना पंजीकरण के श्रीखंड नहीं भेजा जा रहा। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल बनाया गया है। ऑफलाइन भी इसके लिए पंजीकरण किया जा रहा है। पंजीकरण की फीस 250 रुपए रखी गई है। श्रीखंड यात्रा के लिए आए श्रद्धालुओं की रजिस्ट्रेशन की जांच करते पुलिसकर्मी। इसके बाद यहां से उन्हें पैदल आगे बढ़ने की परमिशन दी जाती है।