<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश के आर्थिक हालातों को लेकर सियासी बवाल मच गया है. विपक्ष और सुक्खू सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तेज़ हो गई है. बीजेपी लगातार सुक्खू सरकार पर कर्ज़ बढ़ाने का आरोप लगा रही है, जबकि सुक्खू सरकार ने बीजेपी के आरोपों का जोरदार जवाब दिया है. भाजपा के हमलों के बीच सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि बीजेपी हिमाचल की वित्तीय स्थिति को लेकर निराधार दुष्प्रचार कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>धर्माणी ने बताया कि भाजपा सरकार ने राज्य में 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज छोड़कर गई थी और इसके अलावा लगभग दस हजार करोड़ रुपये कर्मचारियों की देनदारियां थी. सुक्खू सरकार ने दिसंबर 2022 से 2024 तक दो साल में 30,080 करोड़ रुपये का कर्ज लिया, जिसमें से 9,337 करोड़ रुपये भाजपा की देनदारियां थीं. धर्माणी ने आगे कहा कि प्रदेश की मौजूदा सुक्खू सरकार ने 11,590 करोड़ रुपये कर्ज़ वापस किया, जो कि वित्तीय सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था.<br /><br /><strong>प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर छिड़ा बवाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजेश धर्माणी ने कहा कि सुक्खू सरकार ने एक साल में 2,631 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो प्रदेश की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम था. उन्होंने भाजपा सरकार के आखिरी साल में की गई मुफ्त योजनाओं पर भी सवाल उठाए, जिनकी वजह से प्रदेश की वित्तीय स्थिति बिगड़ी.<br /><br /><strong>प्रदेश की आर्थिक स्थिति कैसे खराब हुई?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>धर्माणी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने मुफ्त की रेबड़ियां बांटी, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति और खराब हुई. सुक्खू सरकार का कहना है कि वह प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए निरंतर प्रयासरत है और कर्ज़ लेने के बावजूद आर्थिक प्रबंधन सही दिशा में किया जा रहा है. अंत में उन्होंने फिर से दोहराया कि भाजपा सरकार ने अपने अंतिम साल में जो मुफ़्त की रेबड़ीयां बांटी उससे प्रदेश की वित्तीय स्थिति बिगड़ी थी. </p>
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<p style=”text-align: justify;”>धर्माणी ने बताया कि भाजपा सरकार ने राज्य में 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज छोड़कर गई थी और इसके अलावा लगभग दस हजार करोड़ रुपये कर्मचारियों की देनदारियां थी. सुक्खू सरकार ने दिसंबर 2022 से 2024 तक दो साल में 30,080 करोड़ रुपये का कर्ज लिया, जिसमें से 9,337 करोड़ रुपये भाजपा की देनदारियां थीं. धर्माणी ने आगे कहा कि प्रदेश की मौजूदा सुक्खू सरकार ने 11,590 करोड़ रुपये कर्ज़ वापस किया, जो कि वित्तीय सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था.<br /><br /><strong>प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर छिड़ा बवाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजेश धर्माणी ने कहा कि सुक्खू सरकार ने एक साल में 2,631 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो प्रदेश की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम था. उन्होंने भाजपा सरकार के आखिरी साल में की गई मुफ्त योजनाओं पर भी सवाल उठाए, जिनकी वजह से प्रदेश की वित्तीय स्थिति बिगड़ी.<br /><br /><strong>प्रदेश की आर्थिक स्थिति कैसे खराब हुई?</strong></p>
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