हिमाचल प्रदेश में इस बार प्री मानसून की बौछारे 15 जून तक बरस सकती है। मानसून 20 से 22 जून के बीच एंट्री कर सकता है। आमतौर पर प्रदेश में 22 से 25 जून के बीच मानसून दस्तक देता है। मौसम विभाग की माने तो इस मानसून में नॉर्मल बारिश होने का पूर्वानुमान है। प्री-मानसून की बौछारों से पहले प्रदेश के अधिकांश इलाकों बीते तीन दिन के दौरान हल्की बारिश हुई है। प्रदेशवासियों ने इससे भीषण गर्मी से राहत की सांस जरूर ली है। मगर कल से मौसम फिर साफ हो रहा है और पहाड़ों पर चटक धूप खिलेगी। इससे तापमान में और इजाफा होगा। इन जिलों में हीटवेव का अलर्ट मौसम विभाग ने 10 और 11 जून को लिए दोबारा हीटवेव का अलर्ट जारी कर दिया है। यह अलर्ट ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर जिला के लिए जारी किया गया है। इससे कांगड़ा, चंबा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिला के निचले इलाकों में भी गर्मी में इजाफा होगा। 3 शहरों का पारा 40 डिग्री पार फिलहाल अभी तीन शहरों का पारा 40 डिग्री और 10 शहरों का तापमान 35 डिग्री पार चल रहा है। हमीरपुर के नेरी का 41.6, ऊना का तापमान 41 डिग्री और धोलाकुंआ का 40.1 सेल्सियस है। वहीं सुंदरनगर का 37.4 डिग्री, नाहन 35.4 डिग्री,कांगड़ा 37.4 डिग्री, मंडी 36.4 डिग्री, बिलासपुर 39.9 डिग्री, हमीरपुर 38 डिग्री, चंबा 37 डिग्री, बरठी 37.4 डिग्री सेल्सियस तापमान चल रहा है। 5 जिलों में जून में अब तक नॉर्मल से ज्यादा बारिश मौसम विभाग के अनुसार, जून के पहले चार दिन में प्रदेश में नॉर्मल से लगभग 30 प्रतिशत कम बारिश थी। मगर सात जून को यह नॉर्मल से 19 प्रतिशत ज्यादा हो गई है। खासकर लाहौल स्पीति जिला में जून के पहले सात दिनों में नॉर्मल से 173 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। चंबा व किन्नौर में नॉर्मल से 13-13 प्रतिशत ज्यादा, सिरमौर 39 और सोलन में 23 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इन जिलों में नॉर्मल से कम बरसे बादल वहीं शिमला जिला में नॉर्मल की तुलना में सबसे कम 48 प्रतिशत, हमीरपुर 17, कांगड़ा 29, कुल्लू 2, मंडी 23 और ऊना में 26 प्रतिशत नॉर्मल से कम बारिश हुई है। हिमाचल प्रदेश में इस बार प्री मानसून की बौछारे 15 जून तक बरस सकती है। मानसून 20 से 22 जून के बीच एंट्री कर सकता है। आमतौर पर प्रदेश में 22 से 25 जून के बीच मानसून दस्तक देता है। मौसम विभाग की माने तो इस मानसून में नॉर्मल बारिश होने का पूर्वानुमान है। प्री-मानसून की बौछारों से पहले प्रदेश के अधिकांश इलाकों बीते तीन दिन के दौरान हल्की बारिश हुई है। प्रदेशवासियों ने इससे भीषण गर्मी से राहत की सांस जरूर ली है। मगर कल से मौसम फिर साफ हो रहा है और पहाड़ों पर चटक धूप खिलेगी। इससे तापमान में और इजाफा होगा। इन जिलों में हीटवेव का अलर्ट मौसम विभाग ने 10 और 11 जून को लिए दोबारा हीटवेव का अलर्ट जारी कर दिया है। यह अलर्ट ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर जिला के लिए जारी किया गया है। इससे कांगड़ा, चंबा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिला के निचले इलाकों में भी गर्मी में इजाफा होगा। 3 शहरों का पारा 40 डिग्री पार फिलहाल अभी तीन शहरों का पारा 40 डिग्री और 10 शहरों का तापमान 35 डिग्री पार चल रहा है। हमीरपुर के नेरी का 41.6, ऊना का तापमान 41 डिग्री और धोलाकुंआ का 40.1 सेल्सियस है। वहीं सुंदरनगर का 37.4 डिग्री, नाहन 35.4 डिग्री,कांगड़ा 37.4 डिग्री, मंडी 36.4 डिग्री, बिलासपुर 39.9 डिग्री, हमीरपुर 38 डिग्री, चंबा 37 डिग्री, बरठी 37.4 डिग्री सेल्सियस तापमान चल रहा है। 5 जिलों में जून में अब तक नॉर्मल से ज्यादा बारिश मौसम विभाग के अनुसार, जून के पहले चार दिन में प्रदेश में नॉर्मल से लगभग 30 प्रतिशत कम बारिश थी। मगर सात जून को यह नॉर्मल से 19 प्रतिशत ज्यादा हो गई है। खासकर लाहौल स्पीति जिला में जून के पहले सात दिनों में नॉर्मल से 173 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। चंबा व किन्नौर में नॉर्मल से 13-13 प्रतिशत ज्यादा, सिरमौर 39 और सोलन में 23 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इन जिलों में नॉर्मल से कम बरसे बादल वहीं शिमला जिला में नॉर्मल की तुलना में सबसे कम 48 प्रतिशत, हमीरपुर 17, कांगड़ा 29, कुल्लू 2, मंडी 23 और ऊना में 26 प्रतिशत नॉर्मल से कम बारिश हुई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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बिलासपुर में सरकार के जश्न पर पूर्व MLA का तंज:राजेंद्र बोले-प्रदेश के खजाने को मित्रों पर लुटाने का उत्सव, जनता के साथ किया खिलवाड़ हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर सीट के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के दो साल पूरे होने पर 11 नवंबर को बिलासपुर में आयोजित किए जा रहे जश्न पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इसे जनता की भावनाओं से खिलवाड़ और चुनावी वादों पर खरा न उतरने का जश्न बताया है। राजेंद्र राणा ने कहा कि इस सरकार ने प्रदेश के युवाओं, महिलाओं और आम नागरिकों को सिर्फ झूठी गारंटियों का सब्जबाग दिखाया है। युवाओं को नौकरियों का सपना दिखाकर उनके इंटरव्यू के नतीजे रोक दिए गए। हर महिला को 1500 महीने देने का वादा किया गया था, लेकिन आज तक यह वादा सिर्फ कागज़ों में सिमटकर रह गया है। महिलाओं से फॉर्म भरवाए गए, लेकिन उन्हें बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। राजेंद्र बोले- प्रदेश के खजाने को मित्रों पर लुटाने का उत्सव है राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं। सड़कों की हालत खराब है, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं में कोई सुधार नहीं हुआ। कर्मचारियों और पेंशनरों के एरियर का भुगतान तक नहीं किया गया। इसके बावजूद सरकार तामझाम के साथ जश्न मना रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह जश्न असल में झूठी गारंटियों, जनता की उम्मीदों के साथ खिलवाड़ और प्रदेश के खजाने को मित्रों पर लुटाने का उत्सव है। जनता को इसका जवाब चाहिए कि सरकार ने पिछले दो सालों में उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए क्या ठोस कदम उठाए। क्या नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है सरकार? राजेंद्र राणा ने यह भी कहा कि जनता अब जाग चुकी है, और इस जश्न के बहाने सरकार की असफलताओं को भुला नहीं सकती। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार इस जश्न के जरिए अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है?
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हिमाचल विधानसभा में भ्रष्टाचार पर जारी रहेगी चर्चा:विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव; सत्संग ब्यास को 30 एकड़ जमीन ट्रांसफर वाला विधेयक हो सकता है पारित हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विंटर सेशन के दूसरे दिन आज विपक्ष के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा जारी रहेगी। इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक अपनी अपनी बात रखेंगे। अंत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू चर्चा का जवाब देंगे। दरअसल बीजेपी ने बीते कल सदन में काम रोको प्रस्ताव लाकर मुख्यमंत्री कार्यालय, कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है। बीजेपी द्वारा कुछ मामलों में सबूत देने बाद स्पीकर ने इस पर चर्चा की इजाजत दी और मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि विपक्ष पुख्ता प्रमाण दें। सरकार चर्चा को तैयार है। लिहाजा आज भी इस मुद्दे पर चर्चा जारी रहेगी। विधानसभा की आज की कार्यसूची में 11 विधेयक चर्चा एवं पारण को लाए जाएंगे। इनमें सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024, पुलिस संशोधन विधेयक-2024, पंचायती राज संशोधन विधेयक-2024 और प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक-2024 (लैंड सीलिंग) प्रमुख है। अब सिलसिलेवार पढ़िए 3 प्रमुख विधेयक में क्या प्रावधान करने जा रही सरकार… राधा स्वामी सत्संग ब्यास के दबाव में लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन सुक्खू सरकार के लिए गले की फांस बना हुआ है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास के दबाव में सरकार इस संशोधन को कर रही है। यह विधेयक पारित होने के बाद राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति से इसे मंजूरी मिली तो इसके तहत धार्मिक और चैरिटी के लिए 30 एकड़ जमीन या भूमि पर बने ढांचे को हस्तांतरित किया जा सकेगा। राजस्व मंत्री द्वारा पेश संशोधन विधेयक के उद्देश्यों में सरकार ने स्पष्ट किया कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास पूरे देश में अपना क्रियाकलाप चलाने वाला एक धार्मिक और आध्यात्मिक संगठन है। इसने राज्य में नैतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा के कई केंद्र स्थापित किए हैं। इस संस्था ने हमीरपुर के भोटा में एक अस्पताल बनाया है। यह लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं देता है। इस संगठन के पास लैंड सीलिंग एक्ट के तहत अनुमानित सीमा से अधिक जमीन है, जिसे अधिनियम की धारा पांच के खंड-झ के उपबंध के तहत छूट दी गई है। राधा स्वामी सत्संग ने कई बार सरकार से अनुरोध किया है कि उसे भोटा चैरिटेबल अस्पताल की भूमि और भवन को चिकित्सा सेवाओं के लिए बेहतर प्रबंधन को जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाए। इसे इसका एक सहयोगी संगठन कहा गया है। मगर धारा पांच का खंड झ इसमें रोक लगाता है। ऐसे में कुछ शर्तों के साथ हस्तांतरण की अनुमति सरकार कुछ शर्तों के साथ देगी। इसके लिए धारा पांच का खंड झ में संशोधन प्रस्तावित किया गया है। सरकारी कर्मचारियों के बेकडेट से नहीं मिलेगी वरिष्ठता दूसरा विधेयक कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024 है। इस विधेयक के पारित होने के बाद कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल की वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होने जा रही है। आज इसे सदन में पारित किया जाएगा। इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है, क्योंकि कोर्ट के आदेशों पर कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से सीनियोरिटी और वित्तीय लाभ देने पड़ रहे हैं। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा। दूसरे जिला में ट्रांसफर होंगे पुलिस जवान तीसरा महत्वपूर्ण पुलिस संशोधन विधेयक-2024 है, इसके पास से पुलिस कांस्टेबल का जिला से स्टेट कैडर हो जाएगा। अभी इनकी ट्रांसफर जिला के भीतर की जा सकती है। मगर स्टेट कैडर के बाद सरकार इन्हें दूसरा जिला में भी ट्रांसफर कर पाएगी। इनकी भर्ती भी अब पुलिस बोर्ड द्वारा की जाएगी।