हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड ने एक कारोबारी को 2 अरब रुपए से ज्यादा का बिजली बिल थमा दिया। जिस कारोबारी का हर महीने 4 से 5 हजार का बिल आता था, उसके 2 अरब का बिल देखकर होश उड़ गए। यह मामला हमीरपुर जिला के भोरंज के अंतर्गत बेहड़वी जट्टा गांव का है। दरअसल, यहां ललित धीमान नाम का कारोबारी कंक्रीट की ईंटें बनाता है। ललित ने लघु उद्योग चला रखा है। उसे 2 अरब 10 करोड़ 42 लाख 08 हजार 405 रुपए का बिजली दिया गया। हालांकि जब उसने बिजली बोर्ड से शिकायत की तो उसका बिल रिवाइज करके दिया है। बिल देखकर घबराए: धीमान ललित धीमान के बेटे आशीष धीमान के अनुसार, बिल देखकर वह घबरा गए। जब उन्होंने शिकायत की तो विभाग ने तकनीकी खामी बताकर दोबारा 4047 रुपए का बिल दिया। तकनीकी खराबी से आया बिला बिजली बोर्ड भोरंज के सहायक अभियंता (SDO) अनुराग चंदेल ने कहा कि तकनीकी कारण के चलते इतना बिल आया है। शिकायत मिलने के बाद बिल को दुरस्त कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड ने एक कारोबारी को 2 अरब रुपए से ज्यादा का बिजली बिल थमा दिया। जिस कारोबारी का हर महीने 4 से 5 हजार का बिल आता था, उसके 2 अरब का बिल देखकर होश उड़ गए। यह मामला हमीरपुर जिला के भोरंज के अंतर्गत बेहड़वी जट्टा गांव का है। दरअसल, यहां ललित धीमान नाम का कारोबारी कंक्रीट की ईंटें बनाता है। ललित ने लघु उद्योग चला रखा है। उसे 2 अरब 10 करोड़ 42 लाख 08 हजार 405 रुपए का बिजली दिया गया। हालांकि जब उसने बिजली बोर्ड से शिकायत की तो उसका बिल रिवाइज करके दिया है। बिल देखकर घबराए: धीमान ललित धीमान के बेटे आशीष धीमान के अनुसार, बिल देखकर वह घबरा गए। जब उन्होंने शिकायत की तो विभाग ने तकनीकी खामी बताकर दोबारा 4047 रुपए का बिल दिया। तकनीकी खराबी से आया बिला बिजली बोर्ड भोरंज के सहायक अभियंता (SDO) अनुराग चंदेल ने कहा कि तकनीकी कारण के चलते इतना बिल आया है। शिकायत मिलने के बाद बिल को दुरस्त कर दिया गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में एडवेंचर एक्टिविटी तरह रोक:15 जुलाई से 15 सितंबर तक नहीं होगी इजाजत; मानसून के खतरे को देखते हुए निर्णय
हिमाचल में एडवेंचर एक्टिविटी तरह रोक:15 जुलाई से 15 सितंबर तक नहीं होगी इजाजत; मानसून के खतरे को देखते हुए निर्णय हिमाचल प्रदेश में मानसून के खतरों को देखते हुए साहसिक गतिविधियों (एडवेंचर एक्टिविटी) पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। सरकार के आदेशानुसार, 15 जुलाई से पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, वाटर स्पोर्ट्स और विविध साहसिक गतिविधियों की इजाजत नहीं होगी। इन साहसिक गतिविधियों के न केवल देश बल्कि विदेशों से भी लोग पहाड़ों पर पहुंचते हैं। मगर पहाड़ों पर बरसात में जोखिम कई गुणा बढ़ जाता है। लैंड स्लाइड और धुंध में हर की वजह से हर वक्त रास्ता भटकने का भय रहता है। इसी तरह नदियों में बरसात के दौरान जल स्तर कई गुणा बढ़ जाता है। ऐसे में रिवर राफ्टिंग की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसे देखते हुए सरकार ने अगले दो महीने के लिए यानी 15 सितंबर तक रोक लगा दी है। यह रोक हर साल साहसिक गतिविधियों पर रोक लगाती है। साहसिक गतिविधियों पर रोक के साथ ही पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग ने चोरी-छिपे पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, वाटर स्पोर्ट्स व ट्रेकिंग करने वालों पर नजर रखने के निर्देश दिए है। साहसिक गतिविधियों पर रोक: मनोज डिप्टी डायरेक्टर पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग मंडी मनोज कुमार ने बताया कि पर्यटन विकास और रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत साहसिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। इस अवधि में किसी को भी इन गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जाएगी, क्योंकि ऐसा करना जोखिमभरा हो सकता है। उन्होंने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति अवैध और अनधिकृत साहसिक गतिविधियों के आयोजन में शामिल पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कानून के प्रावधान के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। कहां क्या गतिविधि होती है? हिमाचल की विभिन्न नदियों में रिवर राफ्टिंग, कांगड़ा, शिमला, मंडी, बिलासपुर और कुल्लू जिला में पैराग्लाइडिंग, किन्नौर, लाहौल स्पीति, कुल्लू, कांगड़ा, चंबा और मंडी जिला में ट्रेकिंग होती है। मगर अब इसके लिए दो महीने का इंतजार करना होगा।
पालमपुर में टीचर ने स्टूडेंट को चप्पल से पीटा:प्रिंसिपल ने बचाया; बोलीं- पनिशमेंट देने का तरीका अमानवीय था
पालमपुर में टीचर ने स्टूडेंट को चप्पल से पीटा:प्रिंसिपल ने बचाया; बोलीं- पनिशमेंट देने का तरीका अमानवीय था पालमपुर में 10वीं के स्टूडेंट को टीचर ने चप्पल से पीट डाला। जानकारी के मुताबिक, पालमपुर उपमंडल के परौर सीनियर सेकेंडरी में शनिवार को स्कूल में दसवीं कक्षा के स्टूडेंट की चीटर ने पिटाई कर दी। इस मामले में पीड़ित छात्र के अभिभावकों ने तत्काल इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन और स्कूल प्रिंसिपल से की। छात्र अभिनव (15) ने बताया कि शनिवार सुबह साढ़े 11 बजे जैसे ही वह स्टाफ रूम से क्लास रूम में हिस्ट्री का पीरियड लगाने गया। तो पीरियड ले रही टीचर रेणुका धीमान ने सभी छात्रों को स्टैंड अप कर रखा था, मैं भी खड़ा हो गया। किसी ने पीछे से शरारत की, मैं पीछे मुड़कर देखने लगा। इतने में टीचर ने तैश में आकर सैंडल से पीटना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची प्रिंसिपल और अन्य टीचर के बीच बचाव कर मुझे छुड़ाया। प्रिंसिपल बोली- मामला नोटबुक का था
आरोपी शिक्षिका को प्रिंसिपल व स्टाफ ने फटकार भी लगाई। पीड़ित छात्र खरोट गांव का रहने वाला है। छात्र के शरीर पर भी चोट के निशान मिले है। प्रिंसिपल संगीता चौधरी ने बताया कि मामला नोटबुक का था। टीचर का पनिशमेंट देने का तरीका अमानवीय था। पीड़ित छात्र के अभिभावकों को सोमवार को स्कूल बुलाया है। घटना का संज्ञान लेकर मामला डिप्टी डायरेक्टर हायर एजुकेशन को भेजा जाएगा। डिप्टी डायरेक्टर हायर एजुकेशन कंचन ज्योति का कहना है कि इस गंभीर मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। स्कूल प्रिंसिपल के ध्यान में जब यह मामला आ गया था तो उन्हें तत्काल इसकी सूचना उनके कार्यालय को देनी चाहिए थी। सोमवार को मामले की जांच कर दोषी टीचर के खिलाफ उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पीड़ित छात्र के 81 वर्षीय दादा प्यार चंद ने टीचर के खिलाफ जांच की मांग की है। पीड़ित छात्र अभिनव के पिता कमल स्वरूप ने कहा कि उन्होंने शनिवार को ही सीएम हेल्पलाइन में मामला दर्ज करवा दिया है। चिल्ड्रन हेल्पलाइन हेल्प केयर में भी शिकायत दर्ज करवाएंगे। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे ने अगर कोई गलती की थी तो समझाने के और भी तरीके हैं।
कांगड़ा के रिड़ी कुठेड़ा में बनेगा केंद्रीय विद्यालय:पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने पीएम मोदी का जताया आभार, 70 करोड़ रुपए में होगा तैयार
कांगड़ा के रिड़ी कुठेड़ा में बनेगा केंद्रीय विद्यालय:पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने पीएम मोदी का जताया आभार, 70 करोड़ रुपए में होगा तैयार कांगड़ा जिले के उपमंडल देहरा के जसवां-प्रागपुर क्षेत्र के रिड़ी कुठेड़ा में 70 करोड़ रुपए की लागत से केंद्रीय विद्यालय स्थापित होने की स्वीकृति मिलने पर क्षेत्र में खुशी की लहर है। इस निर्णय को लेकर स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सांसद अनुराग ठाकुर का आभार व्यक्त किया। क्षेत्र के विधायक और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने इसे क्षेत्र के शैक्षणिक विकास के लिए ऐतिहासिक पहल बताया है। केंद्र सरकार का जताया आभार विधायक विक्रम ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय के निर्माण से न केवल क्षेत्र के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी, बल्कि यह क्षेत्र के विकास में भी मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सांसद अनुराग ठाकुर का धन्यवाद करते हुए कहा, यह परियोजना केंद्र सरकार की इस क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इससे हमारे इलाके के छात्र उच्च स्तर की शिक्षा अपने नजदीक ही प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अब क्षेत्र के छात्रों को बेहतर शिक्षा के लिए दूर-दराज नहीं जाना पड़ेगा। यह विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र छात्रों को भविष्य में बेहतर अवसर प्रदान करेगा। स्थानीय नेताओं और पंचायतों का समर्थन रिड़ी कुठेड़ा में केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति को लेकर स्थानीय पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी इसे ऐतिहासिक कदम बताया। पंचायत प्रधान आशा देवी और सुखविंदर कौर ने इस निर्णय को क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण पहल बताया। जिला परिषद सदस्य अनुराधा ने भी कहा कि यह परियोजना न केवल शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाएगी, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी गति देगी। आसपास के इलाकों को भी होगा लाभ भाजपा मंडल महामंत्री और जंडौर ग्राम पंचायत के प्रधान सुरेश ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय का लाभ केवल जसवां-प्रागपुर क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। बल्कि फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र और पंजाब के कंडी क्षेत्र के बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग ठाकुर और विधायक विक्रम ठाकुर का आभार प्रकट किया। शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम इस परियोजना को लेकर जनता में खासा उत्साह देखा जा रहा है। क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि यह निर्णय छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखेगा। अब दुर्गम इलाकों के बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा उनके नजदीक ही उपलब्ध होगी, जिससे उनका समय और संसाधन बचेगा। जनता में सरकार के प्रति उत्साह और विश्वास केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति के बाद क्षेत्र के नागरिकों में एक नई उम्मीद और विश्वास जागृत हुआ है। जनता को विश्वास हो गया है कि केंद्र सरकार उनकी समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस परियोजना से क्षेत्र में शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी। रिड़ी कुठेड़ा में केंद्रीय विद्यालय का निर्माण शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है। इससे न केवल छात्रों को फायदा होगा, बल्कि यह क्षेत्र के विकास के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा। क्षेत्र के नेताओं और जनता ने इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए इसे शिक्षा और विकास के लिए मील का पत्थर बताया।